अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज के प्रसंसकों को नमस्कार. आप आप सभी को धन्यवाद करता हूं कि आपने मेरी पिछली कहानी
भाभी ने दिलाई कुंवारी लड़की की चूत
को पसंद किया. उन सभी लोगों का भी धन्यवाद जिन्होंने मुझे ईमेल पर कांटेक्ट करने की कोशिश की.
कुछ लोगों ने कहा कि मैं आपसे बात कर सकता हूं.
मुझे बात करने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन अगर बात करना चाहते हैं तो कोई मजबूत कारण भी बताएं कि मैं इस कारण से आपसे बात करना चाहता हूं. नहीं तो मैं ऐसे कितने लोगों से बात करूं मुझे और भी काम होते हैं.
आप सभी मेरे पाठक हैं मेरी कहानियों को पसंद करते हैं मैं आपका हमेशा तहे दिल से शुक्रगुजार करता हूं. लेकिन बात करने की कोई ठोस वजह होनी चाहिए तभी मैं बात करूंगा. आप ईमेल पर लिखकर भेजें और मुझे लगेगा कि आप से बात करनी चाहिए तो मैं जरूर करूंगा.
अब आते हैं आज की कहानी पर!
वैसे तो चुदाई की घटनाएं बहुत हो चुकी हैं. मेरी पिछली कहानी में जो लड़की है, उसके साथ ही … लेकिन मैं सोचता हूं कि अपनी नई किरदार के साथ कहानी लिखूँ।
तो आज मैं वहीं से शुरुआत करता हूं. इस कहानी की नायिका मेरी पिछली कहानियों को पढ़कर ही बहुत प्रभावित हुई थी।
उन्होंने मुझे कांटेक्ट किया, वे मुझसे बोली कि वे मुझसे बात करना चाहती हैं.
लेकिन जैसा कि मैंने शुरू में ही बोल दिया कि कोई भी हो, बात करने का जब तक मजबूत आधार ना हो, तब तक मैं बात नहीं करता हूं। क्योंकि मुझे भी टाइम निकालना पड़ता है.
तो उन्होंने पूरी बात नहीं बतायी. लेकिन फिर भी वे बार-बार मुझे मेल कर रही थी कि कुछ ऐसी बातें हैं जो मैं सिर्फ आपको सामने से ही बताकर शेयर कर सकती हूं।
जब बार-बार उनका ईमेल आया तो मैं भी सोच में पड़ गया क्या बात है क्योंकि वो दूसरे शहर से थी।
तो मैंने उन्हें साफ बोला- अगर आपको मुझे बुलाना है तो आपको मुझे आने जाने का खर्चा देना पड़ेगा। अन्यथा मैं नहीं आऊंगा.
इस बात पर उन्होंने ईमेल पर ही एक स्माइली बनाकर भेजा और कहा- खर्चे की कोई बात नहीं, आप किस तारीख को आना चाहते हैं, यह बताएं।
तो मैंने उनको अपने प्रोग्राम को एडजस्ट करके बता दिया कि मैं उस तारीख को तारीख को आऊंगा।
उसके बाद आधे घंटे के अंदर मैंने देखा कि मेरे मोबाइल पर टिकट के कंफर्म का मैसेज आ गया।
मुझे आश्चर्य भी हुआ कि इतनी जल्दबाजी … इतनी उत्तेजना?
फिर मैं निश्चित तारीख को उनके शहर पहुंचा.
स्टेशन पर पहुंच कर मैंने उसे कॉल किया तो वे तो मुझसे पहले ही स्टेशन पर मेरा इंतजार कर रही थी।
गाड़ी कुछ घंटे लेट थी जैसा अक्सर होता है.
उन्हें पहचानने में कोई दिक्कत नहीं हुई क्योंकि उन्होंने अपनी फोटो बहुत सारी मुझे दी हुई थी.
उन्होंने मुझे रिसीव किया और मुझे साथ लेकर जल्दी अपनी गाड़ी की ओर चल दी।
हां … जब मैं उन्हें देखा तो मैं बहुत ही हैरान रह गया कि फोटो में वे जितनी सुंदर दिख रही थी, उससे कहीं ज्यादा सुंदर वे लग रही थी. ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई अप्सरा स्वर्ग से उतरकर धरती पर आ गई हो.
मुझे वहां उन्होंने एक बहुत ही टाइट वाला हग दिया. मैं तो उन्हें देखकर ही उत्तेजित हो गया था. लेकिन जब उन्होंने मुझे हग दिया तो और ज्यादा उत्तेजित हो गया।
लेकिन फिर भी मैंने अपनी भावनाओं को काबू में रखा.
गाड़ी में जाने के बाद मैंने उनसे पूछा- मेरा रुकने का इंतजाम कहां है?
तो उन्होंने बोला- जब मैंने आपको बुलाया है तो सारा इंतजाम मेरा होगा.
और वे अपने घर की ओर गाड़ी लेकर चल दी।
थोड़ी देर बाद गाड़ी एक घर के सामने रुकी. बड़ा सा घर था और किसी पॉश इलाके में था।
मैं उस शहर का नाम लेना नहीं चाहता क्योंकि उन्होंने ही कहा है कि उनका नाम और उनके शहर का नाम दोनों गुप्त रखा जाए अगर उनकी भी कहानी प्रकाशित की जाती है। फिर भी यहां पर उनका एक काल्पनिक नाम रख लेता हूं सफीना।
उसके बाद हम दोनों गाड़ी से उतर कर उनके घर के अंदर गये। घर पूरा सलीके से सजा हुआ था। मुझे लग रहा था कि मेरे आने से पहले ही घर में जो भी काम करने वाले होंगे, उन्हें वापस भेज दिया गया होगा.
घर शांत था.
घर में जाते ही उन्होंने फिर से मुझे कस के हग किया.
मैं उनसे बोला- सफीना जी, मैं लंबी यात्रा के बाद थक गया हूं। थोड़ा सा इंतजार तो करें.
तो उन्होंने बोला- मैं तुम्हारे लिए कितनी बेकरार थी और तुम मुझे इंतजार करने को कह रहे हो? मेरा बस चलता तो मैं तुम्हें स्टेशन पर ही कच्चा खा जाती।
इतना कहकर उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये और वे मुझे किस करने लगी। किस लंबी चली तो मैं भी उनके किस करने से उत्तेजना में आ गया।
फिर भी मैं कंफर्म होना चाहता था, मैंने उन्हें बोला- सफीना जी, घर में कोई आ जाएगा.
तो मेरी बात सही साबित हुई, उन्होंने बोला- घर में कोई नहीं है। और काम करने वाले जो लोग हैं मैंने उन्हें छुट्टी दे दी है 2 दिन के लिए।
और फिर वे मुझे किस करने लग गई. वे इस तरह मुझे किस कर रही थी कि ऐसा लग रहा था मानो मुझे खा जाएगी.
बीच-बीच में वे बोल रही थी- मैंने तुम्हारी सारी कहानियां पढ़ी हैं. तुम सच में वाइल्ड सेक्स करते हो या सिर्फ लिखते हो तुम अपनी कहानियों में?
मैंने कहा- मैं अब तुम्हारे पास आ ही गया हूं तो तुम देख लो मैं सच हूं या झूठ।
उसके बाद मैं उन्हें किस करता रहा और साथ में उनके चूची को दबाता रहा। मैं उन्हें पूरा टाइट हग कर रहा था जैसे हमारे बीच हवा तक आर पार ना जा सके।
थोड़ी देर किस करने के बाद मुझे लगा कि मैं मेरी सारी यात्रा की परेशानियां दूर हो गई। अब तो मैं भी उनमें समा जाना चाहता था.
मेरे मन में आया कि पूछ लूं कि वे मुझसे क्या बात करना चाहती थी सामने बैठकर। फिर सोचा कि यह लम्हा बीत जाने के बाद ही पूछ लूंगा, अभी तो 2 दिन हमारे पास हैं.
और फिर किस करते करते हमारे कपड़े कब हमारे शरीर से अलग हो गए, पता भी नहीं चला। अब वे सिर्फ अपनी पेंटी और ब्रा में थी और मैं सिर्फ अपनी अंडरवियर में था.
लेकिन वे बहुत ज्यादा प्यासी लग रही थी।
किस करते करते मैं उसके बूब्स भी दबा रहा था। मैंने उनके चूतड़ों पर एक दो थप्पड़ भी जड़ दिए तो वे आआ आहह हहह … कर देती थी और हंसने लगती थी, फिर किस करना चालू कर देती थी. मैंने इसी तरह उनके चूतड़ों पर लगातार 8-10 बार मारा जिससे उनके चूतड़ों पूरी तरह लाल हो गए।
उसके बाद भी वे मुझे छोड़ने को बिल्कुल तैयार नहीं थी।
फिर मेरे मन में आया कि जब शुरू हो ही गया है तो एक नए एंजॉयमेंट के साथ इसे पूरा करें।
मैंने उन्हें पूछा- सफीना जी, आपके घर में शहद है क्या?
तो उन्होंने बोला- शहद और चॉकलेट … तुम्हें जो भी चाहिए, ले सकते हो.
मैं उन्हें गोद में उठाए हुए किस करते करते ही उनके साथ किचन में गया. वे मुझे किचन का रास्ता बता रही थी।
वहां से मैंने शहद लिया. और अब तो वे मुझे बेडरूम तक भी जाने नहीं दे रही थी। वहीं डाइनिंग हाल में सोफे पर उन्होंने मुझे बैठने को कहा. चूंकि घर में कोई था नहीं … तो कोई दिक्कत थी नहीं।
अब मैं उनकी पेंटी भी उतार चुका था। मैं उनकी चूत को ऊपर से ही हाथ से सहला रहा था. फिर धीरे-धीरे मैं एक उंगली में शहद लेकर उनके चूत में डालने लगा था। उनकी चूत नहीं तो ज्यादा टाइट और ना ही ज्यादा ढीली!
फिर मैं किस करते करते उनके होंठों पर काट भी रहा था। फिर इसी दरमियान किस करते करते मैं उनके कान को भी किस करता और कान को भी अपने होंठों से छेड़ता और कभी-कभी उन पर स्वीट बाइट देता. इसी तरह में गले पर भी करता और इस दरमियान उसकी सिसकारियां चालू हो गई थी।
अब मैंने उन्हें सोफे पर लिटा दिया. मैंने शहद लिया और उनके चूचों पर लगाया. पहले अच्छे से शहर लगाकर चूची की मालिश की। उसके बाद मैं उनकी चूची को धीरे धीरे प्यार से जीभ से चाटने लगा।
उसके बाद होंठों से दोनों चूचुकों को बार-बार और कभी-कभी उनकी चूचियों पर एक हल्की सी स्वीट बाइट भी दे देता था। वो मेरा सर अपने चूचों पर दबा रही थी और पता नहीं क्या क्या बोले जा रही थी- इसी तरह करो … आई एम इंजॉयइग।
नीचे मैं अपनी एक हाथ की उंगली उनकी चूत में डालकर अंदर बाहर कर रहा था।
मेरी हरकतों से वे पूरी पागल होती जा रही थी. करीब 10 मिनट उनकी चूची को शहद लगा कर चूसने के बाद अब मैं धीरे-धीरे नीचे आना चाहता था लेकिन एक बार फिर मैं उन्हें किस करना चाहता था।
मैं उन्हें किस करने लगा. उन्हें मेरा स्वीट बाइट अच्छा लग रहा था। मैं उनके गाल पर, उनकी ठोड़ी पर, उनके होंठों पर स्वीट बाइट दे रहा था। वे उसका पूरा इंजॉय कर रही थी।
अब मैं अचानक नीचे आ गया और उनकी चूत को दोनों हाथ से फैलाया. वे मुझे बहुत ही वासना भरी नजरों से देख रही थी। मैं उनकी आंखों में देखते देखते उनकी चूत को अपनी जीभ से हल्के हलके से चाट रहा था। जीभ से लिकिंग करते हुए और शहद का स्वाद और उनके चूत के नमकीन पानी के साथ मुझे अच्छा लग रहा था।
उनकी चूत पर मैंने और शहद लगाया और अच्छे से चाटना, चूसना चालू किया. मैंने उनकी चूत पर भी बाइट देना चालू किया।
वे तो जैसे उत्तेजना में पागल हो गई थी। वे मेरी सर को पकड़कर अपने चूत के ऊपर दबाने लगी. ऐसा लग रहा था कि जैसे वे मुझे अपनी चूत में समा लेना चाह रही हों।
उसके बाद उन्होंने मुझे कहा- यार … अब बर्दाश्त नहीं होता. मेरा तो सब कुछ देख लिया तुमने. अब तुम अपना हथियार भी तो निकालो।
और मेरा लंड … ऐसा लग रहा था कि फट जाएगा. मैं उनकी चूत को चूसते चूसते इस तरह हो गया कि 69 पोजीशन में आ गया अब उनका जादू शुरू हो गया।
उन्होंने मेरे लंड को पहले सहलाया, उसके बाद उस पर पता नहीं कुछ लगाया, शायद शहद ही होगा. और अपने मुंह में लेकर बड़ी जोर से चूसने लगी.
अब तक उनकी हालत खराब हो रही थी, लेकिन अब मेरी हालत खराब होने लगी।
ऐसा लग रहा था कि उन्होंने चूसने में कोई कोर्स किया हो. वे बिल्कुल खा जाने की नजरिए से चूस रही थी।
मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था.
थोड़ी देर चूसने के बाद उन्होंने कहा- अब घुसा भी दीजिये।
मैंने भी चुदाई करना ही उचित समझा क्योंकि मेरी भी उत्तेजना का कोई पारावार नहीं था. उस वक्त मैं चुदाई की पोजीशन में आ गया।
पहले मैंने किस किया, उसके होंठों पर होंठ रखें। उसके बाद मैं अपने लंड को उसके चूत के ऊपर से लन्ड रगड़ने लगा। चूंकि उनके होंठों पर मेरे होंठ थे तो वे कुछ बोल नहीं पा रही थी।
लेकिन मेरे लंड को अपने चूत के अंदर घुसा लेना चाहती थी.
मैं भी उन्हें थोड़ा तड़पाना चाहता था पीछे हो जाता था।
फिर उन्होंने अपने होंठ हटाकर बोला- अब तड़पाओ मत इतना … अब डाल भी दो।
मैं धीरे से उनकी चूत में अपना लंड डालने लगा। उन्होंने अपनी आंखें बंद कर ली और मेरे लंड को अपने अंदर लेने लगी. थोड़ा अंदर करने के बाद मैंने एक जोरदार का झटका दिया और मेरा लंड आधा अंदर गया।
फिर बड़े अंदाज में बोली- बहुत मजा आ रहा है. इसी तरह करो.
मैंने एक और झटका दिया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया।
उनकी जोरदार आहहह … निकल गई. मैंने उनकी आंखों में देखा तो उनकी आंखों में मुझे दर्द का एहसास हुआ. तो मैं थोड़ा रुक कर उनकी चूचियों को दबाने लगा ताकि स्थिति सामान्य हो जाए।
चूची को सहलाने के साथ-साथ मैं उनके गले पर भी किस कर रहा था और बाइट दे रहा था ताकि उन्हें नीचे हो रहे दर्द का भी अहसास ना हो।
थोड़ी देर बाद वे अपनी कमर हिलाने लगी और आगे पीछे करने लगी. उसके बाद मैंने भी उनकी चुदाई चालू कर दी। मैं कभी जोर से झटका मारता था कभी धीरे से!
जब जोर से झटका मारता था तो पूरा लंड अंदर तक डाल देता था। उनकी जोर से आआआ आआहह हहह … निकल जाती थी और वे भी मुझे अपने अंदर और समा लेना चाहती थी।
इतना तो जाहिर था कि वे भी कई बार चुद चुकी होंगी और मैं उसकी चुदाई कर रहा था. मुझे भी उसकी चुदाई करने में बहुत मजा आ रहा था।
मैं ऐसा तो नहीं कह सकता कि मुझे ऐसी चुदाई का आनंद कभी नहीं मिला. लेकिन हां … एक अलग अनुभव उनके साथ आ रहा था. चूंकि शहद का उपयोग मैंने पहली बार किया था सेक्स में।
वे भी चुदाई का भरपूर आनंद ले कर पूरे जोश में थी. चुदाई के दरमियान मैंने कुछ पोजीशन बदलकर उनके साथ सेक्स करना चालू रखा और उनके चुचे दबाना और चूसना और उनके गले पर बाइट करना चालू रखा।
एक लंबी चुदाई के बाद अब मेरा झरने का समय आ गया था। इस दरमियान वो दो बार झड़ चुकी थी.
जब मेरा झड़ने को हुआ तो मैंने उन्हें बोला- पानी कहां खाली करूँ अंदर या बाहर?
तो बोली- करते रहो … करते रहो … मेरा भी आने वाला है। साथ में करते हैं.
उसके बाद मैंने अपनी स्पीड फुल तेज कर दी. हम दोनों एक दूसरे को किस करते हुए एक साथ झर गए।
कुछ देर मेरा लंड उसके चूत में ही रहा. उसके बाद ठंडा होकर लंड खुद-ब-खुद बाहर आ गया। और वे मेरी बांहों में समा गई।
मुझे अब फिर से थकावट महसूस होने लगी थी। मैं थोड़ा आराम करना चाहता था। लेकिन वे मेरी बांहों में थी. उन्होंने मुझे धन्यवाद किया और कहने लगी- इस परमसुख के लिए तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद।
और जो भावनाओं में होता है, वो लोग बोलते हैं, वे वही बोली- तू मेरे साथ मत छोड़ना!
फिर मैं बोला- मैं स्नान करना चाहता हूं गर्म पानी से … ताकि शरीर की थकावट दूर हो जाए।
तो उन्होंने बाथरूम में जाकर गीजर ऑन कर दिया. थोड़ी देर बाद पानी गर्म हो गया तो बोली- मैं भी आपके साथ नहाऊँगी आऊंगी.
मुझे क्या आपत्ति हो सकती थी।
फिर हम दोनों ने साथ में स्नान किया. उसके बाद उनके चेहरे की मुस्कान एक अलग ही खुशी उसके दर्शा रही थी।
फिर उन्होंने मुझे जूस दिया और खाना खिलाया.
रात को हम दोनों ने रूमानी अंदाज में रोमांस किया.
मैं थका हुआ था तो मैंने सोने के लिए पूछा। वो मुझे बेडरूम में ले गयी. मैं अकेला सोना चाहता था कि मुझे आराम मिले. लेकिन वे भी मेरे साथ सोने के लिए आ गई.
मैंने उन्हें पूछा- मुझे अकेले सोने नहीं दोगी?
वे बोली- नहीं! इन 2 दिनों में तुम जो भी करोगे, हम दोनों साथ मिलकर करेंगे.
शायद उन्हें भी नींद आ रही थी और वे भी मेरे बांहों में आकर सो गई।
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