अहमदाबाद की सेक्सी भाभी की हवस

नमस्कार मित्रों! आज की यह सेक्स स्टोरी मेरे और मेरे भाई की पड़ोसन अमिता के बीच की है.

करीब दो साल पहले मैं सतना से अपना स्कूल कम्पलीट करके अहमदाबाद भैया के पास आगे की पढ़ाई करने आया था, भैया एक कंपनी में मैनेजर की पोस्ट पर थे और बहुत कम समय मुझे दे पाते थे,
सतना से आते समय कालूपुर रेलवे स्टेशन पर ऑटो वालों से बातचीत करने पर पता चला कि यहाँ की भाभी और आंटी बहुत ही माल और चुदक्कड़ टाइप होती हैं, यहाँ अंकल उन्हें टाइम नहीं दे पाते तो वो लड़कों के साथ समय बिताती हैं.

जब अहमदाबाद मैं घर पहुंचा तो पता चला कि कॉलेज दो दिन बाद से हैं. तो बालकनी में खड़े होकर मैं यही सोचने लगा कि दो दिन क्या करूँ?
तभी मेरी नजर सामने वाली खिड़की पर पड़ी, वहाँ करीब 25-27 साल की लड़की सफाई कर रही थी. उसे देख कर ऐसा लगा जैसे बस एक बार ये मिल जाए तो मजा आ जाये…
उसके उरोज बहुत बड़े थे और जब वह झुक कर सफाई कर रही थी तो उसके शर्ट के गले में से मुझे दिख रहे थे. मैं तो बस उसे देखने में मस्त हो गया.
तभी दिमाग में ख्याल आया क्यों ना इसे पटाने की कोशिश की जाये।

थोड़ी देर तक यही सोचता रहा. तब तक वह नहा कर कपड़े सुखाने बाहर आ गई थी, उसके गीले बालों से पानी उसके उरोजों पर टपकते हुए उसके शर्ट के अंदर से शायद उसकी चूत तक बह रहा था.
एक हाथ में ब्रा पेंटी लिए जब वह बाहर आई तो ऐसा लगा कि कोई अप्सरा हो, मैं तो बस उसे ही देखता रह गया, उसने अपनी ब्रा पेंटी सूखने डाली, तब मैं उसे देख रहा था और ऐसा करते हुए उसने मुझे देख लिया.
मेरी फट गई और मैं अंदर आ गया पर उसे इस रूप में देख कर अपने आप को मुठ मारने से न रोक सका.

शाम को जब भैया आये तो उनके साथ उनके एक दोस्त भी आये. बाद में मुझे पता चला कि ये उसी सामने वाली भाभी के पति ही थे, मेरे भैया और चिराग दोनों एक ही कंपनी में काम करते थे वो मेरे भैया के सीनियर थे.

मेरे आने पर चिराग भैया ने हम दोनों को खाने पर बुलाया. मुझे तो चाहो मन मांगी मुराद मिल गई हो!

चिराग भैया ने मेरा और अपनी पत्नी अमिता का परिचय करवाया और मुझे कहा- अपनी भाभी की मदद कर दिया करो!
तो मैंने हाँ कह दिया।

चिराग और भैया दोनों ऑफिस के काम के चक्कर में दिन भर व्यस्त रहते और मैं और अमिता दिन भर घर में बोर होते रहते।
सुबह अमिता को सफाई करते हुए गांड देखना मेरी आदत बन गई थी.

एक दिन अमिता मेरे को बुलाने आई और बोली- मैं बोर हो रही हूँ!
तो हम लोग आपस में बातें करने लगे.

वो बातों ही बातों पर वो मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछने लगी.
मैंने मना कर दिया कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
तो अमिता कहने लगी- बना लो… नहीं तो ऐसे ही देखते ही रहोगे!
इससे मुझे उसके इरादों पर शक हुआ.

अगले दिन अमिता को नहाने के बाद काली साड़ी और खुले बालों में देख कर मैं अपने आपको मुठ मारने से नहीं रोक पाया, मैंने ध्यान नहीं दिया कि दरवाजा लॉक नहीं है.
इतने में अमिता आ गई, उसने मुझे मुठ मारते हुए देख लिया, वह तुरंत वहाँ से चली गई, मेरी फटी और मैं दो दिन तक उसके घर नहीं गया.

अचानक एक दिन भैया का फ़ोन आया कि अमिता को मेरी कुछ मदद चाहिए तो मैं उनके घर चला जाऊँ.
मैं मना कर ही नहीं सकता था।

जब मैं अमिता के घर पहुंचा तो दरवाजा खुला हुआ था तो मैंने अंदर आकर आवाज लगाई तो उसने कोई जबाब नहीं दिया.
फिर मैंने बेडरूम का दरवाजा खोला तो दंग रह गया, सामने अमिता लाल ब्रा पेंटी पहने तैयार तो रही थी, उसके गोर बदन पर ये कसावटी ब्रा पेंटी गजब लग रहे थे.

मैं उसे देखने में इतना खो गया कि ध्यान ही नहीं रहा कि अमिता ने मुझे देख लिया है पर वो फिर भी ना देखने का नाटक करती रही.
मैंने भी कुछ सोचे बिना उसे पीछे से पकड़ लिया और उसके उरोजों को दबाने लगा, उसकी ब्रा उतार कर उसके दोनों बूब्स दबाने लगा.
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

पहले तो वो दिखावटी मना कर रही थी पर फिर वो सहयोग देने लगी. धीरे से उसकी पेंटी उतार कर मैं उसकी चूत को चाटने लगा, उसकी चूत एकदम लाल और बिना बाल की थी, चूत चाटने से वो झर गई और उसकी चूत का सारा नमकीन पानी मैं पी गया.

फिर उसने मेरा लंड निकाला और मेरे 6 इंच के लवडे को देखते रही, फिर उसे चूसने लगी, उसकी चूसने के अंदाज से मुझे और जोश आ गया और मैंने सारा माल उसके मुँह में छोड़ दिया जिसे वो पी गई.

अब हम एक दूसरे को चूमने लगे, अमिता से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था, वो चिल्लाने लगी- राज बुझा दो मेरी प्यास!
मुझसे भी अब सहन करना मुश्किल था, मैंने भी अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक ही धक्के में आधा लंड उसकी प्यारी सी चूत में भर दिया. कई दिनों से ना चुदी होने के कारण उसकी चूत टाइट थी तो अमिता चिल्लाने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
तो मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और धीरे धीरे उसे चोदता रहा.

चुदाई के दौरान वह एक बार स्खलित हो चुकी थी और अब उसकी चूत से फच फच की आवाज आ रही थी.
मैंने भी तेजी से धक्के लगाना चालू रखा और 18-20 धक्कों के बाद मैं भी झड़ गया।

अमिता ने बताया उसका पति काम में लगे होने के कारण उसकी चुदाई नहीं करता है और आज कई दिनों बाद वो अच्छे से संतुष्ट हुई है.

उसके बाद उसने मुझसे अपनी गांड भी मरवाई और अपने सहेलियों की चूत भी दिलवाई!

कैसी लगी आपको यह सेक्स स्टोरी? जरूर बताइयेगा मुझे!
[email protected]