तिन लंड और दो चूत की लड़ाई (ग्रुपसेक्स कहानी)

मेरी उम्र 25 साल है और 21 साल की उम्र में मेरी चूत की सील टूटी थी और साथ में मेरी ही एक सहेली की भी सील टूटी थी. कुछ माह पूर्व ही हम दोनों सहेलियों की शादी हो चुकी है. मेरे हस्बैंड एक अमेरिकन हैं जिनसे मेरे घरवालों ने मुझसे मिलाया था, मैं उसे डेट कर रही थी, पर चुदाई मैंने उनसे शादी के बाद ही करवाई, यहां तक कि किस भी नहीं किया, और उन्होंने भी मुझे कोई जबरदस्ती नहीं की. यह बात परीक्षित और चिंटू (मेरी चुदाई के साथी) भी जानते थे.

शादी के बाद मैं अब अमेरिका में ही हूँ. लेकिन मेरी यह कहानी मेरी शादी से कुछ माह पहले की है, बात पिछले साल फरवरी की है, मेरी सहेली रानी (बदला नाम) का जन्मदिन था, मैंने एक दिन पहले ही उसे विश कर दिया और अगले दिन उसकी तरफ से एक पार्टी देने वाली थी, उस समय उसका बॉयफ्रेंड था उसका नाम रवि है, वो उसका पहला और आखिरी बॉयफ्रेंड था.

रवि सुबह 5:30 बजे ही मेरे घर रानी को बर्थडे विश करने आ गया क्योंकि रानी और मैं एक साथ ही रहती हैं. रानी तो पहले ही उठ चुकी थी, मैं भी उठकर फ्रेश होने बाथरूम गई और थोड़ी देर में रानी 3 कप चाय बनाकर ले आई.

चाय पीने के बाद मैं बाहर चली गई और जब थोड़ी देर बाद अंदर आई तो देखा कि रानी और रवि 69 की पोजीशन में लण्ड और चूत को चूस रहे थे, दोनों ही ‘उम्म उम्म्म म्मम्म हम्मम आह्ह्ह उम्म्म्म’ की आवाज निकाल रहे थे.

उन्हें देख मेरा हाथ भी अचानक मेरी पेंटी के अंदर चला गया, मैंने भी उस समय सिर्फ एक छोटी टीशर्ट और पेंटी पहनी हुई थी, जिसमें मेरी पेंटी साफ दिख रही थी.

तभी रानी की नजर मुझ पर गई और वे दोनों बैठ गए, रवि का लण्ड खड़ा हुआ था. मैं आपको बता दूँ कि रवि और रानी की चुदाई बहुत बार देख चुकी हूँ इसलिये मुझे उसे नंगा देखकर कोई आश्चर्य नहीं हो रहा था और न ही रवि को, क्योंकि वो भी मुझे बहुत बार इस हालत में देख चुका है, पर कभी नहीं नंगी नहीं देखा.

मैंने उन्हें स्माइल दी और बाहर आ गई, वो दोनों फिर से चुदाई करने लगे. मैं सोफे पर लेटकर किताब पढ़ने लगी. रानी की चुदाई करने के बाद रवि अंडरवीयर में बाहर आया और मुझसे बोला- मेरी शादी होने वाली है, मैं रानी को कब से बताना चाहता हूँ, पर वो

सुन नहीं रही है. अब तुम ही उसे बता दो. पता नहीं सुनकर क्या होगा उसका?

मैं उसे देखकर मुस्कुराई और हाँ में सर हिला दिया.

तभी थोड़ी देर बाद रानी भी बाहर आ गई उसने कुछ भी नहीं पहना हुआ था मतलब पूरी नंगी ही बाहर आ गई रही. जैसा कि मैंने आपको बताया था कि ये हमारे बीच की नॉर्मल बात है.

तभी मैं उसे फिर से कमरे में ले गई और उसे रवि की बात बताई, ये सुनकर वो थोड़ा नर्वस हो गई. पर थोड़ी देर बाद मनाने के बाद मान गई और कपड़े पहन कर बाहर आ गई और रवि के कपड़े भी साथ में लेकर आ गई.

जब रवि ने कपड़े पहने तो उसे किस करने लगी और थोड़ी बात करने लगी, तभी रवि किसी काम का बोलकर जाने लगा पर रानी ने नहीं जाने दिया और दिन भर साथ रहने के लिये बोला.

रवि थोड़ी रिक्वेस्ट पर मान गया पर उसने कहा कि उसे कोई अर्जेंट काम है, इसलिए वो इतनी सुबह आया और 1 बजे तक आने के लिये बोल गया.

तभी रानी ने उससे कहा कि शाम को पार्टी के अलावा एक और सरप्राइज़ भी है जिसे तुम मिस नहीं करोगे और हाँ कहकर चला गया.

कुछ देर बाद पता नहीं रानी को क्या मस्ती आई, मेरी टीशर्ट निकाल कर मेरे बूब्स चूसने लगी, मैंने भी उसे नहीं रोका और उसने मेरी पेंटी भी निकाल दी, मेरी चूत में उंगली डालकर उसे अंदर बाहर करने लगी.

क्योंकि उस समय मेरे साथ ये बहुत दिनों बाद हो रहा था तो मुझे भी इसमें आनन्द आ रहा था.

 

तभी उसने मेरे एक निप्पल को जोर से काट दिया, मेरी चीख निकल गई और सॉरी बोलकर दूसरा निप्पल भी उतनी हो जोर से काटा और हंसने लगी, पर मैंने उसे कुछ नहीं कहा.

उसकी उंगली अभी भी मेरी चूत के अंदर बाहर हो रही थी और कुछ देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया तो मैंने उसे अलग किया.

थोड़ी देर बाद मैं नहाने के लिये बाथरूम जाने लगी तो रानी भी मेरे साथ आ गई और दोनों साथ में नहाईं. उसके बाद दोनों ने कपड़े पहने और रात की तैयारी करने लगीं. तैयारी भी क्या करनी थी सिर्फ रूम को खुशबूदार बनाना था रात भर की चुदाई के लिये.
उसके बाद हमने खाना खाया और फिर सो गईं.

दोपहर 3 बजे मेरी नींद खुली तो रानी को भी जगाया. उसके बाद हम फिर से काम में लग गईं, जिसमें सबसे पहले हमने ढेर सारा दूध रखा. इसी तरह 7:30 बज गए और तभी रवि आया जो एक बजे आने की कहकर गया था.

रवि ने पार्टी शुरू करने के लिये कहा तो मैंने कहा कि अभी हमारे 2 फ्रेंड्स और आने वाले हैं.

क्योंकि हम ग्रुप सेक्स करने वाले थे और रवि को उस बारे में पता नहीं था, यह सोच कर हमारे मन में भी एक डर था कि कहीं रवि बुरा न मान जाये. रवि को सिर्फ ये पता था कि रानी की ही चुदाई करनी है, पर ये नहीं जनता था कि आज मैं भी उससे चुदूँगी.

उसने उन 2 फ्रेंड्स के बारे में पूछा और तभी चिंटू और परीक्षित भी आ गए.

रानी ने उन दोनों को देखकर उन्हें अंदर बुलाया.

चिंटू बोले- अरे रवि, तू यहाँ पर?

रवि भी चिंटू और परीक्षित को देखकर उनसे गले मिलने लगा, हम दोनों सहेलियाँ उनकी तरफ देखती रहीं.

रानी ने पूछा- तुम एक दूसरे को कैसे जानते हो?

परीक्षित ने कहा- हम तो बहुत पहले से इसको जानते हैं.

और फिर ऐसे ही बात करने लगे.

रवि ने बताया कि रानी उसकी गर्लफ्रेंड है. तभी रवि ने भी चिंटू और परीक्षित से हमारी पहचान के बारे में पूछा तो तभी रानी बोली- ये जेसिका के दोस्त हैं.

और कुछ इशारा करने लगी.

रवि समझ गया था कि ये मेरी चुदाई करते हैं और सभी हंसने लगे.

रानी बोली- मैं 10 मिनट में तैयार होकर आती हूँ!

और मैं भी उसके साथ कपड़े बदलने रूम में आ गई. मेकअप तो हमने कर ही लिया था. रानी ने पर्पल रंग की बहुत ही सेक्सी ब्रा पेंटी पहनी जिसमें उसके बूब्स और आधे से ज्यादा चूतड़ साफ़ दिख रहे थे और ऊपर एक लाल रंग की ट्रांसपेरेंट स्कर्ट जो उसकी जांघ को थोड़ा ही ढक रही थी जो रवि ने ही उसे गिफ्ट की थी.

मैंने भी ऐसी ही एक सेक्सी ड्रेस पहनी, पर ड्रेस पहनते ही शीशे में खुद को देखने के बाद अचानक मेरी धड़कनें तेज हो गईं, मुझसे चुदाई के लिये अब सब्र नहीं हो पा रहा था. वैसे तो चुदाई की तड़प सुबह से ही लग रही थी, पर क्या करती! कुछ देर और इन्तजार करना था.

जैसे ही हम दोनों बाहर आईं तो उन तीनों की नजर हम पर गई और बहुत देर तक हमे ऐसे ही घूरते रहे फिर हमने ही उन्हें होश दिलाया क्योंकि अब हमारी चुदाई की तड़प बढ़ती जा रही थी.

वो तीनों हमारी इतनी तारीफ कर रहे थे कि हमें ही शर्म आने लग गई.

तभी रानी ने केक काटने के लिये बोला जो चिंटू और परीक्षित लेकर आये थे.

केक काटकर रानी ने सबसे पहले मुझे खिलाया और उसके बाद तीनों को, फिर मैं बेशर्मी दिखाते हुए उसे “हैप्पी बर्थडे” बोलते ही उसके होंठों पर किस करने लगी. हमें इस तरह किस करता देखकर उन तीनों ने भी रानी के होठों पर किस दी उसके बाद हमने खाना खाया.

अब हम दोनों से सब्र नहीं हो रहां था, पर हम चाहतीं थी कि शुरुआत चिंटू और परीक्षित करें. तभी रवि का फोन बजा थोड़ी देर बाद बात करने लगा, बात करने के बाद रानी ने रवि के कान में कुछ कहा मैं, चिंटू और परीक्षित समझ नहीं पाये.

उसके बाद जब रानी उससे बोलकर अलग हुई तो पहले रवि ने हम तीनों की तरफ देखा और रानी से “ओके” बोल दिया.

यह सुनकर उसे किस करने लगी.

किस करने के बाद रानी ने मुझे इशारा किया, मैं समझ गई कि इसने ग्रुप सेक्स की बात की है जिसके लिये उसने हाँ कह दिया.
तभी रवि हँसते हुए बोला- अब समझा कि तुम्हारा सरप्राइज़ क्या था!

बस फिर क्या था! क्योंकि मुझे तो सब्र हो नहीं रही थी, तो मैं भी रवि की तरफ एक स्माइल देकर घुटनों के बल बैठ गई और उसकी जीन्स खोलकर उसके लटके हुए लण्ड को चूसने लगी, उसके लण्ड को चूसते हुए मुझे पता नहीं क्यों अलग ही आनन्द आ रहा था.
दूसरी तरफ रानी भी दोनों हाथों में उन दोनों के लण्ड को बारी बारी से चूस रही थी.

तभी रानी उन दोनों के लण्ड को चूसते चूसते रवि के लण्ड को चूसने लगी तो मैं चिंटू और परीक्षित के लण्डों को चूसने लगी. कुछ देर ऐसे ही लण्ड चूसने के बाद चिंटू और परीक्षित मेरे पास आ गए, अब मैं अकेली ही उन तीनों के लण्ड चूस रही थी. लण्ड चूसते चूसते

चिंटू ने मेरी स्कर्ट निकाल ली और मुझे पूरी नंगी कर दिया.

क्योंकि मुझे इतनी तड़प लग रही थी कि मैंने जल्दी में जानबूझ कर ब्रा पेंटी नहीं पहनी थी.

रवि बोला- ये क्या? मुझे नहीं पता नहीं था कि तुम्हें भी इतनी तड़प लग रही है चुत चुदाई की कि ब्रा पेंटी भी नहीं पहनी?

और हम चारों हँस दिये.

मैंने उसकी बात को अनसुना कर दिया और तीनों के लण्डों को मस्ती से चूसती रही.

थोड़ी देर बाद रानी ने सबको बेडरूम चलने के लिये कहा तो चिंटू पहले अंदर चला गया और रवि ने मुझे तो परीक्षित ने रानी को गोद में उठाया और बेडरूम में लेकर आया. दिन में ही हमने कमरा सजा दिया था तो चुदाई के लिये एक नया माहौल भी बन गया.

रवि मुझे बेड पर लेटा कर मेरी चूत को चाटने लगा. रानी को चिंटू और परीक्षित ने पूरी नंगी कर दिया. चिंटू रानी का मुँह चोद रहे थे और परीक्षित चूत को चाट रहे थे. तभी परीक्षित ने चिंटू को चूत चाटने का कहा.

अब दोनों ने जगह बदल ली पर चिंटू अब मेरे और रानी के बीच में आ गए थे, वो थोड़ी देर मेरा मुँह चोदते और थोड़ी देर रानी का मुँह चोदते. इसी तरह उन्होंने हमारे पूरे जिस्म को चूमा, शायद ही कोई जगह हो, जहां नहीं चूमा हो.

पर आज मुझे चुदने में थोड़ी सी शर्म भी आ रही थी क्योंकि पहली बार जो मैं रवि के सामने पूरी नंगी जो थी और उसे मेरे शरीर को छूने जो दिया था.

बहुत देर तक जब मेरा सब्र टूटा तो मैंने रवि से लण्ड को मेरी चूत में डालने को बोली और रानी ने भी यही कहा.

रवि ने तो देर न करते हुए मुझे लेटाकर मेरी चूत में लण्ड को डाल दिया. मेरे मुँह से आआआह्ह हह्हह्ह की सिसकारी निकल गई.

मेरी गर्म चूत में उसका गर्म लण्ड जाते ही मेरे पूरे बदन को एक ठंडक सी मिली.

पर 20-22 धक्कों के बाद ही उसने मुझे घोड़ी बना दिया और फिर चूत को चाटने लगा, रानी अभी भी लण्ड के लिये तड़प रही थी पर

चिंटू और परीक्षित उसकी बात नहीं सुन रहे थे और उसके जिस्म से ही खेल रहे थे.

इधर रवि ने मेरी चूत को चाटना बन्द कर दिया और मुझे चोदने लगा. मैं ‘आह आःह्ह आअह्ह आअह्ह्ह… चोद मुझे चोद!’ बोलती जा रही थी.

तभी चिंटू रानी की चूत को मेरे मुँह के पास ले आया, मैं पोज़ बना कर उसकी चूत को चाटने लगी, चिंटू और परीक्षित दोनों ही रानी के मुँह को चोदने लगे. तभी 10 मिनट बाद मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.

पर रवि अभी भी मेरी चूत की चुदाई कर रहा था. चूत गीली होने से लण्ड अब और भी आराम से अंदर बाहर हो रहा था.

तभी रानी गिड़गिड़ाती हुई उन दोनों से चूत में लण्ड डालने के लिये बोलने लगी, उसके इस तरह से देखकर तीनों ही हँस दिए.

परीक्षित और चिंटू ने भी उसकी हालत को समझा तो चिंटू बेड पर लेट गया और रानी को उसके ऊपर बैठाया, रानी ने ही उसके लण्ड को अपनी चूत के अंदर डाला. जैसे ही चिंटू का लण्ड रानी की चूत में गया तो परीक्षित ने भी पीछे से तुरन्त उसकी गाण्ड में लण्ड डाल दिया और तेज धक्के देने लगे. 2-3 मिनट में ही दोनों धक्के लगाने बन्द कर दिए और दोनों ने ही लण्ड को बाहर निकाल लिया.

तभी चिंटू ने लण्ड को मेरे मुँह में डाल दिया जो रानी के चूत के रस से गीला हो गया था. चिंटू ने रवि को हटने का इशारा किया और उसने भी धक्के लगाने बन्द कर दिया और रानी की चूत को चोदने लगा.

मैं बहुत देर से घोड़ी बनी हुई थक चुकी थी तो मैं भी उठी और घुटनों पर बैठ कर तीनों के लण्ड को चूसने लगी.

तभी चिंटू ने मुझे फिर से घोड़ी बनाया और मेरी चूत को चोदने लगा. रानी परीक्षित और चिंटू का लण्ड चूस रही थी.

कुछ देर बाद रानी ने रवि को बेड पर सीधा लेटाया और लण्ड को धीरे धीरे उसकी चूत ने डालकर खुद ही चुदने लगी. परीक्षित भी उसे रोककर उसकी गाण्ड में लण्ड डालने लगे, लण्ड डालने के बाद परीक्षित तो धक्के लगा रहे थे पर शायद परीक्षित को धक्के लगाने में समस्या आ रही थी, तो उन्होंने उसकी गाण्ड से लण्ड को निकाल कर चिंटू को अलग किया और वो मेरी चूत को चोदने लगे.

पूरे कमरे में सिर्फ ‘थप थप थप… थप थप थप… फच फच… फच फच… आह्ह आःह्ह ऊम्म ऊऊम्म ऊऊम्म’ की आवाज गूंज रही थी. परीक्षित पूरी स्पीड के साथ मेरी चूत को चोद रहे थे, उनकी 1 मिनट की चुदाई में ही मैं झड़ गई और मेरा शरीर थोड़ा ढीला पड़ गया.

मेरे झड़ते ही उन्होंने उनके लंड को निकाला और रानी के मुँह को चोदने लगे.

रवि आया और मुझे गोदी में बैठा कर मेरी चूत को चोदने लगा. क्योंकि मेरी चूत गीली थी और लण्ड बहुत ही आसानी से मेरी चूत के अंदर जा रहा था, और मैं भी आआहह आआअह्ह आआह्ह ऊम्म की सिसकारी ले रही थी. रवि ने उसके झड़ने तक मुझे चोदा, रवि ने सारा माल मेरे पेट पर गिराया और तुरन्त बाथरूम चला गया पर रानी की चुदाई अभी भी चल रही थी.

जब रवि बाथरूम से बाहर आया तो चिंटू और परीक्षित भी झड़ने के करीब पहुँचे और दोनों ने सारा माल रानी के मुँह पर गिराया. और वो दोनों भी एक एक करके बाथरूम गए.

मैं रानी के पास लेटकर उसे किस करने लगी और 10 मिनट तक उसे बिना सांस लिये किस करती रही.

उसके बाद हम दोनों बाथरूम गईं और फ्रेश होने के बाद सबके लिये दूध गर्म करके लाई.

रानी दूध पीने के बाद रवि की गोदी में जाकर बैठ गई और उसे दूध पिलाने लगी और बालों पर हाथ फेरने लगी.

चिंटू और परीक्षित अभी भी दूध पी रहे थे तो मैं भी जाकर रानी के दूसरे बूब्स को चूसने लगी. रानी और भी ज्यादा मजे से सिसकारी लेने लगी, रवि मेरे एक बूब को मसलने लगा.

रानी के बूब्स पीते पीते हम इतने खो गए कि हमें कुछ पता ही नहीं चला, वो तो हमें परीक्षित और चिंटू ने अलग किया. हम दोनों काफी देर तक उसके बूब्स पीते रहे थे.

जब हम तीनों अलग हुए तो देखा कि चिंटू और परीक्षित के लण्ड आधे खड़े हुए थे, ये देख कर रानी चिंटू और परीक्षित का लण्ड चूसने लगी और मैं रवि को किस करने लगी.

थोड़ी देर बाद रवि मुझे 69 की पोजीशन में ले आया और एक दूसरे के अंगों को चूसने चाटने लगे. कुछ रानी ने मुझे रवि से अलग किया और अब वो 69 की पोजीशन में रवि से चूत चटवा रही थी.

तभी परीक्षित ने मुझे घोड़ी बनाया और लण्ड को मेरी गाण्ड के छेद पर लगाकर धीरे धीरे पूरा अंदर डाल दिया और धक्के लगाने लगे. रानी के थूक से लण्ड गीला था तो मुझे उनका लण्ड आसानी से सहन हो रहा था.

इधर चिंटू ने भी मेरे मुँह को चोदना शुरू कर दिया. परीक्षित ने धक्के लगाने की स्पीड तेज कर दी तो अब मुझे भी गाण्ड में थोड़ा दर्द होने लगा था, पर चिंटू ने भी मेरे मुँह को चोदना जारी रखा तो दर्द की आवाज बाहर नहीं निकली.

10 मिनट बाद में परीक्षित ने लण्ड को मेरी गाण्ड से बाहर निकाला, पर चिंटू ने मेरा मुँह चोदना जारी रखा, तो मैं घोड़ी बनकर ही मेरे मुँह को मस्ती से चुदवा रही थी.

दूसरी तरफ रवि और रानी अभी भी 69 की पोजीशन में ही थे, परीक्षित ने रानी को रवि से अलग किया और उसे कुतिया बनाकर उसकी गाण्ड को चोदने लगे. रवि अब मेरे मुँह को चोदने आ गया और चिंटू मेरी चूत को चोदने लगे.

रानी दर्द से तड़प रही थी और कह रही थी- प्लीज थोड़ा धीरे से चोद न… बहुत दर्द हो रहा है. पर परीक्षित कहाँ सुनने वाले थे, वो तो और भी बेरहमी से उसकी चुदाई करने लगे.

कुछ देर में उसका दर्द इतना बढ़ गया कि उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे. कुछ देर में मेरी चूत ने भी पानी छोड़ दिया और रवि और चिंटू ने अपनी जगह बदल ली.

अब रवि का लण्ड मेरी चूत में था और चिंटू का लण्ड मेरे मुँह में… रानी अभी भी कुतिया बनी हुई उसकी गाण्ड चुदवा रही थी, साथ में दर्द से रो भी रही थी.

मैं भी बहुत देर तक घोड़ी बनी हुई चुदवा रही थी तो मेरी हालत भी खराब होने लगी थी, अब मेरी चूत में भी जलन होने लगी थी.

थोड़ी देर बाद रवि ने अचानक धक्कों की रफ़्तार बहुत ही तेज कर दी, एक पल के लिये मेरी भी सांस रुक गई, अब वो भी झड़ने के करीब पहुंचने वाला था पर 5 मिनट तक वो मुझे रुक रुक कर बहुत तेज चोदता रहा.

दूसरी तरफ चिंटू भी उतनी ही तेज मेरे मुँह को चोदते सिर्फ सांस ले सकूँ सिर्फ इतनी ही देर लण्ड को बाहर निकालते. तभी चिंटू ने लण्ड को मेरे मुँह से बाहर निकाला और परीक्षित जो रानी की गाण्ड को बेरहमी से चोद रहे थे उनकी जगह रानी गाण्ड में लण्ड डाल दिया, रानी तो अभी भी दर्द से रो रही थी.

दूसरी तरफ मैं भी रवि के तेज धक्कों की गति से बैलेंस खोकर गिर गई, तभी थोड़ी देर में रवि ने उसका सारा माल मेरी पीठ पर गिरा दिया और फर्श पर बैठ कर हांफने लगा, मैं भी अब थोड़ी राहत महसूस कर रही थी.

10 मिनट बाद चिंटू और परीक्षित भी रानी की चुदाई करने के बाद उनका सारा माल उसके पेट पर गिरा दिया. रानी भी सुकून से बिस्तर पर ही लेटी रही. हम पाँचों पसीने से पूरा भीग चुके थे, और पूरे कमरे में अलग ही महक आ रही थी.

रात भर पूरे कमरे में बस चीखें ही गूंजती रहीं.

5 मिनट मैं ऐसे ही लेती रही जब थोड़ी देर बाद समय देखा तो 11:30 बज चुके थे, मैं बाथरूम गई. चिंटू और परीक्षित तो उनका वीर्य निकलते ही रानी के साथ लिपट कर सो रहे थे, रवि भी फर्श पर बेसुध होकर सो रहा था तो मैं भी रवि के सा फर्श पर हो सो गई.