यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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उसके बाद सुहास बेड पर लेट गया. उसका लंड अब मुरझा चुका था.
मैंने उसके लंड को फिर से मुँह में लिया और चूसना शुरू कर दिया. मैंने उसके लंड को पूरा मुँह में लेकर चूसा. जब उसका पूरा लंड मेरे मुँह में था, उस समय वो भी मेरे बालों को पकड़ कर मेरे मुँह में लंड पेले जा रहा था.
कुछ देर चूसने के बाद सुहास का लंड फिर से खड़ा हो गया. सुहास ने मुझे फिर से बेड पर लेटा दिया और मेरी चुत पर अपना लंड सैट करके मेरी चुत में अपना लंड डालने लगा. दो झटके में सुहास का लंड मेरी चुत में आ चुका था. फिर सुहास ने झटके मारना शुरू कर दिए थे.
कुछ देर तक पैसेंजर ट्रेन चलाने के बाद सुहास ने मुझे राजधानी एक्प्रेस की चोदना चालू कर दिया था. मैं उसकी गहरी और असरदार चोटों से काँप उठी थी. उसका लंड मेरे गर्भाशय तक प्रहार कर रहा था.
“आह सुहास धीरे … सुहास … मुझे दर्द हो रहा है … सुहास आह आह बेबी धीरे धीरे … आह सुहास मेरी जान मुझे चोद दो.”
सुहास मुझे पूरी रफ्तार से चोदे जा रहा था. उसने मेरी एक टांग अपने कंधे पर रख ली और अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी.
कुछ देर बाद मुझे सुहास के लंड से मजा आने लगा था. आधा घंटे तक और चोदने के बाद सुहास और मैं एक साथ ही झड़ गए. सुहास ने अपना वीर्य मेरी चुत में ही निकाल दिया था. सुहास और मैं जोर जोर से हांफ रहे थे. हमारी सांसें फूल रही थीं. कोई दस मिनट बाद हमारी सांसें शांत हुईं.
उसकी बाद सुहास ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया और लंड चूसने को बोला. मैंने उसके लंड की चुसाई फिर से शुरू कर दी थी. मैं उसके लंड को पूरा अन्दर ले रही थी. सुहास भी मेरा पूरा साथ दे रहा था. मुझे सुहास का लंड बहुत अच्छा लग रहा था. कुछ देर तक लंड चुसवाने के बाद सुहास बेड पर लेट गया और उसने मुझे अपने ऊपर बैठा लिया.
मैंने सुहास का लंड अपने हाथ में लिया और पहले के जैसे अपनी चुत पर सैट करके धच से उसके लंड पर बैठ गयी.
सुहास का पूरा लंड मेरी चुत में उतर चुका था. अब मैं सुहास के लंड पर बैठ कर उछलने लगी थी. मैं अपने दोनों हाथों से अपनी गांड को उठा रही थी और सुहास के लंड पर जोर जोर से उछल रही थी.
मेरे कंठ से मदमस्त आवाजें निकल रही थीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… सुहास … तेरा लंड मेरी बच्चेदानी तक जा रहा है … मेरे दूध चूसो भोसड़ी के … आह आह बेबी मुझे चोदो.
सुहास मेरे दूध दबाने लगा और मुझे अपनी छाती पर खींच कर मेरे चूचुकों को निचोड़ने लगा. दो मिनट बाद मैं सीधे होकर उसके लंड पर और जोर से उछलने लगी थी. मेरे चूचे हवा में बहुत जोर जोर से उछल रहे थे. मुझे चुदने में बहुत मजा आ रहा था. सुहास का पूरा 9 इंच का लंड मेरी चुत में अन्दर तक धक्के मार रहा था. सुहास को भी बहुत मजा आ रहा था.
लगभग पौन घंटा सुहास के लंड पर उछलने के बाद मैं झड़ने वाली थी. मैंने अपनी स्पीड और तेज कर दी थी. कुछ देर बाद में सुहास के लंड पर झड़ने लगी. मैं सुहास के लंड पर बैठ गयी, पर सुहास नहीं झड़ा था. उसने मुझे पकड़ कर नीचे से लंड के झटके मारना शुरू कर दिए.
मैं सुहास पर चिल्ला रही थी, पर सुहास नहीं रुक रहा था. मेरी आंखों से पानी आने लगा था. मैं आहें भर रही थी- बेबी धीरे बेबी धीरे आह बेबी धीरे धीरे आह सुहास बेबी धीरे आह …
कुछ देर और चोदने के बाद सुहास भी झड़ने लगा. अब हम दोनों झड़ चुके थे सुहास और मैं बेड पर लेट गए. सुहास की ताकत से मैं चकित थी. वो अभी भी नहीं थका था. कुछ ही देर में सुहास फिर से मेरे ऊपर छा गया और मुझे गर्म करने लगा. सुहास मेरे मम्मों को चूस रहा था और दबा रहा था. मैं आहें भर रही थी.
कुछ देर बाद मैं भी गर्म हो चुकी थी सुहास भी यह बात समझ गया था.
इस बार उसने टेबल पर रखी वाइन की बोतल को उठा कर खोला और मेरे मुँह से लगा दी.
वाइन का मस्त स्वाद मुझे तरंगित कर गया. मानो एक नया जोश सा मिल गया हो. अगला घूंट सुहास ने भरा और मेरे मुँह से मुँह लगा दिया. हम दोनों एक दूसरे को पिलाने लगे. दस मिनट बाद सुहास ने मुझे घोड़ी बना दिया. मुझे पता था कि सुहास अब मेरी गांड मारेगा.
यही हुआ … सुहास ने अपना लंड मेरी गांड पर रखा और 2 झटकों में पूरा लंड अन्दर पेल दिया. मेरी तो चीख निकल गयी ‘आह सुहास धीरे बेबी!’
सुहास ने धक्के मारने शुरू कर दिए थे. वो मेरी गांड को चोदने लगा था. मैंने भी उसे गालियां बकते हुए चिल्लाना शुरू कर दिया- आह सुहास मादरचोद … साले गांड फाड़ कर ही दम लेगा क्या. आह सुहास कमीने … आह मर गई … भोसड़ी के … धीरे बेबी धीरे बेबी.
लेकिन सुहास मुझे चोदे जा रहा था. उस पर मेरी चिल्लपौं का कोई असर नहीं हो रहा था. सुहास कोई 30-40 मिनट मुझे लगातार चोदता रहा. मेरी गांड में बहुत दर्द हो चुका था. मैं अपनी चुत में उंगली करके बहुत पहले ही झड़ चुकी थी.
थोड़ी देर और चोदने के बाद सुहास भी झड़ गया और हम दोनों बेड पर नंगे ही लेट गए.
उसके बाद सुहास ने मुझे और 3 बार चोदा, पर गांड मरवाने के बाद मैंने सुहास का लंड एक बार भी अपने मुँह में नहीं लिया.
लगभग सुबह के 7 बजे सुहास और मैं पूरी तरह थक चुके थे. फिर सुहास और मैंने शॉवर लिया, उसके बाद सुहास और मैंने आराम करने का सोचा.
सुहास और मैं एक दूसरे के साथ नंगे ही चिपक कर सो गए. ज़ब हम लोग उठे, तो शाम के 8 बज चुके थे. सुहास और मुझे बहुत भूख लग रही थी. सुहास ने रूम में ही खाना मंगवाने का आर्डर दे दिया.
कुछ देर बाद रूम में खाना आ गया. हम लोगों ने खाना खाया.
आज हमने तय किया था कि आज हम कहीं बाहर नहीं जाएंगे. सुहास भी इस बात को मान गया.
खाना के बाद मैं बेड से उठी और अपने खिड़की का पर्दा हटाया, तो मैंने देखा कि हमारे रूम के नीचे स्विमिंग पूल बना हुआ था और वहां पर लोग मस्ती कर रहे थे.
मैंने सुहास से कहा- सुहास, मुझे पूल में तैरने जाना है. हम वहां फ्रेश भी हो जाएंगे.
सुहास भी रेडी हो गया, उसने अपने बैग से एक रेड कलर की फ्रेंची निकाली और पहन ली. मैंने भी अपने बैग से सुहास की पसंद का रेड ब्रा पैंटी का सैट निकाला. मैं ब्रा पहनने लगी, मगर वही दिक्कत फिर से आ रही थी. मेरी इस टाईट ब्रा का हुक मुझसे लग ही नहीं रहा था.
मैंने सुहास से बोला- प्लीज़ सुहास पीछे से मेरी ब्रा का हुक लगा दो.
सुहास ने मेरी ब्रा का हुक लगा दिया.
मैंने उसकी तरफ आंख दबाई, तो वो समझ गया और उसने मेरी पैंटी की डोरी भी बांध दी.
सुहास भी जाने रेडी हो गया. मैंने अपनी पूरी बॉडी पर क्रीम लगाई. उसके बाद सुहास और मैं नीचे पूल के पास आ गए. वहां सभी जोड़े पूल में मजे कर रहे थे. पूल में बहुत ही कम भीड़ थी. उधर सब मिला कर छह लोग थे.
बस फिर क्या था सुहास ने मुझे अपनी गोद में उठाया और मुझे पूल में ले गया. सुहास और मैं पूल में पानी से खेलने लगे. सुहास मेरे ऊपर पानी फेंक रहा था और मैं सुहास के ऊपर.
थोड़ी देर बाद पूल खाली होना शुरू हो गया था. हम दोनों मन बना चुके थे कि पूल खाली होने के बाद खुल कर मस्ती करेंगे. कुछ देर बाद पूल एरिया पूरी तरह खाली हो चुका था.
सुहास मेरे पास आने लगा और उसने मुझे पकड़ लिया. मैंने उसके गले में बांहें डाल दीं. सुहास ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए. हमारी चूमाचाटी आरम्भ हो गयी थी. इस खुले एरिया में हम दोनों बेशर्मों की तरह एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे. सुहास मेरी पूरी बॉडी पर अपने हाथ फेर रहा था और मैं उसके बालों को सहला रही थी.
कोई दस मिनट की किस के बाद सुहास ने मुझे गोद मैं उठा लिया और पूल से बाहर जाने लगा. मुझे समझ आ गया था कि अब सुहास का मूड बन चुका है. मेरी फिर से चुदाई होने वाली है.
सुहास और मैं पूरी तरह गीले हो चुके थे. सुहास मुझे गोद में उठा कर बेडरूम में ले आया और उसने रूम लॉक कर दिया. सुहास ने बेड पर चढ़ते ही मेरी ब्रा खोल दी. ब्रा सरकती हुई नीचे गिर गई. अगले ही पल उसने मेरी पैंटी की डोरी भी खोल दी. मेरी पैंटी भी नीचे गिर गयी.
मैंने भी सुहास की फ्रेंची पकड़ कर नीचे खींच दी और उसे भी नंगा कर दिया. मैं सुहास के सामने बिल्कुल नंगी थी. सुहास ने मुझे बेड पर पटक दिया. मैंने सुहास का लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. सुहास को भी मजा आ रहा था … मैं बड़ी मस्ती से सुहास का लंड चूसे जा रही थी. कुछ देर लंड चूसने के बाद सुहास ने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरी चुत में अपना लंड डाल दिया और धक्के लगाने लगा. मैं गांड उठाते हुए आहें भर रही थी.
‘सुहास … आह आह … साले एक बार में ही कितना अन्दर तक पेल देते हो … आह सुहास आह बेबी … चोदो मुझे.’
लगभग आधे घंटे चोदने के बाद सुहास और मैं एक साथ झड़ने लगे. उसके बाद सुहास और मैं बेड पर नंगे ही लेट गए कुछ देर बाद सुहास का लंड फिर खड़ा होने लगा. सुहास ने मुझे बेड पर लेटा दिया. उसने मेरी चुत में 2-3 झटकों में ही अपना पूरा लंड पेल दिया और धक्के लगाने लगा.
मैं उसके लंड के मजे ले रही थी और मादक आवाजें निकाल रही थी- आह सुहास … चोदो मुझे … आह सुहास … चोदो मुझे!
मुझे लगभग एक घंटे चोदने के बाद सुहास झड़ गया. उसके बाद सुहास ने मुझे दो घंटे के दौरान तीन बार चोदा. उसके बाद हम लोग बेड पर नंगे ही सो गए.
इस तरह हम लोगों ने कभी बीच पर, कभी थिएटर में चुदाई के मजे लिए.
दस दिन तक सुहास ने मुझे खूब चुदाई का मजा दिया और मैं भी सुहास के लंड से बहुत खुश थी. हम लोगों ने कैलिफ़ोर्निया में बहुत मस्ती की. इसके बाद हम दोनों वापस आ गए.
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