दोस्तो, मेरा नाम रोमी सिंह है.. मैं नासिक से हूँ और कभी-कभी किसी काम से सूरत और मुंबई भी जाता रहता हूँ. सूरत में मेरा अपना फ़्लैट है. फ्लैट के बाजू के फ्लैट में एक भाभी रहती थीं जिनका नाम रोज़ी था. वो भाभी मुझे रोज कामुक भाव से देखती थीं और मैं भी उनको देखकर सोचता था कि बस आज ये किसी तरह मिल जाए बाकी सब मिलने के बाद देख लूँगा.
इस तरह काफ़ी टाइम बीत गया.
एक दिन मेरी किस्मत खुली.. भाभी का पति घर से 2 दिनों के लिए बाहर गया था.
मैं अपने फ्लैट के बाहर आया तो भाभी ने मुझे देखा और मुझसे कहा- आज आपका खाना मैं बना देती हूँ.
मैंने कहा- नहीं भाभी प्लीज़ आप परेशान न हो.. मैं रोज की तरह ही बाहर होटल में खा लूँगा.
तो भाभी ने कहा- नहीं आज मेरे घर पर कोई नहीं है.. आज तो मैं ही आपका खाना बनाऊंगी.
भाभी के बहुत मनाने पर ही मैंने ‘हाँ’ बोल दिया. फिर रात को मैं भाभी के घर में गया. भाभी की एक 5 साल की छोटी बेटी भी थी.. जो सो चुकी थी.
भाभी ने मुझसे कहा- आप हाथ धो लो.. बाद में साथ में ही खाना खाते हैं.
खाना खाते वक्त हम दोनों ने बहुत बातें की.
भाभी ने मुझसे पूछा- क्या आपकी शादी हो गई है?
तो मैंने ‘हाँ’ कह दिया, तो में भाभी ने पूछा- कोई बच्चा भी है?
तो मैंने ‘नहीं’ बोल कर दूसरी बात करने लगा.
उस दिन भाभी मुझसे बहुत खुल कर बात कर रही थीं.
खाना के कुछ देर बाद मैं अपने फ्लैट में चला गया.
रात 1 बजे मेरी घर की फ़ोन की घंटी बजी. मैंने ‘हैलो..’ बोला तो दूसरी तरफ से एक लेडीज आवाज़ आई- रोमी?
मैंने ‘हाँ’ बोल दिया.
बाद में वो बोलीं- मैं रोज़ी भाभी हूँ.. मुझे आज नींद नहीं आ रही थी तो तुम्हें फोन कर दिया.. आप सो तो नहीं गए थे?
मैंने कहा- कोई बात नहीं भाभी.. अभी मैं जाग रहा था, मुझे भी नींद नहीं आ रही थी.
‘क्या हम लोग मिल कर थोड़ी देर बात कर सकते हैं?’
‘ओके भाभी, आप मेरे रूम में आ जाओ, यहीं गपशप करते हैं.’
भाभी ने एक पल तो कुछ नहीं कहा.. बाद में ‘हाँ’ बोल दिया.
मेरी तो किस्मत ही खुल गई. कुछ देर में दस्तक होने पर मैंने दरवाजा खोला तो भाभी रेशमी गाउन में सामने खड़ी थीं.
आज वो दिन था.. जिसको मैं रोज ऊपर वाले से माँगा करता था.
मैंने भाभी को अन्दर आने को कहा तो वो अन्दर आते ही मुझसे लिपट गईं और बोलीं- रोमी, मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ.. आज बस मुझे तुमसे कुछ उम्मीद है.. क्या पूरा करोगे?
मैंने भाभी को अपनी बांहों में भरते हुए बड़े रोमांटिक अंदाज में कहा- क्या उम्मीद है भाभी?
भाभी ने मुझे चूमते हुए कहा- आज मुझे इतना चोदो कि मैं मस्त हो जाऊं.
मैंने भाभी के दूध पर अपनी ठोड़ी दबाते हुए कहा- मैं कोशिश करूँगा भाभी कि तुम्हारी चुत को ठंडी कर सकूँ.
इसके बाद तो मैं भाभी पर टूट पड़ा.
भाभी जवान लौंडिया के जैसे मस्त तो नहीं थीं.. लेकिन मैंने उनका नमक खाया था तो नमक हरामी तो नहीं कर सकता.
मैंने भाभी को किस करना स्टार्ट किया भाभी तो एकदम गरम हो गईं.. और बोलीं- रोमी मैं आज बहुत तेज चुदना चाहती हूँ.. तू मेरी चुत को चोद कर भोसड़ा बना दे.
मेरे मुँह से हंसी निकल गई और मैंने ‘हाँ’ बोल दिया.
अब मैंने भाभी के मम्मों को खोला कर देखा.. सच में बहुत बड़े मम्मे थे. भाभी के मम्मे इतने बड़े होंगें.. ये मैंने कभी नहीं सोचा था.
जैसे ही भाभी के मम्मों पर मैंने जीभ से टच किया.. भाभी की तो हालत खराब हो गई.
भाभी ने गर्म होकर कहा- रोमी प्लीज़ मुझे अब ना तड़पाओ.. बस जल्दी से चोद दो.
मैंने तुरंत ही भाभी के सारे कपड़े उतार फेंके और भाभी के ऊपर चढ़ गया और अपना लंड धीरे से भाभी की चुत पर टिका दिया.
लंड के सुपारे की चुत पर छुअन पाते ही भाभी के मुँह से चुदास भरी आवाजें आने लगीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
भाभी मुझे खींचती हुई बोलीं- अब देर मत कर मुझे तेरा लंड अपनी चुत के अन्दर चाहिए.
मैंने भी जोर से एक धक्का लगा दिया. जैसे ही 2 इंच लंड भाभी की चुत में घुसा उनकी तो मानो जान ही निकल गई.
भाभी को लंड की मोटाई से दर्द होने लगा और वो चिल्लाने लगीं- आह.. बहुत मोटा मूसल है.. मर गई..
मैंने एक और धक्का मारा तो भाभी भी लंड को झेल गईं और बोलीं- अह.. रोमी ये लंड है या हथौड़ा है.. साला चुत फाड़ कर ही दम लेगा.
मैंने कहा- भाभी ज्यादा बड़ा नहीं.. सिर्फ़ 7 इंच का ही है.
इतना कह कर मैंने फाइनल शॉट मारा पूरा लंड भाभी की चुत में जड़ तक पेल दिया.
भाभी की चुत की हालत पंचर हो गई.. वो दर्द से कराहने लगीं.
कुछ देर तक धक्कों का सिलसिला चला और जैसे-जैसे मैं ऊपर-नीचे होता गया.. भाभी का दर्द भी कम हो गया. अब तो उन्होंने अपनी गांड उठाकर मुझे चोदना स्टार्ट कर दिया था. धकापेल 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था, मैंने भाभी से कहा- मैं झड़ने वाला हूँ.
तो भाभी ने बोला- अभी तो गांड भी बाकी है सनम.
मैंने कहा- अभी तो चुत को पानी पिलवा लो रानी.. इसके बाद तेरी गांड भी मार दूंगा.
भाभी रेडी हो गईं.
इसके बाद मैंने भाभी की गांड भी मारी. अब भाभी बहुत खुश हो गई थीं.
भाभी मेरे लंड को चूमते हुए बोलीं- मेरी इस टाइप की चुदाई कभी नहीं हुई थी रोमी.. आज तूने मुझे चोद कर मेरी चुत को निहाल कर दिया.
कुछ देर बाद भाभी अपने फ्लैट में चली गईं. इस चुत चुदाई के बाद तो मेरी किस्मत खुल गई थी. अब तो मैं कभी भी भाभी को चोद दिया करता था. मैं भाभी को इतना पेल कर चोदता था कि उनको जन्नत की सैर का मजा आ जाता था.
लेकिन अब मैं पूर्ण रूप से नासिक में ही रहने लगा हूँ और वो उधर सूरत में ही हैं, मेरा सूरत जाना बंद हो गया है. भाभी से फोन पर बात हो जाती है वो मेरे लंड को बहुत मिस करती हैं.