नमस्ते दोस्तों, मेरी कहानी के इस दुसरे भाग में आप सबका स्वागत है. इस कहानी के पिछले भाग
भाभी ने चटवाई चूत-1
में मैंने आपको बताया था कि शिवानी भाभी की चूत चुदाई करने के बाद उन्होंने हमारी ही बिल्डिंग की सुमीना भाभी की चूत दिलवाने का भी वादा किया था.
एक दिन सुमीना के बेटे की तबियत बिगड़ गयी और मैं उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गया. वहां पर सुमीना और मेरे बीच एक दोस्ती का रिश्ता बन गया. हम दोनों फोन पर बातें करने लगे. वो कई बार मुझे अपने घर चाय पिलाने का न्यौता दे चुकी थी.
मैंने बात को आगे बढ़ाने की कोशिश करते हुए उसके पति के साथ उसके सेक्स संबंधों के बारे में पूछा तो वो नाराज हो गयी. शिवानी भाभी ने फिर से कोशिश करने के लिए कहा.
अब आगे मेरी न्यू सेक्स स्टोरी इन हिंदी में पढ़ें कि कैसे मैंने दूसरी भाभी की चूत चोदी:
उस दिन मैं सुबह सुबह अपने ऑफिस के लिए निकल रहा था. नीचे जाते हुए मेरी नजर सुमीना पर पड़ी. वो मुझे ही देख रही थी.
मैं चुपचाप बिना कुछ बोले निकल गया. वो शायद बात करना चाह रही थी मगर मैंने इग्नोर कर दिया.
मैं ऑफिस चला गया. वहां पर जाने के बाद उसका व्हाट्सएप मैसेज आया. मैंने उसके मैसेज का रिप्लाई नहीं किया.
फिर वो कॉल करने लगी. मैंने उसकी कॉल भी नहीं उठायी.
वो बार बार कॉल पर कॉल करती रही तो फिर आखिर में मुझे उसकी कॉल उठानी पड़ी.
वो बोली- आप मुझसे गुस्सा क्यों हो गये हो? मैंने तो आपको कुछ बोला भी नहीं.
मैंने कहा- आप काम बताओ कि आपने मुझे फोन किसलिए किया है?
सुमीना बोली- मैं आपसे बात करना चाहती हूं.
मैंने कहा- ठीक है, मैं अभी बिजी हूं. घर आने के बाद मैं आपसे बात करूंगा.
इतना कह कर मैंने फोन रख दिया.
बीच में फिर एक बार शिवानी भाभी की कॉल आई.
वो पूछने लगी- क्या हुआ, कुछ बात बनी?
मैं बोला- वही कल वाली बात भाभी. वो अब मुझसे बात करना चाहती है.
शिवानी- मैंने कहा था कि वो खुद तुमसे चूत चुदवाने की बात करेगी.
मैंने कहा- अभी मैं उसको थोड़ा और परेशान करना चाहता हूं. उसको लंड के लिए और ज्यादा प्यासी करना चाहता हूं. वरना बाद में फिर वो मुझे परेशान करेगी.
शिवानी- ठीक है, जैसे तुम्हारी मर्जी, वैसे करो.
भाभी ने फोन रख दिया और फिर कुछ देर के बाद शाम हो गयी. मैं अपने घर जाने की तैयारी करने लगा. मैंने अपना काम खत्म किया और घर के लिए निकल लिया.
जब मैं घर पुहंचा तो मैंने देखा कि सुमीना अपने रूम के बाहर ही खड़ी हुई थी. मुझे देख कर वो मुस्कराई लेकिन मैंने उसको जानबूझकर इग्नोर कर दिया.
मैं अपने रूम में आ गया और आकर लेट गया. कुछ ही देर हुई थी कि व्हाट्सएप पर सुमीना का मैसेज मिला.
उसने लिखा था- आप आ गये? मैं आपसे बात करना चाहती हूं.
मैंने जवाब में लिखा- मेरे रूम में आ जाओ.
सुमीना बोली- मैं रूम में कैसे आ सकती हूं अभी? मेरा पति घर आ चुका है.
मैंने कहा- ठीक है, थोड़ी देर रुको, मैं कुछ जुगाड़ करता हूं इसके लिये।
सुमीना का फोन काटने के बाद मैंने शिवानी को कॉल किया. वो कहने लगी कि आज ये जरूर तुमसे चुद कर ही जायेगी. मुझे पक्का यकीन है.
मैं कुछ तरकीब निकालती हूं उसको तुम्हारे पास भेजने की. मगर उससे पहले तुम मेरी चूत को शांत कर दो. मुझे चोद दो और फिर मैं उसको बुला लूंगी.
आप लोगों को तो पता ही है कि मुझे चूत चाटना कितना पसंद है. मैं शिवानी के रूम में गया और उसको नंगी करके भाभी की चूत पर टूट पड़ा. मैं उसकी चूत को चाट और चूस चूस कर जैसे खाने लगा. कुछ ही देर में चुदासी होकर लंड डालने की मिन्नत करने लगी.
मैंने उसकी टांगों को फैलाकर भाभी की चूत में लंड पेल दिया और 10 मिनट तक उसकी जोरदार ठुकाई की. वो 5 मिनट में ही झड़ गयी थी. उसकी चूत में वीर्य छोड़ कर मैं भी शांत हो गया.
फिर मैंने पूछा- अब बताओ, उसको कैसे बुलाओगी?
शिवानी बोली- तुम सुमीना को बोलो कि मैं उसके पास आ रही हूं.
मैंने वैसा ही किया.
सुमीना को मैंने व्हाट्सएप मैसेज किया कि थोड़ी देर में शिवानी भाभी तुमको लेने के लिए आ रही है. वो कुछ भी करके तुमको ऊपर ले आयेगी.
सुमीना ने रिप्लाई किया- ठीक है, मैं इंतजार कर रही हूं.
शिवानी भाभी उसके रूम में गयी.
वहां जाकर वो बोली- सुमीना, आज मेरे पति बाहर गये हुए हैं. तुम मेरे रूम में सोने के लिए आ जाओ, मुझे अकेले सोने में बहुत डर लगता है.
सुमीना बोली- ठीक है भाभी, मैं आपके पास आ रही हूं.
शिवानी भाभी ऊपर आ गयी और बोली- थोड़ी देर में ही तुम्हारा माल तुम्हारे पास आ रहा है. आज उसकी चूत को जमकर बजा देना. उसकी चूत की प्यास को चोद चोद कर शांत कर देना.
उसकी बात सुनकर मैं उसके होंठों को किस करने लगा और उसकी चूचियों को दबाने लगा.
भाभी की चूची मुझे बहुत ही मदहोश कर देती थी. मगर शिवानी ने अपनी चूचियों से मेरा हाथ हटा दिया.
वो बोली- मैं अभी जा रही हूं. जो करना है अब सुमीना के साथ ही कर लेना. मैं थक गयी हूं और आराम करना चाहती हूं. मगर एक बात तुम ध्यान रखना. सुमीना की चूत मिलने के बाद मुझे भूल मत जाना.
मैं बोला- नहीं शिवानी भाभी, मैं आपको कैसे भूल सकता हूं? आप तो मेरी जान हो. मेरी जिन्दगी हो. मैं आपसे ही प्यार करता हूं. सुमीना भाभी की तो केवल चूत मारनी है मुझे. प्यार तो मैं आपसे ही करता रहूंगा.
उसके बाद वो मुस्कराकर अपने रूम में चली गयी.
थोड़ी देर के बाद सुमीना आ गयी. पहले वो सीधी शिवानी भाभी के रूम में ही गयी. मैं भी शिवानी के रूम में ही चला गया.
हम तीनों एक साथ बैठ गये.
मैंने सुमीना से कहा- यहीं बात करोगी या मेरे रूम में करोगी?
तभी शिवानी ने उसकी एक चूची को दबाते हुए कहा- तुम्हारे रूम में ही करो. यहां पर कोई बात वात नहीं करनी.
सुमीना का चेहरा शर्म से लाल हो गया और हम सब हंसने लगे. फिर सुमीना और मैं उठ कर मेरे रूम में आ गये. वो थोड़ा शरमा रही थी.
मैंने कहा- बात करनी है या नहीं?
वो बोली- बात करने ही तो आई हूं. आप बताओ कि आपको मेरे से क्या पूछना था, उस दिन आप जो फोन पर पूछ रहे थे. आज मैं आपको सब कुछ सच सच बता दूंगी.
मैं बोला- तुम्हारा पति इतनी शराब पीता है और तुम्हारे साथ लड़ाई करता है. तुम उससे अलग क्यों नहीं हो जाती हो?
वो बोली- शुभम, अलग तो मैं हो जाऊं लेकिन पता नहीं मेरे घर वाले मुझे अपने साथ रखेंगे या नहीं?
उसके जवाब पर मैंने कहा- हां, बात तो तुम वैसे सही कह रही हो. अच्छा मुझे एक बात सच सच बताओ?
वो बोली- हां पूछो, आज मैं तुम्हें सब कुछ बता दूंगी.
मैंने पूछा- तुम्हारे पति के साथ तुम्हारा आखिरी बार सेक्स कब हुआ था?
वो सुनकर थोड़ी उदास हो गयी.
मैंने कहा- मैंने कुछ गलत बोल दिया क्या?
वो बोली- नहीं आपने कुछ भी गलत नहीं बोला है. मेरा लास्ट सेक्स 2 साल पहले हुआ था. उसके बाद से तो उसने मुझे हाथ भी नहीं लगाया है.
मैंने कहा- ओह्ह, ये तो तुम्हारे साथ बहुत अन्याय हो रहा है.
वो बोली- हां, लेकिन मैं क्या कर सकती हूं.
फिर कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही बातें करते रहे. बातों ही बातों में मैंने सुमीना का हाथ पकड़ लिया.
मैं उसको किस करने ही जा रहा था.
कि उसने बीच में हाथ लाते हुए कहा- हम ये सही कर रहे हैं क्या?
मैं बोला- सुमीना, मैं तुम्हारा दुख बांटना चाहता हूं. मैं तुम्हें वो सारे सुख देना चाहता हूं जिसकी तुम हकदार हो. क्या तुम मेरा साथ देने के लिए तैयार हो?
वो बोली- हां, लेकिन मुझे अब और दुख मत देना.
मैं बोला- देखो सुमीना, मैं आगे बढ़ने से पहले तुम्हें अपने और शिवानी भाभी के बारे में बताना चाहता हूं. हम दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं और हमारे बीच काफी टाइम से सेक्स भी हो रहा है. मैं तुमसे कुछ छिपाना नहीं चाहता था इसलिए मैंने सब सच बता दिया.
सुमीना बोली- मुझे बहुत अच्छा लगा शुभम कि तुमने अपने और शिवानी के भाभी के रिश्ते के बारे में मुझे बताया. मुझे ऐसे सच्चे लोग बहुत पसंद हैं.
मैंने उसके हाथों को चूम लिया और फिर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये. वो भी मेरा साथ देने लगी और हम दोनों एक दूसरे में खो से गये. 20 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को लिप किस करते रहे.
उसके बाद मैंने एक एक करके सुमीना के कपड़े उतारने शुरू कर दिये. उसने भी एक एक करके मेरे कपड़े उतार दिये. हम दोनों ही अब पूरे के पूरे नंगे हो गये थे.
मैंने उसके पूरे शरीर को चाटा. वो गर्म होने लगी. फिर मैं धीरे धीरे नीचे की ओर आ गया और उसकी चूत को चाटने लगा. वो बहुत ज्यादा गर्म हो गयी और ऐसे तड़पने लगी जैसे मछली को पानी से बाहर फेंक दिया गया हो.
भाभी की चूत में जीभ डाल डाल कर मैं उसकी चूत के नमकीन पानी को चूस रहा था. थोड़ी ही देर के बाद उसका बदन अकड़ गया और सुमीना भाभी की चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया. मैंने भाभी की चूत का सारा पानी पी लिया जो मुझे बहुत ही अच्छा लगा.
वो बोली- पहली बार मुझे इतना मजा आया है किसी के साथ.
मैंने कहा- अभी तो शुरूआत हुई है भाभी. अभी तो बहुत कुछ करना बाकी है.
वो बोली- ठीक है, आज तो सब तुम्हारा है. जो करना चाहते हो कर लो.
कुछ देर तक हम दोनों ऐेसे एक दूसरे की बांहों में लेटे रहे. उसके चूचों के निप्पल छेड़ते हुए मेरे लंड में झटके लग रहे थे. लंड की नसें फटने को हो रही थीं.
मैंने कहा- भाभी, मेरा लंड चूस दो न एक बार?
वो तैयार हो गयी और उसने उठ कर मेरे लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगी. कसम से दोस्तो, ऐसी लंड चुसाई तो शिवानी भाभी भी नहीं करती थी.
मैं पूरे जोश में आ गया और हम दोनों 69 की पोजीशन में हो लिये. दोनों एक दूसरे के अंगों को मस्ती में जोर जोर से चूसने लगे. 20 मिनट के बाद हम फिर से एक साथ झड़ गये. उसको मेरे लंड का रस पीने में बहुत मजा आया.
कुछ देर लेटे रहने के बाद हमने फिर से किस करना शुरू कर दिया. हमारे पास टाइम बहुत था. पूरी रात हमारी थी. उसको ऊपर से किस करते हुए मैं एक बार फिर से उसकी चूत तक पहुंच गया.
सुमीना भाभी की चूत का पानी मुझे बहुत टेस्टी लग रहा था.
कुछ देर चूत चाटने के बाद वो फिर से तड़पने लगी और बोली- बस … अब डाल दो शुभम, अब मैं लंड के बिना नहीं रह सकती हूं. प्लीज मेरी चूत में अपना लंड डाल दो.
मैं समझ गया कि अब चूत चुदाई करने का सही वक्त आ गया है. मैंने उसके मुंह में लंड दे दिया और उसने शिद्दत के साथ मेरे लंड को चूस चूस कर गीला कर दिया. मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगा दिया और लंड को भाभी की चूत के ऊपर सेट कर दिया.
पहली बार में तो लंड फिसल गया. मैंने फिर उसकी चूत में तेल लगाया और थोड़ा सा तेल अपने लंड पर भी लगाया.
मैंने बोला- अब मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर सही से सेट कर लो.
उसने वैसा ही किया. मैंने धक्का मारा तो इस बार आधा लंड उसकी चूत में उतर गया.
वो चिल्लाने लगी- आआ आआ … ह्हहह … मर गयी. आराम से करो शुभम, दो साल से मेरी चूत ने लंड को अंदर नहीं लिया है. तुम्हारा मोटा लंड ये एकदम से बर्दाश्त नहीं कर पायेगी. बहुत दर्द हो रहा है. एक बार निकाल लो लंड को बाहर।
लंड निकालने की बात पर मैंने ध्यान ही नहीं दिया क्योंकि दूसरी बार डालने में फिर से उतना ही दर्द होता. कुछ देर मैं ऐसे ही रुका रहा. मैंने फिर से दूसरा धक्का मारा और पूरा लंड घुसा दिया. वो जोर से चिल्लाने लगी- आआआई … आह्ह … बाहर निकालो शुभम.
मैंने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया और उसकी चूत में लंड पेलते हुए उसकी चुदाई शुरू कर दी. थोड़ी ही देर में उसको मजा आने लगा.
उसके बाद तो वो खुद ही सिसकारियां लेते हुए बड़बड़ाने लगी- आह्ह … चोद दो शुभम … आह्ह और जोर से चोदो. फाड़ दो मेरी चूत को… आह्ह … बहुत दिनों के बाद मेरी चूत को लंड का सुख मिला है. इसकी प्यास को बुझा दो. मैं आज खुल कर तुमसे अपनी चूत मरवाना चाहती हूं. मेरी ख्वाहिश पूरी कर दो मेरे राजा।
मैं पूरा दम लगा कर सुमीना को चोदने लगा.
वो मदहोशी में कहने लगी- आह्ह … आई लव यू मेरी जान. फक मी… चोदो… और तेज चोदो.
दस मिनट की जोरदार चुदाई में वो झड़ गयी और ढीली होकर नीचे लेट गयी. मैं अभी भी भाभी की चूत को ठोकता रहा. पांच मिनट के बाद फिर मेरा वीर्य भी उसकी चूत में निकल गया और मैं भी उसके ऊपर निढाल हो गया.
टाइम देखा तो सुबह के तीन बज गये थे. वो बोली कि उसे 5.30 बजे तक जाना होगा. पति सुबह जल्दी चाय नाश्ता करते हैं, उनको जाना होता है. उसे उनको नाश्ता तैयार करके देना होता है.
मैं बोला- कोई बात नहीं, हम एक बार और करेंगे. तब तक टाइम भी हो जायेगा.
वो बोली- लेकिन मेरी चूत फूल गयी है.
मैंने देखा तो भाभी की चूत सच में फूल गयी थी.
उसकी सूजी हुई चूत को मैंने कपड़े से साफ किया और उसको अपनी गर्म गर्म जीभ से चाटने लगा.
वो बोली- बहुत अच्छा लग रहा है.
मैंने कहा- तभी तो मैं चाट रहा हूं.
कुछ देर तक मैंने उसकी चूत चाटी और फिर से उसकी चुदाई करने लगा. इस बार की चुदाई 25 मिनट के लगभग चली. हम दोनों अबकी बार साथ में ही झड़े. भाभी की चूत में माल गिरा कर फिर मैंने भाभी की चूत को साफ कर दिया. फिर हमने कुछ देर आराम किया और उसको लिप किस किया.
सुमीना के जाने का समय हो गया था. वो उठी और अपने कपड़े पहन कर चली गयी. उसके जाने के बाद मैं भी सो गया.
सुबह जब उठा तो शिवानी भाभी रूम में आ गयी और पूछने लगी- कैसी रही रात?
मैं बोला- बहुत अच्छी.
उसके बाद मैंने शिवानी को खींच लिया और उसके होंठों को चूसने लगा. मगर मुझे तैयार भी होना. मैंने शिवानी को फिर जाने दिया. ऑफिस के लिये तैयार होकर मैं जाने लगा.
नीचे से गुजर रहा था कि सुमीना ने देख कर कहा- चाय पीते जाओ.
फिर हम दोनों ने साथ में बैठ कर चाय पी. मैंने उठ कर उसको किस किया. इतने में ही मेरा मूड फिर से उसकी चुदाई करने का हो गया.
मैंने सुमीना को वहीं सोफे पर गिरा लिया और उसकी मैक्सी उठा कर उसकी चूचियों को पीने लगा. भाभी की चूत को चाटा तो वो भी लंड के लिए मचल उठी.
पैंट की चेन खोल कर मैंने उसकी चूत में लंड पेल दिया और उसको वहीं सोफे पर ही चोद डाला.
चुदने के बाद वो बोली- बहुत दमदार मर्द हो यार तुम तो, रात को भी कितना चोदा, अभी भी मन नहीं भर रहा है.
मैं बोला- अभी तो और भी चोदने का मन है.
वो बोली- तो फिर ऑफिस मत जाओ आज. यहीं पर रहो. जितना मर्जी चोदना है चोद लेना.
मैं बोला- नहीं, ऑफिस जाना भी बहुत जरूरी है.
वो बोली- ठीक है फिर, जाओ।
उसको हग करके मैं अपने ऑफिस के लिए निकल गया. इस तरह से उस दिन के बाद सुमीना भी मुझसे अपनी चूत चुदवाने लगी. अब एक रात मैं शिवानी की चूत चोदता था और दूसरे दिन सुमीना भाभी की चूत चुदाई करता था. उसके पति के होने की वजह से मौका ढूंढना थोड़ा मुश्किल होता था.
तो दोस्तो, मेरी मेरी न्यू सेक्स स्टोरी इन हिंदी यहीं खत्म होती है. आपको मेरी यह भाभी की चूत स्टोरी कैसी लगी, मुझे इसके बारे में अपने कमेंट्स में जरूर बतायें. आप मुझे मेरी ईमेल पर भी मैसेज कर सकते हैं.
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