नमस्ते दोस्तों, मेरी सेक्स स्टोरी के पहले भाग
भाभी ने दिलाई कुंवारी लड़की की चूत-1
में आपने मेरी और पड़ोस की भाभी की चुदाई के बारे में पढ़ा था. उनके पास एक कुंवारी लड़की आती थी. मैंने उसे पता लिया था, बस उसकी चुदाई करनी थी. उसमें भाभी मेरी मदद कर रही थी.
सुबह 9:00 बजे भाभी का कॉल आया- कहां हो … आ जाओ.
मैं फट से भाभी के यहां आ गया.
यह क्या … मैं देखता हूं ऊपर मोना पहले से थी. मोना मुझे देख कर मुस्कुराने लगी और भाभी भी थीं. उसी वक्त पता नहीं मोना को क्या हुआ, वह झट से खड़ी होकर मेरे पास आकर मेरे गले से लग गई.
अभी मोना मुझसे चिपकी हुई थी … भाभी धीरे से मेरे कान में बोलीं- अभी चोदोगे इसको … यह तुमसे ज्यादा चुदवाने के लिए उत्तेजित है. तुम्हारे जाने के बाद रात को ही मैंने इसे फोन किया और सारी बात जानी, तो यह बोली कि भाभी आपकी चुदाई देखकर और दोस्तों से उसकी चुदाई की बातें सुनकर मैं बहुत उत्तेजित हो गई हूँ. अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं होता, आप जितनी जल्दी मेरा काम करवा दो, आपकी मेहरबानी होगी. उसके बाद मैंने इसे सुबह आने ओ कहा, तो यह सुबह-सुबह आ गई.
मैंने मोना को देखा तो वो हंस पड़ी और मुझे चूम लिया. फिर मोना मेरी आंखों में देख कर मुस्कुराने लगी. कुंवारी लड़की की चुदाई होने वाली थी.
भाभी बोलीं- बिल्कुल कच्ची कली है … प्यार से चोदना मेरे राजा.
यह कहकर भाभी ने हम दोनों को अपने बेडरूम में धकेल दिया और खुद भी अन्दर आ गईं. उन्होंने अन्दर से चिटकनी नहीं लगाई.
मोना को शर्म आ रही थी.
मैं उसके पास गया. उसके हाथ को पकड़ कर फिर से गले लगाया, कस के दबाते हुए उसके होंठों को उठाकर किस करने लगा. मोना मेरा साथ दे रही थी.
धीरे-धीरे किस करने की रफ्तार बढ़ती गई. मैंने जोर जोर से उसके होंठों को चूसना दिया, उसको भी कुछ कुछ होने लगा था. वो भी अपनी जीभ को हरकत में लाने लगी. अब मैं कभी उसकी जीभ चूसता, कभी उसकी आंखों में देखता, कभी उसकी चूची को दबा देता.
आह क्या मस्त मजा आ रहा था.
वह भी मुझे ऐसे किस कर रही थी, जैसे वह मुझे खा जाएगी. वह भी मेरे जिस्म को अपने जिस्म में भर लेना चाह रही थी. सच में एक नए जिस्म के साथ खेलने में मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मुझे उसकी रसीले होंठों को चूसने में बहुत मजा आ रहा था. ऐसा लग रहा था कि सारा रस उसके होंठों में भरा हुआ हो और मैं उसको चूसता ही जाऊं … बस चूसता ही जाऊं.
मोना भी क्या गलत है और क्या सही है, ये सब भूल चुकी थी. उसके होंठों को चूसते हुए मैं कभी उसकी चूची को जो से दबा देता, तो उसके मुँह से मीठी सी आवाज निकल जा रही थी.
सच में क्या बताऊं कि मुझे उसके होंठों को चूसकर कितना मजा आ रहा था. उसके कपड़ों के ऊपर से उसके चूचे दबाकर मुझे कोई मक्खन का गोला सहलाने सा अहसास हो रहा था. अब तो मैं कभी-कभी उसकी बुर को भी ऊपर से ही दबा देता.
भाभी साइड में खड़ी होकर हम दोनों को चूमा-चाटी करते हुए देख रही थीं और अपनी सलवार के ऊपर से ही अपनी चूत को मसल रही थीं.
मैंने जब उनकी ओर एक नजर देखा, तो भाभी मुझे कातिल मुस्कान देते हुए बोलीं- लगे रहो राजा …
फिर भाभी अपनी चूत की ओर इशारा करते हुए बोलीं- इसको भी लौड़े की जरूरत है.
मैंने हंसते हुए उनको आंख मारकर इशारा किया कि चिंता न करो … मेरी जान … उसका भोसड़ा भी जल्दी ही बना दूंगा.
फिर धीरे धीरे करके मैंने मोना के कपड़े उतार दिए और हम दोनों बिल्कुल नंगे हो गए. मैं नंगी हो चुकी मोना के गले को चुम्मा करते हुए उसकी चूची पर आ गया और उसकी बुर को एक हाथ से सहलाने लगा. उसकी मादक आहें निकलने लगी थीं. उसने अपनी चूत पर मेरी उंगली का स्पर्श पाते ही अपनी टांगों को फैला दिया था. इससे मुझे उसकी पूरी चूत रगड़ने में आसानी होने लगी थी.
मैंने जैसे ही अपनी एक उंगली को उसकी बुर में डाला, तो उसकी तो जैसे चीख निकल गई. मोना की चूत बिल्कुल टाइट थी.
मैं उसकी आंखों में झांकने लगा, तो वो बोली- उन्नह … दर्द हो रहा है.
इतने में भाभी उसके पास आ गईं. वो मोना के माथे को सहलाते हुए बोलीं- आज बस थोड़ा सा दर्द ही होगा, उसके बाद तुम इससे चुदने के लिए तरसने लगोगी … खूब मजे करोगी.
मोना मान गई और भाभी मुझसे बोलीं- इसकी चूत को सहलाते और चाटते रहो.
मैं नीचे आ गया और उसकी चूत पर अपनी जीभ चलाने लगा. अब मोना को बेचैनी होने लगी थी. मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से पूरा ऊपर से नीचे तक फेरते हुए चाट रहा था.
मोना की अनचुदी और कुंवारी चूत का बुर का क्या मस्त स्वाद था. इस सबके बीच में भाभी घी में आग डालने का काम कर रही थीं.
धीरे-धीरे भाभी मुझे इस तरह सैट कर रही थीं कि मेरा लंड उसके मुँह पर आ गया था. लेकिन मोना मेरा लंड चूसने से मना कर रही थी, क्योंकि ये सब उसके लिए पहली बार था, शायद इसीलिए उसे अच्छा नहीं लग रहा था.
भाभी ने उसे मनाने के लिए और उसे कंफर्टेबल फील कराने के लिए मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया. मोना को यह देख कर अच्छा लगा था. धीरे धीरे मोना ने भी भाभी के साथ मेरे लंड को चूसना चालू कर दिया.
उधर मैं नीचे से उसकी चूत को जोर-शोर से चाटे जा रहा था और उसकी दोनों जांघों पर किस भी कर रहा था. जिससे वो और भी पागल हुई जा रही थी. भाभी भी बीच बीच में उसकी चूचियां मसल रही थीं और उसकी एक चूची को चूस भी रही थीं.
अब वह धीरे धीरे मेरे लंड को अपने मुँह में पूरा लेने लगी … क्योंकि मेरे द्वारा उसकी चूत चूसे जाने से वह भी पूरे जोश में आ गई थी.
इसी बीच में एक बार चूत चुसवाते हुए उसकी चूत से पानी निकल गया. लेकिन भाभी के इशारों पर मैंने उसकी चूत की चुसाई को चालू रखा.
थोड़ी ही देर में मोना फिर से गर्म हो गई. अब वो पूरी तरह बेचैन होने लगी थी.
अभी मैं हर काम भाभी की सहमति से कर रहा था. मैं कुंवारी लड़की की चुदाई के लिए आतुर था.
कुछ देर बाद भाभी ने कहा- अब इसकी कुंवारी चूत में लंड डाल दो और चोद दो इसे.
मैंने हामी भरते हुए लंड को चूत में पेलने के लिए मोना के मुँह से निकाल कर हिलाया.
तभी भाभी ने उसका सर हिलाते हुए और उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा- मोना, अभी ये अन्दर डालेगा.
मोना ने भी अपनी मूक सहमति देते हुए अपना सर हां में हिला दिया.
इसके बाद मैं चुदाई की पोजीशन बनाते हुए नीचे आ गया. भाभी ने ही मेरा लंड पकड़ कर उसकी बुर पर रखा और उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा कि मोना थोड़ा सा दर्द होगा, बर्दाश्त कर लेना … इसके बाद मजे ही मजे आने हैं.
मोना तो जैसे इन सबके लिए तैयार ही थी. उसने कहा- हां भाभी, मैं तैयार हूं.
उसके बाद भाभी ने मुझे इशारा किया और मैंने अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया.
वह चीख पड़ी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ उसकी आंखों से आंसू आ गए. मैं रुक गया.
भाभी ने उसे हौसला देते हुए कहा- अब बस थोड़ा और …
उसने फिर सहमति में सर हिलाया और भाभी उसके मम्मों को दबाने लगीं. चूचे सहलाने लगीं … वे उसे किसी भी करने लगीं. फिर भाभी मेरे सामने ऐसे हो गईं कि मैं उनकी बुर को भी चाटूं. मैं भी भाभी की बुर को चाटने लगा.
मोना का ध्यान जैसे ही भंग हुआ. मैंने एक फाइनल शॉट लगा दिया. लंड चूत को चीरते हुए उसकी बुर में घुसता चला गया. वह चीखना तो चाह रही थी, लेकिन भाभी ने उसके होंठों पर कब्जा कर रखा था.
भाभी मोना को किस कर रही थीं. मोना गोंगों की आवाज करते हुए तड़फ उठी. उसकी चीख दब गई.
मैं थोड़ा रुका रहा, फिर भाभी ने इशारा किया … तो मैं अब धीरे-धीरे उसकी बुर में अपना लंड अन्दर-बाहर करने लगा.
दो मिनट में मोना की चूत ने लंड को झेल लिया था. इस तरह मैं उसकी चुदाई करने लगा. अब उसे भी मजा आ रहा था. मैं उसकी चूची भी दबा रहा था. उसे किस्सी भी किए जा रहा था.
मैं मोना की ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा था. वह कामुक आवाजें निकाल रही थी.
सच में कुंवारी चूत चोदने का मजा ही कुछ और होता है.
बीच बीच में मैं उसे तेजी से धक्के मारने लगता है, तो वह दर्द से और मजे से कराहने लगती. फिर मैं हल्के हल्के धक्के मारने लगता.
कोई 20 मिनट तक कुंवारी लड़की की चुदाई चली होगी. इस बीच मोना दो बार और झड़ गई थी. अब मेरा भी होने वाला था. मैंने भाभी से पूछा- कहां निकालूं?
भाभी ने कहा- पहली चुदाई में अन्दर ही डाल दो.
उसकी इस तरह 10-15 धक्कों के बाद में उसके अन्दर ही झड़ गया और वह भी एक बार और मेरे साथ झड़ गई.
वीर्य की गर्मी मिलने से उसके चेहरे पर एक अजीब संतुष्टि का भाव आ गया था. इस तरह एक कुंवारी लड़की की चुदाई सम्पन्न हुई.
कुछ पल के बाद मैं उसके ऊपर से उठा, तो भाभी जी उसके गले लग गईं और उसे किस करते हुए बोलीं- कैसा लगा मेरे राजा का लंड?
मोना ने शर्म से आंखें झुका लीं. मैं भी दोनों से गले लग गया.
उसके बाद मैंने भाभी की चुदाई की. मोना भाभी की चुदाई देखते हुए फिर से गर्म हो गई. कुछ देर भाभी की चुदाई पूरी हुई और मोना ने मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया.
मैंने थोड़ी देर बाद मोना की एक बार और चुदाई की. इसके बाद मुझमें ताकत नहीं बची थी. तो मैं उधर ही सो गया.
भाभी ने मोना को बाथरूम में ले जाकर उसकी चूत से खून वगैरह साफ़ किया और उसे एक दर्द और गर्भ निवारक गोली भी दे दी. वो भी मेरे बाजे में ही सो गई.
यह थी कुंवारी लड़की की चुदाई की कहानी. उसके बाद मैंने मोना और भाभी दोनों के साथ बहुत बार चुदाई का मजा लिया. दो-तीन दिन तक उसके बाद मैंने भाभी की मसाज करके चुदाई की और उनकी गांड भी मारी. वो सब मसला किसी और सेक्स कहानी में लिखूँगा.
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