दोस्तों जब किसी का पति साथ नहीं हो तो उसके साथ क्या-क्या होता है आज मैं वही बताने जा रही हु. मैं आपको अपने Chudai ki Kahani बताने जा रही हूं. आज मैं अपनी आपबीती आप लोग के सामने सुनाने जाऊंगी. मेरी यह सेक्स कहानी मेरे और मेरे ससुर और मेरे देवर के बीच में है आजकल दोनों अपने लंड से मेरी चूत को चोद चोद के फैला कर दिया है यह सब कैसे हुआ क्यों हुआ कब से हुआ अभी आप सब जानेंगे.
मैं जयपुर की रहने वाली हूं मेरे पति फौज में है वह साल में बस एक महीना के लिए ही आते हैं घर में मैं मेरे ससुर और मेरे देवर रहते हैं मेरी सांस नहीं है मेरी कोई ननद नहीं है तो घर में मैं अकेली औरत हूं और अकेली औरत तो कैसे होती है दोस्तों को आपको भी पता है.
1 दिन की बात है मैं बैठ कर रो रही थी तू ससुर आए और पूछने लगे बेटी तुम्हें क्या हुआ है क्यों रो रही है तुम्हें उनको बोल दे पति ज्यादा रहे हैं मैं अकेले रहती हूं हर एक पत्नी चाहते हैं कि उसका पति साथ रहे उसके साथ अपना सुख दुख शेयर करें पर मेरे साथ ऐसा नहीं है मैं अपनी बात किस को बताऊं मैं घर में अकेली औरत हूं मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा. आखिर शादी मैंने क्योंकि शादी करने का मेरा मकसद क्या था शादी करने का मकसद था कि मैं खुश रहूं अपने पति के साथ रहूंगा अपने परिवार के साथ रहूं पर मेरा यहां पर कोई देखभाल करने वाला नहीं है मैं अकेली रहती हूं घुट घुट के जिंदगी जी रही हूँ.
दोस्तों सच्चाई तो यह है कि मैं मस्त जवानी में हूं. मेरी बड़ी-बड़ी चूचियां किसी काम के नहीं है कोई हाथ करने वाला नहीं था इस पर मेरे गोल गोल गांड मेरी चूत मेरे चूतड़ बंजर भूमि के तरफ हो गया है कोई देखने वाला नहीं कोई खोजने वाला नहीं कोई उगाने वाला नहीं.
दोस्तों सच्चाई तो यही है कि मुझे भी चुदने का मन करता है. मुझे तो अभी कुछ दिन से ऐसा लगने लगा था कि पति ना सही कोई और ही मुझे चोद दे सच्चाई तो यह है कि मैं भी यही चाहती थी कि मेरा ससुर मुझे चोदे या मेरा देवर मुझे चोदे पर कोई जरूर चोदे. अब मैं बिना लंड के नहीं रह सकती थी.
मेरे ससुर मुझे समझा रहे थे तो मैं सोच रही थी कि समझाने से कुछ नहीं होगा मुझे तो अब लंड चाहिए मेरी चूत हमेशा गीली हो जाती है रात को दोस्तों हुआ यह कि वो समझाते समझाते अपना हाथ मेरी पीठ पर सहलाने लगे जब वह मेरा पीठ सहला रहे थे तो मुझे लग रहा था कि किसी मर्द कहा था भले मेरा ससुर है क्यों नहीं थे. पर उनका हाथ सहलाना कुछ कुछ बदल सा गया था.
जैसे ही मैं उनको देखने लगी वह मुझे देखने लगे धीरे-धीरे वह मेरा गाल छूने लगे मेरे भाई को छूने लगे उस समय घर में देवर जी नहीं थे क्योंकि वो ऑफिस गए थे ससुर मेरे रात में ऑफिस जाते हैं उनके नाइट ड्यूटी लगते हैं.
उसके बाद मेरे दिल को छूने लगे उसको छोटे-छोटे अपना मेरे करीब ले आए अपना वोट मेरे करीब ले आए और मेरे गाल पर चुम्मा लेने लगे मैं सहम गई मैं बोली ससुर जी यह क्या कर रहे हैं आप मैं आपकी बहू हु.
तू बोले मुझे पता है एक जवान औरत को क्या चाहिए एक लड़की जो ज्यादा दिन तक अपने पति के साथ नहीं रही है उसे क्या चाहिए देखो बेटी शारीरिक संबंध किसी से भी बना लो चलता है नहीं बनाओगे तुम्हारा पति याद आएगा. मुझे भी यही लगा पति का कुछ भरोसा नहीं कब आता है नहीं आता है. अपनी ज़िंदगी क्यों खराब करूँ. रही बात ससुर से रिश्ते की तो जब वो मुझे सब कुछ दे रहा है तो चुदने में मुझे क्या जाता है.
इसलिए मैं भी कुछ नहीं बोली वो मुझे किस करने लगे और मैं भी उनको किश करने लगी. धीरे धीरे मैं आवेश में आ गई उनको लिटा दी और उनपर चढ़ गई. वो मेरे ऊपर क्या चढ़ते मैं भी ऊपर हो गई उनका कुरता उतार दिया और चूमने लगी. तुरंत ही मैं अपना ब्लाउज खोल दी ब्रा भी खोल दी और उनके लंड पर बैठ गई. धीरे धीरे उनका लौड़ा बड़ा हो गया. मेरी गांड के बीचो बिच आ रहा था. इसलिए मुझे फील हो रहा था.
दोस्तों फिर क्या था मैं पेटीकोट भी खोल दी और उनका कपडा भी उतार फेंका उन्होंने मुझे झटके से निचे किया और मेरे ऊपर चढ़ गए. वो मेरी चूचियां दबाने लगे मेरी चूत सहलाने लगे. मैं हाथ ऊपर की तो वो मेरी कांख यानी बगल चाटने लगे. ओह्ह्ह्ह क्या बताऊँ ऐसा तो पति ने भी मेरे साथ नहीं किया था कभी. उसके बाद मुझे पलट दिए और मेरी गांड चाटने लगे ऐसा तो शायद कोई नहीं करता. पर ना उनको शर्म था ना उन्हें घृणा आ रही थी वो मेरी गांड चाट रहे थे.
मैं तो बहुत ही ज्यादा कामुक हो गई. और बोली मुझे पति की कोई जरुरत नहीं अगर आपने मुझे ऐसा किया और मुझे खुश कर दिया तो. तो वो बोले मैं पहलवान हूँ. मेरा लौड़ा जितना मोटा और लंबा किसी का भी नहीं मिलेगा. और उन्होंने लौड़ा मेरे मुँह में दे दिया. मेरी सांस रुकने लगी थी क्यों की था में बहुत बड़ा लौड़ा उनका.
दोस्तों उसके बाद वो मेरे पुरे शरीर को चाट दिए. मैं तर बतर हो गई. मेरी चूत गीली हो गई. मैं खुद ही अपने से अपनी चूचियां मसलने लगी. मेरे दांत कटकटा रहे थे खुद ही होठ काट रही थी अपने दांतो से. उसके बाद उन्होंने अपना मोटा लौड़ा निकला और मेरी चूत पर पहले पांच मिनट तक रगड़ा ऊपर से निचे तक. मैं पागल हो गई थी. मुझे जल्द से जल्द अंदर चाहिए थे पर वो ललचा रहे थे और मुस्कुरा रहे थे. अचानक वो चूत के बिच में लौड़ा लगा कर जोर से घुसा दिए. दर्द से कराह उठी पर लौड़ा पूरा अंदर तक चला गया था.
क्यों की चूत में फिसलन काफी ज्यादा हो गया था. मैं लम्बी सांस ली और मुँह से अअअअअअअ की आवाज निकल पड़ी और फिर क्या बताऊँ वो जोर से करीब दस धक्के दिए जोर जोर से हरेक धक्के पर वो है है है और मैं करती आह आह आह आह आह फिर वो मेरी चूचियों को दबाते मेरी बगल को चाटते. और मैं जोर जोर से सिहरना करती और मैं गांड गोल गोल घुसाकर उनका लंड अंदर बाहर करने लगी.
वो मुझे पलट कर चोदने लगे उनका पूरा लंड मेरी बच्चेदानी तक जा रहा था. मैं भी जोर जोर से धक्के दे रही थी. वो भी पेल रहे थे. मजा आ गया करीब एक घंटे की चुदाई में. ये मेरी पहली चुदाई थी जिसमे मैं संतुष्ट हुई थी. फिर हम दोनों एक दूसरे को चूमते हुए सो गए करीब एक घंटे बाद उठे फिर कपडे पहने.
ये सिलसिला चलता ही रहा. एक दिन की बात है. देवर जी ने हम दोनों को सेक्स करते हुए देख लिए. और वीडियो बना लिया. जब ससुर जी रात के नौ बजे ड्यूटी गए तो वो मुझे वीडियो दिखाया और बोले की अभी मैं अपने भैया को भेजता हूँ. मैं डर गई. लगा की अब क्या होगा. वो मुझे डराने लगे. गाली भी देने लगे. पर उनकी नजर मेरे ब्लाउज पर थी.
मैं समझ गई चुदाई चाहिए इसे. मैं अपना ब्लाउज का हुक खोल दी और ब्रा उतार दी. और बोली अब बोल भेजेगा ये वीडियो. तो उन्होंने कहा नहीं. और वो मेरे से लिपट गए. और मेरी चूत चाटने लगे मुझे लिटाकर. फिर उन्होंने मेरी चूचियां बुरी तरह से दबाने लगे. होठ चूसने लगे. फिर चोदने लगे. उन्होंने मुझे पूरी रात चोदा मैं भी खूब मजे ली. ऐसा नहीं था की मुझे खराब लग रहा था. अब तो मुझे दो दो लंड मिल रहा था.
अब दिन में ससुर जी और रात भर मेरा देवर मेरी चुदाई करता है. अब रोज मैं भी रानी की तरह रहती हूँ किसी चीज की कोई कमी नहीं है. दो दो पति या आशिक हो गया है घर में. अच्छी अच्छी चीजें लाता है खिलाता है. कल तो मुझे सोने का चेन भी मिला है. अब क्या चहिये मुझे. सब कुछ है और मिल रहा है.