मैं यश राठी 19 साल का लड़का हूँ, 12वीं का छात्र हूँ.
यह मेरी पहली कहानी है. उम्मीद करता हूँ कि आप सबको हॉट स्कूल गर्ल सेक्स कहानी अच्छी लग़ेगी.
तो चलिए अब सब लोग अपने अपने कमरे का दरवाज़ा लगा लीजिए और लंड चूत का खेल शुरू करते हैं.
मेरी बिल्डिंग के एक फ्लैट में एक लड़की रोशनी रहती थी.
उसकी उम्र मेरी ही जितनी थी, मतलब 19 साल.
हम दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे.
पर उससे मेरी कोई ख़ास दोस्ती नहीं थी.
उसके बावजूद भी ऐसा कोई दिन नहीं जाता था, जब मैं उसके बदन के बारे में सोच कर हिलाता और झड़ता ना होऊं.
उसका 34-28-36 का फिगर ही ऐसा था जो किसी के भी लंड को पैंट फाड़ने पर मजबूर कर दे.
इस उम्र में ऐसा बदन होना उसके लिए बहुत अच्छी बात थी और वह यह बात जानती थी कि कोई भी लड़का उसको मना नहीं कर सकता है.
क्योंकि वह है ही इतनी मस्त.
शायद वह भी इस बात को जानती थी इसलिए लड़कों को चिढ़ाने के लिए बिल्डिंग में छोटे छोटे टाइट कपड़े पहन कर घूमती थी. जिससे उसके निपल्स और गांड के गोले पूरे उभरे हुए दिखते थे.
जो लड़के उस समय लोवर में उसके सामने होते, उनका लंड सलामी देने लगता.
रोशनी को ऐसे लड़कों को छेड़ने में बहुत मज़ा आता था.
फिर वह दिन भी आया, जब मेरी किस्मत चमकी.
दीवाली की रात थी.
मैं नीचे दोस्तों के साथ घूम रहा था.
वहीं मुझे रोशनी दिखी.
उस दिन तो वह क्या माल लग रही थी … आह लंड ने अकड़ना शुरू कर दिया.
नीला लहंगा व चोली.
उस चोली में से उसका पूरा क्लीवेज दिख रहा था.
यह नजारा देखते ही मेरा लंड पजामे के अन्दर ही खड़ा हो गया.
शायद ये रोशनी ने देख लिया था क्योंकि वह एक मुस्कराहट फेंककर अन्दर चली गई थी.
मैं खड़े लौड़े को छुपाने के लिए जल्दी से घर आने लगा.
वह कॉरीडोर में खड़ी थी.
मैं उससे लौड़े को छुपाते हुए अपने फ्लैट के अन्दर गया.
उस वक्त मेरे पापा और मम्मी कहीं बाहर जा रहे थे.
पापा ने मुझे देखा तो वे बोले- हम दोनों को अपने कुछ रिश्तेदारों के यहां गिफ्ट देने जाना है. तुम घर को खुला छोड़ कर कहीं मत जाना. हम कल लौटेंगे. खाना बना कर रखा हुआ है. खा लेना.
यह कह कर वे दोनों चले गए.
मेरा लंड अभी भी बैठने को तैयार नहीं था.
मैं रोशनी को चोदने के सपने में इतना मगन था कि मैं गेट लगाना ही भूल गया.
अब मैं हॉल में अपने सारे कपड़े उतार कर सोफे पर ही लेट गया और अपने लंड को हिलाने लगा.
मैं रोशनी को अपने लंड पर उछालता हुआ सोच कर अपने लंड को तेजी से हिलाने लगा.
कुछ ही देर बाद मैं बस झड़ने ही वाला ही था कि मुझे एक आवाज सुनाई दी- अच्छा … तो जनाब ये करने ऊपर आए थे!
आवाज सुनकर मेरी जैसे ही आंख खुली मैंने अपने सामने रोशनी को देखा.
लेकिन मैं झड़ने की कगार पर था तो मैं खुद को रोक ही नहीं पाया.
वह मेरे घर के अन्दर थी और मेरे करीब आकर खड़ी हो गई थी.
उसी वक्त मेरे लंड से एक पिचकारी निकली, जो सीधा उसके लहंगे पर जाकर लगी.
मैं हड़बड़ा कर उठा और अपने हाथ से उसके लहंगे पर लगी अपनी रबड़ी को हाथ से झाड़ने लगा था ताकि उसके लहंगे से लंड का पानी निकल जाए.
वह मस्ती से मुझे अपना लहंगा साफ करती हुई देखती रही.
जब मैं सही से होश में आया तो मैंने देखा कि रोशनी मुस्कुरा रही थी.
मैंने उसे देखा तो मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या बोलूँ.
मैंने अपने लंड को पजामे के अन्दर करते हुए कहा- तुम यहां क्या कर रही हो?
उसने कहा- हाथ में दिख नहीं रहा है … तुम्हें गिफ्ट देने आई हूँ. पर तुम तो कुछ और चीज में ही बिज़ी हो.
तब मैंने रोशनी के हाथ में वह गिफ्ट देखा और मुझे लगने लगा कि अब ये किसी को भी मेरी हरकत के बारे में बता देगी.
मैंने उससे सॉरी बोला और कहा कि तुम प्लीज वॉशरूम में जाकर अपना लहंगा साफ कर सकती हो. प्लीज किसी को ये बात मत बताना.
उसने हंसते हुए गिफ्ट को टेबल पर रखा और गेट बंद कर दिया.
मैं समझ नहीं पा रहा था कि ये हो क्या रहा है.
तभी वह मेरी तरफ आगे बढ़ी और उसने मेरे करीब आकर मुझे किस कर दिया.
ये मेरी पहली किस थी, वह भी मेरे होंठों पर उसने किस किया था.
मैंने खुद को एकदम ढीला छोड़ दिया तो वह मुझको स्मूच किए जा रही थी.
उसके होंठ इतने सॉफ्ट थे कि क्या ही बताऊं.
तभी उसका एक हाथ मेरे लंड पर आ गया और किस करते करते ही वह मेरे लंड को सहलाने लगी.
इससे मेरा लंड जल्द ही वापस से खड़ा होने लगा.
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ बेबी … लंड ज्यादा पसंद आ गया क्या?
वह बोली- लंड का उभार तो बहुत दिन से पसंद था मगर तूने कभी कुछ कहा ही नहीं!
मैंने कहा- हां, मैं तुझसे कहना तो चाहता था, पर …
वह बोली- पर क्या … मेरे फ़ट्टू सनम!
मैंने कहा- मैं फ़ट्टू नहीं हूँ … बस तेरा लिहाज कर रहा था.
वह हंसी और बोली- और उसी लिहाज में अपना हिला लेता था … है ना!
मैंने कहा- तू भी तो कुछ करती होगी अकेले में?
वह मेरे लौड़े को मसलती हुई बोली- हां जान, तुमको बहुत मिस करती थी.
मैंने कहा- जरा बताना तो कि कितना मिस करती थी?
उसने मेरा लंड पकड़ा और मुझे मेरे लंड के सहारे से खींचती हुई बेडरूम में ले गई.
साथ ही वह बोली- चल आज बताती हूँ कि क्या मिस करती थी मैं!
उधर उसने मुझे बेड पर धक्का दे दिया.
मैं बेड पर पीठ के बल लेट गया था.
वह मेरे सामने अपनी कमर पर हाथ रख कर किसी फिल्मी डाकू की तरह खड़ी थी.
उसी अंदाज में वह बोली- बोल बच्चे … तेरे साथ क्या सुलूक किया जाए?
मैंने कहा- सरदार, इतने बड़े लौड़े वाले को बच्चा कहना आपकी बड़ी भूल होगी.
उसने मेरे लंड की तरफ देखा और हंसने लगी. मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा छत को निहार रहा था.
तभी उसने अपना लहंगे के ऊपर पहनी हुई चोली को उतारा तो मैंने देखा अकि उसने ब्रा नहीं पहनी थी.
तभी वह नीचे झुकी और मेरा लंड अपने मुँह में लेने लगी.
मुझे ऐसा लगा मानो जन्नत प्राप्त हो गई हो.
उसके गर्म गीले थूक से मेरा लंड सना हुआ था और वह मेरा इतना लंबा लंड अपने मुँह में लिए जा रही थी.
मैं उठा और उसे जमीन पर घुटने के बल बैठा दिया.
वह समझ गई और मुँह खोल कर मेरे लौड़े को आमन्त्रित करने लगी.
मैं भी उसके खुले मुँह में लंड ज़ोर शोर से देने लगा.
उसे भी मज़ा आ रहा था.
ऐसे कुछ मिनट तक उसने मुझे ब्लो जॉब दिया.
मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बेड पर पटक दिया.
उसने मेरी गर्दन पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खींचा.
अब मेरा सीना उसके मम्मों से रगड़ खा रहा था.
वाह क्या रसीले दूध थे उसके!
मैं उसके दूध पर मुँह लगा कर एक दूध को चूसने लगा.
तभी उसने मेरे कान में कहा- मैं सिर्फ़ तुमसे चुदना चाहती हूँ. क्योंकि मैंने तुम्हारा लंड कई बार खड़ा होते हुए देखा है. मैं जान गई थी कि तुम्हारे पास एक बड़ा हथियार है.
उसके मुँह से ये सुन कर मैं और जोश में आ गया.
मैंने उसका लहंगा उतार दिया.
उसने नीचे चड्डी भी नहीं पहनी थी.
मैंने उसे चित लिटाया और उसकी गुलाबी बुर को चाटने लगा.
वह मस्त होने लगी और मेरे बालों में हाथ फेर कर अपनी चूत को मेरी जीभ से रगड़वाती रही.
कुछ ही मिनट तक मैंने उसकी चूत चाटी तो वह आह आह करती हुई झड़ गई.
मैंने उसका सारा पानी चाट लिया और अपने लंड को उसकी चूत पर सैट कर दिया.
उसने कहा- प्लीज आराम से करना, मेरा पहली बार है … और वह भी इतने बड़े लंड से!
मैंने उससे उल्टा घुमाया और घुटने के बल डॉगी स्टाइल में सैट कर दिया.
वह भी समझ गई कि उसकी चूत की ओपनिंग पीछे से होनी है.
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोरदार धक्का लगा दिया.
निशाना एकदम सही बैठा था और चूत में चिकनाई भी भरपूर थी.
मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया.
वह चिल्ला उठी और तड़फ कर कहने लगी- आह मर गई … निकालो इसे.
पर अब मैं रुकने वाला नहीं था.
मैंने उसके मुँह को अपने एक हाथ से बंद किया और पूरा लंड अन्दर घुसा दिया.
उसकी आंखों से पानी निकलने लगा.
मैंने कहा- थोड़ी देर सहन कर लो … फिर खूब मज़ा आएगा.
मैं भी अब धीरे धीरे झटके देने लगा जिससे कुछ ही देर में उसका दर्द मज़े में बदलने लगा.
अब वह भी गांड हिला हिला कर मेरे लंड से चूत चुदवाने लगी.
रोशनी की मादक आवाज निकलने लगी- आह आह और तेजी से चोदो … आह मेरी चूत ऐसे ही लंड का इंतज़ार कर रही थी.
उसकी चुदासी आवाजें मुझे और जोश दे रही थीं और मैं धक्कों की रफ़्तार बढ़ाने लगा.
करीब 10 मिनट तक उसे एक ही पोजीशन में चोद कर मैंने उसकी चूत फाड़ दी.
अब मैं बेड पर लेट गया और वह मेरे ऊपर आ गई.
वह मेरे लंड को अपने चूत में सैट करके जैसे ही लौड़े पर बैठी, उसके मुँह से एक लंबी ‘आह …’ की आवाज आई.
उसकी आवाज बता रही थी मानो उसे जन्नत मिल गई हो.
मैंने उसकी गांड पर हाथ रखा और उसे अपने लंड पर उछालने लगा.
वह भी मज़े लेती हुई मेरे लंड पर गांड उछाल रही थी और अपनी चूत चुदवा रही थी.
कुछ देर बाद मैंने धक्कों की रफ़्तार और तेज कर दी.
रोशनी समझ गई थी कि शायद मैं झड़ने वाला हूँ.
मेरी सवालिया नजरों के जबाव में उसने भी कमर चलाते हुए कहा- अन्दर ही निकाल दो अपना माल!
मैंने ये सुन कर उसे और तेजी से चोदना शुरू कर दिया.
वह ‘आह आह और तेज चोदो मुझे …’ बोलने लगी.
आख़िर में मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और वह भी मेरे साथ उसी टाइम पर झड़ गई.
वह उसी पोजीशन में झुक गई और मुझे किस करके थैंक्यू बोला.
फिर उसने नीचे सरक कर मेरा लंड चाट कर साफ किया और बाथरूम में चली गई.
उधर उसने अपनी चूत में से मेरा पानी निकाल कर चूत को धोया.
कुछ पल बाद मैं बाथरूम में जाकर उसके साथ नहाया और नहाते हुए ही एक और बार उसकी चुदाई की.
मैंने उससे पूछा- रोशनी कैसा लगा मेरा रिटर्न गिफ्ट!
वह बोली- बहुत लंबा!
यह कह कर वह हंस दी.
कुछ देर बाद वह अपने कपड़े पहन कर चली गई.