दोस्तो, मेरा नाम अखिल है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ.
कहानी मेरी और मेरी सबसे प्रिय मित्र की है यानि मेरी बेस्ट फ्रेंड जिसका नाम दिव्यांशी है.
उसके बारे में बताऊँ तो वह एक काफी गोरी और सुंदर चेहरे वाली लड़की है.
फिगर की बात की जाए तो बड़े बूब्स जिसके ऊपर गुलाबी निप्पल आपके पजामे में तम्बू खड़ा करने के लिए काफी हैं.
लेकिन जो चीज़ मुझे सबसे ज्यादा पसंद है, वो है उसकी गांड!
अगर वो बैठ जाए और कोई पीछे से देखें तो लगता है कि दो तरबूज़ रखे हों.
बूब्स उतने ज्यादा बड़े नहीं हैं मगर गांड उसकी गांड फाड़ तबाही मचा देती है सीने में.
मैं नोएडा में पढ़ाई करता हूँ और घर जाता रहता हूँ. हमेशा ही दिव्यांशी से मिलना हो ही जाता है.
वो घर भी आती जाती रहती है और हम दोनों के घर वालों को कभी कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि वो मुझे बचपन से ही भाई मानती थी और हम तीसरी कक्षा से साथ में पढ़ते थे.
मेरी बेस्ट फ्रेंड लव सेक्स स्टोरी यहाँ से शुरू हुई.
अभी सर्दियों में लॉकडाउन के बाद घर जाना हुआ था.
और हर बार की तरह वो मुझसे घर आयी हुई थी मिलने!
सब कुछ नोर्मल ही चल रहा था.
घर पर कोई था नहीं क्यूँकि मम्मी और पापा हॉस्पिटल गए हुए थे.
हम बैड पर बैठे हुए थे और मैं उसको अपने कॉलेज की फोटो दिखा रहा था अपने मोबाइल में!
अचानक एक लड़की की फोटो आ गयी और मैंने काफी जल्द उसको हटा दी.
पर वो ज़िद करने लगी कि उसको वो फोटो देखनी है.
और वो मेरा मोबाइल छीनने लगी.
मैंने मोबाइल साइड कर लिया तो उसने मोबाइल छीनने के लिए हाथ आगे बढ़ाये और उसका चेहरा मेरे चेहरे की तरफ आ गया.
वो मुझे देखने लगी और बोली- दिखा दे … वरना अच्छा नहीं होगा. मैं पक्का किसी से नहीं कहूँगी तेरी गर्लफ्रेंड के बारे में!
तो मैंने कहा- चिंता मत कर, मुझे खुद से ज्यादा तुझ पर भरोसा है.
उसको ये बात काफी अच्छी लगी और मज़ाक में मेरे गाल पर किस कर दिया और बोली- औ … सो स्वीट!
तो मैं उसको मज़ाक मज़ाक में चिढ़ाते हुए हवा में किस करने लगा और मज़ाक बनाने लगा.
उसने लड़ते हुए मेरे होंठों पर हल्का सा किस कर दिया और बोली- अब बोल … और कर मुआ मुआ!
इस वक्त मुझे अज़ीब लगा क्यूँकि मैं उसको हमेशा बहन मानता था.
और मैंने उसको हल्का सा गुस्सा करते हुए कहा- ये क्या था?
तो उसको खराब लगा कि उसने ऐसा क्यों किया और चेहरा लटका लिया और कुछ नहीं बोली.
वो थोड़ी देर चुप रही.
तो मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा तो एकदम से सॉरी बोलकर रोने लगी- मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था.
मैंने कहा- कोई बात नहीं!
पर वो परेशान हो चुकी थी और बोली- कल मिलते हैं, मुझे काम है!
कहकर रोती हुई वो नीचे ग्राउंड फ्लोर की ओर जाने लगी.
तो मैंने रास्ते में सीढ़ियों पर उसे पकड़ लिया और उसको गले लगा लिया.
मैं एक हाथ उसकी पीठ पर और दूसरा उसके सर पर रख कर चुप कराने लगा.
पर वो चुप नही हो रही थी.
तो मैंने उसके होंठों पर हल्के से किस कर दी जैसे उसने की थी.
इस पर वो हंस पड़ी और बोली- तू बहुत बुरा है!
मैंने यह सुनकर उसके होंठों पर जोरदार किस कर दिया और पूछा- अब भी?
तो उसने तेजी से मुझे गले लगा लिया और हम ऊपर आ गए रूम में.
उसने कहा- पक्का … कुछ गलत तो नहीं किया ना?
तो मैंने उसका मन रखने के लिए कह दिया- नहीं यार, कोई दिक्कत नहीं है, चलता है!
फिर भी उसने चेहरा लटका लिया तो मैंने उसके पास जाकर उसको अपनी तरफ खींचा और अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और उसके गुलाबी होंठों को चूमने लगा.
हमारी साँसें तेज़, गर्म और गीली हो रही थीं.
और हम किस करते रहे.
अचानक उसने मेरा हाथ लेकर अपनी गांड पर रख दिया और मैंने उसकी गांड को सहलाना शुरू कर दिया.
उसने दोनों हाथों से मेरे गाल पकड़ लिए और होंठ चूसने लगी.
तो मैं अपने दोनों हाथ उसकी गांड पर फेरते हुए मसलने लगा और मसलते हुए अपनी ओर दबाने लगा.
फिर एक हाथ उसके पाजामे में डालते हुए गांड की दरार में उंगली चलाने लगा.
और वो मदहोश होने लगी.
उसने मेरी टीशर्ट उतरवा दी और ज़मीन पर बैठ गयी और बोली- थोड़ी प्यास लगी है!
और यह कह कर मेरी पैंट खोल दी और चड्डी उतार दी.
वो मेरा लंड देखकर बोली- तेरी बीवी तुझसे बहुत खुश रहेगी!
मैं उस वक़्त बहुत गर्म था तो मैंने उसको बात पूरी नहीं करने दी और अपने लन्ड से उसके गाल में तमाचा मारा और उसके बाल खीन्च कर उसके मुंह में लन्ड दे दिया.
मेरा लंड उसके मुंह में ढंग से गया भी नहीं था पर मैं तेज़ तेज़ धक्के लगाने लगे और उसके मुंह को चोदने लगा.
और वो खुद को छुड़ाने के लिए तड़प रही थी.
मैंने उसके मुंह में से लंड निकाला तो वो बहुत तेज़ सांस लेने लगी और हाम्फने लगी.
पर मैंने उसकी एक न चलने दी और दुबारा मुंह में लंड पेल दिया और धक्के लगाने लगा.
करीब 10 मिनट के बाद मैंने उसके मुंह में ही अपना वीर्य गिरा दिया और तब तक लंड बाहर नहीं निकाला जब तक उसने वो लील ना लिया.
जब मैंने उसको छोड़ा तो वो एकदम बाथरूम की तरफ भागी और खांसने लगी.
मैं उसके पीछे पीछे गया और उसकी गांड पर ज़ोरदार तमाचा मारा.
तो उसकी चीख निकल गई और बोली- आराम से यार, बहुत तेज़ लगा वो!
फिर मैंने उसकी गांड पकड़ कर अपनी तरफ खीचा और उसका टॉप उतरवा दिया.
तो जो नज़ारा मेरे सामने था वो देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने स्पोर्ट्स ब्रा के ऊपर से ही दूध बाहर निकाल लिए और मसलने लगा.
इससे वो और ज्यादा तेज़ सांस लेने लगी और ‘आन्ह … या … ओह्ह ह’ ऐसी आवाजें निकालने लगी.
फिर मैंने उसको गोदी में उठाया और बाथरूम से ले जाते हुए बैड पर पटक दिया.
अब मैंने उसकी ब्रा खोल दी और बूब्स चूसने लगा मैं उसके गुलाबी निप्पलों पर टूट पड़ा.
वो उधर दर्द की वजह से मेरी पीठ मसलने लगी.
फिर मैं एक हाथ उसकी नाभि से ले जाते हुए उसकी पेंटी के ऊपर फेरने लगा.
इससे वो सिसक उठी.
मैंने फिर उसकी लोअर उतारकर पेंटी उतार दी और जब मैंने वो गुलाबी बुर देखी.
भाई साब … जो तनाव मेरे लंड में उठा … वो मैं कभी नहीं भूल सकता.
मैं पागल सा हो गया था उसकी कुंवारी बुर देखकर!
उसने मुझे देखते हुए देखा और बोली- आज ये सिर्फ तेरे लिए है, देख आराम से करियो प्लीज़!
मैंने उसकी पेंटी उसके मुंह में घुसा दी और एक हाथ उसके मुंह के ऊपर रख दिया ताकि उसकी चीख निकल न पाए.
फिर मैं उसकी बुर की तरफ अपना मुंह ले गया और गर्म साँसें छोड़ने लगा. इससे वो और गर्म होने लगी और गांड उठाने लगी.
मैंने उसकी बुर को हल्का सा किस किया और उठकर अपना लंड बुर पर टिका दिया.
वो डर गई और कुछ कहना चाहती थी.
तो मैंने उसके मुंह में से पेंटी निकाली.
वो बोली- भाई, तुझको मेरी कसम, आराम से करियो, मेरा पहली बार है. 7 इंच से शुरुवात हो रही है, प्लीज़ आराम से यार!
मैंने उसकी बुर में दो उंगली डाली और फिर वहीं उंगलियां उसके मुंह में डालकर दांतों के नीचे दबा दी.
फिर शुरू हुई चुदायी!
मैंने उसकी टाँगें उठा दी और तकिया गांड की नीचे लगा दिया.
उसकी बुर पर मैंने 2-3 तमाचे मारे और लंड से हल्का धक्का मारा.
लंड तो ढंग से अंदर गया नहीं … मगर दिव्यांशी की चीख निकल गई और वह खुद को छुड़ाने लगी.
पर मैंने उसे नहीं छोड़ा और उसके मुंह से हाथ बाहर निकाल लिया और उसको चिल्लाने के लिए छोड़ दिया.
फिर मैंने गांड तक की ताकत लगाते हुए ज़ोरदार धक्का मारा और एक बार में लंड अंदर डाल दिया.
तो वो बहुत तेज़ रोने लगी- आआआ आआ … माँ … आ!
उसको काफी तेज़ दर्द हुआ और वो 2 मिनट तक सिर्फ रोती रही.
जब वो चुप हुई तो मैंने दुबारा धक्का मारा.
लेकिन इस बार धीरे धीरे मारा तो वो सिसकने लगी और गालियां देने लगी- बेनचोद … आआआ आआ आआअ … याआआअ … रुक जा … भाई … लग रही है … जल रही है अंदर … यार प्लीज यार एक बार रुक जा … ओओ ओह्ह या य्ह्ह हां … प्लीज यार प्ली … ओह्ह नहीं … रुक … ह्ह्ह ह्ह्ह्ह!
मैंने धक्के तेज़ लगाने चालू कर दिए और एक हाथ से उसके गला दबा दिया. मैं बेरहमी से उसकी बुर चोदने लगा और वो उधर दर्द से रोये जा रही थी.
फिर 15 मिनट बाद मैं लेट गया और उसको अपने ऊपर लेटाया और बुर में लंड सेट करके उसको चोदने लगा.
अब मैं तेज़ तेज़ धक्के लगाने लगा और वो मुझे तब रोते हुए आँखें जोर से बंद करके चूम रही थी.
मैंने उसकी बड़ी सी गांड पर कई तमाचे जड़े जिससे वो और गर्म हो रही थी.
मैं उसे चोदते वक़्त उसकी गांड को अपने लंड के ऊपर भी दबा रहा था जिससे मेरा लंड उसकी बुर में और गहरा घुस रहा था.
वो एक बार झड़ चुकी थी और उसकी बुर बहुत गीली थी.
पूरे कमरे में ‘तप्प थप्प तप्प’ की आवाज़ आ रही थी.
वो बहुत गर्म थी और मुझे काटने लगी थी.
मैंने फिर उसको कुतिया बनाया और बुर पर लंड सेट करके चोदने लगा.
मैं उसके बाल तेज़ी से खीन्च कर उसकी गांड पर ‘पटाक पटाक’ थप्पड़ मार रहा था और उसकी पूरी गांड पर मेरी उंगलियों की कहानी साफ छपी हुई थी.
उसको काफी दर्द हो रहा था, बोल रही थी- कुत्ते बस कर, आआन्ह … खत्म कर न … अब बहुत गंदा लग रहा है … जल रहा है यार प्लीज़!
कुछ मिनट बाद मैं झड़ गया और उसकी बुर में ही माल छोड़ दिया.
और वो चिल्ला पड़ी- ये क्या किया? पागल है क्या? अंदर नहीं छोड़ना था, अब पिल खानी पड़ेगी.
मैंने उसको किस किया और उसको अपने ऊपर लेटा लिया.
हम दोनों ही नंगे थे.
एक हाथ से मैं उसकी गांड सहला रहा था और दूसरे से उसके बाल!
और उसने मेरा सर अपने दोनों हाथों में दबा रखा था.
कुछ देर लेटने के बाद वो नहाने चली गयी.
तब तक मैं पिल ले आया.
जब मैं वापस आया तो वो मेरी एक टीशर्ट पहनकर पेंटी में घूम रही थी, बहुत सेक्सी और माल लग रही थी.
फिर हमने कई बार चुदायी की जब जब घर पर कोई था नहीं!
अभी तो मैं वापस कॉलेज आया हुआ हूँ. बस इन्तज़ार है वापस घर जाने का!
यह थी मेरी और मेरी बेस्ट फ्रेंड के साथ लव सेक्स की, पहली चुदायी की कहानी!
समय मिला तो जल्द ही आप सभी को जरूर बताऊंगा कि मेरी सबसे प्यारी चीज़ यानि उसकी गांड की चुदायी के लिए मैंने उसे कैसे मनाया.