यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
→ आपा की हलाला सेक्स स्टोरी-11
आदाब दोस्तो, आपने मेरी कहानी ‘आपा का हलाला’ पर आप सब की ढेर सारी ईमेल भेजी, आप सबका इस प्यार के लिए बहुत शुक्रिया. इस लम्बी कहानी में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने पहले नूरी खाला, फिर अपनी दुल्हन सारा, अपनी दूसरी बीवी ज़रीना को चोदा. मैंने दोनों बीवियों की गांड मारी तो सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने कुछ दिन चुदाई बंद कर दी.
तो मुझे मेरी सालियों ने घेर लिया और मुझसे मेरी पहली चुदाई की कहानी सुनाने को कहने लगी. मैंने उन्हें बताया कि कैसे मैंने अपनी पहली चुदाई अपने दोस्त की सहायता से की उसी के घर में उसकी नौकरानी की कुंवारी बहन गुलाबो के साथ!
अपने पहली चुदाई की कहानी सुनाने में शाम हो गयी. मेरी पहली चुदाई का वाकया सुन कर सब लड़कियाँ बहुत गर्म हो गयी थी. मेरा भी लंड सलामी दे रहा था. मैंने सारा और ज़रीना को किस किया.
तभी अम्मी मेरे कमरे में आयी. अम्मी बोली- सब दुल्हनों को अलग अलग कमरा दे दिया है. सारा के साथ वाला कमरा दिलिया का है.
अम्मी बोली- आमिर बेटा, दिलिया तैयार हो रही है, तुम आज दिलिया के पास जाओगे. लेकिन देखो … ज्यादा शोर मत करना.
और चली गयी.
सारा परिवार अब्बा हज़ूर के दोस्त के बच्चों की शादी में दो दिन के लिए बाहर चला गया. सारा की तबियत ठीक नहीं थी. घर में कोई ज्यादा लोग नहीं थे तो नौकरों को छुट्टी दे दी, सिर्फ मेरी एक पर्सनल नौकरानी गुलाबो (जी हाँ वही गुलाबो … अब हवेली पर मेरी पर्सनल नौकरानी) सारा और दिलिया रह गए घर में!
गुलाबो यहाँ कैसे पहुंची यह कहानी फिर कभी!
सारा बोली- आमिर, आज आप दिलिया की साथ सुहागरात मनायें!
मैं दिलिया के कमरे में पहुंचा. पूरा कमरा ताजे फूलों से सजा हुआ था और बेड पर ढेर सारे फूल थे. मेरी नजरें दिलिया को ढूंढ रही थी और मैं बिस्तर पर बैठ गया. तो लगा कि बिस्तर पर फूलों के बीच कोई छुपा हुआ है.
मेरे हाथ को कुछ नर्म नर्म लगा तो कुछ फूल हटाए तो वहां फूलों में छुपी हुई दिलिया का चेहरा नज़र आया. तो मैंने धीरे से उसके ओंठों को चूमा और धीरे धीरे सारे फूल हटाने लगा. फूलों के बीच दिलिया बिना कपड़ों के सिर्फ जेवर पहन के लेटी हुई थी.
फिर मैं अपने मुँह से एक एक फूल हटाने लगा. सबसे पहले मैंने दिलिया के माथे से फूल हटाए और उसके माथे को धीरे से चूमा. फिर आँखों पर से फूल हटाए और आँखों को चूमा तो दिलिया ने आँखें खोल दी. उसकी आँखों में एक शरारत थी और वह मुस्करा रही थी.
मैंने और फूल हटाए और उसके नाक फिर उसको गालों को चूमा. उसका नर्म गाल चूमते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गया और सलामी देने लगा.
मैंने यह तो सोचा था आज दिलिया मिलेगी … पर इस तरह मिलेगी, ये मैंने सपने में भी नहीं सोचा था. मैंने भी सोचा कि चलो अब दिलिया को ऐसे हो प्यार करूंगा. मेरे ऐसे चूमने से दिलिया की साँसें तेज होने लगी.
उसके बाद मैंने उसके मुँह पर से सभी फूल हटा दिए और अपने होंठ दिलिया के होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। वह भी मेरा साथ देने लगी.
फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी. मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा. मैं दिलिया को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते चूमते हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।
जब मैंने अपना मुँह हटाया तो दिलिया ने अपना सर ऊपर उठा लिया जैसे कह रहो हो रुक क्यों गए. तो मैंने उसे एक बार और चूमा और उसके बाद उसकी गर्दन को चूमने लगा. दिलिया अपने हाथ हिलाने लगी और मुझे पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगी. मैंने उसके हाथ पकड़ कर फूलों में छिपा दिए और न में गर्दन को हिलाया.
हम दोनों कुछ नहीं बोल रहे थे. तो दिलिया ने आँखें बंद कर अपनी सहमति दी. तो मैंने उसको होंठों पर एक और किस कर दी. उसके बाद मैंने दिलिया के कंधों से सभी फूल हटा दिए और कंधों को पहले किस किया, फिर गर्दन का पास दाए कंधे को पहले चूसा. वहां निशान पड़ गया और दिलिया के मुँह के आह निकली.
मैंने उसकी आँखों में देखा, उसकी आँखें कह रही थी ‘प्लीज दर्द होता है.’
मैंने जहाँ निशान था, वहां धीरे से किस किया और पूरा दाया कन्धा जीभ से चाट लिया. वाह क्या नमकीन स्वाद था. फिर वैसे ही बायें कंधे को चूमा और चाटा. दिलिया मेरे चूमने से सिहर जाती थी.
उसके बाद मैंने उसके पेट को चूमा और नाभि में अपनी जीभ घुसा दी. दिलिया पानी पानी हो गयी.
उसके बाद दिलिया के सफ़ेद बड़े-बड़े खरबूजे देख कर मेरी तो जुबान रुक गई। जैसे ही फूल हटे दिलिया के आधे नंगे स्तन को देख कर मस्त होने लगा, मेरा लंड टाइट हो गया. मैं उसके बड़े बड़े सफ़ेद मोमे देख कर पागल हो गया जो उत्तेजना से लाल हो रहे थे.
मैंने स्तनों को चूमा पर चूचुक से फूल नहीं हटाया और स्तनों को जीभ से चाटने लगा. मेरे चूमने से उसका सीना सिहरने लगा और दिलिया उत्तेजना में सर इधर उधर करने लगी. वह सिसकारियाँ लेने लगी ‘अह अम्म् ऊऊऊ मम्मम’ और मैंने एक हाथ से उसके दूध पकड़ कर जोर से दबा दिए.
दिलिया की हालात ख़राब हो रही थी. मैं भी पूरा सेक्स में डूब चुका था, मैं अपने हाथ उसके पीछे ले गया और उसकी मुलायम नर्म पीठ को कस कर पकड़ लिया और अपने कपड़े भी उतार कर नंगा हो गया. मेरा लंड तन कर तैयार था.
फिर मैंने दिलिया के हाथ ऊपर उठा दिए और उसकी बगलों को किस लिया और जीभ से चाट लिया. वह सिहर गयी.
फिर मैंने उसकी बाजुओं और फिर हाथों को चूमा और उंगलियों को चाट लिया. फिर मैंने उसके पेट को जहाँ तहाँ चूमा और नाभि पे किस करने के बाद उसकी नाभि में अपनी जीभ घुसेड़ दी. वो गनगना गयी, वो गर्म से गर्मतर हो रही थी.
फिर मैंने उसकी टांगों से फूलों को हटाया और लिक-किस करके हुए पाँव तक पहुंच गया और जहाँ जहाँ के फूल हटाता था वहां किस करता चला गया. वासना से दिलिया की हालत ख़राब हो चुकी थी. मैंने उसे सब जगह चूमा और चाटा परन्तु उसकी चूत और चूचुक तो छुए भी नहीं.
वह तड़प रही थी. फिर दिलिया ने मेरे सर को पकड़ा और मुँह को चूचुकों के पास ले आयी. उसके चूचुक बिल्कुल कड़े होकर ऊपर को उठ गए थे … कह रहे थे हमें भी किस करो, चूसो.
मैंने और तड़पाना ठीक नहीं समझा और मुँह से उसके चूचुक पर पड़ी गुलाब की पंखुरियाँ निगल गया और चूचुक चूसने लगा. उसके चूचुक गुलाबी रंग के थे. मैं दिलिया की चुची पर जानवरों की तरह टूट पड़ा। उसके चूचुक जिन्हें आज तक किसी ने नहीं छुआ था, अब मैं उसके दायें निप्पल को चूस रहा था और काट रहा था। फिर मैंने उसके बायें स्तन को भी फूल हटा कर नंगा कर दिया निप्पल को चूसा और काटा! उसके स्तन एकदम फूल कर सख्त हो गए थे और निप्पल भी कठोर हो ऊपर को तन गए थे।
दिलिया समझ गयी कि अब उसकी चूत की बारी है.
मैंने उसकी टांगों को पूरा खोल दिया और और उसकी कुंवारी चूत को जबान से लिक करने लगा. फिर धीरे धीरे करके मैंने अपनी पूरी जबान को चूत के छेद में डाल दी और अपनी एक उंगली के ऊपर थूक लगा के मैंने उसकी गांड के छेद में पिरो डाली. मेरी नयी दुल्हन के मुँह से ‘इस्स्स्सस …’ निकल गया. मैं आगे से चूत को चाट रहा था और पीछे गांड के छेद को उंगली से चोद रहा था.
चूत की खुशबू और नमकीन स्वाद से बड़े मजे मिल रहे थे मुझे.
और मेरी तीसरी कुंवारी दुल्हन सिसकारी लेती हुई सेक्सी आवाज में बोली- प्लीज … मेरा पिशाब निकलने वाला है, क्या कर रहे है आप?
मैं समझ गया कि उसका लंड खाये बिना ही क्लाइमेक्स होने वाला है.
और फिर अहो होह आह … करते हुए उसका बदन कांपने लगा. जैसे ही वह झड़ी उसने आनन्द में अपनी आँखें बंद कर ली. उसके चेहरे पर परमान्द के भाव थे.
दिलिया की चूत से इतना पानी निकलाकि मेरा पूरा चेहरा गीला हो गया. मैंने मुँह को हटाया नहीं और चूत को पूरी तरह से चाट के सारे पानी को चाट भी गया.
मैं इस तरह उसके जिस्म से करीब एक घंटे खेला.
और तभी सारा की आवाज़ आयी- अरे इसकी चुदाई तो करो!
और मैंने देखा कि दरवाज़ा जो मैंने खुला छोड़ दिया था उस पर सारा और गुलाबो खड़ी हमें देख रही थी.
मैंने उसे डांटा तो दिलिया बोली- देखने दो ना … इनसे क्या शर्म?
सारा बोली- दिलिया देख … अब इसी लंड से तेरी भी चूत फटेगी.
दिलिया तेज़-तेज़ साँसें ले रही थी और पागलों की तरह मुझे चूम रही थी।
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया। अब दिलिया का खुद के ऊपर काबू नहीं रहा था, वो मेरे लोड़े को हिला के बोली- जल्दी से अपना हथियार डाल दो मेरे अंदर! अब मेरे से रहा नहीं जा रहा है.
और दिलिया उत्तेजना में भर बोली- फाड़ दो मेरी चूत एक ही झटके में! इस गुफा की झिल्ली अपने हथियार से चीर कर रख दो! और अपनी कजिन की चूत की धज्जियाँ उड़ा दो. चोद दो पटक कर मुझे! और कसम है आपको कि हम पे कोई भी दया मत करना.
और फिर मैंने उसकी मुलायम झांटों पर अपना लंड टिकाया और फनफनाते हुए लंड से उसकी चूत रगड़ने लगा. दिलिया अपने कूल्हे उछाल उछाल कर मज़े ले रही थी. मैं उसके होंठ चूसने लगा और मैंने अपना औज़ार एक ही झटके में उसकी चूत में दे मारा.
एक हल्की सी रुकावट और फिर फचक की आवाज़ से लंड पूरा जड़ तक मेरी कुंवारी दुल्हन की बुर में समा गया.
और दिलिया की चीख निकल गयी- आईई आहाह आआआआ आईईईई स्स्सस!
मगर गजब की हिम्मत थी उसमें … अपने हाठों में मेरा चेहरा लेकर चूमते हुए बोली- गज़ब किला फ़तेह किया तुमने आमिर … आई लव यू! बहुत दर्द हुआ लेकिन मुझे गर्व है कि मेरी चूत को तुमने एक ही धक्के में ही फाड़ दिया. अब शांत रहो, कोई धक्का मत मारना. और मेरे बदन को चूमो. जब मैं अपने चूतड़ उछालूं तो शताब्दी की स्पीड से चोदना और मेरे झड़ने की परवाह मत करना. मैं पहले ही झड़ चुकी हूँ. मेरी फ़िक्र न करते हुए मस्ती से अपना पूरा रस मेरे अंदर ही डाल देना. मैं आपके बच्चे की माँ आज ही की चुदाई में बनना चाहती हूँ.
यह कामुक कहानी चलती रहेगी.
आपका आमिर
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