यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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इस बार मैंने पायल की चूत में अपनी एक उंगली घुसेड़ दी थी जिसके कारण उसकी एक आह्ह निकल पड़ी थी।
एक दर्द भरी सिसकारी उसके मुँह से निकल पड़ी लेकिन मैंने उंगली निकाली नहीं.. धीरे-धीरे मेरी उंगली अन्दर-बाहर होने लगी।
उसके बदन में सिहरन होने लगी.. वो भी उसी स्पीड से मेरे लण्ड को हिलाने लगी।
दोनों ही चरम पर थे और कुछ ही पल में दोनों ने एक साथ जोर से ‘ओह्ह्ह..’ की आवाज़ के साथ अपने चरम को पा लिया।
जहाँ एक तरफ पायल निढाल हो कर मेरी बाँहों में झूल गई.. वहीं मेरे लण्ड का रस उसके हाथों में फ़ैल गया.. जिसको देख कर वो आश्चर्य से मेरी तरफ देखने लगी.. पर मैं भी अभी उसको समझने की हालत में नहीं था।
फिर दोनों ही शॉवर लेकर एक-दूसरे का बदन पोंछते हुए बाहर आ गए।
हम अभी भी नग्न अवस्था में थे
मैंने बैग से गिफ्ट निकाल कर उसको दे दिया। उसने एक बार मेरी तरफ देखा.. मैं बस मुस्कुरा दिया। उसने पैकेट को खोल कर देखा। जैसे ही उसने ब्रा और पैंटी एवं नाइटी देखी.. उसके चेहरे का रंग बदल गया।
पायल- राहुल ये क्या है?
मैं- गिफ्ट है..
पायल- वो मैं जानती हूँ.. पर ऐसा गिफ्ट..
मैं- एक बॉयफ्रेंड का गिफ्ट ऐसा ही होता है वेरी पर्सनल।
पायल- पर..
मैं- पर-वर नहीं.. पहन कर दिखाओ न..
पायल- राहुल, तुम्हारे सामने मैं इसको पहनूँ?
मैं- और क्या अब भी हम दोनों के बीच कोई सीक्रेट बचा है?
पायल- वो तो है.. पर तुम्हारे सामने नहीं पहन सकती.. तुम टॉयलेट में जाओ.. तब मैं पहनूंगी।
मैं- ओके ठीक है मैं जाता हूँ।
पायल- और जब तक मैं न बुलाऊँ.. आना मत।
थोड़ी देर बाद पायल की आवाज़ आई- राहुल.. आ जाओ..
मैं बाहर आया तो देखा वो बिस्तर के पास खड़ी थी। मेरे मुँह से एकदम से निकल गया- अह्ह्ह वाओ..
मेरी आवाज़ को सुन कर वो चौंक गई.. उसने मेरी तरफ देखा और शर्म से आँखें झुका लीं।
हाय मैं मर जावां.. कितनी खूबसूरत लग रही थी वो.. ब्लैक नाइटी में अन्दर दिखती उसकी लाल ब्रा और पैंटी और गोरा स्वच्छ.. निर्मल और बेदाग बदन… उसकी उठी हुई चूचियां.. हल्की उभरी हुई गाण्ड.. कमरे की दूधिया रोशनी में उसका दमकता हुस्न.. मेरा लण्ड तो तुरंत खड़ा हो गया।
मैं उससे थोड़ी दूर पर रुक गया और जी भर के उसके जिस्म का दीदार करने लगा। उसके मासल चूतड़ जो नाईटी से छिप नहीं पा रहे थे.. गोरी-गोरी जाँघें.. माँसल बाँहें.. झीनी नईटी से दिखता उसका गोरा पेट और नाभि.. उफ़ क़यामत लग रही थी वो.. जितना लिखूँ उसके सौन्दर्य पर.. वो कम है।
एक बात और.. पायल इस ड्रेस में जरा शर्म से सिमटी सी लग रही थी, शायद उसने ऐसी ड्रेस कभी नहीं पहनी थी।
वो बार-बार मेरी तरफ देख कर शर्माती सी आँखों को नीचे कर लेती।
मैंने आगे बढ़ कर उसकी कन्धों पर हाथ रखा तो वो काँप सी गई।
मैं- पायल तुम बहुत सुन्दर हो.. आज तक मैंने ऐसी सुंदरता नहीं देखी।
पायल- राहुल मुझे बहुत अजीब सा लग रहा है.. मैंने ऐसी ड्रेस न कभी देखी और न कभी पहनी है।
मैं- मेरी जान.. तुम इस ड्रेस में बहुत खूबसूरत लग रही हो।
ये कह कर उसको बाँहों में भर कर उसके माथे पर एक हल्का चुम्बन कर दिया। उसके हाथ पकड़ कर शीशे के सामने ले गया और कहा- देखो कितनी सेक्सी लग रही हो।
पायल ने शीशे में देख कर शर्मा कर आँख बंद कर लीं।
उसने फिर से आँख खोलीं और उसका बदन और मेरा नग्न बदन एक साथ बहुत अच्छा लग रहा था।
पायल- राहुल यू आर अ वंडरफुल लवर.. आई लव यू..
उसने काँप कर मुझको कस कर पकड़ कर मेरे सीने पर सर रख दिया, उसने एक तरह से समर्पण कर दिया था।
अब मुझे अहसास हो गया कि वो भी दिल से दिमाग से अपने पहले सम्भोग के लिए राजी है, मैंने उसको गोद में उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया।
पायल- राहुल लाइट बंद कर दो.. मुझे शर्म आ रही है।
मैं- नहीं जान.. आज हमारी सबसे महत्पूर्ण रात है.. और इस रात को इस रात के हर पल को मैं तुम्हारे साथ यादगार बनाते हुए अपनी आँखों में बसा लेना चाहता हूँ।
यह कह कर मैंने उसके कुछ कहने के पहली अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर चुम्बन करना शुरू कर दिया।
पायल ने थोड़ी देर में मेरे चुम्बन जवाब चुम्बन से देना शुरू कर दिया।
धीरे-धीरे मैं उसके पूरा ऊपर आ गया और हम दोनों के बीच जबरदस्त चुम्बन का दौर शुरू हो गया। मैं कभी निचला तो कभी ऊपर वाला होंठ चूसता.. पायल भी मेरा साथ दे रही थी।
नाइटी के अन्दर से उसका गोरा बदन दिख रहा था। उसके गले के आस-पास के खुले हिस्से को मैं चूम रहा था.. जोर-जोर से चाट रहा था।
पायल के बाँहें मेरे चारों तरफ लिपटी थीं, वो कस के कभी मेरी नग्न पीठ सहलाती.. कभी बालों को.. तो कभी कंधे पर चूमती और उत्तेजनावश वो मेरे कन्धों को चूमते हुए कभी जोर से काट ले रही थी।
उसकी ‘ओह्ह राहुल.. अआउफ्फ्फ.. राहुल आउच..’ जैसी आवाजें मुझको उत्तेजित कर रही थीं।
मेरे हाथ अब उसकी नाइटी के अन्दर जाकर उसके चिकने माँसल यौवन का स्पर्श कर रहे थे।
मैंने उसकी नाइटी उतार दी और अब वो सिर्फ और सिर्फ ब्रा पैन्टी में थी।
उजले बदन पर लाल ब्रा और पैंटी कितनी मादक लगती है.. ये बात वो ही समझ सकते हैं.. जिन्होंने ऐसा देखा होगा।
मैंने फिर से ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों को चूसना चालू कर दिया।
‘ओह्ह राआहलललल.. धीरे से करो न.. दर्द होता है..’
मैं- पायल इसी दर्द में मज़ा भी है।
पायल- हाँ बहुत अच्छा लगता है.. जब तुम जोर से करते हो.. उफ्फ्फ्फ़ मैंने ऐसा कभी नहीं महसूस किया.. आज तुमने मेरे ऊपर जादू सा कर दिया है।
मेरा दूसरा हाथ उसकी जांघों को सहलाता हुआ पैंटी पर आ कर रुक गया।
पायल ने अपनी जांघें जोर से भींच लीं और मेरा हाथ पकड़ लिया- राहुल प्लीज वहाँ नहीं..
मैं- क्यों अब क्या हुआ?
पायल- नहीं मुझे डर लगता है।
मैं- डरो मत पायल.. तुमको अच्छा लगेगा.. मुझे पता है तुम्हारा भी मन है।
पायल- नहीं, मैं सेक्स नहीं करूँगी.. मैंने कभी भी नहीं किया है और तुम्हारा बहुत बड़ा है बहुत दर्द होगा।
मैं- पायल मैंने भी कभी नहीं किया है.. और दर्द तो कभी न कभी तो होगा.. तो उससे डरना क्या.. तुम मेरा प्यार हो तुमको मैं कैसे दर्द दे सकता हूँ.. मैं बहुत प्यार से करूँगा और यदि बहुत दर्द हुआ तो नहीं करूँगा.. बोलो?
पायल- नहीं राहुल मैं सेक्स नहीं करूँगी.. सिर्फ वही करेंगे जो सुबह किया था।
मैं- ओके जैसा तुम कहो.. मैं अपने प्यार की कोई भी बात से सहमत हूँ.. बगैर तेरी मर्ज़ी से मैं अन्दर नहीं डालूंगा वादा है मेरा.. अपनी पायल से जब तक तुम नहीं कहोगी.. तब तक हम तुम्हारे अन्दर नहीं आएंगे।
पायल मेरी बात सुन के खुश हो कर मुझे यहाँ वहाँ चूमने लगी- राहुल, तुम कितने अच्छे हो.. तुमसे प्यार करके मैंने कोई गलती नहीं की.. तुम मेरा कितना ख्याल रखते हो..
मैं- अब तो मेरे को वहाँ टच करने दो..
पायल से अपनी टाँगें खोल कर मुझे इजाजत दे दी।
मैंने भी सोच लिया कि कब तक मेरे लण्ड से दूर रहेगी.. इतना तड़पा दूंगा कि खुद ही चूत खोल कर मेरा लण्ड ले लेगी।
मैंने अब उसकी ब्रा और पैंटी उतार कर उसको बिल्कुल नग्न कर दिया।
बल्ब उजाले में उसका उजला गुलाबी बदन दमक रहा था।
मैंने उसकी चूची को मुँह में भर लिया और उसको चूसने लगा, कमरे में सिसकारियों का मधुर संगीत फिर से गूंजने लगा ‘ओऊह्ह्ह.. ह्ह्ह्ह.. ईईई..’
काफी देर तक मैंने उसकी दोनों चूचियों को चूस-चूस कर लाल कर दिया। मैं कभी उसकी चूची को दांत से काटता.. कभी अंगूठे उसके चूचक मसल देता।
हर बार पायल की चीख निकल जाती ‘अहहा हहुउऊउ.. आअहहुउ. उफ़ राहुल धीरे से.. ओह्ह काटो मत.. दर्द होता है.. आह्ह.. अच्छा लग रहा है.. ओह्ह धीरे ओह्ह.. उफ़ आउच राहुल राहुल.. बस करो न.. कितना प्यार करोगे..’
करीब 15-20 मिनट्स तक खूब चूस कर मैं नीचे के तरफ बढ़ा।
मेरी जीभ उसके बदन को चाटते हुए उसकी गहरी नाभि पर आकर रुक गई, मेरी जीभ उसकी नाभि की गहराई में जाकर गोल-गोल घूमने लगी।
पायल ने कंपकंपाते हुए अपने चूतड़ ऊपर उठा लिए.. मेरे बालों को उसने जोर से खींच लिया।
मेरे मुँह से दर्द भरी सिसकारी निकल गई- अह्ह्ह्ह्ह्.. अह्ह्ह्ह..
नीचे आकर मैं उसकी माँसल जांघों को चाटने लगा। पायल की चूत के आस-पास की सब जगह को चाट रहा था.. पर उसकी चूत को नहीं छू रहा था और पायल बार-बार अपनी चूत को ऊपर उठा रही थी।
उसकी चूत बहुत गीली हो रही थी, चूत रस निकल कर बह रहा था। उसकी दोनों टांगों को और खोल कर देखा और चूत के आस-पास के जिस्म को मैं चाटने लगा।
तभी पायल ने मेरा लण्ड अपने हाथों में ले लिया और वो उसको सहलाने लगी।
पायल की सिसकारियों ने मुझको इतना उत्तेजित कर दिया था कि मुझको लगा कि मेरा माल निकल जाएगा।
मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया और पायल की तरफ देखा, वो मेरा मतलब समझ गई।
दोस्तो, कुंवारी लड़की बहुत जल्दी सीख जाती है।
वो मेरे ऊपर आ कर मेरे होंठों को चूसने लगी.. कभी गर्दन और कभी कन्धों पर अपने दांत गड़ा देती।
मेरे मुँह से दर्द भरी आवाज़ निकल जाती ‘आईईईइ.. आउच..’ मेरे भी हाथ उसके चूतड़ पर कस जाते.. और मैं जोर से दबा देता।
इस हरकत में मेरा लण्ड उसकी बुर से सट जाता और पायल भी कांप जाती। धीरे-धीरे वो नीचे आई और मेरा लण्ड हाथ में पकड़ कर सहलाने लगी और फिर मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखा।
मैं बेचारा तड़प रहा था कि कब वो मेरा लण्ड चूसे… तभी उसने मेरे लौड़े के टोपे पर चुम्बन किया।
‘अह्ह्ह्ह आह्ह्ह..’ क्या अनुभूति थी।
अब वो मेरा पूरा लण्ड.. एक झटके से मुँह में लेकर चूसने लगी।
‘अह्ह्ह.. उफ्फ्फ आह अहह.. ओह्ह पायल.. तुम कितनी अच्छी हो.. चूसो मेरी जान.. हाँ ऐसे ही ओह्ह उफ्फ्फ.. अच्छा लग रहा पायल.. और जोर से..’
मेरा लण्ड पूरा उसके मुँह में नहीं जा रहा था.. फिर भी वो पूरी शिद्दत से उसको चूस रही थी, कभी चमड़ी पीछे करके अपनी जीभ मेरे सुपारे के चारों तरफ घुमाती.. और मेरी सिसकारी निकल जाती।
दोस्तो, इस बार पायल ने मेरे लौड़े को अपने मुँह में स्थान दे दिया है और मुझे पूरा विश्वास है कि इसका स्वाद पाकर वो जल्द ही अपनी चूत में भी मेरे लवड़े को जगह दे देगी।
आप मुझे ईमेल लिखना न भूलें।
कहानी जारी है।
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