दोस्तो, मैं एक 54 साल का सेक्सी दिखने वाला मर्द हूं.
मेरे पड़ोस में पूजा नाम की एक औरत रहती है; उसकी उम्र यही कोई 38 साल की होगी.
पूजा के पास एक बेटी है जो 18 साल के पार जा चुकी है.
मेरी बहुत इच्छा थी कि मुझे किसी तरह पूजा की चूत मारने का मौका मिले.
पूजा हर रोज नहाने के बाद अपनी गीली कच्छी तार पर टाँगा करती थी और मैं उस कच्छी को रोज देख-देखकर मुठ मारा करता था.
एक दिन मौका देख कर मैंने उसकी नीली प्रिंटेड पैंटी तार से उतार ली.
फिर बाथरूम में आकर अपने लंड पर लपेट कर 10 मिनट मुठ मारी और उसकी पैंटी में अपना गरमा गर्म माल झाड़ दिया.
अगले दिन सुबह मैंने वो कच्छी दीवार के ऊपर से उनके आंगन में फेंक दी.
उस समय पूजा घर के अंदर कुछ काम कर रही थी. पूजा की पैंटी उसकी बेटी के मुंह पर लगी.
उसने अपनी मां पूजा से कहा- मम्मी, आपकी जो कच्छी कल गुम हो गई थी, वो मिल गई है!
पूजा ने पूछा- कहां से मिली?
पूजा की बेटी- पीछे वाले अंकल ने फेंकी है, बोल रहे हैं कि कल रात को हवा में उड़कर उनके वहां गिर गई थी.
फिर दो मिनट बाद पूजा भी बाहर आई और उसने वो कच्छी देखी तो उसने पाया कि उस पर कुछ सफेद-सफेद निशान लगा हुआ था.
शायद वो देखते ही समझ गई थी कि पैंटी उड़कर नहीं गई बल्कि उसे मुठ मारने के लिए चुराया गया था.
मैं छुपकर सब देख रहा था.
पूजा उस पैंटी को लेकर बाथरूम में घुस गई जो आंगन में ही था और उस पर छत नहीं थी.
मैंने देखा कि पूजा अंदर जाकर उस पैंटी को नाक लगाकर सूंघने लगी.
वो बार-बार जैसे उसकी खुशबू लेने की कोशिश कर रही थी.
करते करते उसका एक हाथ उसकी चूचियों पर पहुंच गया जो कम से कम 38 के साइज की थीं.
पूजा अपनी चूचियों को सहलाने-दबाने लगी.
उसने फिर कमीज भी उतार दी और सफेद ब्रा भी निकाल डाली.
ऊपर से वो नंगी हो गई.
छत पर खड़ा हुआ मैं पूरा नजारा ले रहा था.
उसके बड़े बड़े चूचे उसकी छाती पर लटके हुए थे. उनके नुकीले निप्पल भी मैं तने हुए देख पा रहा था.
वो चूचियों को सहलाने लगी और फिर सलवार भी खोलने लगी.
उसने पैंटी के ऊपर से ही अपनी भोसड़ी को सहलाना शुरू कर दिया.
ये सब देख मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था.
मैं भी वहीं खड़ा हुआ अपने पजामे के ऊपर से अपने लंड को सहलाने लगा.
एकदम से उसका ध्यान ऊपर की ओर गया तो उसने मुझे देख लिया.
मेरी नजरों से भी हवस रह रहकर टपक रही थी.
और मैंने पूजा को आंख मारकर अपने दांतों से निचले होंठ को काटकर उसे इशारा किया.
फिर हाथ के इशारे से कहा- मैं आऊं क्या नीचे?
उसने एक पल के लिए सोचा और फिर हां में मुंडी हिला दी.
मेरे लंड में जोर से झटका लगा और मैं फटाक से उसकी छत पर कूदा.
जल्दी से सीढ़ियां उतरते हुए नीचे जा पहुंचा.
तब तक पूजा अपनी बेटी को पड़ोस में कोई सामान लाने के लिए भेज चुकी थी.
बाथरूम पर कोई दरवाजा तो था नहीं, बस एक चादर से ढका हुआ था.
मैं जल्दी से अंदर घुसा और पूजा भाभी को बांहों में भर लिया.
मैं बोला- भाभी, आपकी चूत पर से कच्छी अब मैं ही उतारूंगा.
पूजा बोली- ठीक है, लेकिन जल्दी करो!
उसके हां करते ही मैंने तुरन्त पूजा की मस्त पैंटी उसकी चूत से प्यार से उतारते हुए अलग कर दी.
उसकी चिकनी चूत देख कर मेरा लंड पजामे में ही फड़कने लगा.
मैंने कहा- पूजा मैडम, मेरी बड़ी इच्छा थी कि मैं आपकी चूत चोदूं.
पूजा ने शरारत भरे अंदाज में कहा- मेरी चूत तो मेरे पति की अमानत है, अगर फिर भी आप अपना पानी निकालने के लिए मचल रहे हो तो आप मेरी गदराई हुई गांड मार सकते हो.
दोस्तो, मैं तो वैसे भी गाँड का शौकीन हूँ. इसलिए सोचने वाली तो कोई बात ही नहीं थी, वैसे भी … भाभी की चूत मिले या गांड, चोदने का मजा तो मिल रही रहा था.
मैंने कहा- ठीक है जी, जैसा आपका आदेश!
पूजा ने मुझे नंगा करना शुरू कर दिया.
पहले उसने मेरी टीशर्ट को उतारा और छाती पर चूमने लगी.
उसका एक हाथ मेरे लंड पर जाकर सहलाने लगा.
मैंने भी उसकी गांड को हाथों में भींचना शुरू कर दिया.
वो बार बार लंड को पकड़ कर हिला रही थी. कभी ऊपर से नीचे तक उसको नापने की कोशिश करती.
दोनों ही पूरे गर्म हो चुके थे.
उसने फिर जल्दी से मेरा पजामा खोला और नीचे गिरा दिया.
अब अंडरवियर में तना हुआ मेरा तंबू उसके सामने था.
उसने जल्दी से मेरा कच्छा भी नीचे खींचा और मेरा 6 इंच का लंड उसके सामने फनफना गया.
वो मेरा 6 इंच का मोटा लण्ड देख कर घबरा गई और कहने लगी- आप तो मेरी गांड फाड़ दोगे! मैंने वैसे भी आज तक किसी मर्द से गांड नहीं मरवायी है.
मैंने कहा- डरो मत पूजा जी, मैं आपकी गांड चुदाई तेल लगाकर मस्त तरीके से करूंगा, ऐसा मजा आएगा कि आपको चूत चुदाई में भी नहीं आया होगा.
ये सुनकर उसको कुछ भरोसा हुआ.
मैं बोला- लेकिन, इस हथियार को पहले आपकी गांड में जाने के लिए तैयार तो कर दो!
वो जल्दी से मेरे घुटनों में बैठी और लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी.
पूजा भाभी लंड की चुसाई मस्त तरीके से कर रही थी.
शायद उसका पति रोज ही उसको लंड चुसवाता होगा.
मैं भी उसके गर्म मुंह में लंड दिए हुए आगे पीछे हल्के धक्के दे रहा था और हौले-हौले मुंह की चुदाई कर रहा था.
मजे के मारे मेरी तो आंखें ही बंद होने लगीं.
दो-तीन मिनट उसको लंड चूसते हुए हो गईं तो बोली- कितना और चूसना है?
मैं बोला- क्या हुआ, आपको मजा नहीं आ रहा क्या?
वो बोली- अभी मेरे पास ज्यादा टाइम नहीं है, बेटी किसी भी वक्त आती होगी. जल्दी से कर लो जो करना है.
मैं बोला- ठीक है, तो फिर लंड को अपने मुंह में गले तक ले जा कर इसको अच्छे से अपनी लार में गीला कर दो.
वो लंड को पूरा गले तक लेने लगी और मेरी गोटियां उसके होंठों से टकराने लगीं.
हालांकि, पूजा भाभी को गले में लंड लग रहा था और एक दो बार जैसे उसकी उल्टी भी आने को हुई लेकिन उसने पूरा लंड अपने थूक और लार में गीला कर दिया.
बाथरूम में तेल की शीशी भी रखी हुई थी.
मैंने पूजा भाभी को गांड चुदाई के लिए तैयार होने को कहा.
वो उठ गई और अपनी गांड मेरी तरफ कर दी.
भाभी को मैंने झुकने के लिए कहा; फिर मैंने उनकी पैंटी उतारी और नीचे जांघों तक सरका दी.
उसकी गुलाबी गांड मेरे सामने थी.
मैंने उसको चूमना शुरू किया.
मैं जीभ लगाकर भाभी की गांड को चाटने लगा.
वो हल्की-हल्की सिसकारियां लेने लगी.
मैं बीच बीच में उसकी चूत पर भी जीभ फेर रहा था.
उसके तरबूज जैसे बड़े बड़े चूतड़ों में छिपी उसकी गांड को चाटकर मेरा जोश और ज्यादा बढ़ने लगा.
कुछ देर बाद वो फिर बोली- अब ऐसे ही तड़पाओगे या गांड भी मारोगे?
उसके इतना कहते ही मैंने अपना सख्त लौड़ा उसकी गांड के छेद पर टिका दिया.
मैंने उसको कमर से थाम लिया और धीरे से लंड को अंदर धकाया.
भाभी की गांड चुदाई पहले हुई नहीं थी, तो लंड का आसानी से अंदर जा पाना संभव नहीं था.
मैंने तेल की शीशी में से ढेर सारा तेल हथेली पर लिया और अपने लंड के टोपे पर चुपड़ दिया.
मैं काफी सारा तेल भाभी की गांड के छेद पर भी चुपड़ा.
फिर अपनी उंगली भी तेल में डुबाकर भाभी की गांड में उंगली से तेल को अंदर तक पहुंचाने लगा.
दो मिनट तक मैंने भाभी की गांड में तेल भरी उंगली चलायी.
उनकी गांड कुछ ढीली हो गई. मैंने दोबारा से लंड का टोपा उनकी गांड के छेद पर रखा और कमर पकड़ कर जोर का धक्का दिया.
अबकी बार लंड का टोपा भाभी की गांड में घुस गया लेकिन उसके मुंह से जोर की चीख भी निकल गई.
वो आईई … ऊईई … उफ्फ … मर गई … मर गई … करने लगी.
मैंने कहा- भाभी आराम से, आवाज बाहर जा रही है, बस कुछ पल का दर्द है फिर मजा ही मजा!
वो बोली- आराम से करो, मैंने पहले ही कहा था कि मैंने कभी गांड चुदाई नहीं करवायी है.
मैं टोपे को अंदर घुसा चुका था.
फिर धीरे-धीरे वहीं से लंड को आगे पीछे करना शुरू किया.
हर धक्के के साथ मैं हल्के से लंड को थोड़ा और अंदर घुसा देता था.
इस तरह से करते-करते पूरा लंड मैंने भाभी की गांड में उतार दिया और अब मैं धीरे धीरे भाभी की देसी गांड की चुदाई करने लगा.
मैंने उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया.
वो भी अपना एक हाथ पीछे लाकर चूत को सहलाने लगी.
कुछ देर में भाभी की गांड खुलने लगी और लंड थोड़ा सहजता से अंदर बाहर होने लगा.
मैंने लंड पर कुछ और तेल डाला और लगातार अंदर बाहर करता रहा.
इससे भाभी की गांड के अंदर तक तेल पहुंचता रहा.
फिर मैंने स्पीड बढ़ा दी और मेरी जांघें भाभी के चूतड़ों से टकराने लगीं.
इससे बाथरूम में पट-पट की आवाज होने लगी.
चूंकि मैं बहुत समय से उत्तेजित था तो जल्दी ही स्खलन नजदीक लगने लगा.
भाभी की गांड काफी टाइट थी इसलिए भी मेरा लंड जल्दी ही उल्टी करने के कगार पर पहुंच गया.
चोदते हुए मैं भाभी की गांड में झड़ने लगा और पूरा माल गांड में खाली करने के बाद शांत हो गया.
मैंने गांड से लंड निकाल लिया और भाभी भी हांफती हुई सीधी खड़ी हो गई.
उसका चेहरा पूरा लाल हो गया था.
फिर वो जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगी और मैंने भी फटाफट टीशर्ट पजामा डाल लिया.
पहले उसने बाथरूम से झांक कर बाहर देखा और फिर वहां से निकल गई.
बाहर जाकर भाभी ने मुझे भी बाहर आने के लिए कहा.
लेकिन बाहर जाने से पहले मैंने भाभी की वो पैंटी फिर से जेब में डाल ली और जल्दी से सीढ़ियां चढ़ता हुआ अपने घर की छत पर आ गया.
भाभी गांड चुदाई के बाद काफी खुश लग रही थी.
उसके बाद पूजा भाभी मौका देखकर मुझसे गांड चुदवाने लगी.
मैं उसकी चूत भी चोदना चाहता था लेकिन वो चूत नहीं मारने देती थी.
मुझे चूत मारने की भी ललक उठी रहती थी.
मेरी नजर अब पूजा भाभी की बेटी पर थी; उसकी कमसिन चूत को चोदकर मैं अपनी प्यास बुझाना चाहता था.
अभी तक मुझे वो मौका नहीं मिल पाया है.