मेरी सेक्स कहानी का पिछला भाग अकेलापन दूर करने के लिए अम्मी को चुदवाया-1
पिछली कहानी में आपने पढ़ा मैंने परवेज अंकल को घर पर खाना खाने के लिए बुलाया और मेरी अम्मी उन पर मर मिटी थी. वैसे ये सब शुरुआत थी, लेकिन मुझे सब खुशनुमा होने के आसार लग रहे थे।
अब आगे:
फिर अम्मी अपना काम करने अन्दर चली गईं. उसके बाद हम सबने खाना खाया. वहां भी अंकल अम्मी से बहुत हंसी मजाक कर रहे थे. अम्मी बहुत खुश लग रही थीं.
खाना खाते हुए अंकल ने अम्मी से कहा- फातिमा जी, आपने तो बहुत बढ़िया बिरयानी बनायी है. आपके घर के खाने की बात ही कुछ और है.
अम्मी बोलीं- तो आप रोज ही मेरे घर खाना खाने आ जाया कीजिएगा. वैसे भी हम दोनों ही तो होते हैं.
इसके बाद खाना खत्म हुआ और फिर रात 10 बजे अंकल अपने घर चले गए, अब मैं और अम्मी टीवी देखने लगे थे.
अम्मी ने मुझसे कहा- परवेज तो बहुत अच्छे इंसान हैं बेटा.
मैंने कहा- हां अम्मी … अंकल तो मेरी बहुत हेल्प करते हैं. हम दोनों तो दोस्तों जैसे हैं.
अम्मी ने कहा- नहीं … वो आपसे बड़े हैं, आपके अंकल हैं.
हम दोनों कुछ देर बाद सो गए.
अगले दिन कुछ बिरयानी बची हुई थी, तो अम्मी बोलीं- बेटा थोड़ी बिरयानी बची है, परवेज अंकल को दे आओ.
मैंने अम्मी से कहा- अम्मी मुझे कुछ काम है, आप ही चली जाओ.
अम्मी एकदम से मान गईं और अंकल के घर जाने के लिए तैयार हो गईं.
अम्मी ने लेग्गिंग पहनी और एक टी-शर्ट डाल ली. मैंने ये देख कर अंकल को कॉल करके बता दिया कि अंकल अम्मी आ रही हैं, आप तैयार रहना.
जब अम्मी जाने लगीं, तो मैंने कहा- अम्मी, छत से चली जाओ न.
अम्मी बोलीं- नहीं ये ठीक नहीं होगा.
मैंने कहा- अम्मी, मैं भी तो वहीं से जाता हूँ.
अम्मी मेरी बात मान गईं और छत के रास्ते अंकल के घर जाने लगीं.
जब वो अंकल के घर की सीढ़ियों से नीचे गईं, तो अंकल को देखकर अम्मी की आंखें खुली रह गईं. अंकल सोफे पर बैठकर मुठ मार रहे थे. अम्मी वहीं खड़े खड़े सब देख रही थीं. अंकल का मोटा लम्बा लंड देखकर जरूर उनके मुँह में पानी आ गया होगा, तभी अम्मी थोड़ा सीढ़ियों के ऊपर आईं और खांसने की एक्टिंग करके नीचे गईं.
उनकी आहट पाकर अंकल ने अब तक अपना शॉर्ट पहन लिया था. अंकल ने अपने खड़े लंड को बैठाने की कोशिश करते हुए कहा- अरे फातिमा जी आप आज मेरे गरीबखाने में … जहे-नसीब.
अंकल खड़े हुए, तो अंकल के शॉर्ट में तने हुए लंड के कारण तम्बू बन गया था. अम्मी की नजर वहीं टिकी थी.
अम्मी से अंकल ने फिर से कहा- अस्सलाम अलय्कुम.
अंकल की आवाज से उनका ध्यान टूट गया. अम्मी बोलीं- वालेकुम सलाम … मेरे घर बिरयानी बची थी, तो सोचा आपको दे आऊं.
अंकल ने उनके हाथ से डिब्बा ले लिया और उसे सूंघने लगे. अंकल बोले- क्या महक है फातिमा जी … बिरयानी की भी और आपके हाथों की भी.
अम्मी शर्मा गईं और बोलीं- आप ज्यादा ही तारीफ कर रहे हैं.
अंकल ने कहा- जिसकी तारीफ़ करना जरूरी है, उसमें हिचक कैसी.
अम्मी ने घर के चारों तरफ निगाह दौड़ते हुए कहा- इतने बड़े घर में आप अकेले रहते हैं?
तब अंकल बोले- शायद खुदा को यही मंजूर है.
अम्मी बोलीं- ऐसा मत कहिये, अभी तो आप जवान हैं, दूसरी शादी कर लीजिये.
अंकल बोले- शादी तो मैं कर लेता, मगर जो आएगी, वो आप जैसा इतना अच्छा खाना कहां बना पाएगी.
अम्मी शर्मा गईं.
अंकल बोले- फातिमा जी, आप बैठिये, मैं आपके लिए चाय बनाता हूँ.
अंकल खड़े होकर जाने लगे, तब भी उनका लंड पूरा टाइट था. अम्मी की नजर उसी पर जमी थी. अंकल अम्मी के लिए चाय बनाकर लाये और अम्मी और अंकल ने चाय पी. अंकल ने तो बातों ही बातों में अम्मी का मोबाइल नंबर भी ले लिया. अम्मी ने भी बाद खुशी से उन्हें अपना नम्बर दे दिया.
उस दिन अम्मी के अंकल की चुदाई की नींव रख दी गई थी. अम्मी कुछ देर बाद अंकल के लंड को निहारते हुए वापस आ गईं.
अब तो अंकल अम्मी के साथ व्हाट्सैप पर भी बातें करने लगे थे. यहां तक कि अंकल अम्मी के साथ हल्के फुल्के नॉनवेज मैसेज भी शेयर करने लगे थे. अम्मी भी अंकल के साथ बहुत टाइम स्पेंड करने लगी थीं. अंकल का बस उन्हें चोदना बाकी रह गया था.
अब अम्मी और अंकल रात के खाने के बाद छत पर टहलने भी लगे थे.
एक रात अंकल और अम्मी रात को टहल रहे थे, तभी अम्मी जैसे ही नीचे जाने लगीं, अंकल ने उनका हाथ पकड़ लिया.
अम्मी ने देखा और बोला- क्या हुआ परवेज जी?
अंकल बोले- फातिमा जी, मैं इतने दिनों से आपसे बात कर रहा हूँ, मुझे आपके साथ बहुत अच्छा लगता है.
अम्मी भी बोलीं- हां, मुझे भी आपके साथ टाइम का पता ही नहीं चलता है.
अंकल ने अम्मी की आंखों में देखा और उनकी कमर पर हाथ रख दिया. अंकल ने कहा- फातिमा जी, मैं आपको बहुत पसंद करने लगा हूँ.
उनका हाथ अम्मी ने हटा दिया और वो नीचे जाने लगीं. तभी अंकल बोले- मैं सच में आपसे बहुत प्यार करता हूँ और आज पूरी रात में आपका यहीं छत पर आपका इंतजार करूंगा.
अम्मी ये बात सुनकर लजा गईं और नीचे आ गईं.
अंकल ने मुझे सारी बात फोन पर बता दी. तब तक अम्मी नीचे आ गईं.
अब मैं और अम्मी टीवी देखने लगे. अम्मी की सांसें धौंकनी सी चल रही थीं.
मैंने कहा- आप अंकल के साथ टहल रही थीं, अंकल चले गए क्या?
अम्मी ने कुछ सोचा और कहा- हां वो चले गए … चलो अब सोते हैं. तुझे सुबह कॉलेज नहीं जाना है क्या?
मैं अम्मी की बात सुनकर बोला- हां मुझे सुबह जल्दी भी जाना है. मैं सोने जा रहा हूँ.
यह कह कर मैं अपने कमरे में चला गया. उसके बाद अम्मी अपने कमरे में चली गईं. उनके कमरे में जाते ही मैं कमरे से बाहर आकर उनके कमरे में छुप कर देखने लगा. मुझे अम्मी आज काफी बेचैन लग रही थीं.
तभी उन्होंने अंकल को कॉल की- देखिए परवेज जी, जो आप चाहते हैं, वो नहीं हो सकता है.
अंकल बोले- फिर आज मैं सारी रात यहीं बैठा रहूँगा, चाहे इस ठंड में मैं बीमार ही क्यों न हो जाऊं.
अम्मी ने कॉल काट दिया और लेट गईं. मगर वे करवटें बदल रही थीं. मुझे लगा शायद अम्मी नहीं मानेंगी. मगर मैं गलत साबित हुआ.
रात 12 बजे अम्मी मेरे रूम में आईं. मैं सोने की एक्टिंग करने लगा. मुझे सोता देख कर अम्मी छत पर चली गईं.
वहां अंकल खड़े हुए थे.
अम्मी बोलीं- परवेज जी, आप समझते क्यों नहीं?
अंकल बोले- फातिमा जी हम दोनों ही अकेले हैं, मेरी वाइफ दूसरी शादी कर चुकी है और आपके हस्बैंड भी मज़े कर रहे हैं … तो आप क्यों डरती हैं.
अम्मी बोलीं- मेरा एक जवान बेटा है, वो क्या सोचेगा?
अंकल बोले- वो मेरा भी बेटा है, मैं उसे किसी चीज की कमी नहीं होने दूंगा.
अंकल ने ये कहते हुए अम्मी की कमर में हाथ डाल कर उनको अपने से चिपटा लिया.
अम्मी बोलीं- परवेज जी छोड़ दीजिये, कोई देख लेगा.
अंकल ने अम्मी के होंठों को अपने होंठों में पकड़ लिया और एक बहुत जबरदस्त किस कर दिया. अम्मी ने अंकल को दूर किया, मगर वो नहीं माने. उन्होंने फिर से अम्मी को किस किया.
अम्मी बोलीं- परवेज जी, हमारा ये रिश्ता किसी को पता नहीं चलना चाहिए.
ये बात सुनकर तो अंकल की ख़ुशी का कोई जवाब ही नहीं रहा. इस बार अम्मी ने उन्हें किस किया.
उस ठंडी रात में भी दो लोगों की गर्मी बढ़ा दी थी. अंकल ने अम्मी को गोदी में उठाया और अपने घर ले जाने लगे.
अम्मी ने उन्हें कहा- आपके नहीं, मेरे रूम में चलते हैं.
अंकल उन्हें लेके नीचे आने लगे, तभी मैं रूम में सोने की एक्टिंग करने लगा.
अम्मी एक बार फिर से मुझे देखने आईं. फिर अम्मी अंकल को लेकर अपने रूम में चली गईं. रूम में जाते ही अंकल ने अम्मी को किस करना शुरू कर दिया. उस बार अम्मी ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी. अंकल के हाथ अम्मी के मम्मों पर थे और वो उन्हें बेदर्दी से मसल रहे थे.
अम्मी आंखें बंद किए हुए अपने मम्मों पर अंकल के हाथों का मज़ा ले रही थीं.
अंकल ने अम्मी की टी-शर्ट उतार दी. अम्मी सिर्फ ब्रा और लैगी में थीं. कितना सेक्सी फिगर था अम्मी का … और उनकी लैगी भी उनकी नाभि से नीचे थी. उनकी सेक्सी नाभि देखकर तो मेरा भी लंड खड़ा हो गया था.
तभी अम्मी ने भी अंकल की टी-शर्ट उतार दी. अंकल की सेक्सी बॉडी अम्मी के सामने थी. अम्मी अंकल के सीने पर किस करने लगीं और उनकी घुंडियों को काटने लगीं. अंकल को भी बहुत मज़ा आ रहा था. तभी अंकल ने अम्मी को बेड पर गिरा दिया और उनके गले से लेकर उनकी कमर तक पूरी जगह चाटने लगे.
अम्मी पूरी गर्म हो गयी थीं. अंकल ने अम्मी की लैगी को भी उतार दिया. नीचे अम्मी ने ब्लैक पेंटी पहनी हुई थी. गोरे जिस्म पर काली पेंटी क्या गजब लग रही थी. अम्मी ब्लैक ब्रा और पेंटी में एक पोर्न स्टार लग रही थीं.
तभी अंकल पेंटी के ऊपर से ही उनकी चुत रगड़ने लगे. अम्मी अंकल का हाथ हटा रही थीं, शायद वो ज्यादा ही गर्म हो गयी थीं. अंकल ने अम्मी की पेंटी को एक साइड किया और अम्मी की चिकनी बिना बालों की चूत साफ़ दिखने लगी. अम्मी की चूत काफी गीली लग रही थी.
तभी अंकल ने अपनी जीभ उनकी चूत के दाने पर लगा दी. अम्मी तो जैसे पूरी तड़प उठीं. अंकल अम्मी की चूत चाटने लगे. फिर अंकल ने अपनी दो उंगलियां अम्मी की चूत में डाल दीं और हल्के हल्के सहलाने लगे. मैं समझ गया कि अंकल अम्मी का जी-स्पॉट सहला रहे हैं.
मैंने देखा कि कुछ ही पलों में अम्मी पूरी अकड़ सी गयी थीं और उनके मुँह से बेकाबू कामुक ‘इसस्स..’ की आवाज निकल रहा था. बमुश्किल दस सेकंड में अम्मी की चूत का पानी निकल गया.
अंकल चूत के पानी को चाटने लगे. वे पूरा पानी चाटने के बाद भी मेरी अम्मी की प्यासी चूत को चाटते रहे.
कोई मिनट बाद अम्मी उठ गईं. वो अंकल को किस करने लगीं. अब मेरी अम्मी ने अंकल को धक्का देकर लिटा दिया. अंकल का लंड पूरा टाइट खड़ा था. अम्मी ने अंकल का लोअर और अंडरवियर उतार दिया.
अब अम्मी के सामने अंकल का एक अजगर जैसा लंड फन फैलाए खड़ा था. अम्मी लंड देखकर बहुत खुश लग रही थीं.
अंकल- कैसा है फातिमा जी?
अम्मी बोलीं- आज से सिर्फ फातिमा कहो … और आपका लंड बहुत अच्छा है.
अम्मी अंकल का लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं. अंकल भी उनका उनका मुँह चोदने में लगे थे. दो मिनट बाद अंकल उठे और अम्मी के ऊपर चढ़ गए. अंकल ने उनकी ब्रा को खींच कर फाड़ दिया. अम्मी के चूचे तो जैसे दूध में नहाये हुए थे, बहुत ही गोरे और मोटे चुचे थे.
अंकल ने अपने लंड को अम्मी के मम्मों के बीच में रखा और उनके मम्मों की चुदाई करने लगे. अंकल का लंड अम्मी के मुँह तक आ रहा था. वो बार बार अम्मी के जीभ से टच होता था.
कोई दो तीन मिनट चूचे चुदवाने के बाद अम्मी गर्म होकर बोलीं- परवेज … अब डाल भी दो अन्दर … बहुत टाइम से इस चूत में लंड नहीं गया है.
अंकल ने अम्मी की चूत पर थोड़ा थूक लगाया और हल्के हल्के से अपने लंड अम्मी की चूत में उतार दिया. अम्मी की आंखें मज़े से बंद थीं, वो अंकल के लंड की एक एक इंच को महसूस कर रही थीं.
तभी शायद अंकल ने धक्का थोड़ा तेज मार दिया, जिससे अम्मी की चीख निकल गयी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… थोड़ा आराम से परवेज.
अंकल थोड़ा रुक गए, फिर हल्के हल्के पूरा लंड अम्मी की चूत में चला गया. पूरा लंड पेलने के बाद अंकल ने अम्मी की चूची मुँह में दबाई और लंड के धक्के लगाना शुरू कर दिए. वे अम्मी की चूचियां मसलने लगे.
अम्मी तो जैसे जन्नत में थीं. अंकल के धक्कों की फट फट आवाज आ रही थी. अम्मी के मुँह से मज़े से ‘आहहा..’ आ रही थी.
फिर अम्मी ने अंकल का लंड बाहर निकाल दिया. उन्होंने अंकल को बेड पर लेटने को कहा और खुद उनके लंड पकड़ कर ऊपर बैठ गईं. अंकल का पूरा लंड अम्मी की चूत में समा गया. अम्मी अब ऊपर नीचे होने लगीं, अंकल का लंड पूरा गीला हो गया था. अम्मी की चूत के पानी से चिकनाहट काफी हो गई थी.
अंकल ने अम्मी की गांड पकड़ ली और उनको ऊपर नीचे करने लगे. अम्मी को चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा था.
अम्मी तो अब तक झड़ चुकी थीं मगर अंकल अभी भी चुदाई कर रहे थे. तभी अंकल ने अम्मी को कुतिया बना दिया और पीछे से उनकी चूत में लंड डाल दिया. अब मेरी अम्मी के बड़े चूचे लटक रहे थे. अंकल चुदाई करते हुए उन्हें बहुत जोर से दबा रहे थे. अम्मी अपनी आवाज दबाने की कोशिश कर रही थीं.
तभी अंकल ने अपने धक्के तेज कर दिए. शायद उनका भी पानी निकलने को हो गया था. दो तीन तेज शॉट मारते हुए अंकल झड़ गए.
फिर अंकल ने अपने लंड को बाहर निकाला. उनका पूरा लंड अम्मी की चूत के पानी और उनके माल से सना हुआ था. अम्मी ने उनका लंड चाट कर साफ़ कर दिया. अम्मी की चूत से अंकल का माल निकल रहा था. अम्मी और अंकल साथ में नंगे लेट गए.
अम्मी अंकल से बोलीं- आपने तो मेरी ब्रा ही फाड़ दी, ये ब्रा उस्मान के पापा ने दी थी.
तभी अंकल बोले- फातिमा आज से तुम मेरी हो … और मैं इससे से भी अच्छी ब्रा ला दूंगा.
अम्मी मुस्कुरा दीं.
अंकल बोले- फातिमा तुम संतुष्ट हुई कि नहीं?
अम्मी बोलीं- मैं बहुत खुश हूँ परवेज.
रात के 1.30 बज रहा था और अंकल और अम्मी मज़े कर रहे थे. ये देखकर मैं बहुत खुश था.
तभी अंकल बोले- एक राउंड और हो जाए?
अम्मी बोलीं- परवेज, मैं आज से आपकी हूँ … आप जितना करना चाहो, उतना प्यार कर सकते हो.
अम्मी ने अंकल का लंड मुँह में ले लिया और अंकल ने कहा- चलो मैं तुम्हारी चूत चाटूँगा, तुम मेरा लंड चूसो.
दोनों 69 के पोज़ में आ गए.
अंकल का दूसरा राउंड रात 2.30 बजे खत्म हुआ. मैं भी वह खड़े खड़े थक गया था और वहीं तीन बार मुट्ठी भी मार चुका था. मुठ मारने के बाद नींद आती है … तो मैं अपने रूम में जाकर सो गया.
सुबह 8 बजे मेरी नींद खुली, तो मैंने सबसे पहले बाहर जाकर देखा कि अम्मी और अंकल हैं या नहीं.
अम्मी किचन में काम कर रही थीं और वो बहुत खुश लग रही थीं.
मैं तैयार होकर अंकल के पास गया. अंकल सो रहे थे. मैंने उनको उठाया. मैंने कहा- कैसा लगा अम्मी के साथ?
अंकल बोले- जितना मैंने सोचा था, उससे भी ज्यादा गर्म है तेरी अम्मी. अभी सुबह भी एक राउंड करके आया हूँ.
अंकल की पीठ और सीने पर अम्मी के काटने और नाखूनों के निशान थे.
अंकल बोले- अभी तेरी अम्मी आने वाली है, वो मेरे लिए नाश्ता लेकर आएगी.
मैंने कहा- ठीक है अंकल आप मज़ा करो … मगर मुझे सब देखना है. अभी तो मैं कॉलेज जाऊंगा, जब तक आऊंगा, तब तक तो आप सब कर लोगे.
अंकल बोले- फिर?
मैंने कहा- आप कैमरे में रिकॉर्ड कर लेना, मैं बाद में आकर देख लूँगा.
दोस्तो, यह सिर्फ शुरुआत थी. इसके बाद तो जो जो हुआ, वो भी मैं आपको अपनी इस हिंदी सेक्स स्टोरी में सुनाऊंगा. अगर आपको मेरी सेक्स स्टोरी मजेदार लगी हो, तो आप सविता जी को मेल कर सकते हैं. उनकी ईमेल नीचे दी गयी. सेक्स स्टोरी पढ़ने के लिए थैंक्स.
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