नमस्कार दोस्तों… मेरा नाम नीलेश है, मैं अपनी पहली कहानी अन्तर्वासना पर लिखने जा रहा हूँ. ये कहानी है मेरी और मेरी भाभी की जिनको मैं अपनी पूरी घरवाली बना लेता हूँ.
मेरे भैया के लिए घरवालों को एक लड़की पसंद की गई और उस लड़की से उनकी शादी हो गई. घर मैं भाभी के आने से मैं बहुत प्रसन्न था क्योंकि मुझे एक नई दोस्त मिलने वाली थी. मैं और भाभी बहुत अच्छे से घुल मिल गए थे, पर उनको लेकर मेरे दिमाग में कभी कोई गलत बात नहीं आई थी.
उसी दौरान मुझे एक अच्छी जॉब मिल गई और मैं दूसरे शहर में शिफ्ट हो गया. जब भी मैं हफ्ते के आखिरी दिन मैं घर पर आता, तो मुझे बहुत अच्छा लगता. भाभी जी का साथ सुहाना था.
मेरी भाभी 26 साल की कामुक बदन की मालकिन थीं. उनके बड़े बड़े नितम्ब किसी को भी लुभाने में सक्षम थे. भाभी की छाती में दो बड़े बड़े संतरे उनकी ब्रा बहुत मुश्किल से संभाल पाते थे. ऐसे में मेरा बहक जाना थोड़ा लाज़मी भी था. पर हिम्मत जुटा नहीं पा रहा था कि कुछ गलत कर लूं. भाभी की निगाहों ने भी शायद मेरी कामना को पढ़ लिया था.
आखिर एक बार भगवान ने मेरी सुन ली. मैं घर पे छुट्टियां बिता कर अपने जॉब वाले शहर से घर लौट रहा था. रास्ते में मेरा मोबाइल बजा, जिसमें भाभीजी का मैसेज आया हुआ था.
थोड़ी देर इधर उधर की बात हुई और फिर अचानक भाभी ने मुझसे पूछा- अगर बीवी की बहन यानि साली को आधी घरवाली कहते हैं, तो उसी तरह पति के भाई को क्या कह सकते हैं?
मैं भाभी का इशारा नहीं समझ पाया और ठीक जवाब नहीं दे पाया.
भाभी ने जोर देकर पूछा तो मैंने ऐसे ही बता दिया कि आधा घरवाला होता है.
मेरी भाभी शायद यही सुनना चाहती थीं. उन्होंने झट से मुझे मैसेज से पूछा- क्या तुम मेरे आधे घर वाले बनोगे?
सच बताऊं दोस्तो, तो मेरी तो लॉटरी लग गई थी. मैं यदि सीधे हां कर देता, तो मेरी पोल भी खुल सकती थी.
मैंने भी नाटक शुरू किया और कहा कि ये कैसे मुमकिन है … और मुझे आपका आधा घरवाला बनने के लिए क्या करना होगा?
भाभी बोलीं- कुछ नहीं पगले, तुझे तो मुझे खुश करना है. मैं तेरे साथ तेरी गर्लफ्रेंड बनकर रहूंगी, तू जो चाहेगा, वो मेरे साथ कर सकता है. तेरे भैया को कुछ पता नहीं चलेगा, ये मेरी गारण्टी है.
मैं तो खुशी के मारे बस में ही उछल पड़ा. इतनी हॉट भाभी को बांहों में लेने के ख्याल से ही मेरा लंड खड़ा हो कर भाभी के प्रस्ताव को स्वीकृति दे रहा था.
मैंने भी यस डार्लिंग कह के रिप्लाई दे दिया.
भाभी डार्लिंग शब्द पढ़ कर खुश हो गईं और बोलीं- वाह मेरे राजा … अब देख तेरी भाभी तुझे कैसे खुश करती है.
मैं तो भाभी के लिए मानो अब मरा जा रहा था. भाभी ने रात को कॉल करने का प्रॉमिस किया. हम दोनों ने मैसेज करना बंद किया. रात को हमने गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड की तरह फ़ोन सेक्स किया. भाभी की हॉट बातें सुन कर मैंने उनके नाम की मुठ मारी. वो भी मुझसे इतनी गर्मागर्म बातें करने के बाद मिलने को बड़ी बेताब हो उठी थीं.
दो दिन बाद भाभी का मुझे कॉल आया कि राजा अब नहीं रहा जाता, तू जल्दी से आ जा और मेरी प्यास बुझा जा.
मुझे लगा कि शायद भैया से भाभी खुश नहीं हैं, तभी उनकी निगाह मुझ पर पड़ गई है. खैर … मुझे क्या … मुझे तो बस भाभी की जवानी भोगने की बात ही दिमाग में चल रही थी.
मैंने जॉब से छुट्टी ले ली और भाभी की प्यास बुझाने घर जा पहुंचा. पर भैया से मेरी अभी भी फट रही थी. मैं सोच रहा था कि भैया के होते हुए मैं भाभी को कैसे चोद सकूँगा. कहीं ऐसा न हो कि कोई और ही मामला हो और मेरी इज्जत मिटटी में मिल जाए. पिटाई हो, तो वो अलग से हो.
मैंने अपने इस संदेह को लेकर भाभी को मैसेज किया कि भाभी अपने बीच प्यार कैसे हो पाएगा?
भाभी बोलीं- तू चिंता मत कर, वो सब मैं संभाल लूंगी. बस तुम आज रात को अपने मिलने प्रोग्राम पक्का रखना.
भाभी की बात से मुझे हिम्मत बंधी और मैं रात का इंतजार करने लगा.
रात के करीब 12 बज चुके थे. मेरे रूम का मुलायम गद्दा भी मुझे सुला नहीं पा रहा था, क्योंकि मुझे अपनी डार्लिंग भाभी के करीब होने का इंतजार था.
तभी मेरे कमरे का दरवाजा खुला और साक्षात अप्सरा समान मेरी भाभी इठलाते हुए रूम में अन्दर आ गईं. मैं सोचता ही रह गया कि भैया के होते हुए ये कैसे मुमकिन हुआ, पर भाभी की जवानी देख कर सब भूल गया और खड़े होकर मैंने भाभी को गले से लगा लिया.
भाभी तो मुझसे एक कदम आगे निकलीं, उन्होंने जोर से मेरे होंठों को अपने होंठों में ले लिया और किसिंग का मजा लेने लगीं.
क्या बताऊं दोस्तो, मेरा लंड तो बाहर निकलने को बेताब हो चुका था. किसिंग करते हुए मैंने भाभी की साड़ी खींचते हुए उतार दी और उनके ब्लाउज के ऊपर से भाभी के तने हुए चुचों पे अपने दोनों हाथ टिका दिए. भाभी अपने हाथों से मेरे हाथ को दबा कर अपने चुचों को जोर से मसलने का इशारा करने लगीं. मैंने भी धीरे से भाभी के ब्लाउज के बटन खोल दिए.
भाभी ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी हुई थी, इसलिए उनके दूधिया मम्मे एकदम से उछलते हुए हवा में फुदकने लगे. अब मेरे सामने भाभी के दोनों नंगे चुचे खुले हुए थिरक रहे थे. मैं जोर से उनको मसलने लगा. भाभी मुझे किस करने में और जोर लगाने लगीं.
दस मिनट तक किस करने के बाद भाभी ने मुझे धक्का देकर बिस्तर पे लेटा दिया. मेरे पैन्ट में बना हुआ तंबू देखकर वो मुस्कुराईं और बिना कुछ बोले मेरी पैन्ट उतार दी. मेरा 7 इंच का खड़ा लंड भूखे शेर के माफिक खड़ा हुआ गुर्रा रहा था. मेरा लंड बड़ी तेजी से ऊपर नीचे हिलता हुआ भाभी की चूत फाड़ने को मचल रहा था.
मेरी सेक्सी भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथों से सहलाया और इठलाते हुए अपने घुटनों के बल बैठ गईं. मैं अभी कुछ समझ पाता कि भाभी ने अपनी नाक की नोक से मेरे सुपारे को टच किया और उसकी खुशबू लेने लगीं.
मेरे लंड के प्रीकम से लंड बड़ा मर्दाना महक मार रहा था. भाभी ने अपनी जीभ की नोक से सुपारे को एक बार चाटा और मेरे लंड के सुपारे की अन्दर की रिंग तक उसे मुँह में लेकर चूसने लगीं.
आहाहा क्या मजा आ रहा था दोस्तो … मेरा लंड के तो वारे न्यारे हो गए थे. मैंने भाभी को लेकर नीचे ही लेट गया और भाभी ने मेरे लंड को गले तक लेकर चूसना चालू कर दिया. वो मेरे आंडों तक अपनी जीभ से मुझे मजा देने लगीं. कुछ देर लंड चूसने के बाद भाभी ने धीरे से लेटते हुए अपने पैर मेरी तरफ घुमा दिए. मैं समझ चुका था कि 69 पोजीशन लेनी है. मैंने भी भाभी का घाघरा उतार फेंका.
भाभी की बिना बालों वाली गुलाबी चूत का दीदार करके मैं तो समझो पागल सा हो गया था. मैंने आव देखा न ताव, बस पूरी ताकत से भाभी की चूत को चाटने लगा.
पांच मिनट की चूत चुसाई में भाभी ने पानी छोड़ दिया, जिसको चाट कर मैंने चूत को साफ़ कर दिया. भाभी की चूत झड़ जाने से वो शिथिल हो गई थीं. लेकिन मैंने उनकी चूत को बदस्तूर चाटना जारी रखा, जिससे भाभी की चूत फिर से गर्म हो गई थी.
अब तो भाभी पर मानो चुदने का भूत सवार हो गया था. वो मुझे पूरे बदन पर किस करने लगीं और बाद में मेरे होंठों को चूसने लगीं. भाभी के मुँह से मेरे लंड के रस का स्वाद आ रहा था, जिसे आज मैंने पहली बार चखा था. भाभी मेरे मुँह में जीभ घुसेड़ कर मुझे लंड रस का स्वाद देने लगीं.
फिर भाभी ने मुँह अलग किया और बोलीं- मेरे राजा … मैं बहुत तड़फ रही हूँ … अब तुम देर न करो … जल्दी से मेरी प्यास बुझा दो, चोद दे मुझे. तेरे भैया से तो कुछ होता ही नहीं है.
मैं समझ गया कि भाभी की चूत की आग को बुझाना भैया के बस की बात नहीं है.
मैंने भी भाभी को सीधे लिटाया और अपना लंड हाथ में लेकर भाभी की दोनों टांगों के बीच में आ गया. मैंने अपना खड़ा लंड भाभी की चिकनी चुत पे टिका दिया.
भाभी ने लंड का स्पर्श अपनी चूत की फांकों पर महसूस किया, तो उन्होंने अपनी टांगें फैलाते हुए हवा में उठा दीं. मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी नंगी भाभी की चुत की गहराई में ठोक दिया. चिकनी चूत होने के कारण मेरा पूरा लंड एक बार में ही भाभी की चूत की जड़ तक घुस गया.
भाभी ने एक आह भरी और मेरे लंड को अपनी चुदासी चूत में जज्ब कर लिया. उनको भी लंड लेने में मजा आया और वे अपने चूतड़ उठा कर तैयार हो गईं. भाभी ने मुझे इंजिन चालू करते हुए धक्के मारने का इशारा किया.
बस मैं चुदाई लीला में शुरू हो गया. मुझे अपनी डार्लिंग भाभी को चोदने के लिए अब किसी की चिंता नहीं थी. मैंने भाभी की धकापेल चुदाई चालू कर दी.
‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ भाभी के मदहोशी में कराहने की आवाज कमरे में गूंज रही थी. मुझे भाभी का जिस्म और भी सुनहरा महसूस हो रहा था.
करीब पन्द्रह मिनट की चुदाई में बहुत सारे धक्कों के बाद मेरा माल निकलने वाला हो गया था. मैंने भाभी को इशारा किया.
तो वो बोलीं- मेरे जानू अपने लंड रस को मेरे मुँह में भर दो. … मुझे तेरे वीर्य का स्वाद चखना है.
मैंने पूरा लंड एक झटके से भाभी की चूत से खींचा और उनके मुँह में घुसेड़ दिया. भाभी भी लपलप करके लंड को चूसने लगीं. एक मिनट से भी कम समय में मैंने भाभी के मुँह में ही अपना पूरा वीर्य छोड़ दिया. वो मजे से वीर्य को पी गईं और प्यारी सी मुस्कान देने लगीं.
मुझे यूं लग रहा था कि अब बस ये रंगीन रात यहीं पर खत्म हो जाएगी. पर भाभी का मन अभी नहीं भरा था. उन्होंने मुझे गांड मारने का न्यौता दिया. मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ कि आज मेरी किस्मत खुल गई. मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और उनको फिर से गर्म करने लगा.
भाभी की गांड मैंने कैसे मारी, ये में आपको अगली कहानी में सुनाऊंगा. हम दोनों ने उसके बाद बहुत बार चुदाई की. उनके साथ मैंने किस किस तरह से अपने लंड को शांत किया, ये सब मैंने आपको धीरे धीरे लिखता जाऊंगा. बस आप अपना अभिप्राय देना न भूलें.