दो बहनों ने की पति की अदलाबदली!

आजकल की बीवियां बड़ी पढ़ी लिखी, स्मार्ट, ओपन-माइंडेड और बोल्ड होती हैं.
वो अपना रास्ता खुद निकालतीं हैं और किसी के सहारे नहीं रहतीं.

बीवियां हर वो काम कर लेती हैं जो उनके मर्द करते हैं.

वैसे मर्दों का काम है चोदना और औरतों का काम है चुदवाना!

लेकिन आजकल बीवियां भी चोदने का काम करती हैं और मर्द चुदने का काम!
मर्द अगर बुर चोदता है तो औरत लण्ड चोदती है.
औरत अगर अपनी बुर चुदवाती है तो मर्द अपना लण्ड चुदवाता है.

पहले मियां अपनी बीवी को वाइफ स्वैपिंग के लिए मनाता था और बीवियां बड़े नखरे दिखा दिखा कर मानतीं थी पर आज ज़माना बिल्कुल बदल गया है.
अब तो अदल बदल कर चुदाई के खेल में बीवियां ही पहल करती हैं और एक दूसरे के पति से बिंदास चुदवाती हैं.
वे खुद अपने अपने मियाँ को तैयार करती हैं और हसबैंड स्वैपिंग करती हैं.

एक ऐसी ही सच्ची हस्बैंड स्वैपिंग सेक्स कहानी मैं मिसेज राधिका सिन्हा आपको सुनाने जा रही हूँ!

मेरा नाम मिसेज राधिका है यह तो आप जान ही गए हैं मेरे प्यारे दोस्तो!

मेरी शादी के 2 साल हो चुके थे और मैं अपना वैवाहिक ज़िन्दगी अच्छी तरह जी रही थी.
लेकिन एक बात जरूर थी कि रोज़ रोज़ वही लण्ड पकड़ते पकड़ते, वही लण्ड चाटते चूसते, वही लण्ड चूत में पेलवाते पेलवाते बहुत बोर हो चुकी थी.

मुझे लगा कि अब कोई नया लण्ड मिले तो अच्छा हो.
मैं बस नए लण्ड की तलाश करने लगी.

एक दिन अचानक मेरी मौसी की बेटी ललिता का फोन आ गया.
वह बोली- दीदी, हम दोनों मुंबई आ रहे हैं.
मैंने बड़ी गर्म जोशी से कहा- हां हां बिल्कुल आ जाओ. कौन सी फ्लाइट से आ रही हो?

उसने डिटेल बताया तो मैंने नोट कर लिया.

शाम को मैंने इसका ज़िकर अपने पति राघव से किया तो वह बड़ा खुश हुआ.

अगले सवेरे हम दोनों उसे रिसीब करने एयरपोर्ट पहुँच गए.
जब वह आई तो मुझसे लिपट गयी.

मैं उसके पति हरीश से मिली. वह भी बड़ा स्मार्ट और हैंडसम था.
मेरा पति ललिता को देख कर ललचा गया ऐसा मुझे उसके हाव भाव से मालूम हो गया.

हम लोग घर आ गए.
नाश्ता तैयार था ही!
वो लोग भी फ्रेश होकर आ गए और हम सब नाश्ता करके बाहर निकल पड़े.

दिन में थोड़ा घूमे दोपहर में एक पिक्चर देखी और शाम को बगीचे में घूमने लगे.
तब तक हम दोनों कपल एक दूसरे के काफी करीब आ चुके थे.

मैं ललिता से बातें करने लगी और वो दोनों अलग!
अब तक हमारी बातें और तरह की थी पर अब मैं और तरह की बातें करनी शुरू कर दी.

मैंने कहा- अच्छा ललिता, ये बताओ कि तुम एक ही मरद के साथ सेक्स करते करते बोर नहीं हो जाती हो?
वह बोली- अरे दीदी, आपने कहाँ दुखती रग पर हाथ रख दिया. सच बताऊँ यार मैं तो बहुत बोर हो जाती हूँ पर करूं क्या? मन मार कर रह जाती हूँ.

“तो फिर कोई ज़रिया कभी तलाशने की कोशिश की?”
“ज़रिया हो भी क्या सकता है? एक पराये मरद के अलावा और क्या हो सकता है पर कोई भरोसे वाला मिलता भी तो नहीं है.”

“अच्छा अगर मिल जाए तो?”
“मिल जाए तो मैं उसे नंगा करके सबसे पहले उसका लण्ड देखूंगी.”

“ऐसा क्यों कि तुम सबसे पहले लण्ड देखोगी?”
“इसके दो कारण हैं दीदी … एक तो लण्ड सबके अलग अलग होते हैं तो एक नया लौड़ा देखने को मिलेगा. और दूसरा कि चुदवाने के लिए सिर्फ लण्ड की जरूरत है बाकी का मुझसे क्या लेना देना?”

“अच्छा अगर कोई तेरे मरद का लण्ड ले ले तो?”
“मैं अपने मरद का लण्ड उसी को दूँगी जो खुद अपने मरद का लण्ड मुझे देगी.”

“इसका मतलब है कि तू लण्ड की अदला बदली करने को तैयार है?”
“हां कर लूंगी. मैं बिंदास हूँ, बोल्ड हूँ, पढ़ी लिखी हूँ, यह तो Lund Swapping है, कर लूंगी.”

“तेरा हसबैंड क्या मान जाएगा इसके लिए? वह नाराज़ तो नहीं होगा? उसे बुरा नहीं लगेगा?”
“मेरा हसबैंड भोसड़ी का मेरी मुठ्ठी में रहता है दीदी. जैसे मैं उसके लण्ड को मुठ्ठी में रखती हूँ वैसे ही मैं उसको भी मुठ्ठी में रखती हूँ.”

“अगर मैं तेरे मरद के लण्ड को अपनी मुठ्ठी में ले लूँ तो?”
“तो फिर मैं तेरे मरद के लण्ड को मुठ्ठी में ले लूंगी दीदी.”
“यही तो मैं चाहती हूँ.”

वह बड़ी जोर से हंस पड़ी और बोली- वाह दीदी वाह … तुमने तो मेरे मुंह से सब कुछ उगलवा लिया. अब मैं हसबैंड स्वैपिंग के लिए तैयार हूँ और मैं आज ही जीजू का लण्ड पकड़ कर देखूंगी.
मैंने कहा- अब तुम अभी से अपने जीजू को रिझाने में जुट जाओ, उसके लण्ड में आग लगा दो. मैं तेरे पति को रिझाऊंगी और उसके लण्ड में आग लगा दूँगी.

“चलो अब हम एक दूसरे के पति से खूब मस्ती वाली बातें करें और उनके लण्ड में आग लगा दें.”

फिर मैं उसके पति से खुल कर बातें करने लगी और वह मेरे पति से!
जैसे ही हम लोग घर वापस आये वैसे ही एक दूसरे के पति के आस पास घूमने लगीं.

हम दोनों ने कपड़े बदले, भड़कीले और छोटे कपड़े पहन कर सोफा पर बैठ गयीं.
न मैंने ब्रा पहनी और न उसने!
हम दोनों अपनी अपनी बड़ी बड़ी मस्तानी चूचियों की झलक एक दूसरी के पति को दिखाने लगीं, अदायें भी दिखाने लगी और थोड़ा गन्दी गन्दी मजाक भी करने लगी.

मेरा पति उसका जीजू और उसका पति मेरा बहनोई तो मजाक का रिश्ता भी था हमारा.

फिर हम सब ड्रिंक्स पर बैठ गए.
पीती मैं भी हूँ और ललिता भी!

वो दोनों भी एक दूसरे की बीवी की तरफ आकर्षित होने लगे.

मैंने अपने पति से कहा- क्या बात है, ललिता की तरफ बहुत देख रहे हो तुम?
ललिता बोली- तो क्या हुआ दीदी … वह मेरा जीजू है मैं उसकी साली हूँ. अब अपनी साली को नहीं देखेगा तो किसको देखेगा? तुम्हारा मन हो तो तुम भी अपने बहनोई को देखो न दीदी, मना किसने किया है?

मैंने आँख मार कर बड़ी सेक्सी अदा से कहा- मैं तेरे पति को भी देखूंगी और तेरे पति का भी देखूंगी.
ललिता बोली- हाय दईया, तो फिर मैं भी तेरे पति का देखूंगी दीदी! मैं किसी से कम नहीं हूँ.

हमारी बातों का मतलब वो दोनों अच्छी तरह समझ रहे थे.

थोड़ा नशा और चढ़ा तो मस्ती भी और बढ़ गयी.

ललिता ने अपनी बांहें मेरे पति के गले में डाल दीं और उसके गाल चूम कर बोली- जीजू आज तुम मुझे बड़े अच्छे लग रहे हो.

मैं भी हरीश से चिपक कर बैठ गयी और उसकी जांघ पर हाथ रख कर सहलाने लगी.
उसका भी हाथ मेरे बदन पर आ गया और वह भी मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगा, फिर धीरे धीरे मेरी चूचियों पर आ ही गया.

उसने मेरी चूचियाँ दबायीं तो मैंने भी उसका लण्ड ऊपर से ही दबा दिया.
न उसने मना किया और न मैंने!

हम दोनों एक दूसरे को समझ गए कि अब क्या करना है.

उधर ललिता तो मेरे पति का लण्ड ऊपर से ही बड़ी जोर जोर से दबा रही थी.
वह भी ललिता के बूब्स दबाने लगा.

हमारे इस हाव भाव से मामला बिल्कुल साफ़ हो गया था कि हम दोनों एक दूसरे के पति से चुदवाना चाहती हैं और वो दोनों एक दूसरे की बीवी चोदना चाहते हैं.

हम लोग कुछ भी नहीं बोल रहे थे लेकिन हाथ हम सबके चल रहे थे.
हमारे हाथ ही बोल रहे थे कि अब आगे क्या होने वाला है.

मेरे पति ने ललिता के बूब्स खींच कर बाहर निकाल लिया.

इधर उसका पति भी मेरी ब्रा खोल कर मेरे दोनों बूब्स निकाल कर चाटने लगा और बोला- वाह वाह दीदी, क्या मस्त चूचियाँ हैं आपकी! कितनी बड़ी बड़ी और मस्त सुडौल हैं बूब्स आपके! बड़ा मज़ा आ रहा है इन्हें चाटने में चूसने में!

उधर मेरा पति बोला- वाह साली साहिबा, क्या मस्त और खूबसूरत हैं तेरी चूचियाँ! साली की चूची और साली की चूत बहुत नसीब वालों को मिलती है. आज मैं वाकई बड़ा नसीब वाला हूँ.
ललिता बोली- हाय दईया जीजू, आपने अभी मेरी चूत तो देखी ही नहीं!

उसने हाथ ललिता के पेटीकोट में घुसेड़ दिया और कहा- मेरा हाथ तो देख रहा है न? अभी मेरी आँखें भी देखेंगीं तेरी मस्तानी चूत!
इधर उसका पति मुझे एकदम नंगी करने पर तुला था, जल्दी जल्दी मेरे कपड़े उतार कर फेंक रहा था.
वैसे कपड़े कोई ख़ास थे भी नहीं!

पहले मैं मादर चोद नंगी हो गयी और फिर मेरे सामने बुर चोदी ललिता भी बिल्कुल नंगी हो गयी.

संयोग तो देखिये कि छोटी छोटी झांटें उसकी चूत पर भी थीं और छोटी छोटी झांटें मेरी चूत पर भी थीं.
कुछ भी हो लेकिन दोनों की चूत बड़ी सेक्सी लग रही थी.

इतने में मैंने हरीश को एकदम नंगा कर दिया.
उसका लौड़ा खड़ा हुआ था.

लण्ड देख कर मुझे बहुत ख़ुशी हुई. आज शादी के बाद मैं पहली बार किसी पराये मरद का लण्ड देख रही थी.

वैसे शादी के पहले मैं कई लण्ड पकड़ चुकी थी. मतलब यह कि मैं शादी के पहले खूब चुदी हुई थी. कई लड़कों से चुदी थी.
इसीलिए मुझे शादी के बाद पराये मरद के लण्ड की जरूरत बहुत महसूस हो रही थी.

बात करने पर ललिता ने बताया- दीदी, मैं भी शादी के पहले खूब चुद चुकी थी. एक अंकल ने मुझे कई बार चोदा था और कॉलेज के दो लड़कों से मैं खुद बड़े मजे से चुदवाती थी. शादी के बाद मुझे भी कोई लौड़ा नहीं मिला तो मैं भी तरस रही थी. आज मेरी तमन्ना पूरी होगी.

फिर हमने प्लान बनाया कि आज हम दोनों एक दूसरे के पति से चुदवायेंगी जरूर और अब वही होने जा रहा है.
मैं उसके पति का लण्ड हिलाने लगी और वह मेरे पति का लण्ड!

दोनों ही लण्ड बड़े मस्त और तगड़े तंदुरुस्त थे; दोनों लण्ड के टोपा चमक रहे थे.

दो सोफे आमने सामने पड़े थे.
एक में मैं नंगी और उसका पति नंगा दूसरे में वह नंगी और मेरा पति नंगा.

ललिता मेरे पति का लण्ड चूसने और मैं उसके पति का लण्ड.
मैं हरीश का लण्ड उसकी आँखों में आंखें डाल कर चूस रही भी मेरे मियां का लण्ड उसकी आँखों में आँखें डाल कर चूस रही थी.
इससे अब न मुझे कोई शरम थी और न उसे!

मैंने कहा- यार ललिता, तेरे पति का लण्ड बड़ा खूबसूरत और मोटा तगड़ा है. बहनचोद देखो न … मेरे हाथ में आकर कितनी मस्ती से उछल रहा है.
उसने कहा- ये लण्ड भोसड़ी का … परायी बीवी के हाथ में जाकर ज्यादा ही उछलने लगता है. अब देखो न तेरे पति का लण्ड मेरे हाथ में कैसे फुफकार रहा है?

मजे की बात यह थी कि झांटें दोनों लण्ड की बिल्कुल साफ़ थीं. पेल्हड़ भी दोनों के एकदम चिकने थे.
मुझे तो ऐसे ही लण्ड पसंद हैं. ऐसे लण्ड चाटने में बड़े अच्छे लगते हैं.

ललिता भी बड़ी मस्ती से मेरे पति का लण्ड चाटने में जुटी थी.
वह बोली- अरे दीदी, जीजू का लण्ड इतना जबरदस्त है … अगर तूने पहले पकड़ाया होता तो अब तक जाने कितनी बार इससे चुदवा चुकी होती!

इतने में सबको जोश आ गया और हरीश ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया.
मेरे मुंह से निकला- उफ़ … बड़ा मोटा लण्ड है तेरा यार! मेरी तो बुर फट जाएगी बहनचोद, इतना मोटा लण्ड पहले कभी नहीं घुसा मेरी चूत में! हाय रे … आज मेरी चूत में छक्के छूट जायेंगे.

तब तक मेरे पति ने भी लौड़ा ललिता की बुर में ठोक चुका था.
वह बोली- उई माँ … मर गयी मैं! इस भोसड़ी वाले जीजू ने फाड़ दी मेरी बुर! हाय अब मैं मुंह दिखाने के काबिल नहीं रही. जीजू बड़ा बेशरम है तेरा ये मादरचोद लण्ड? धीरे धीरे चोदो न जीजू? मैं कहीं भाग नहीं जाऊँगी. चुदवा कर ही जाऊँगी तुमसे!

कुछ देर बाद वह बोली- क्या यार जीजू … पूरा लौड़ा पेल पेल के चोदो न? धीरे धीरे नहीं … तेज तेज चोदो, मर्दों की तरह चोदो मेरी बुर! बड़ा मज़ा आ रहा है. वाह वाह क्या मस्त लौड़ा है तेरा? फाड़ डालो मेरी बुर … चीर डालो मेरी बुर!
वह मस्ती मे कुछ भी बोलती जा रही थी.

इधर मैं भी बोल रही थी- हाय मेरे हरीश राजा, मुझे खूब चोदो, अपनी बीवी की तरह चोदो मुझे, मैं तेरी ही हूँ मुझे गपागप चोदो! हाय रे बड़ा गज़ब का है तेरा लण्ड … मुझे ऐसा ही लण्ड पसंद आता है. मेरी चूत ऐसे ही लण्ड खाती है. हाय राम हो ही ओहो हो बड़ा मज़ा आ रहा है आओ हूँ ओ हा ऊँ हूँ ओ ह्हो … क्या मस्त चुदाई है यार!

हम दोनों इसी तरह सिसियाती जा रही थी और मजे से चुदवाती भी जा रही थी.

हरीश बोला- यार राघव, मुझे अपनी बीवी के सामने तेरी बीवी चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है.
मेरे पति राघव ने कहा- हां यार हरीश, मुझे भी अपनी बीवी के सामने तेरी बीवी चोदने में बहुत मज़ा आ रहा है. ऐसा मज़ा बहनचोद पहले कभी नहीं आया. एक बात और है मुझे अपनी बीवी चुदवाने में भी मज़ा आ रहा है.

मैं यह सुनकर बहुत खुश हो गयी. मैं चाहती थी कि मेरा पति अपनी बीवी चुदवाना शुरू कर दे तो सब काम बन जाए.

तब तक ललिता बोली- अरे जीजू, जो अपनी बीवी चुदवाता है वही दूसरे की बीवी चोद पाता है. मैं तो कहती हूँ कि तुम लोग रोज़ ही चुदवाओ अपनी बीवी और चोदो दूसरों की बीवियां! जाने कितनी बीवियां तुम्हारे जैस लोगों से चुदवाने के लिए तैयार हैं.

ललिता ने भी वही कहा जो मैं चाहती थी.
बस दोनों को और जोश आया तो वो हमें पीछे से चोदने लगे और फिर लण्ड पे बैठा बैठा के भी चोदने लगे.

आखिर में जब हम दोनों ने एक दूसरे के पति के झड़ते हुए लण्ड चाटे तो उसका आनंद कुछ और ही था जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता.

हमने महसूस किया कि चुदाई में रोज ऐसा ही मज़ा आये तो अच्छा हो!

फिर हम सबने नंगे नंगे ही खाना खाया, खूब गन्दी बातें की और थोड़ा इधर उधर घर में ही घूमे.

उसके बाद फिर इन लोगों ने हमें दो दो बार चोदा; तब हम लोग थोड़ा सोये.

ललिता जब तक रही, तब तक वह हर रोज़ रात को मेरे पति से चुदवाती रही और मैं उसके पति से चुदवाती रही.

उसके जान के करीब एक हफ्ते बाद उसका फोन आया.
उसने कहा- दीदी, अभी कल ही मेरी एक दोस्त कला अपने हसबैंड के साथ मुंबई गयी है. मैं उसके साथ चोदा चोदी कर चुकी हूँ. मैंने उसे तेरा फोन नंबर दे दिया है. उसके हसबैंड लौड़ा बड़ा मस्त है, ज्यादा बताऊंगी तो तेरा मज़ा किरकिरा हो जायेगा. अब तुम खुद पकड़ कर देख लेना उसका लण्ड! और जीजू से कहना कि कला की बुर खूब अच्छी तरह चोदे क्योंकि वह भोसड़ी वाली बड़ी मस्त है चुदवाने में. लण्ड का पूरा मज़ा लेती हैं और पराये मर्दों से जम कर चुदवाती है.

उसकी बातों ने मेरी चूत में आग लगा दी.
बस 2 मिनट में ही फोन फिर बजने लगा.

मैंने जैसे ही हेलो कहा वैसे ही वह बोली- दीदी, मैं कला बोल रही हूँ मुझे आपके बारे में ललिता ने बताया है.
तो मैंने कहा- मेरी बात ललिता से हो गयी है. तुम लोग आज शाम को 8 बजे मेरे घर पर डिनर के लिए आ जाओ.

तब तक मेरा पति भी आ गया.
मैंने उसको यह खबर सुनाई तो वह बड़ा खुश हुआ और बोला- यार राधिका, मेरा एक दोस्त देवा भी आज शाम को अपनी बीवी दिव्या के साथ आ रहा है. मैंने उन्हें डिनर पर बुला लिया. वह हमारे साथ वाइफ स्वैपिंग करने आ रहा है.

मैं तो यह सुन कर दुगुना खुश हो गयी कि अब आएगा असली मज़ा … तीन तीन कपल जब अदला बदली करेंगें तो मज़ा भी तिगुना हो जायेगा.

मैंने फिर फटाफट सारा इंतज़ाम कर लिया.

शाम को जब सब लोग इकट्ठे हो गए और एक दूसरे से परिचय हुआ तो सब बड़ी मस्ती में आ गए.

मेरे पति ने देवा को बता दिया कि कला और रोहित भी वाइफ स्वैपिंग के लिए ही आए हैं तो वो दोनों बहुत ही खुश हुए.

इधर कला को जब मालूम हुआ कि आज सेक्स पार्टी में 3 कपल होंगे तो वह ख़ुशी से उछल पड़ी.

मैंने हॉल में गद्दा वगैरह बिछा कर पूरी तैयारी कर ली थी और फिर हम सब बैठ कर मदिरापान करने लगे.
दिव्या बोली- अरे राधिका, बहुत अच्छा किया. ग्रुप सेक्स करने के पहले थोड़ा सरूर आना जरूरी होता है.
कला भी बोली- हां यार, चुदाई के पहले थोड़ा नशा ज्यादा मज़ा आता है.

मैं समझ गयी कि ये दोनों बीवियां शराब की उतनी ही शौकीन हैं जितनी की मैं!

दो दो पैग शराब ख़त्म हुई, सब लोग खुल कर बोलने लगे, अपने आपमें मन की बात बोलने लगे.

वाइफ स्वैपिंग करना सभी चाहते हैं पर बोलना कोई नहीं चाहता.
पहल कोई नहीं करना चाहता.

देवा बोला- यार, मैं बहुत दिनों से वाइफ स्वैपिंग के बारे में सोच रहा था पर कर नहीं पाया कभी! उस दिन जब राघव ने ज़िकर किया तो मज़ा आ गया. मैंने जब अपनी बीवी दिव्या को बताया तो वह ख़ुशी के मारे उछल पड़ी और खाना पीना सब भूल गयी.

कला ने कहा- मुझे जब ललिता ने बताया तो मैं इस बात से खुश हुई कि चलो मुंबई में भी अपना कोई होगा जिसके साथ हसबैंड की अदला बदली का मौक़ा मिलेगा. मेरे पति का तो चेहरा ही खिल उठा.

दारू पीते हुए बहुत सी बातों का खुलासा हुआ जिससे हम सब एक दूसरे के काफी नजदीक आ गए.
हमारे बीच शर्म और झिझक की दीवार टूट गयी.

हम बुर चोदी तीनों बीवियां एकदम बिंदास हो गयीं और शराबी बीवी की तरह व्यवहार करने लगी.

मैंने रोहित के गले में बाहें डाल दीं और उसके गाल चूमते हुए बोली- वाह कितना मस्त मरद है तू बहनचोद रोहित!
रोहित की बीवी कला देवा की तरफ मुड़ी और उससे चिपक गयी. उसका लौड़ा ऊपर से ही सहलाते हुए बोली- वाओ … लौड़ा भोसड़ी का बड़ा मस्त लग रहा है तेरा!

देवा की बीवी दिव्या ने मेरे पति के पास जाकर उसे उठाया और उसके गले लग गयी फिर वह हाथ नीचे करके उसका लौड़ा टटोलने लगी.
मेरा पति भी दिव्या की चूचियाँ ऊपर से दबा दबा कर मज़ा लेने लगा, बोला- वॉवो क्या मस्त चूचियाँ है तेरी दिव्या भाभी!
वह बोली- तेरा मस्त लौड़ा भी है मेरी जान राघव!

बस कुछ ही देर में एक एक करके हम सब नंगे हो गए.
तीनों बीवियां नंगी और तीनों मरद नंगे.

मैं रोहित का लण्ड हिलाने लगी, दिव्या राघव का लण्ड और कला देवा का लण्ड हिलाने लगी.

मैंने कहा- अब मैं आप सबको डबल मज़ा देना चाहती हूँ. बीवियों को पराये मरद का लण्ड चाटने का मज़ा और पराये मरद से बुर चटवाने का भी मज़ा. वह लण्ड चाटेगी किसी और मरद का … साथ ही साथ बुर चटवायेगी किसी और मरद से! मर्दों को डबल मज़ा कि … बुर चाटो किसी और की बीवी की और लण्ड चटवाओ किसी और की बीवी से!

यह सुनकर सब लोग हैरान हो गए कि यह कैसे होगा?

मैंने कहा- मैं बताती हूँ कि कैसे होगा.

मैंने सबको गोल गोल बैठा दिया.
एक बड़ा सा घेरा बन गया.

सब लोग नंगे थे ही!

पहले मैं बैठी, मेरी दाहिनी तरफ रोहित, फिर दिव्या, फिर राघव फिर कला फिर देवा.
अब हर मरद के अगल बगल परायी बीवी हो गयी और हर बीवी के अगल बगल पराया मरद हो गया.

मैंने कहा- अब सब बीवियां दाहिनी तरफ वाले का लण्ड चाटेंगी और सब मर्द दाहिनी तरफ वाली की बीवी की बुर चाटेंगे.

इसका असर यह हुआ कि मैं रोहित का लण्ड चाटने लगी और रोहित दिव्या की बुर!
दिव्या राघव का लण्ड चाटने लगी और राघव कला की बुर,
कला देवा का लण्ड चाटने लगी और देवा मेरी बुर चाटने लगा.

इस तरह सबको डबल मज़ा आने लगा.

बीवियों को लण्ड चाटने का और बुर चटवाने का मज़ा मिलने लगा.
मर्दों को बुर चाटने का मज़ा और लण्ड चटवाने का मज़ा मिलने लगा.

इस खेल से सबकी बुर में आग लग गयी और सबके लण्ड में भी.

बहुत देर तक ऐसा मस्ताना खेल ज़ारी रखना किसी के बस का नहीं था.
तो मैं रोहित का लण्ड अपनी बुर में पेल कर बिंदास चुदवाने लगी.

दिव्या बुर चोदी मेरे पति से झमाझम चुदवाने लगी और कला भोसड़ी वाली भकाभक देवा से चुदवाने लगी.

दूसरे सिरे से देखें तो मेरा पति देवा की बीवी चोदने लगा, देवा रोहित की बीवी चोदने लगा कर और रोहित राघव की बीवी यानि मुझे चोदने लगा.

परायी बीवी की बुर चोदने में सबको खूब मज़ा आने लगा और बीवियों को भी पराये मर्दों से चुदवाने में ज़न्नत का मज़ा आने लगा.
मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी कि मेरा प्लान कितना कामयाब हो गया.

हमने फिर एक हसबैंड स्वैपिंग क्लब बना लिया.

इस क्लब में आजकल 10 कपल हैं. हम सब हर शनिवार और रविवार को एक दूसरे के पति से खूब मस्ती से बिंदास खुले आम चुदवाती हैं.
हमारे हसबैंड भी खूब मन लगा कर दनादन एक दूसरे की बीवियां चोदते हैं और खूब एन्जॉय करते हैं.

हालाँकि सारे कपल हर शनिवार को नहीं आ पाते लेकिन हां 6 – 7 कपल तो आ ही जातें हैं और फिर होता है परायी बीवियों को चोदने का और पराये मर्दों से चुदवाने का लगातार हंगामा.
दो दिन तक न कोई वाइफ कपड़े पहनती है और न कोई हसबैंड!

हस्बैंड स्वैपिंग सेक्स कहानी में आपको मजा आया होगा?