यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
← अमेरिका में साली के दोनों छेदों में लंड दिया-2
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मैंने अपनी साली राखी की चूत चुदाई कर डाली थी. मेरी बरसों की तमन्ना पूरी हो गई थी. उसकी चूत की चुदाई होने के बाद उसको भी अहसास हो गया था कि उस दिन अगर वो मेरी बात मान लेती तो आज मेरे मोटे लंड से चुदकर अपनी चूत को खुश कर रही होती.
उसने मेरे लंड को फिर से सहला दिया और मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया. मगर अबकी बार मैंने उसकी गांड चुदाई करके उसकी गांड को फाड़ डाला. जब लंड को बाहर निकाला तो उसकी गांड से खून बह रहा था जिसके इलाज के लिए एक लेडी डॉक्टर को बुलाया गया.
अब आगे की कहानी:
लेडी डॉक्टर दुभाषिये से संवाद करते हुए स्थिति को समझने लगी. दुभाषिये ने सारी बात उसको बता दी. उसके बाद उस डॉक्टर ने साली की गांड के ऊपर से रजाई को हटा कर देखा.
उसने गांड को अच्छे तरीके से चेक किया कि मेरी साली की गांड कहां कहां से फटी हुई है. उसने रूई निकाली और एक लिक्विड लेकर गांड को साफ करने लगी. उसकी गांड को पोंछने के बाद उसने राखी की गांड में टांके लगा दिये.
फिर एक शीशी और रूई देकर वो इशारे से कुछ समझाने लगी. उसने इशारा करते हुए बताया कि नीचे भी काफी खून गिर गया है फर्श पर. इसको भी साफ करना पड़ेगा. मैंने उसकी मदद की साफ करने में.
बेड शीट से कवर को हटाया. उसको लॉन्ड्री के लिए रख दिया. उसके बाद सारी रूई को डस्टबिन में डाला और तब उसने अपने हाथ साफ किये. हाथ साफ करने के बाद जब वो बाहर आई तो उसकी नजर वाइन की बोतल पर पड़ी.
वाइन की बोतल को उठा कर उसने सीधे ही अपने मुंह से लगा लिया और एक बार में जितनी वाइन गटक सकती थी गटक गई. उसके बाद उसने बोतल को वापस रख दिया. उसके बाद उसकी नजर मेरी पैंट की तरफ गई.
मैं समझ नहीं पा रहा था कि वो मेरी पैंट की तरफ क्यों देख रही है. दुभाषिये ने शायद बताया था कि गांड चुदाई करने के कारण लंड को चेक करना भी जरूरी है. इसलिए वो मेरे लंड की तरफ देख रही थी.
उसके बाद वो मेरे करीब आ गई. नीचे अपने घुटनों पर बैठ कर मेरी चेन को खोलने लगी. उसकी इतनी ही हरकत से मेरे लंड में तनाव आना शुरू हो गया. उसने मेरी पैंट की चेन को खोल कर मेरे अंडरवियर को नीचे कर दिया.
अब तक मेरे लंड में आधा तनाव आ चुका था. वो लंड को अपने हाथ में लेकर देखने लगी. लंड पर खून लगा हुआ था. उसके नर्म गोरे हाथों में लंड गया तो पूरे तनाव में आ गया. लंड तन कर एकदम से टाइट हो गया.
मेरे तने हुए लंड को कुछ पल तक देखने के बाद उसने अपने मेडिकल बॉक्स से रूई और दवाई निकाली. फिर वो मेरे लंड को रूई से साफ करने लगी. धीरे धीरे उसके हाथ मेरे लंड पर चल रहे थे.
आजू बाजू से लंड को साफ करते हुए वो दवाई लेकर उसको क्लीन कर रही थी. जब पूरा लंड साफ हो गया तो वो मेरे 8 इंची लौड़े को देखती ही रह गई. उसके हाथ में मेरा लंड बार-बार झटके दे रहा था. उसके बाद वो उठ कर वॉशरूम में चली गई.
हाथ धोकर वापस आ गयी. तब तक मैंने अंडरवियर और पैंट ऊपर नहीं की थी. वो मेरे पास आयी और मेरे लंड को फिर से हाथ में लेकर चेक करने लगी. उसके होंठ मेरे होंठों के पास थे. फिर वो मेरे लंड को हाथ में भर कर धीरे से मेरे कान में बोली- यू आर ए जीनियस (आप तो कमाल के इन्सान हो)
इतना कह कर उसने मेरे होंठों को एकदम से चूसना शुरू कर दिया.
उसका हाथ मेरे लंड को सहला रहा था और उसके होंठ मेरे होंठों को चूस रहे थे. फिर वो नीचे बैठ गई. वो मेरे लंड को चूसने के मकसद से बैठी थी. मगर तभी मैंने उसको रोक दिया.
मैंने कहा- वेट, आई सेक्स आफ्टर ड्रिंक (मैं पीने के बाद सेक्स करूंगा)
ऐसा कहने पर उसने वाइन की बोतल को उठा कर देखा. वाइन खत्म हो चुकी थी. फिर उसने पता नहीं क्या कहा जो मेरी समझ में नहीं आया.
मेरी नजर मोबाइल पर पड़ी तो मुझे ध्यान आया कि इसकी बात समझने के लिए मोबाइल फोन का सहारा लेना पड़ेगा. वॉइस ट्रान्सलेटर की मदद से उसकी बातें मेरी समझ में आईं. वो कह रही थी कि पास के ही स्टोर से खरीद कर ले आते हैं वाइन.
उसके बाद मैंने उसको अपने साढ़ू की मौत के बारे में बताया. वो सारी बात समझ गई. उसके बाद हम लोग नजदीकी रिटेल स्टोर पर गये. वहां से दो बोतल वाइन की लेकर आ गये. साथ में हमने कुछ खाने का सामान भी ऑर्डर कर दिया.
वेटर हमारा सामान लेकर निकल गया. हम लोग जब गेस्ट हाउस पहुंच तो तब तक खाने का सामान भी आ गया था. जब तक हम वापस आये तब तक मेरी साली भी होश में आ चुकी थी. अब डॉक्टर ने कुछ सोचा और बोली कि हम तीनों ही साथ मिल कर पीयेंगे और खायेंगे.
उसके बाद वो तीन पैग बनाने लगी. हम धीरे-धीरे चुस्की लेते हुए साथ में खाना भी खा रहे थे. चार पैग पीने के बाद बेड पर पड़ा हुआ सामान हमने एक तरफ कर दिया. हम तीनों एक ही बेड पर बैठे हुए थे.
अब मेरा लंड सिकुड़ कर सोये आकार में था क्योंकि साली की चुदाई करने के बाद वो आराम कर रहा था. डॉक्टर ने मेरी पैंट की चेन खोल कर मेरे सोये हुए लंड को बाहर निकाल लिया. उसने अपने मेडिकल बॉक्स से एक स्प्रे की बोतल निकाली और मेरे लंड पर स्प्रे कर दिया. कुछ ही मिनटों में मेरे लंड का आकार तन कर 9 इंच का हो गया.
उसकी मोटाई भी 4 इंच की हो गई. मेरे लंड को देख कर मेरी साली भी आश्चर्य में पड़ गई. लंड एकदम से रॉड की तरह सख्त हो चला था. मैंने अपनी साली को थोड़ा साइड में किया और उसके कपड़े खोलने लगा. अब लंड खड़ा होने के बाद मुझसे भी रुका नहीं जा रहा था. मैं डॉक्टरनी की चुदाई करना चाह रहा था.
जब लेडी डॉक्टर ने अपने शरीर से कपड़े हटाये तो मेरी साली उसके बूब्स को देख कर हैरान रह गई. वो उम्र में तो 30-35 की थी लेकिन उसके चूचे एकदम 22-25 साल की लड़की की तरह तने हुए थे. उनको देख कर मुझे भी हैरानी हो रही थी.
इतने कड़क व बड़े बूब्स भारतीयों में देखने को नहीं मिलते हैं.
मैंने डॉक्टर से पूछा- इनको सख्त बनाये रखने के लिए क्रीम से मसाज करती हो क्या?
वो बोली- यस!
तब मैंने उसके चूचों को अपने हाथ में लेकर देखा. वाकई कमाल के चूचे थे उसके. एकदम कड़क थे. उनको बार-बार दबा कर देखने लगा. फिर मैंने एकदम से डॉक्टर के सिर को पकड़ कर उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
तभी मेरी साली से पीछे से आकर मेरी पीठ को चूमने लगी. मैं दोनों औरतों के बीच में सैंडविच बन गया था. एक सामने से मेरे लंड को सहलाते हुए मेरे होंठों को चूस रही थी और दूसरी पीछे से अपने चूचों को मेरी पीठ पर सटाये हुए मेरी गर्दन को चूमते हुए मेरे लंड के नीचे मेरी गोलियों को सहला रही थी.
उसके बाद उस डॉक्टर ने नीचे झुक कर मेरे लंड को मुंह में भर लिया. वो बड़े ही मस्त अंदाज में मेरे लंड को चूसने लगी. मैंने अपनी लाइफ में अनेकों बार ओरल सेक्स किया था लेकिन वो डॉक्टर जिस तरह से मेरे लंड को चूस रही थी वैसा मजा मुझे इससे पहले कभी नहीं आया था.
अब मैं जोश में आकर डॉक्टर के बूब्स को अपने हाथों में लेकर जोर से मसलने लगा. इधर मेरी साली ने मेरी गर्दन को घुमा कर मेरे होंठों को अपने होंठों में ले लिया. पंद्रह मिनट तक वो दोनों लंड की प्यासी औरतें मेरे लंड और होंठों को चूसने में लगी रहीं.
उसके बाद मैंने अपनी साली को पैग बनाने के लिए कह दिया ताकि मैं डॉक्टर के साथ आसानी से सेक्स का मजा ले सकूं. राखी उठ कर पैग बनाने लगी और मैंने डॉक्टर को बेड पर पीठ के बल सीधी लेटा दिया.
मेरा लंड तन कर और बड़ा हो गया था. उसकी लम्बाई और मोटाई में इंच भर की वृद्धि दिखाई पड़ रही थी. इतने लम्बे और मोटे लंड को लेने के लिए लेडी डॉक्टर की चूत का छेद बहुत छोटा था. पैग पीने के बाद मैंने उसकी चूत पर लंड को रख दिया. जोर लगा कर लंड को अंदर घुसाने की कोशिश की लेकिन लंड नहीं घुस पाया.
उसके बाद डॉक्टर ने अपनी टांगों को और अच्छे तरीके से एडजस्ट किया और मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर रख लिया. मैंने और जोर लगा कर धक्का मारा तो उसकी चूत में लंड का सुपाड़ा घुस गया.
लेडी डॉक्टर के चेहरे पर दर्द के लक्षण दिखने लगे. मैंने एक और धक्का मारा तो उसकी चूत में लंड 6 इंच तक उतर गया. अब डॉक्टर के चेहरे पर दर्द साफ दिखने लगा. लेकिन वो पीछे हटने की बजाय मुझे और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने लगी कि कुछ नहीं होगा. आगे बढ़ो और पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दो.
जब पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया तो वो बोली- अब धीरे धीरे इसको बाहर निकालो और दोबारा से ऐसे ही ट्राई करो.
मैं डॉक्टर के कहे अनुसार लंड को धीरे से बाहर खींच कर फिर से अंदर घुसाने की कोशिश करने लगा. अबकी बार पहले की अपेक्षा लंड थोड़ी आसानी से अंदर गया.
हर एक धक्के के साथ मैंने पूरे लंड को उसकी चूत में फंसा दिया और वो मेरे विशाल लंड को अब आराम से चूत में लेने लगी. उसके बाद मैंने लंड को जड़ घुसाने की कोशिश की लेकिन ऐसा लगा जैसे कोई दीवार सामने आ गयी हो.
अब मेरे हर धक्के के साथ मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड उसकी चूत में सामने किसी दीवार से टकरा रहा है. जब उस दीवार पर लंड जाकर लगता तो लेडी डॉक्टर के चेहरे पर अलग ही आनंद छलक पड़ता.
लगातार दस मिनट तक मैंने इसी तरह धक्का दर धक्का लेडी डॉक्टर की चूत की चुदाई की. उसके बाद उसकी चूत मेरे लंड पर टाइट होने लगी. उसने अपनी टांगों को मेरी कमर पर लपेट दिया और वो तेज तेज आवाजें करते हुए झड़ने लगी. उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
अब दो मिनट का विराम देकर वो मेरी कमर को फिर से अपनी चूत की तरफ खींचने लगी. उसके हाथ मेरी कमर को उसकी चूत की तरफ खींच रहे थे. उधर दूसरी तरफ मेरी साली वाइन के पैग बनाते हुए अपनी चूत में उंगली करने में लगी हुई थी.
उसको डॉक्टर की चुदाई देख कर बहुत उत्तेजना होने लगी थी. वो एक हाथ से पैग बना रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चूत में उंगली कर रही थी. अब धीरे-धीरे डॉक्टर की कसावट मेरे शरीर से ढ़ीली पड़ने लगी थी.
आगे से चूत चुदवाने के बाद वो उठ गई. अब वो डॉगी स्टाइल में आ गई. मेरे सामने झुक कर मुझे उस पर चढ़ने का इशारा करने लगी. मगर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वो चूत में डालने के लिए कह रही थी या गांड में.
मैंने अपनी शंका को दूर करने के लिए उसकी चूत को सहलाते हुए पूछा- दिस? (इसमें?)
उसने अपने हाथ को अपनी गांड के छेद पर रखते हुए बता दिया कि उसका मन अब गांड चुदवाने के लिए कर रहा है.
उसके इशारे पर मैंने अपने लंड पर थूक कर उसके सुपाड़े को चिकना कर लिया और उसकी गांड के छेद पर लगा दिया. मैंने धक्का लगाया तो लंड नहीं घुस पाया. उसके बाद उसने फिर से इशारा किया और अबकी बार मैंने पूरा जोर लगा कर लंड को गांड के छेद पर धकेल दिया.
वो चिल्ला उठी- प्लीज प्लीज स्लो … (धीरे-धीरे करो)
उसके बाद मैंने उसकी गांड में लंड को और अंदर धकेल दिया. उसने लंड को धीरे-धीरे करके पूरा अपनी गांड में ले लिया. अब मैं उसकी गांड की चुदाई करने लगा.
कुछ देर के बाद डॉक्टर के मुंह कामुक सिसकारियां निकलने लगीं- ओह्ह …यस … फक मी … (चोदो मुझे)
मैं तेजी से डॉक्टर की गांड की चुदाई करने लगा. वो भी मस्ती में अपनी गांड को चुदवाने लगी.
जब मैं धक्के लगा रहा था तो वो अपनी गांड को मेरे लंड की तरफ धकेल रही थी. अब मुझे समझ में आ गया था कि इसको आगे से चुदाई करवाने की बजाय पीछे से गांड को चुदवाना पसंद है.
पच्चीस मिनट के करीब उसकी चुदाई चली और फिर उसने दोबारा से चूत में लंड डालने के लिए कहा. मैंने उसकी टांगों को पकड़ कर उठा लिया और उसकी चूत में लंड को पेल दिया. अब वो मजे से चूत में लंड लेते हुए आवाजें करने लगी.
दस मिनट तक और उसकी चूत को चोदने के बाद वो झड़ने लगी. अब मेरा पानी भी निकल गया. हम दोनों हांफ रहे थे. फिर वो आकर मेरी छाती के ऊपर लेट गई. औरत की चुदाई के बाद उसको धीरे-धीरे शांत करना पड़ता है.
मेरी साली ने कहा- ये तो कमाल हो गया. इतने छोटे से छेद में इतना मोटा और लम्बा लंड चला गया. फिर मैंने उसको वो दवाई की शीशी और स्प्रे की बोतल दिखाई और कहा कि ये सब इसका कमाल है.
उसके बाद मेरी साली ने बोतल को लिया और फिर से मेरे लंड पर स्प्रे कर दिया. वो देखना चाह रही थी कि इसका असर कैसे होता है. देखते ही देखते मेरा लंड फिर से तन गया.
मेरी साली ने अपनी चूत को लंड पर लगाया और मेरी गोद में बैठ कर मेरे होंठों को चूमते हुए अपनी चूत में लंड को लेने लगी. हालांकि उसकी चूत में दर्द हो रहा था लेकिन फिर भी वो मेरे लंड को लेती रही. आधे घंटे की चुदाई में वो दो बार झड़ी और फिर उसके बाद मैं भी झड़ गया.
इतना सब होने के बाद डॉक्टर ने वापस जाने की इच्छा जाहिर की. उसने अपने कपड़े पहने और अपना सामान समेट कर वापस चली गई.
मैंने डॉक्टर से उसका फोन नम्बर व पता भी ले लिया. वो मेरा तगड़ा लंड लेकर खुश हो गई थी.
उसके बाद हमने अस्पताल जाकर साढ़ू की बॉडी ली और वापस इंडिया आ गये. मेरी साली अब मेरे लंड की आदी हो चुकी थी इसलिए उसको साढ़ू की मौत का ज्यादा अफसोस नहीं था.
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