यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
अब आगे:वीणा- और मेरी तो यह पहली चुदाई थी। मैं तो उस खुमारी से दिन-रात बाहर निकल ही नहीं पा रही थी।
विक्रम- फिर ये हमारे लिए लगभग रोज की बात हो गई। सबके सोने के बाद हमारा ये चुदाई घमासान रोज होता।
वीणा- हम दोनों एक दूसरे से इतने खुश थे कि हमने एक दूसरे से शादी का मन भी बना लिया।
विक्रम- और इस से पहले कि पिताजी वीणा के लिए लड़का देखना शुरू करते उससे पहले ही मैंने मां के द्वारा उनके कान में यह बात डाल दी कि मैं वीणा से शादी करना चाहता हूं क्योंकि वीणा पिताजी के दोस्त की बेटी थी और आज के इस युग में अच्छा लड़का ढूंढना मुश्किल था जो कि किसी लड़की को दुख ना दे, अतः पिताजी को यह प्रस्ताव अच्छा लगा और हम दोनों की शादी पिताजी ने करवा दी।
राजवीर- वाह … अब पता लगा कि तुम दोनों की प्रेम कहानी के पीछे इतनी बड़ी कहानी है। मुझे तो लगा तुम दोनों में आंखों ही आंखों में प्यार हुआ होगा और तुमने एक दूसरे से शादी के लिए हामी भर दी। यह सचमुच मेरे लिए हैरानी की बात है। मुझे तो पता ही नहीं था कि मेरे आस-पास इतना सब कुछ घटित हो रहा है और मैं इन सब खबरों से बेखबर हूं।
विक्रम- यह तो कुछ नहीं भैया, लेकिन अब जो खबर मैं आपको सुनाने जा रहा हूं वह तो आपके होश उड़ा देगी।
राजवीर- क्या कहा?? अभी भी कुछ ऐसा बाकी है जो मेरे होश उड़ाने वाला है? मेरे लिए तो यह सब ही बहुत है।
वीणा- अभी तो देखते जाइए राज भैया! हमने आपके लिए कितने सारे राज का पिटारा बंद कर रखा था. एक-एक करके खोले जा रहे हैं।
राजवीर- तो खोलिए पिटारा … मैं भी तैयार हूं सारे राज का सामना करने के लिए। आखिर मेरा नाम राजवीर है। बड़े-बड़े राज पर वीरता प्राप्त करने वाला हूं मैं।
वीणा- तो सुनिए, बीती रात जो हुआ मतलब विक्रम और आपके शराब पीने के बाद गलती से मेरे कमरे में आ जाना और मेरे साथ यौन संबंध बनाना। ऐसा कुछ हुआ ही नहीं. यह सब मेरा और विक्रम का किया हुआ नाटक था ताकि हम इस स्थिति में पहुंचे कि साथी अदला-बदली की बातें आसानी से कर सकें।
मैं वीणा की यह बात सुनकर स्तब्ध रह गया। जिस घटना के लिए मैं 2 दिन से ग्लानि महसूस कर रहा था वह कुछ घटित हुआ ही नहीं था। मैंने विक्रम से पूछा- ऐसा नाटक करने की आवश्यकता क्यों आन पड़ी?
विक्रम- भैया, मुझे माफ करना। हमारी शादी के कुछ समय बाद जब रीना भाभी और आप जयपुर आ गए तब हमारे बिजनेस की भागदौड़ मुझे संभालनी पड़ी। बिजनेस के सिलसिले में मुझे हमारे पुराने दुश्मन और आपके पुराने दोस्त रणवीर से मुलाकात करनी होती थी क्योंकि आप दोनों अब दोस्त थे तो मैंने भी उनसे अच्छा व्यवहार किया और उन्होंने भी मुझसे अच्छा व्यवहार किया।
इस तरह हमारी थोड़े दिनों में अच्छी दोस्ती हो गई हम कहीं बाहर घरवालों से छुप कर शराब पार्टी करते थे। रणवीर आपको बहुत याद करता था। एक बार हम शराब के नशे में थे। रणवीर के मुंह से निकला कि राजवीर के साथ रीना भी बहुत अच्छी है। लेकिन जहां तक मेरे ज्ञान का सवाल था मुझे यही पता था कि रणवीर और रीना भाभी की कभी मुलाकात नहीं हुई है। इस पर मैंने रणवीर से पूछा कि आप रीना भाभी से कब मिले?
पहले तो रणवीर ने मुझे कुछ ना बता कर बात को टालने की बहुत कोशिश की लेकिन फिर जब मैंने उन्हें दोस्ती का वास्ता दिया तो जो पता चला उसे सुनकर मेरे होश उड़ गए। रणवीर ने मुझे आप दोनों के पहले वाले
याराना की कहानी
सुनाई मतलब कि किस तरह आप ने घर से दूर जाकर अपनी बीवियों की अदला-बदली करके मजे लिए। रणवीर ने मुझे कसम दी कि मुझे यह बात पता है लेकिन यह बात मेरे अलावा किसी तीसरे व्यक्ति को पता नहीं चले।
रणवीर की और आप की पहली अदला-बदली की चुदाई वाली घटना को सुनकर मेरी रातों की नींद उड़ गई थी। मैं सोच में पड़ गया था कि क्या राजवीर भैया ऐसा कर सकते हैं? इस बात पर मुझे कभी विश्वास नहीं हो रहा था और इस कार्यक्रम में रीना भाभी भी शामिल हुई। सच बताऊं तो रीना भाभी है ही इतनी सेक्सी कि उनके बारे में यह बात सुनकर मेरे मन में उनके प्रति एक बार फिर से वासना ने घर कर लिया। मैं दिन-रात रीना भाभी के बारे में सोचने लगा कि मैं प्रेमी होकर भी रीना भाभी की चुदाई नहीं कर सका किंतु आपने बड़ी होशियारी से रणवीर की पत्नी को चोदने के लिए रणवीर को रीना भाभी को सौंप दिया।
सच बताऊं तो आपकी पहली अदला-बदली वाली घटना इतनी रोमांचक थी कि उसके बारे में जितना सोचो कम था। जब भी रणवीर और हम मिलते तो हम उस घटना के बारे में जरूर बात करते। एक दिन पता चला कि आपकी फोन पर रणवीर से बात हुई है। रणवीर ने मुझे बताया कि राजवीर बड़ा खुशनसीब है जो उसे शादी के बाद इतनी अच्छी अच्छी सुंदरियों की चुदाई करने का भरपूर मौका मिल रहा है। उसने मुझे बताया है कि पहले वाले अदला-बदली के याराना के बाद अब राजवीर जयपुर में अपने साले श्लोक और सीमा की अदला-बदली वाली चुदाई का आनंद ले रहे हैं।
समझ नहीं आ रहा था कि मेरे जीवन में इतने सरप्राइज़ एक के बाद एक कैसे सामने आ रहे हैं। मेरी प्रेमिका रीना जो कि एक पतिव्रता नारी थी वह अपने साथी बदल-बदल कर चुदाई करवा रही थी और बड़ी हैरानी की बात तो यह थी कि अबकी बार वह अपने भाई से ही अपनी चूत की खुजली मिटवा रही थी।
आप भी राज भैया! मान गए आपको … आपने एक भाई को बहनचोद बनवा दिया और यहां जिंदगी के मजे ले रहे थे।
तब मैंने भी ठान लिया कि अब कुछ भी हो जाए यह अदला-बदली का सुख मुझे भी अपने जीवन में ग्रहण करना है। वैसे भी वीणा तो आपके लंड की दीवानी थी ही। रीना भाभी को भी अगर पुराना प्यार मिल जाए तो बात ही क्या हो क्योंकि अब तो वह पतिव्रता नारी बिगड़ गई है तो क्यों न प्रेमी-प्रेमिका का अधूरा मिलन पूरा हो जाए।
अतः मैंने पिताजी से बात की और कहा कि यहां बिजनेस के उत्पादन के कार्य में मेरी पढ़ाई काम नहीं आ रही है अतः मुझे भी राज भैया की तरह मार्केटिंग करने के लिए जयपुर जाना है। पिताजी ने चंद पैसे लगवा कर बिजनेस को अहमदाबाद में शुरू करवाया और मैंने बड़ी चालाकी से श्लोक और सीमा को वहां भिजवाया। ताकि यहां उनकी अदला-बदली चुदाई मंडली की जगह हम दोनों ले सकें। जैसे जैसे मुझे आपके राज रणवीर से पता चलते गए यह सब वीणा को बताता गया क्योंकि हम पति-पत्नी कम और दोस्त ज्यादा थे।
मुझे जब से आपके, श्लोक और सीमा की अदला-बदली की चुदाई की बात पता चली तभी मैंने वीणा को यह सब बता दिया था।
पता है? जब हम रात की चुदाई करते हैं तो मैं वीणा को रीना और रीना मुझे राजवीर कहकर बुलाती थी और हम अपने ख्यालों में आपके साथ ही बदल कर चुदाई करते थे। इस चुदाई कार्यक्रम में हमें जो मजा आता था उसे हम बयान नहीं कर सकते। हमने कई बार ख्वाबों में आपके साथ साथी बदल कर चुदाई की है। फिर जब हम जयपुर आए तो हमें लगा कि हमारा सपना साकार होने वाला है किंतु हमने जैसा सोचा था वैसा बिलकुल नहीं हुआ। यहां आने के महीनों तक आपने ऐसी कोई बात नहीं की जिससे कि अदला-बदली संभव हो।
हमें हमारे अरमानों पर पानी फिरता नजर आने लगा। आप कभी भी वीणा को गंदी नजरों से नहीं देखते थे और रीना भाभी भी उस प्रेमी प्रेमिका वाले किस्से को भूलकर पतिव्रता होने का पूरा नाटक कर रही थी।
अतः हमने इस नाटक को अंजाम देने का फैसला किया ताकि कैसे ना कैसे करके सच्चाई बाहर आए और हम इस कार्यक्रम में शामिल हो सकें. किस्मत ने हमारा साथ दिया और रीना भाभी अपने भाई श्लोक के वहां चली गई और फिर जो हुआ वह तो हम सबको पता है।
भैया आप हमसे नाराज तो नहीं हैं ना? हमने आपके साथ इतना बड़ा खेल खेला।
राजवीर- मेरे प्यारे छोटे भाई विक्रम! तुम दोनों से नाराज होकर तुम्हारे इतने बड़े अरमानों पर पानी कैसे फेर सकता हूं? दूसरों की बीवियों की चुदाई करने के लिए मैंने दूसरों के साथ कितने खेल खेले हैं, अगर मुझे और मेरी रीना को पाने के लिए कोई मेरे साथ खेल खेलता है तो मैं इसे कैसे इंकार कर सकता हूं। ओ मेरे प्यारे अदला बदली के नए साथियों, तुम्हारा इस मंडली में स्वागत है। दो याराना के बाद अब तीसरे याराना की बारी आ गई है।
वीणा- ओ भैया … आप कितने प्यारे हैं।
हम तीनों अपनी जगह से उठे और एक दूसरे को गले लगाया।
विक्रम- तो बताइए भैया! कैसे शुरू करना है। मैं तो उत्तेजना में पागल हुआ जा रहा हूं। क्या आज हम दोनों वीणा की थ्रीसम चुदाई करके इस कार्यक्रम का शुभारंभ करें?
राजवीर- वैसे यह अच्छा विचार है विक्रम, किंतु मुझे लगता है कि वीणा को पहले ही भोग लेने से अदला-बदली करके चुदाई करने का मजा नहीं आएगा। याराना का मजा तो तब ही है जब मैं इधर तुम्हारी बीवी की चुदाई करूं और तुम मेरी बीवी की। एक साथ, साथ-साथ!
विक्रम- तो भैया अब ज्यादा इंतजार नहीं होगा. जल्दी से जल्दी रीना भाभी को यहां बुलाइए।
राजवीर- लेकिन रीना को अभी हमारे इस प्लान के बारे में कुछ नहीं पता है। जब वह जानेगी तो हैरान हो जाएगी और पता नहीं क्या प्रतिक्रिया देगी। मुझे इसके बारे में कोई अंदाजा नहीं है.
अतः मेरे दिमाग में एक विचार आया है कि हमें किस प्रकार इस अदला-बदली की शुरुआत करनी है।
वीणा- वाह! आज तो मेरे सपने पूरे हो गए। मैं राजवीर भैया के उन विचारों का हिस्सा बनने जा रही हूं जो काफी मजेदार होते थे। तो बताइए कैसे बकरा बनाना है रीना भाभी को?
राजवीर- अभी काफी रात हो गई है, रीना भी सो गई होगी और हमें भी सो जाना चाहिए। सुबह जब मैं रीना से फोन पर बात करूंगा तब इस बात का अनुमान लगाना कि हम क्या करने जा रहे हैं। सच बताता हूं यह काफी मजेदार होगा।
विक्रम- ओ भैया! आपके करामाती दिमाग की नई कारस्तानी देखने के लिए मैं बहुत व्याकुल हूं।
हो जाए याराना का तीसरा अध्याय शुरू।
इतना कहकर विक्रम खुशी-खुशी, जोर-जोर से यह गीत गाने लगा-
यारा तेरी यारी को मैंने तो जहां माना, याद करेगी दुनिया तेरा मेरा याराना …
ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे, छोड़ेंगे दम मगर यह साथ ना छोड़ेंगे।
राजवीर के शब्दों में (अन्तर्वासना के पाठकों के लिए)
तो मेरे प्यारे पाठको! हो जाइए तैयार उस उत्तेजना वाले क्षण के लिए जिसका आप बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
अब विक्रम, वीणा और मेरी राजदार बीवी रीना के बीच में क्या खेल खेला जायेगा उसको बताने का समय बहुत करीब आ गया है. मुझे पूरी उम्मीद है कि आप भी मेरे खुराफाती दिमाग में चल रहे प्लान को जानने के लिए बेताब होंगे.
याराना के अगले भाग में वह सिलसिला शुरू होने वाला है जिसमें मेरी पत्नी रीना को हम तीनों मिलकर अपने जाल में फंसाएंगे. वह कैसे हमारे इस कामुक जाल में फंसती है और क्या रोमांचक घटित होने वाला है जानने के लिए जुड़े रहिए अंतर्वासना से और पढ़ते रहिए ‘याराना’। अगर कहानी पसंद आ रही है तो मेल पर याराना बनाए रखें।
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