दोस्तो, मैं रिया … मुंबई की रहने वाली हूँ. मैं आज पहली बार अपनी सच्ची Xx कहानी लिखने जा रही हूँ.
मेरी शादी को 2 साल हुए हैं और मुझे एक प्यारा बेटा भी है जो अभी एक साल का हुआ है. उसका नाम प्रसाद है.
वो अभी मेरे मम्मों का दूध ज्यादा नहीं पीता है. इस वजह से मेरे मम्मों से निकलने वाला दूध पूरा न निकल पाने के कारण मम्मों में दर्द देता है.
मैं जबरन उसे अपना दूध पिलाती हूँ … मगर वो नहीं पीता है.
मेरे घर में, मेरे पति, मैं, देवर, सास ससुर और मेरा बेटा … इतने ही लोग हैं.
ये इंडियन भाभी बूब्ज़ कहानी कुछ समय पहले की ही है, जब हमारी फैमिली एक रिश्तेदार की शादी में जाने वाले थे.
शादी लखनऊ में होने वाली थी तो सब लोग दो दिन पहले ही निकल गए थे.
हमारी रात की 8 बजे की ट्रेन थी तो हम सब समय पर स्टेशन आ गए.
फिर ट्रेन आई तो सब अपनी सीटों पर बैठ गए.
मेरे पति कुछ काम के कारण दूसरे दिन आने वाले थे, तो मैं अपने देवर, सास-ससुर और अपने बेटे प्रसाद ही यात्रा कर रहे थे.
मेरे सास-ससुर की बर्थ दूसरी बोगी में थी. मैं, देवर और प्रसाद एक साथ दूसरी बोगी में थे.
प्रसाद के सोने के बाद मैं और देवर काफी देर तक बातें करते रहे.
फिर रात के ग्यारह बजे हम सब सो गए थे.
प्रसाद मेरे देवर की गोदी में सो रहा था. रात के करीब एक बजे प्रसाद जाग गया और रोने लगा.
उसके रोने से हम दोनों भी जाग गए. देवर ने प्रसाद को मुझको दे दिया.
मैंने अपने टॉप का निचला बटन खोला और एक चूचा निकाल कर प्रसाद के मुँह में दे दिया.
प्रसाद चुप हो गया और मेरा दूध पीने लगा.
तभी मैंने देवर को देखा तो उसका ध्यान मेरे स्तन के ऊपर ही था.
मुझे उसकी आंखों में वासना साफ दिखाई दे रही थी.
तभी मेरा ध्यान उसकी नाइट पैंट पर गया तो मैंने पाया कि उसका लंड पूरा कड़क हो गया था.
मुझे उसकी हालत देख कर बड़ा मजा आने लगा.
उसका ध्यान अभी भी मेरे स्तनों के ऊपर ही था.
मैंने जानबूझ कर अपना दूसरा स्तन भी बाहर निकाल लिया और पहला वाला अपने बेटे के मुँह से निकाल कर उसे दूसरे मम्मे से लगा दिया.
मेरा पहले वाला दूध हवा में झूल रहा था.
रात का समय था तो सब कोई सोए हुए थे.
मैंने देखा कि मेरे देवर की हालत देखने लायक थी; अब उससे कण्ट्रोल कर पाना मुश्किल हो रहा था.
तभी मैंने देखा कि उसकी नाईट पैंट वीर्य निकलने का कारण लंड के पास धब्बा बन गया था.
ऐसा लग रहा था जैसे मेरे देवर ने पजामा में ही सुसु कर ली ही. उसके पजामे में दाग एकदम साफ दिखाई दे रहा था.
साफ़ मालूम चल रहा था कि शायद उसने अन्दर अंडरवियर नहीं पहनी थी.
जैसे ही उसका वीर्य निकल गया तो वो होश में आ गया. अब उसने मेरी तरफ देख लिया.
मैंने तुरंत अपनी आंखें बंद कर लीं.
मेरी आंखें बंद देख कर उसने राहत की सांस ली और वो उठ कर वाशरूम चला गया.
शायद वो अपने लंड को धोने की लिए गया था.
उसके जाते ही मैं अकेली थी और मुझे उसकी हालत सोच कर काफी हंसी आ रही थी.
तभी वो वापस आ गया.
मैंने तुरंत अपनी आंखें बंद कर लीं.
अब भी मेरे दोनों स्तन बाहर ही थे.
तभी प्रसाद सो गया तो मैंने आंखें खोलीं और अपने स्तनों को अपने दुपट्टे से ढक लिया था.
अब मैंने देवर की तरफ देखा, तो उसने भी सोने का नाटक किया.
मुझे ये देख कर बड़ा मजा आ रहा था.
हालांकि मेरी चुत में चींटियां रेंगने लगी थीं. उसी वक्त मैंने फैसला कर लिया था कि मैं एक दिन देवर से जरूर चुदवा लूंगी.
कुछ देर बाद मैं भी सोने की कोशिश करने लगी.
मेरा बेटा मेरे सीने पर ही लेटा था.
मेरी आंख बंद होने के कुछ देर बाद मुझे कुछ अजीब सा महसूस होने लगा था.
तभी मैंने चुपके से देखा तो देवर ने मेरे एक स्तन को ऊपर से ही अपने मुँह में ले लिया था और बड़ी वासना से मेरा दूध चूस रहा था.
मैंने महसूस किया कि मेरे स्तनों से दूध टपक रहा था तो मैंने कुनमुनाते हुए जागने का नाटक करना शुरू कर दिया.
मुझे जागता हुआ देख कर देवर अपनी वाली सीट पर सोने का नाटक करने लगा.
मैंने आंखें खोल कर देवर को घूरा तो वो थोड़ा घबरा सा गया था.
उसकी हालत देख कर मैं अपनी हंसी नहीं रोक पा रही थी.
कुछ देर बाद वो सच में सो गया था.
तो मैं भी सो गयी.
करीब तीन घंटे बाद मुझे असहज सा महसूस होने लगा. मेरी नींद भी खुल गयी थी. मैंने देवर की तरफ देखा तो वो भी सो रहा था, लेकिन उसका लंड अभी भी कड़क ही दिख रहा था.
मेरे स्तन उसका कड़क लंड देख कर फिर से कड़क होने लगे थे क्योंकि मम्मों से दूध निकले 3 घंटे हो गए थे लेकिन मेरा बेटा प्रसाद अभी सो ही रहा था.
मैंने घड़ी में टाईम देखा तो रात के 4 बज चुके थे.
अब मेरी हालत और भी खराब हो रही थी.
मैंने प्रसाद के मुँह में एक स्तन दे दिया फिर भी वो मेरा दूध नहीं पी रहा था.
शायद अभी उसे भूख नहीं थी.
अब मुझे अपने चूचों में दर्द होने लगा था. मेरे स्तन दूध के कारण भारी हो रहे थे.
मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था, तब मैंने वॉशरूम जाकर अपना दूध निकालने का फैसला किया.
वहां जाकर देखा तो आवारा किस्म के लड़के वहां पर थे तो मैं वापस आकर मेरी सीट पर बैठ गयी.
अब मेरी छाती से दूध अपने आप ही टपकने लग गया था.
मेरी हलचल से देवर भी जाग गया था.
वो मुझे जागा हुआ देख कर बोला- आपको कुछ चाहिए क्या भाभी?
मैंने ना में सर हिला दिया.
मुझे सच में हिचकिचाहट होने लगी थी.
मेरे देवर ने शायद ये बात समझ ली थी.
उसने फिर से मुझसे पूछा- क्या आपको कुछ चाहिये भाभी?
अब मुझसे भी दर्द सहन नहीं हो रहा था, लेकिन तब भी मैंने ना कर दिया.
उसी वक्त मैंने अपने मम्मों में गीलापन महसूस किया और हाथ लगा कर देखा तो मेरे दोनों स्तनों से दूध कुछ ज्यादा ही बहने लग गया था.
देवर ने मेरा दूध बाहर टपकता देख लिया.
देवर- भाभी, आपको कुछ चाहिए तो बिंदास बोल दीजिएगा.
मैं बोली- सुनो देवर जी, आप मेरा एक काम करोगे?
देवर- हां बोलो न भाभी!
मैं- मुझे एक खाली बोतल दे दोगे क्या?
देवर- पर मेरे पास बोतल नहीं है.
ये सुन मुझे रोना आ गया.
देवर- क्या हुआ भाभी आप रो क्यों रही हो?
मैं- कुछ नहीं.
देवर- भाभी आप मुझसे कुछ छुपा रही हैं, बोलो न क्या बात है? मैं आपकी कुछ मदद कर सकता हूँ क्या?
मैं- क्या तुम सच में मेरी कुछ मदद करोगे?
देवर- हां भाभी, आप बोल कर तो देखो.
मैं- देखो राहुल भैया, मुझे सीने में दर्द हो रहा है, अगर तुम चाहो तो मेरी मदद कर सकते हो.
देवर- अब बोलो भी भाभी.
मैं- शायद तेरे भैया होते तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होती, पर आपको कैसे बताऊं, मुझे शर्म आ रही है.
देवर- क्यों आप मुझे अपना नहीं समझती भाभी, मैं आपकी हर मदद कर दूंगा. अब बता भी दीजिए और वैसे भी देवर का मतलब ही है दूसरा पति. आप बेझिझक होकर बताइए.
मैं- देखो राहुल भैया.
देवर- भाभी सिर्फ राहुल बोलिएगा न.
मैं- अच्छा राहुल सुनो, मेरे दोनों स्तन दूध भर जाने के कारण भारी हो गए हैं. मैं इनमें से दूध निकालना चाहती हूँ, पर प्रसाद सो रहा है और दूध निकालने के लिए बोटल भी नहीं है. वॉशरूम के पास कुछ बदमाश किस्म के लड़के बैठे हैं, तो मैं वहां भी नहीं जा सकती. अब मेरा टॉप भी गीला हो गया है, मेरा दर्द बढ़ता जा रहा है. तेरे भाई होते तो वो मेरा दूध पी लेते और मेरा दर्द कम कर देते. पर तुम मेरे देवर हो, क्या तुम मेरा दूध पी सकोगे, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
राहुल- भाभी आप मुझे पराया ना समझें. मैं भी आपका दूध पी सकता हूँ. चलिए अब पहला अपना टॉप उतार दीजिएगा वरना दाग पड़ जाएंगे. हमें शादी में भी जाना है … दर्द बढ़ने से कोई और दिक्कत न हो जाए. आप जल्दी कीजिएगा.
मैं- राहुल लाईट ऑफ़ कर दीजिएगा.
राहुल ने लाईट ऑफ़ कर दी.
राहुल- आप हिचकिचाइए मत भाभी, टॉप उतार दीजिए.
अब मैंने अपना टॉप पूरा उतार दिया,
राहुल मेरी गोद में सर रखकर लेट गया और उसने मेरा एक स्तन अपने हाथ में ले लिया. दूसरे स्तन को मुँह में लेकर चूसने लगा.
जैसे ही मेरा दूध उसके मुँह में गया, उसने मुँह निकाल लिया.
राहुल- भाभी आपका दूध बहुत मीठा है, क्या आप मुझे रोज पिलाओगी?
मैं- चल बदमाश कहीं का, रोज की बात करने लगा. पहले आज तो दूध पी ले मेरा और मुझे शान्ति दे दे.
राहुल- नहीं पहले आप वादा कीजिए कि आप मुझे रोज दूध पिलाओगी, तभी मैं पियूंगा.
मैंने उसके सर पर हाथ फेर कर कहा- हां राहुल वादा है, मैं रोज दूध पिलाऊंगी.
ये सुनते ही उसने इंडियन भाभी बूब्ज़ चूसना शुरू कर दिया. बड़ी तेजी से उसने मेरा दूध पीना जारी रखा.
मेरे मम्मों से दूध की मानो नदी बह रही थी, मेरा इतना ज्यादा दूध निकल रहा था.
राहुल मेरे दूध दबा दबा कर मस्ती से चूस रहा था. मुझे उसका दूध पीना बहुत अच्छा लग रहा था.
अब मैं उसके सर में अपनी उंगलियां ऐसे फेर रही थी मानो वो मेरा बेटा ही हो.
मुझे कुछ ही देर में ठीक लगने लगा था.
राहुल ने कुछ ही मिनट में मेरा एक स्तन चूस कर पूरा खाली कर दिया था.
अब वो मेरी तरफ देखने लगा, मानो कह रहा हो कि दूसरा स्तन भी मुँह में दे दीजिए.
मैंने तुरंत अपना दूसरा स्तन भी उसके मुँह में दे दिया था.
वो मस्ती से मेरे दूध को चूस रहा था.
अचानक से मेरी नजर उसके लंड पर गयी, तो उसका लंड पूरा कड़क हो चुका था. उसका खड़ा लंड देख कर मेरी चुत भी गीली हो गयी.
करीब दस मिनट में उसने मेरा दूसरा स्तन भी खाली कर दिया था.
मैंने राहत की सांस ली.
राहुल- भाभी आपका दूध पीकर मेरा तो पेट ही भर गया. बहुत मीठा दूध है आपका. आप मुझे रोज पिलाओगी ना?
मैं- हां राहुल, पर ये बात किसी को बताना नहीं, यह राज ही रहना चाहिए.
राहुल- हां भाभी पक्का … मुझे बस दूध पिलाती रहना.
उसकी इस मासूमियत पर मुझे हंसी आ गई और हम दोनों हंस पड़े.
मैं- राहुल, तुम्हारा तो खड़ा हो गया है.
राहुल- हां भाभी आपका दूध पीकर तो बुड्डे आदमी का लंड भी खड़ा हो जाएगा.
‘चल झूठा.’
राहुल- भाभी सच में … आपके मम्मे बड़े मस्त हैं.
मैंने उसे यूं ही अपनी गोद में सोने को बोल दिया और वो मेरे एक थन को अपने होंठों में दबाए सो गया.
ऐसे ही हम दोनों शादी में लखनऊ पहुंच गए. अब राहुल मेरा दूध रोज पीने लगा था.
आज 6 महीने बाद भी वो मेरा दूध पीता है.
उसकी हरकतें भी मुझे अच्छी लगती हैं. वो मेरी चूची के निप्पल को पकड़ पकड़ कर जब खींचता है तो मेरी चुत में आग सी लग जाती है.
अब मैं उससे चुत चुदवाने की सोच रही हूँ.