हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम अवनीश है और मेरी उम्र 25 साल है. ये हॉट कॉलेज गर्ल सेक्स स्टोरी मेरी बहन की सहेली नीता की चुदाई की कहानी है.
नीता की उम्र 22 साल है, वो मुझसे 3 साल छोटी है. नीता की हाईट 5 फिट 2 इंच की है और वो दिखने में एकदम दूध सी सफेद गोरी-चिट्टी है.
उसका शरीर भरा हुआ है और मादक फिगर है. मुझे यकीन है कि जो भी उसे एक बार देख लेगा, तो वो बिना मुठ मारे रह ही नहीं पाएगा.
नीता और मेरी बहन दोनों खास सहेली थीं.
मेरी बहन सीधी पर कॉलेज में सबसे ज्यादा होशियार थी, नीता तेज लड़की थी, नीता ने मेरी बहन से दोस्ती की थी क्योंकि वो मेरी बहन की मदद से अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती थी.
नीता अक्सर हमारे घर आती रहती थी और उससे मेरी मुलाकात भी होती रहती थी.
मैं भी एक आकर्षक व्यक्तित्व का युवा हूँ और कुछ नेता टाइप का भी हूँ.
नीता इसी वजह से मुझसे काफी प्रभावित थी.
मैं भी उसे लाइन देता था पर उसने कभी कोई इशारा नहीं दिया था. मैं समझता था कि उसे अपने हुस्न का बहुत घमंड है.
मैंने भी सोच रखा था कि एक न एक दिन इसे अपने लंड के नीचे लाकर नहीं रगड़ा, तो मैं भी एक बाप से पैदा नहीं.
अब सीधे मुद्दे पर आते हैं.
नीता को कॉलेज का एक लड़का बहुत परेशान करता था.
एक दिन उस लड़के ने नीता का हाथ पकड़ लिया और जबरदस्ती करने लगा.
नीता ने हल्ला मचा दिया और वो लड़का डर के मारे भाग गया.
अब वो लड़का नीता को आते जाते और फोन पर परेशान करने लगा था.
मैं उसी कॉलेज में पहले अध्यक्ष रहा था तो सब मुझे जानते थे और मैं थोड़ा दबंग किस्म का भी था तो सभी दाब भी खाते थे.
नीता को भी मेरे बारे में ये बात पता थी.
दूसरे दिन नीता मेरे घर पर आई और उसने मुझे अपनी समस्या बताई.
मैंने उससे कहा- तुम चिंता न करो आज से वो तुम्हें परेशान तो क्या … तुम्हारे आस-पास दिखाई भी नहीं देगा. लेकिन मुझे क्या मिलेगा?
मेरी आंखें वासना से तप्त थीं. मैं ये सवाल करते समय ऊपर से नीचे उसके जिस्म को चोदने वाली नजर से देख रहा था.
वो भी समझ गयी और बोली- अवनीश, मैं तुमको पसंद करती हूँ. जो तुम चाह रहे हैं, वो मैं तुमको बिना कहे दे दूंगी. तुम मुझे अपनी समझते हो, तो बस मुझे इस लड़के से छुटकारा दिला दो.
उसने ये कहा तो मैंने अपनी बांहें फैला दीं और उससे अपने प्यार का इजहार कर दिया.
‘आई लव यू नीता.’
‘आई लव यू टू अवि …’
वो हॉट कॉलेज गर्ल मेरी बांहों में अपना दिल धड़काने लगी.
बस फिर क्या था, मैंने उस लड़के को उसी की भाषा में समझा दिया.
उसने परेशान करना तो दूर की बात थी, कॉलेज ही छोड़ दिया.
नीता अब खुश थी.
दो दिन बाद वो मेरी बहन से मिलने घर आई.
मगर मेरी बहन मां के साथ एक सप्ताह के लिए मामा घर गयी थी.
ये बात मेरी बहन जल्दीबाजी बिना किसी को बताए गई थी क्योंकि नानी की तबियत बहुत खराब थी.
नीता जब आयी तो घर में कोई और नहीं था. मैंने नीता को अपनी बहन के बारे में बताया तो वो जाने लगी.
आज नीता मिनी स्कर्ट और टाइट टॉप में आई थी.
जैसे ही वो जाने के लिए मुड़ी, मैंने उसे हाथ पकड़ कर सीधा अपने पास खींच लिया.
एक मिनट के लिए तो वो घबरा गई लेकिन समझ गयी कि आज मुहब्बत करने की बेला आ गयी है.
वो हल्की सी मुस्कुरा दी.
मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और किस करने लगा.
शुरू शुरू में उसने थोड़ी कसमसाहट दिखाई लेकिन मैं उसे चुम्बन करता रहा.
दो मिनट के लम्बे किस के बाद वो मुझसे अलग हुई और बोली- अवनीश, मैं तुम्हारी ही हूँ, तुमको जो भी करना है, आराम से करो प्लीज़.
ये कह कर वो मेरी बांहों में चिपक गई.
बस फिर क्या था … मैंने उसे गोद में उठाया और कमरे में ले गया.
मैंने सबसे पहले उसके बालों में हाथ डालकर उसे फ्रेंच किस किया.
वो भी इस बार किस का मजा ले रही थी.
हम दोनों प्यार भरी बाते करते हुए एक दूसरे को सहलाने लगे थे.
उसी दौरान उसने मेरे लोअर में हाथ डालकर मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया.
मैंने भी उसके टॉप को ऊपर किया और गोरे मोटे बूब्स पर अपना मुंह लगाकर काटने और चूसने लगा.
वो गर्मा उठी और अपनी छाती खुद से मेरे मुँह में गड़ाने लगी.
धीरे धीरे वासना का ज्वर उफान पर आता गया और कुछ ही देर में हम दोनों पूरे नंगे हो गए.
उसका नंगा जिस्म देखकर मैं बेकाबू हो गया था.
उसकी चूत तो इतनी गुलाबी थीं कि कैसे कोई संतरे की रसभरी फांकें हों.
उसकी गांड को छिपाए हुए उसके दोनों सुडौल मोटे मोटे चूतड़ ऐसे मस्त थे मानो दो गाव-तकिया लगे हों.
अब हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए. मैं रस से लबालब उसकी चूत को चाट रहा और वो मेरा लंड चूस रही थी.
करीब पांच मिनट बाद दोनों एक साथ स्खलित हो गए.
वो पेशाब करने के लिए नंगी ही बाथरूम में जा रही थी.
उसके पीछे से हिचकोले खाते चूतड़ों को देखकर मेरा दिल बेईमान हो गया और मैं पीछे पीछे बाथरूम में चला गया.
वो खड़ी होकर मूत रही थी, उसका पेशाब उसकी जाँघों पर से बह रहा था. यह देख मैं वासना में जल उठा.
मैं उसके पास गया. मैंने पीछे से उसके दोनों दूध पकड़ लिए और गले पर किस करने लगा.
वो भी मूड में आ गयी और सीधे होकर मुझे फिर से किस करने लगी.
इतने में मैंने शावर चालू कर दिया और जोश में आकर उसके साथ वहीं शुरू हो गया.
हम दोनों का उत्तेजना से चूमना चाटना चालू हो गया. वो कभी मेरे सीने पर चूमती तो कभी नाभि पर, मैं भी उसके पूरे शरीर के हर अंग को मसल और चूम रहा था.
तभी मैं पीछे की तरफ आ गया.
हमारे जलाते जिस्मों पर शावर का पानी पड़ रहा था.
वो बेचैन हो उठी थी.
नीता बोल रही थी- अवनीश अब मुझसे रहा नहीं जाएगा जान … अब जल्दी से अन्दर डाल दो.
मैंने ड्यूरेक्स लोशन उठा लिया. मैं अक्सर मुठ मारने में इसी लोशन को काम में लेता था. उसे अपने लंड पर और उसकी चूत में भर दिया और उसे झुकाकर दीवार के सहारे घोड़ी बना दिया.
उसकी चुत लपलप करती हुई दिख रही थी. मैंने अपना लंड चुत में सैट किया और पूरा 8 इंच का लंड एक बार में ही चुत में धकेल दिया. उसकी गुलाबी चूत के अन्दर लंड घुसता चला गया.
वो चिल्लाने लगी थी और छटपटा रही थी. मगर मेरी पकड़ काफी मजबूत थी तो वो कुछ न कर सकी.
इस वक्त पानी की फुहार हम दोनों के जिस्म पर बरसकर हम दोनों की आग भड़का रही थी.
मैं अपने एक हाथ से उसके मोटे और रस भरे दूध को बेरहमी से दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसके एक कूल्हे को मजबूत पकड़ के साथ लंड के झटके पूरी तेजी से मारता जा रहा था.
उसकी चीखें जल्द ही मस्त आहों और कराहों में बदल गईं. अब वो पूरे शवाब पर थी और लंड की मस्ती ले रही थी.
इस समय नीता तेज आवाज में बड़बड़ा रही थी- आंह अवि और तेज … डाल दे लंड पूरा … आह भैनचोद … रगड़ दे मुझे … आज मसल दे अपने नीचे और तेज कर मादरचोद.
ऐसे ही उसके मुँह से निकलने वाले, न जाने कितने अनगिनत अश्लील शब्दों ने मेरे खून में हवस को खौलाने का काम किया.
मैं करीब आधा घंटा तक उसकी चूत का हलवा बनाता रहा. वो अब तक कई बार झड़ चुकी थी.
मगर मेरा अभी भी बाकी था, मेरी हवस आज उसे पूरा निचोड़ लेने की थी. उसकी मखमली गांड का मैं दीवाना था.
थक कर वो शावर के नीचे फर्श पर पेट के बल लेट गयी. मैंने शावर बंद किया और उसे सहारा देकर बाहर तक ले आया.
उसमें खुद उठने की भी हिम्मत नहीं बची थी. हम दोनों गीले थे. मैंने उसे ऐसे ही बिस्तर पर डाल दिया और बॉडी आयल की शीशी लेकर उसके सफेद गोरे जिस्म की मालिश करने लगा.
दरअसल मेरी नज़र उसके गांड के सफेद छेद पर थी, जिसे चोदना उसके प्रति मेरी आखिरी हवस थी.
मैंने तकरीबन 20 मिनट उसके पूरे शरीर की मालिश की, उसे बहुत आराम मिला.
पर वो नहीं जानती थी कि अभी उसकी असल ठुकाई होना बाकी है.
वो अब मालिश करवाते वक़्त बड़ा आराम और सुकून महसूस कर रही थी.
मैंने भी तेल की आधी शीशी उसकी गांड पर बहा दी.
वो नासमझ मालिश समझ कर कुछ नहीं बोल रही थी, बस मस्ती से अपना शरीर मुझसे मसलवा रही थी.
मैं पूरी ताकत से उसके उठे हुए दोनों नितम्बों को दबा रहा था और दोनों हाथ के अंगूठों को अन्दर दबाता हुए गांड के छेद के पास तक ले जा रहा था.
इससे चूतड़ों पर पड़ा हुआ तेल, हल्के हल्के से उसकी गांड के छेद में जा रहा था और कुछ ही देर में गांड में तेल लबालब भर गया था.
मैं भी हल्के हल्के से अपनी बीच वाली उंगली को मालिश के बहाने उसके छेद में डाल निकाल रहा था.
जब उंगली छेद के अन्दर जाती तो वो हौले से चिहुंक जाती.
वो मालिश समझ कर मजे ले रही थी जबकि मैं अपनी गिद्ध दृष्टि उसकी गुलाबी गोरी गांड पर लगाए हुए था.
जब मैंने उसकी गांड को चुदाई के लिए तैयार देखा, तो बॉडी टू बॉडी मालिश के बहाने उसकी पीठ पर अपने शरीर को रगड़ने लगा.
मैं अपने लंड को मालिश के बहाने कभी उसकी गांड पर घिसता, तो कभी जांघों पर.
वो मस्त हुई पड़ी थी.
फिर मैंने उसके कंधों पर मालिश करते हुए उसके बालों की चोटी बना कर अपनी पकड़ बनाई और उसे हल्के से खींचा.
इससे उसकी गांड हवा में उठी और मैंने उसे साथ देने को बोला.
वो समझी कि मैं पीछे से चूत चोदूंगा, उसने अपनी टांगें चौड़ा दीं.
पर जैसे ही उसने चूत में लंड लेने के लिए गांड को हल्का सा छोड़ा, वैसे ही मैंने लंड उसकी गांड में पूरा उतार दिया.
वो एकदम से चिल्ला पड़ी और रोने लगी. उसकी आंखें बाहर निकल आईं.
उसके सामने आईना लगा होने से उसकी स्थिति मुझे साफ दिखाई दे रही थी.
वो मिन्नतें कर रही थी, पर मैंने उसे इस तरह से मजबूती से पकड़ रखा था कि वो हिल भी नहीं पा रही थी.
मैं उसकी गांड में बोरिंग की रॉड की तरह अपने लंड को पेलता रहा.
वो चीखती रही, उसकी गांड से ख़ून भी निकल रहा था लेकिन मैं बिना परवाह चोदता रहा.
करीब 10 मिनट बाद वो मेरा साथ देने लगी और गांड मराने का पूरा मजा लेने लगी.
हम दोनों ने उसके बाद कुछ मिनट तक गांड चुदाई का मजा लिया और अब झड़ने की बेला आ गई थी.
मैंने अपना लंड गांड से बाहर निकाला और सारा माल उसकी गुलाबी चूतड़ों पर बहा दिया.
उसके बाद हम दोनों की आंख कब लग गयी, पता ही नहीं चला.
करीब 4 घंटे बाद मेरी आंख खुली, तो वो फ्रेश होकर और लड़खड़ाती चाल से अपनी पैंटी पहन रही थी.
मैं नंगा ही उसके पीछे जाकर चिपक ही रहा था.
वो डर के मारे मुझसे दूर हो गयी और उसने मुझे हिदायत दी- अब बस बहुत हुआ, आज के लिए इतना काफी है … अब मुझमें और हिम्मत नहीं है.
लेकिन दोस्तो, मेरी कमज़ोरी … उसकी गांड के वो दोनों खरबूजे मुझे ललचा रहे थे, मेरा लंड खड़ा था.
उसने मुझसे हाथ जोड़कर कहा- जान बस अब रहने दो … अभी 7 दिन हैं. आराम से कर लेना, मैं तुम्हारे लिए हर वक़्त हाजिर हूँ, जब बुलाओगे आ जाऊंगी क्योंकि मुझे भी तेरी लत लग गयी है.
आखिरकार मैं भी मान गया और उससे लंड चुसवाकर खुद को झड़वा लिया और कल आने का वादा ले लिया.
दोस्तो, पूरे 7 दिन तक मैंने उस हॉट कॉलेज गर्ल को जी भरके चोदा. वो बहुत ज्यादा कामुक थी, उसे एक और लंड चाहिए था. वो सैंडविच चुदाई का मजा लेना चाहती थी.
मैंने दूसरे लंड का इंतजाम किया और मेरे छोटे चचेरे भाई ने भी उसे पेला. वो मदमस्त सेक्स कहानी आगे कभी सुनाऊंगा.