नमस्कार दोस्तों, मैं निखिल नोएडा में रहता हूँ, मेरी उम्र अभी 27 साल है. मैं अभी एक बड़ी कंपनी में नौकरी करता हूं. मेरा रंग थोड़ा सांवला है. मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है और लंड का साइज़ भी 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है, जो किसी भी चूत को पागल बना दे.
यह कहानी मेरे और मेरी बुआ के बीच की चुदाई की सच्ची घटना है. मेरी बुआ थोड़ी मोटी हैं, लेकिन माल गजब का हैं. उनका नाम शायना है और उनका फिगर 36-26-38 का है. मेरी बुआ भी रंग में थोड़ी सांवली हैं, लेकिन लगती बड़ी कामुक हैं. उनको जो भी देखता है, उसके सोये हुए अरमान जाग जाते हैं कि वो मेरी बुआ को चोद कर अपना लंड शांत करवा लें.
यह तीन साल पहले की बात है. गर्मी का टाईम था. उस दिन दोपहर में हमारे घर की डोर बेल बजी, तो मैंने दरवाजा खोला और सामने बुआ को खड़ा देख बहुत खुश हुआ. मैं उनके गले लग गया और दो मिनट तक ऐसे ही रहा.
तभी पीछे से मेरी मम्मी की एकदम से आवाज आई- कौन आया है?
तब जाकर मैं बुआ से अलग हुआ, लेकिन जब तक गले लगा रहा, मैंने महसूस किया कि बुआ भी मेरी चौड़ी छाती की गर्मी का मजा ले रही थीं.
मैं बुआ को घर में अन्दर लेकर गया. मेरी बुआ मम्मी से गले मिलीं और वे दोनों बैठ कर बातें करने लगीं. मैं भी थोड़ी दूर बैठ कर बुआ की चूचियों को ताड़ने लगा. बुआ से गले लग कर ही मेरे लंड में अकड़न आ गयी थी.
मेरा मन बुआ की गर्म जवानी को देख कर मचल गया था. मैं शायना बुआ को चोदना चाहता था लेकिन इतनी जल्दी ये बात कैसे हो सकती थी. हालांकि जब मैं बुआ की चूचियों को ताड़ रहा था, बुआ ने भी समझ लिया था कि लौंडा गर्म हो गया है.
उस पूरे दिन में मुझे बुआ से अकेले में बात करने का कोई मौका नहीं मिला. रात में सब खाना खाकर सोने आ गए. बुआ को मम्मी ने मेरे कमरे में सोने भेज दिया. इस बात से मैं बहुत खुश हुआ कि बुआ मेरे साथ सोएंगी. शायद बुआ ने ही मेरी मम्मी से मेरे कमरे में सो जाने का कहा था.
मैंने बुआ से रात में बहुत देर तक बातें की और बात बात में मैं उन्हें गुदगुदी कर रहा था. बुआ भी मेरे साथ इन सब हरकतों में खूब मस्ती ले रही थीं. फिर मौका देख कर मैं बात करते हुए ही उनके चूचे और चूतड़ को छू ले रहा था.
कुछ देर बाद बुआ को नींद आ गई और वो टांगें पसार कर सो गईं. करीब आधा घंटे तक मैं भी बुआ की मदमस्त जवानी को देख कर लंड मसलता रहा. फिर जब मुझे रहा नहीं गया, तो मैं उनकी कमर पर हाथ घुमाने लगा. हालांकि बुआ की तरफ से कोई विरोध नहीं हुआ. तब भी मेरी फट रही थी. इसी बीच कब मुझे नींद आ गई, पता ही नहीं चला.
अगले दिन सुबह मैं उठा, तब तक बुआ उठ चुकी थीं. मैं भी फ्रेश होकर नाश्ता कर ही रहा था कि बुआ ने पीछे से गले लग कर मेरे गाल पर किस कर दिया.
मैं उनको देखता रहा, उनकी आंखों में वासना की खुमारी दिख रही थी.
फिर मैंने नाश्ता खत्म किया और ऑफिस के लिए निकल गया. मैं ऑफिस में भी सारा दिन बुआ के बारे में ही सोचता रहा. उनकी मादक जवानी ने मुझे बस घर जाने की जल्दी मचा थी.
शाम को जब घर पहुंचा, तो बुआ मम्मी से बात कर रही थीं. मैंने सुना कि वो अपने पति से लड़ाई करके आई हैं. उनके पति का कहीं और चक्कर चल रहा था, तो वो लड़ाई करके चली आईं.
रोज की तरह खाना खाने के बाद सब सोने चले गए. मैं पहले से ही अपने कमरे में था. बुआ आईं और मेरे साथ बैठ कर बातें करने लगीं. पहले तो वो इधर उधर की बातें करने लगीं.
उसके बाद बुआ ने मेरे से पूछा- तेरी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं?
पहले तो मैं डर गया कि ये क्या पूछ रही हैं.
फिर बुआ ने मुझसे बोला- डर मत … मैं किसी को नहीं बताऊँगी.
मैं बोला- बुआ मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
बुआ ने हंसते हुए बोला- मुझसे झूठ मत बोल … इस उम्र में तो सब लड़कों की गर्लफ्रेंड होती हैं.
मैंने बोला- सच्ची में कोई नहीं है.
तब बुआ मेरे गालों को खींच कर बोलीं- मेरा भोला भांजा.
अब उन्हें क्या पता कि ये भोला भांजा उन्होंने चोदने की फिराक में है.
कुछ देर बाद बुआ सो गईं और मैं थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहा. मैं मोबाइल में गेम खेलता रहा. रात के 1:30 बजे मैंने बुआ को आवाज दी और हिलाया, लेकिन वो सोती रहीं. मैं धीरे धीरे अपना हाथ उनकी कमर पर फिराने लगा … और अपने हाथ को बुआ की चूची तक ले गया. फिर हिम्मत करके मैं धीरे धीरे बुआ के मम्मे दबाने लगा.
तभी बुआ एकदम से हिलीं, तो मैंने डर के मारे अपनी आंखें बंद कर लीं ताकि उन्हें लगे कि मैं नींद में सोया हुआ हूँ. इतना होने के बाद मेरी गांड फट गयी थी कि बुआ जग कर गुस्सा ना करें, मैं ऐसे ही सो गया.
अगली रात को भी ऐसा ही हुआ, जैसे ही बुआ हिलीं, मैं फिर डर गया.
ऐसे ही तीन दिन निकल गए, चौथे दिन रविवार था और मैं जल्दी उठ गया, लेकिन बुआ पहले ही उठ चुकी थीं. वे बाथरूम में थीं, फिर मैंने बुआ को दिखाने के लिए अपने लंड को लोवर से बाहर निकाल दिया.
जैसे ही बुआ बाथरूम से बाहर निकलीं … मैं फिर से सोने का नाटक करने लगा. बुआ की नजर सीधे मेरे खड़े लंड पर गयी और वो पांच मिनट तक ऐसे ही देखती रहीं.
जब बुआ बाहर चली गईं, तो मैंने बाथरूम में जाकर मुट्ठी मारी.
उस पूरे दिन मैं कहीं नहीं गया, बुआ के साथ मस्ती करता रहा. मैं मजे मजे में कभी उनकी गांड पर, तो कभी चूची पर हाथ मार देता, लेकिन मुझे क्या मालूम था कि बुआ आज रात खुद ही चुदवाने वाली हैं.
रात को बुआ के सोने के बाद मैं उनकी चूची पर फिरा रहा था, लेकिन आज बुआ बिल्कुल भी नहीं हिलीं. मैं बुआ की चूची को दबाता रहा. फिर धीरे धीरे अपना हाथ उनकी जांघ पर फिराने लगा. अब मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा और मेरी हिम्मत भी बढ़ रही थी.
मैंने बुआ की नाईटी को उनकी जांघ के ऊपर कर दिया. ऐसे करते हीं मैंने देखा कि आज बुआ ने पेंटी नहीं पहनी थी और उनकी बिना झांटों वाली चिकनी चूत मेरे सामने थी. मेरा मन तो कर रहा था कि अभी लंड डाल कर चोद दूं, लेकिन फट भी रही थी कि बुआ जाग न जाएं.
फिर भी मैं उनकी चूत पर हाथ घुमाने लगा. कुछ देर तक जब बुआ की तरफ से कोई एक्शन नहीं हुआ, तो मैंने उंगली बुआ की चूत में डाली और अन्दर-बाहर करने लगा. इसी बीच बुआ की सिसकारियां निकलने लगीं, मैं समझ गया कि बुआ जाग रही हैं और उंगली से चूत चुदाई के मजे ले रही हैं.
मैं बुआ के कान के पास जाकर बोला- बुआ, जब मजे ले रही हो तो नाटक करने की क्या जरूरत है. खुल कर मजे लो ना.
मेरे ऐसा बोलते ही बुआ उठीं और मुझे किस करने लगीं. मैं भी उनका साथ देने लगा. करीब 15 मिनट तक ऐसे ही बुआ और मैं किस करते रहे. इस बीच हम दोनों कब नंगे हो गए, पता नहीं चला.
मैं बोला- बुआ, अब चूची चूसने की बारी है.
बुआ ने बोला- पागल … अब तो मैं पूरी तेरी हूं … जो मर्जी कर … लेकिन मुझे बुआ मत बोल, शायना बोल.
मैंने भी बोला- आ जा शायना मेरी जान … आज जी भर कर मजे लेंगे.
शायना बुआ ने बोला- मैं तो जिस दिन आई थी, उस दिन ही तूने मेरी अन्दर की आग को भड़का दिया था. मैं कब से तुझसे चुदना चाहती थी, मगर तू आगे ही नहीं बढ़ रहा था. तो मुझे ही आज चुपचाप लेटे रहना पड़ा.
इतना बोल कर शायना बुआ नीचे बैठ कर मेरा लंड चूसने लगीं और दस मिनट तक ऐसे ही चूसती रहीं. मैं जन्नत की सैर कर रहा था.
शायना बुआ ने बोला- ऐसा कर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ जाते हैं.
शायना बुआ की चूत का टेस्ट एकदम मस्त नमकीन था. करीब 20 मिनट की चूत चुसाई में शायना बुआ एक बार झड़ चुकी थीं.
अब शायना बुआ बोलीं- मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है, तू जल्दी अपना लंड डाल दे.
मैं थोड़ा और मजे लेने के मूड में था, तो अपने लंड को चूत के ऊपर ही रगड़ने लगा. शायना बुआ और ज्यादा छटपटाने लगीं. जब मैंने अपना लंड डाला, तो लंड शायना बुआ की चूत में गया ही नहीं.
शायना बुआ बोली- आराम से डालो मेरी जान, इस चूत ने एक साल से लंड नहीं खाया है.
मैंने बहुत सारा थूक चूत और लंड पर लगाया और झटका दे मारा. मेरा आधा लंड शायना बुआ की चूत में घुसता चला गया.
शायना बुआ कराहते हुए बोलीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… साले हरामजादे … बोला था न आराम से डालिओ … मेरी चूत को फाड़ेगा क्या?
मुझे बुआ के मुँह से गाली सुन कर और जोश आ गया. मैं एक और तेज झटके में अपना पूरा लंड शायना बुआ की चूत में ठोक दिया. मेरा लंड चूत की गहराइयों में समा गया.
शायना बुआ की आंखों से आंसू निकल आए. मैं थोड़ी देर रूक गया और शायना बुआ को किस करने लगा. शायना बुआ भी नीचे से गांड हिलाने लगीं.
अब मैंने भी झटके मारने चालू कर दिए. बुआ मस्ती से मेरे लंड का मजा लेती रहीं.
ऐसे ही हम दोनों ने 20 मिनट तक चुदाई की. इस बीच शायना बुआ झड़ चुकी थीं. फिर मैं भी शायना बुआ की चूत में ही झड़ गया.
कुछ देर बाद हम दोनों ने एक दूसरे को चूमा और अलग अलग लेट गए.
आधे घंटे बाद मेरा लंड फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया. इस बार मैंने शायना बुआ की गांड मारी. उस रात हमने चार बार चुदाई की.
अगले दिन शायना बुआ के चेहरे पर एक अलग ही खुशी थी, मानो जैसे उनको कोई खजाना मिल गया हो.
शायना बुआ हमारे घर 15 दिन रूकीं. हम दोनों रोज चुदाई के मजे लेने लगे. उसके बाद शायना बुआ के पास फूफा जी का फोन आ गया, तो बुआ चली गईं. मेरा लंड फिर से अकेला रह गया.
अपनी सेक्सी बुआ की चुदाई की कहानी में आपको कोई गलती दिखी हो, तो मुझे माफ करना दोस्तो. मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा.
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