दोस्तो, मेरा नाम राहुल (बदला हुआ) है और ये मेरी पड़ोसन भाभी की चूत चुदाई की कहानी है.
भाभी का नाम सीमा था, जो हमारे पड़ोस में रहती थीं. उनका फिगर बहुत मस्त था. भाभी मोटे मोटे चूचे और बड़ी गांड की मालकिन थीं. एकदम गोरा रंग था.
ये भाभी हार्ड सेक्स कहानी गर्मियों की है. मैं घर की छत पर सोया हुआ था.
मेरा घर दो मंजिल बना हुआ है. मैं दूसरी मंजिल के बाद अपनी छत पर सोया हुआ था और बाजू में नीचे बनी हुई छत पर पड़ोस में रहने वाले भैया और भाभी सोए हुए थे.
करीब एक बजे मेरी आंख खुली, मुझे सुसु आई थी.
मैं सुसु करने के लिए उठा और आदतन बाजू में झांक कर देखा तो भाभी एकदम नंगी होकर बैठी थीं.
उधर सब कुछ साफ नजर नहीं आ रहा था लेकिन उनके जिस्म की चमक बता रही थी कि उन्होंने कुछ नहीं पहना है.
भाभी बैठी हुई भैया का लंड हिला रही थीं.
कुछ देर बाद भाभी ने भैया के लंड को थोड़ी देर के लिए मुँह में लिया और उसके बाद वो लंड पर बैठ कर उछलने लगीं.
कुछ देर उछलने के बाद भाभी लेट गईं और भैया भाभी के ऊपर आकर भाभी को चोदने लगे.
प्रोग्राम ज्यादा लम्बा नहीं चला. थोड़ी ही देर में भैया साइड होकर लेट गए.
शायद उनके लंड ने पानी छोड़ दिया था.
अंधेरे में ज्यादा कुछ साफ नजर नहीं आ रहा था, बस अंदाजा लगाया जा सकता था.
मैंने भाभी के नाम की मुठ मारी और सो गया.
मैं सुबह उठा तो मेरे दिमाग में रात वाला सीन ही चल रहा था.
मैं भाभी को चोदने का प्रोग्राम बनाने लगा और मौका देखने लगा कि भाभी से बात कैसे हो.
कुछ दिन ऐसे ही निकल गए.
फिर एक दिन शाम के टाइम भाभी अकेली अपनी छत पर घूमने के लिए आईं.
उस वक्त वो पूरी पसीने में भीगी हुई थीं, शायद कुछ काम करके आई होंगी.
उन्होंने नीले रंग की नाइटी पहनी हुई थी जो पसीने की वजह से उनके शरीर से चिपकी हुई थी.
इसी वजह से उनके उभार साफ नजर आ रहे थे और गांड भी साफ नजर आ रही थी.
मैंने अपनी छत से ही भाभी को नमस्ते कहा और उनसे बातें करने लगा.
मेरी नजर बार बार भाभी के चूचों पर ही जा रही थी जो ऊपर से ही अन्दर तक साफ नजर आ रहे थे.
शायद ये बात भाभी ने भी नोटिस कर ली थी.
वो भी मुझको अपने चूचे दिखाने लगीं. कभी भाभी एकदम से झुक जातीं, तो कभी नाइटी उठा कर अपने चूचों में फूंक मारने लगतीं.
मैंने पूछ लिया- भाभी, गर्मी ज्यादा लग रही है क्या?
भाभी बोलने लगीं- हां, बहुत गर्मी लग रही है … अभी घर का काम किया है.
मैंने भाभी से कहा- खुद तो रात में सोती नहीं हो, हमको तो सो जाने दिया करो.
ये कह कर मैं हंस दिया.
इस पर भाभी मुस्कुरा दीं और बोलीं- तुम्हारे भैया जब मुझको नहीं सोने देते, तो मैं क्या करूं. तुम अपने भैया से बोलो कि भाभी को सो जाने दिया करो.
तो मैं बोला- रात में जागने का काम भी जरूरी है. नींद भी तभी अच्छी आती है, जब हल चला कर सोते हैं.
भाभी बोलने लगीं- जागने का भी कोई फायदा नहीं है. तुम्हारे भैया से हल चलाया ही नहीं जाता है. इसलिए तो दो साल में खेत में एक भी फसल नहीं उगी है. पूरा खेत बंजर पड़ा है. न ठीक से पानी लगाते हैं और न ही बीज डाल पाते हैं. अब तुम ही बताओ मैं क्या करूं?
ये बोलकर भाभी हंसने लगीं.
इस पर मैंने बोला- अगर ऐसे खेत के मालिक हम होते, तो हल भी ठीक से चलाते, पानी भी टाइम से लगाते, बीज भी सही बोते और फसल पकने तक ध्यान भी रखते. पर क्या करूं, मेरे नसीब में ऐसा खेत कहां.
इस पर भाभी बोलीं- जमीन ही तो किसी और की है … हल तो कोई भी चला सकता है और बीज भी बो सकता है.
मैं समझ गया कि भाभी चूत चुदाने के लिए बिल्कुल तैयार हैं, बस मुझको भाभी के पास लंड लेकर जाना है.
फिर थोड़ी देर बाद भाभी नीचे चली गईं और जाते जाते बोल गईं कि मेरी जमीन पर अपना हल चला कर बीज वो कर दिखाओ, तो जाने.
ये सुन कर मैं थोड़ा कन्फ्यूज हो गया कि साली चैलेंज देकर गई है या निमन्त्रण दे गई है.
फिर एक दो दिन हमारी हल और बीज की ऐसे ही बात चलती रही.
अब मैं भाभी के घर भी आने जाने लगा.
मैं भैया के सामने भी चला जाता था.
एक दिन मैं उनके घर गया तो भैया बैग पैक कर रहे थे.
मैंने पूछा- भैया कहां जा रहे हो?
भैया बोलने लगे- कश्मीर घूमने जा रहा हूँ.
मैंने पूछा- भाभी भी जा रही हैं क्या?
भैया ने क़हा- मैं अपने दोस्तों के साथ जा रहा हूं. इसलिए तेरी भाभी जाने के लिए मना कर रही है. बोल रही है इस बार तुम दोस्तों के साथ घूम आओ अगली बार हम दोनों चलेंगे.
फिर भैया ने मुझसे कहा- तू चलेगा मेरे साथ?
मैं एकदम खुश हो गया और मैंने तुरंत हां कर दी.
मेरी हां सुन कर भाभी बोलने लगीं- जिसका खेत बीज बोने के लिए खाली पड़ा हो … और मौका अच्छा मिल रहा हो, तो वो घूमने नहीं जाते.
भाभी की बात मेरी समझ में आ गई और मैंने भैया से मना कर दिया.
भैया ने हल और खेत की बात पूछी, तो मैंने एग्जाम की बात कह कर बात टाल दी.
भाभी ने बड़े प्यार से भैया से कहा- जानू, तुम जा रहे हो और रात में मैं अकेली रहूंगी, तो मुझको डर लगेगा. अपने भैया से बोल जाओ कि ये मेरे पास सो जाएगा. जिससे मुझको डर न लगे.
भैया ने मुझसे कहा- हां यार, तू यहीं सो जाना, जब तक मैं आ जाऊंगा.
भाभी ने पूछा- कितने दिन का प्रोग्राम है?
भैया बोलने लगे- पांच छह दिन तो लग ही जाएंगे.
फिर भैया को मैं मुख्य सड़क तक छोड़ आया.
वहां से भैया अपने दोस्तों के साथ गाड़ी में बैठ कर निकल गए और मैं भाभी के पास आ गया.
जैसे ही मैं अन्दर को घुसा तो भाभी ने मुझको पकड़ लिया और किस करने लगीं.
अचानक हुए इस हमले से मैं सहम गया और छूटने की कोशिश करने लगा.
लेकिन भाभी ने मुझको नहीं छोड़ा.
फिर मैं भी भाभी को किस करने लगा.
हम दोनों चुम्बन करने में इतने पागल हो गए कि एक दूसरे के होंठों को खाने लगे. मुँह में जीभ डालकर एक दूसरे की जीभ को चूसने लगे.
करीब 15 मिनट के बाद हम दोनों अलग हुए.
मैंने देखा भाभी का चेहरा लाल पड़ गया था और भाभी के होंठ कांप रहे थे.
मैंने जाकर मुख्य दरवाजा लॉक किया और भाभी को पकड़ कर चूमने लगा, काटने लगा. मैंने भाभी की साड़ी ब्लाउज को अलग किया और पेटीकोट को उतार दिया.
अब भाभी मेरे सामने सिर्फ ब्रा पैंटी में थीं.
उनका ये रूप देख कर मैं पागल हुआ जा रहा था.
मैंने झट से भाभी को पकड़ा और उनके होंठों को चूसने लगा.
भाभी भी बेसब्र हुई जा रही थीं.
फिर मैंने भाभी की गर्दन पर चूमना शुरू किया तो भाभी के मुँह से ‘अह्ह्ह्ह …’ की आवाज आने लगी.
उसी समय मैंने भाभी के चूचों को ब्रा से आजाद कर दिया और गर्दन से मुँह हटा कर एक दूध पर लगा दिया.
अब मैं भाभी के दूध दबा दबा कर बारी बारी से दोनों चूचों को चूसने लगा.
भाभी मस्त होने लगीं और खुद अपने हाथ से दूध पकड़ कर मुझे पिलाने लगीं.
फिर मैंने भाभी को पीछे से अपनी बांहों में जकड़ा और उनकी गर्दन पर किस करने लगा.
साथ ही मैं एक हाथ से भाभी के चूचों को मसलने लगा और अपना दूसरा हाथ मैंने भाभी की पैंटी में डाल दिया.
भाभी की चूत पर हल्के हल्के बाल थे. भाभी की चूत एकदम गीली हुई पड़ी थी.
मैंने जैसे ही अपनी एक उंगली भाभी की चूत में डाली, भाभी की मादक आवाज़ निकलने लगी- ओहह … आआहह उच्च … ओह राहुल और करो … आंह और करो आह!
फिर मैंने भाभी को बेड पर लिटा दिया और उनकी पैंटी को अलग कर दिया.
भाभी की फूली हुई चूत मेरे सामने थी.
मैं उसको देख ही रहा था कि इतने में भाभी ने मेरे सर को पकड़ा और अपनी चूत पर दबा दिया.
उन्होंने मेरे सर को अपनी जांघों से कस लिया.
मैं भाभी की चूत चाटने लगा और जीभ को अन्दर बाहर करने लगा.
इससे भाभी की कामुक सिसकारियां निकलने लगीं- उह्ह आह्ह्ह उउच्छ ओह राहुल चाटो … और जोर से चूसो … खा जाओ मेरी चूत को … चूसो और जोर से चूसो … चाट लो अन्दर तक जीभ डालो.
मैं- हां भाभी, आज मैं इस चूत का सारा पानी पी जाऊंगा.
भाभी- पी जा भोसड़ी के … चाट ले मेरी चूत को खा जा …. आज बहुत दिनों से सूखी पड़ी है.
भाभी ने मेरे सर को जोर से पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया और अपनी गांड उठा कर अपनी चूत को मेरे मुँह में भरती हुई चिल्लाने लगीं- ओह राहुल मेरा होना वाला है … आज चूस लो … पूरा खा जाओ मेरी चूत को उंह आआह.
कुछ ही पलों में भाभी ने अपना सारा पानी मेरे मुँह में भर दिया जिसको मैंने पी लिया और भाभी की चूत को चाट चाट कर साफ कर दिया.
दो मिनट के लिए तूफान थम सा गया.
भाभी ने मेरे कपड़े उतारे और मुझे प्यासी नजरों से देखने लगीं.
जैसे ही भाभी ने मेरा कच्छा उतारा, मेरा लंड भाभी के सामने खड़ा होकर सलामी देने लगा.
मेरे लंड को देख कर भाभी बोलीं- वॉव … कितना बड़ा और मोटा लंड है तुम्हारा … और कड़क भी है.
इतना बोल कर भाभी ने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगीं.
भाभी इतना अच्छा लंड चूस रही थीं कि मैं तो उड़ा जा रहा था.
मेरे लंड को भाभी ने ज्यादा देर नहीं चूसा; उन्होंने कहा- अब चोद दो मुझे … बहुत आग लग रही है चूत में.
मैंने भाभी से कहा- तुम खुद ही चुद लो.
भाभी ने मुझको बेड पर लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गईं.
उन्होंने मेरे लंड पर अपना थूक लगाया और अपनी चूत पर लंड को रगड़ने लगीं.
कुछ देर बाद भाभी ने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर सैट किया और धीरे धीरे नीचे बैठने लगीं जिससे मेरा लंड भाभी की चूत में घुसता चला गया.
लेकिन भाभी मेरा पूरा लंड नहीं ले पाईं और मेरे लंड से हट कर साइड में लेट गईं.
मैंने कहा- क्या हुआ?
भाभी बोलने लगी- मेरे बस की नहीं है तुम्हारा लंड लेना. तुम ही चोदो.
मैंने भाभी की चूत को सहलाया तो भाभी की चूत चिकना पानी छोड़ने लगी.
गीली चूत देख कर मैंने अपना लंड चूत पर सैट किया और एक ही झटके में अपना आधा लंड भाभी की चूत में पेल दिया.
अचानक हुए हमले से भाभी की चीख निकल गई- ओह्ह्ह आआह्ह हट साले निकाल मादरचोद अपने लंड को … आह मेरी चूत फट गई … आह साले बहुत मोटा है तेरा लंड … जल्दी निकाल इसको बाहर!
मैंने भाभी की बात को नहीं सुना और दूसरा झटका दे मारा.
मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में समा गया.
भाभी चिल्लाने लगीं- उह आआह ओह भोसड़ी के … मेरी चूत फट गई … साले अपने लंड को बाहर निकाल … चूत में बहुत दर्द हो रहा है उन्ह आह.
मैंने भाभी की चिल्लपौं को नजरअंदाज किया और अपने झटके चालू रखे.
कुछ देर बाद भाभी भी सामान्य हो गईं और अपनी गांड उठा उठा कर मेरा लंड लेने लगीं.
भाभी- ओहह आहह चोद साले … फाड़ दे अपनी भाभी की चूत को … आंह और जोर से चोद भोसड़ी के … जोर से लंड पेल … आह कितना अच्छा लग रहा है.
ये सुन कर मेरे अन्दर भी जोश आ गया और मैंने अपने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी.
भाभी हार्ड सेक्स की तलबगार थी तो वे लगातार मुझे उत्तेजित करने वाली मादक आहें और कराहें निकाल रही थीं- उहह आआह्ह राहुल … उईईई मां … चोद भोसड़ी के अपने लंड से मेरी चूत को … आंह फाड़ दे भोसड़ा बना दे इसका … आज तक ये सही से नहीं चुद पाई है … आज इसको चोद कर मुझे मां बना दे चोद साले.
मैं भी भाभी को गाली देने लगा- ले साली कुतिया मेरा लंड खा रांड साली …. आज अपने लंड से तेरी चूत को भर दूंगा.
भाभी- आंह भर दे अपनी भाभी की चूत को … अपने लंड के पानी से सींच दे … आह्ह जोर से चोद साले … और जोर से धक्का मार मेरी चूत में आहह.
करीब 20 मिनट तक चूत चोदने के बाद मैंने भाभी की चूत में ही अपना पानी निकाल दिया और भाभी की चूत को अपने मलाई से भर दिया.
फिर उस दिन मैं भाभी के पास रात को सोने भी गया और उस रात मैंने भाभी को 3 बार चोदा.