देसी गर्ल सेक्स कहानी एक लड़की की है जो टीवी सीरियल में काम करना चाहती थी. मैं टीवी आर्टिस्ट हूँ. उसकी फोटो देखते ही मुझे प्यार हो गया.
नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम हैप्पी सिंह (बदला हुआ नाम) है और मैं मुम्बई में रहता हूं।
अपने साथ घटित हुई सच्ची घटना को मैं आपके साथ बांट रहा हूं. ये मेरा पहला अनुभव है इसलिए लिखने में कुछ गलती हो जाये तो माफ कर दीजियेगा।
मैं मुम्बई में एक टेलीविजन सीरियल में काम करता हूं और इसी के चलते मेरी बहुत सी लड़कियों से दोस्ती भी है.
मैंने बहुत सी लड़कियों की चुदाई भी की है.
अब आप लोग तो जानते ही हैं कि फ़िल्म लाइन में किसी के साथ सेक्स कर लेना बहुत बड़ी बात नहीं मानी जाती है.
पार्टी करते हुए आप किसी भी लड़की से दोस्ती करके उसके साथ एक रात बिता सकते हैं और ये बहुत ही आसान है यहां पर.
तो ऐसे ही मेरी लाइफ भी चल रही थी.
एक दिन मुझे मेरी फेसबुक पर एक लड़की का फ्रेण्डशिप के लिए रिक्वेस्ट आया तो मैंने उसे स्वीकार कर लिया।
वैसे उसका नाम अपर्णा (बदला हुआ नाम) था और वो इंजीनियर की स्टूडेंट थी.
वो अपने कॉलेज के फाइनल इयर में थी.
बात करने पर पता चला कि वो नासिक की रहने वाली है.
बहुत दिनों तक हमारी बातें होती रहीं.
मैंने उसको अभी तक रियल में नहीं देखा था.
उसकी फेसबुक वाली आईडी पर भी एक फूल का फोटो लगा हुआ था. मैंने उससे फोटो कभी मांगी भी नहीं थी.
मुझे लगता था कि उसको अगर मुझ पर यकीन होगा तो वो खुद ही अपनी फोटो दिखा देगी.
खैर, फिर उसके बाद हमारी लगभग रोज ही बात होने लगी और उसको फ़िल्म लाइन में एक्टिंग करने का बहुत शौक था इसलिए उसने मुझे रिक्वेस्ट भेजी थी. ये मुझे बाद में पता चला था।
फिर हमारी दोस्ती इतनी अच्छी हो गयी कि हमने फोन नम्बर्स एक दूसरे से साझा कर लिए और फिर हम फ़ोन पर बातें करने लगे।
लगभग 2 महीने के बाद मैंने उससे एक फोटो मांगी उसको देखने के लिए।
उसको हमारी दोस्ती में इतना तो यकीन हो ही गया था कि मैं उसके भरोसे के लायक हूं. उसने सूट में मुझे एक फोटो भेजी व्हाट्स एप पर।
ये पहली बार था जब मैंने उसको देखा था.
एकदम बला की खूबसूरत थी वह. तीखे नैन नक्श … गुलाबी होंठ, उभरी हुई छाती, एक दम परफेक्ट फिगर वाली लड़की थी वो!
उसको देखते ही किसी को भी उससे प्यार हो जाये।
पहली बार मुझे कोई लड़की प्यार के लिए पसंद आई थी और सोचता था कि काश ये लड़की मेरी ज़िंदगी में आ जाये।
शायद खुदा को भी यही मंजूर था.
फ़ोटो देने के बाद उसको मुझ पर यकीन हो गया था कि मैं उसके लायक हूं और फिर वो हर रोज़ ही अपनी फोटो मुझे भेज दिया करती थी.
कभी नाईट सूट में तो कभी जीन्स शर्ट में भेजा करती थी।
हमें एक दूसरे से बातें करने की और ऐसे ही फ़ोन में लगे रहने की आदत सी हो गयी थी.
शायद उसको मुझसे प्यार हो गया था और मुझे तो उससे पहली नज़र में ही प्यार हो गया था।
एक दिन मैंने उसको अपने दिल की बात बता दी.
तो फिर पूरे दिन वो ऑनलाइन भी नहीं आई और ना ही फ़ोन लगा उसके पास।
मुझे लगा कि मेरा पत्ता तो यहीं पर साफ हो गया.
प्यार के चक्कर में दोस्ती भी जाती रही.
मगर ऐसा नहीं था.
अगले दिन उसका मुझे फ़ोन आया और उसने बताया कि उसका फ़ोन खराब हो गया था जिस वजह से बात नहीं हो सकी.
फिर उसने बताया कि वो भी मुझसे प्यार करने लगी है.
मानो ऐसा लगा जैसे मैं हवा में उड़ रहा हूं. उसके प्यार का इजहार सुनकर मैं खुशी से उड़ा जा रहा था.
बस फिर क्या था … उस दिन के बाद से हम फ़ोन पर ही बातें करते रहते.
फिर हमने फ़ोन सेक्स भी करना शुरू कर दिया.
मगर उससे मिलना नहीं हो पा रहा था.
एक दिन उसका फ़ोन आया कि वो कुछ काम से मुम्बई आ रही है और वो मेरे साथ ही रहेगी 2-3 दिन तक!
मेरे मन में लड्डू फूटने लगे. एक एक दिन हमारे लिये मुश्किल से कट रहा था.
फिर वो दिन भी आ ही गया जब उसे मुंबई आना था.
मैंने भी उस वक्त अपने काम से छुट्टी ले ली.
पहली बार मैंने उसको स्टेशन पर ही देखा. जैसे ही मैंने उसको देखा तो मेरी आँखें उसको देखती ही रह गयीं. जितनी खूबसूरत वो फ़ोटो में दिखती थी उससे कहीं ज्यादा वो असल में खूबसूरत लगती थी.
उसने नीली जीन्स और एक टॉप पहना हुआ था जिसमें से उसका पेट साफ दिख रहा था और उसकी नाभि भी दिख रही थी.
उसके फूल से कोमल जिस्म को देखकर मुंह में पानी आ रहा था.
मन तो किया वहीं किस कर लूं उसको!
लेकिन खुद पर कंट्रोल किया मैंने.
फिर हमने एक दूसरे को गले लगाया और हम घर आ गए. ये हमारी पहली मुलाकात थी तो शायद वो थोड़ा शर्मा भी रही थी.
हालांकि हम फोन पर एक दूसरे से खुले हुए थे.
जैसा कि मैंने आपको बताया है कि हमने कई बार फ़ोन सेक्स किया हुआ था लेकिन फिर भी जब पहली मुलाकात आमने सामने हो तो शर्म तो आती ही है लड़कियों को।
खैर, वो सफर से आई थी तो थक भी गयी थी. वो फ्रेश होने चली गयी.
तब तक मैंने डिनर ऑर्डर कर दिया था क्योंकि मुझे खाना बनाना ज्यादा अच्छे से नहीं आता था और बाहर बारिश भी हो रही थी.
मुम्बई की बारिश का कोई भरोसा नहीं होता है कि कब तक रुके।
वो जब बाथरूम से निकली तब तक मैंने भी चेंज कर लिया और एक टी शर्ट व लोअर पहन लिया।
उसने भी एक नार्मल टी शर्ट और नीचे हाफ पैंट पहनी थी जिसमें से उसकी गोरी गोरी टांगें दिख रही थी. उनको देख कर लग रहा था जैसे आज ही वैक्सिंग करवाई हो।
फिर उसके बाद हमने डिनर करना शुरू किया और करते करते इधर उधर की बातें करने लगे.
हमने खाना खाया और फिर मैंने सारी सफाई वैगरह कर दी.
उसने भी मेरा हाथ बंटाया.
उसके बाद हम ड्राइंग रूम से निकल कर अपने बेडरूम में आ गए.
मैंने ए.सी. चालू कर दी और हम दोनों बेड पर लेट गए और ऊपर से कम्बल डाल लिया क्योंकि बाहर बारिश की वजह से कमरा जल्दी ही ठंडा हो गया.
वो मेरे करीब आ गयी और मेरी बांहों में लेट गयी.
उसने मेरे सीने पर सिर रख लिया और बातें करने लगी.
मैं उसके बालों से खेल रहा था.
फिर थोड़ी देर बाद मैं भी उसकी तरफ मुंह करके लेट गया.
हमारे चेहरे एक दूसरे के ठीक सामने थे. हम बस एक दूसरे को देख रहे थे और हमारी गर्म गर्म सांसें एक दूसरे के चेहरे से टकरा रही थीं.
फिर मैंने उसको माथे पर चूमा तो उसने अपनी आंखें बंद कर लीं।
अब माहौल ऐसा हो गया था कि जितनी बाहर सर्दी थी उससे ज्यादा हम दोनों के बदन में गर्मी हो रही थी
मैं उसकी आंखों को चूमते हुए उसके होंठों तक आ गया और मेरे होंठ उसके होंठों से मिल गए।
हम एक दूसरे को बेतहाशा चूमते जा रहे थे. उसकी जीभ को मैं काट रहा था और वो मेरी जीभ को चूस रही थी.
लगभग 10 मिनट तक हम ऐसे ही एक दूसरे को चूमते रहे.
मेरा हाथ उसके पेट पर चलता रहा. मक्खन के जैसा मुलायम पेट था उसका!
फिर मैंने उसकी टी शर्ट को थोड़ा सा ऊपर उठाया तो मुझे उसकी नाभि दिख गयी.
उस पर तो पहले से ही फिदा था मैं!
बस फिर तो मैंने उसकी नाभि को चूमना शुरू कर दिया. उसकी नाभि में मैं जीभ से चाटने लगा.
मैंने अपनी टी शर्ट निकाल दी और उसकी टी शर्ट को ऊपर किया तो उसकी गुलाबी कलर की ब्रा दिख गयी. मैंने उसके बूब्स को पहले जी भर कर निहारा.
उसके बूब्स एकदम परफेक्ट साइज के थे और एकदम तने हुए थे. मैंने उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही किस किया और एक चूची को दबाने लगा तो उसकी सिसकारी निकलने लगी.
अब मैंने उसकी टी शर्ट को निकाल ही दिया. अब वो ऊपर से सिर्फ ब्रा में रह गयी थी.
मैंने भी उसकी ब्रा का हुक बिना खोले ही ब्रा को ऊपर कर दिया जिससे उसके दोनों बूब्स मेरे सामने खुल कर आ गए.
आह्ह … उसकी चूचियां सच में कमाल की थीं. उसके ब्राउन निप्पल बहुत टाइट हो गए थे तो मैंने उंगलियों से उसके निप्पलों को खींचा तो उसकी और तेज सिसकारी निकली.
फिर मैंने अपर्णा के एक दूध को अपने मुंह में भर लिया और उसका दूध पीने लगा.
उसमें से वैसे दूध नहीं निकला, फिर भी जितना मजा आम चूसने में आता है उससे कहीं ज्यादा मजा बूब्स वाले आम को चूसने में आता है।
मुझे भी उसके आम चूसने में वैसा ही मजा आया.
मैं उसके निप्पल पर जीभ से चाट रहा था और बीच बीच में काट भी लेता था.
इसी बीच में मैं दूसरे वाले बूब्स को एक हाथ से दबा रहा था.
ऐसा करते करते मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दी थी.
फिर मैं उसके पेट को चूमते हुए उसकी जांघों तक आ गया और उसकी जांघों को चाटने लगा.
उसकी हाफ पैंट को नीचे खिसकाया तो उसकी गुलाबी रंग की पैंटी भी दिख गयी मुझे!
उसने गुलाबी रंग की ब्रा-पैंटी का सेट पहना हुआ था जिसमें वो पूरी कहर लग रही थी.
मैंने उसकी पैंट को निकाल दिया और उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सूंघा.
फिर बिना किसी देरी के उसकी पैंटी को उसके बदन से अलग कर दिया.
अब वो मेरे सामने पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी.
मैं उसके नंगे बदन को देखता ही रह गया. बहुत ही खूबसूरत माल बनाया था बनाने वाले ने।
मेरी उत्तेजना बहुत बढ़ गयी.
फिर मैंने भी अपने सारे कपड़े निकाल दिए. हमारे बीच अब कोई पर्दा बाकी नहीं रह गया था।
मैंने जैसे ही उसकी चूत पर जीभ फिराई तो वो सिहर उठी और अपने हाथ मेरे बालों में घुमाने लग गई.
उसकी चूत एकदम साफ सुथरी थी. उसने मुम्बई आने से पहले ही फुल बॉडी वैक्स करवाया था शायद जिससे उसका बदन खूब खिल रहा था.
मेरी जीभ उसकी चूत की दोनों फांकों को अलग करती हुई अंदर तक जा रही थी और उसके कामरस का स्वाद ले रही थी.
अपर्णा की चूत चाटने के साथ साथ मैं उसके बूब्स को भी दबा रहा था जिस वजह से वो पूरी तरह से प्रेम और वासना के सागर में डूबी हुई थी।
मैंने अपनी एक उंगली जैसे ही उसकी चूत में डाली तो उसको दर्द होने लगा.
उसकी चूत टाइट थी लेकिन सेक्स पहली बार नहीं था उसका. उसने पहले भी अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स किया हुआ था जो उसने खुद मुझे बताया था.
मगर उसको सेक्स किये हुए एक साल से भी ज्यादा समय हो गया था.
अपने बॉयफ्रेंड के साथ भी उसने दो या तीन बार ही सेक्स किया था शायद। इसलिए उसकी चूत टाइट ही थी.
खैर … मैं उंगली को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा और वो सिसकारियां लेने लगी.
उसने अपने दोनों पैर मेरे कंधे पर रख दिए और मेरे मुंह को अपनी चूत में दबाने लगी और मैं उसकी चूत चाटने लगा.
मेरा लंड अकड़ कर रॉड जैसा हो चुका था.
दोस्तो, मेरा लंड 7 इंच की लम्बाई वाला और 2.5 इंच मोटा है. वो किसी भी भाभी या लड़की की चूत को खोद सकता है.
अभी तक जितनी भी चूत मैंने चोदी वो सब खुश होकर ही गयी थीं.
मैं उसकी चूत चाटते चाटते उसके कामरस का भी स्वाद ले रहा था.
फिर हम अपनी पोजीशन बदल कर 69 में आ गए और वो मेरा लन्ड चूसने लगी.
मेरे मुंह के पास उसकी चूत थी और मेरा लंड उसके मुंह के पास पहुंच गया था. मैं उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरे लंड को चूसने लगी.
इस तरह हम एक दूसरे को कामसुख देने लगे।
मैं उसकी चूत को बहुत देर से चाट रहा था जिसकी वजह से उसका स्खलन मुझसे पहले हो गया और मैं उसका सारा कामरस पी गया.
मैंने जीभ से उसकी चूत चाट कर साफ कर दी।
फिर मैं लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी. वो मेरे सीने के चूचकों को काटते हुए मेरे लन्ड तक पहुंच गयी और उसने मेरे लन्ड का सुपारा निकाल कर उसको जीभ से चाटा.
वो लन्ड चूसने में उस्ताद निकली.
उसने लन्ड को पूरा गले तक निगल लिया और उस पर ढे़र सारा थूक लगा कर लन्ड को चूसने लगी.
मैं तो मानो जन्नत की सैर करने लगा.
अपर्णा सेक्स में काफी कुछ सीखी हुई थी. शायद उसका बॉयफ्रेंड भी रंगीला रहा होगा जिसने उसको लंड के साथ खेलना अच्छे से सिखा रखा था.
वो लन्ड चूसने के साथ ही मेरी गोलियों को भी चूस रही थी जिससे मुझे बहुत मजा आ रहा था.
थोड़ी देर ऐसे ही चूसते रहने के बाद मेरे लन्ड ने भी अपना रस छोड़ दिया जिसको अपर्णा ने पूरा पी लिया.
उसने मेरे लन्ड को जीभ से चाटकर साफ कर दिया और इस तरह हमारा पहला राउंड पूरा हुआ.
इसके बाद दूसरा राउंड कैसे शुरू हुआ और कहां तक सफर पहुंचा वो आपको देसी माल सेक्स कहानी के अगले भाग में पढ़ने को मिलेगा.
अगले भाग में आप लोगों से एक बार फिर मुलाकात होगी. देसी माल सेक्स कहानी पसंद आई या नहीं, अपने ईमेल में अपने विचार जरूर बतायें.
तो दोस्तो, तब तक के लिए सभी लड़के-लड़कियों और भाभियों को मेरा नमस्कार। अपना रेस्पोन्स कमेंट्स में जरूर दें ताकि मुझे कहानी में हुई त्रुटियों के बारे में पता चल सके. धन्यवाद।
देसी माल सेक्स कहानी का अगला भाग: बारिश की रात में भीगा हसीना का बदन-2