मेरा नाम निगार है दोस्तो. मैं इस घर की बहू हूँ, मेरी ननद का नाम है नगमा. नगमा मुझसे एक साल छोटी है और उसकी शादी अभी एक साल पहले हुई है.
उसकी ससुराल भी लोकल ही है इसलिए वह अक्सर अपनी ससुराल आती जाती रहती है.
मेरी ननद से बहुत पटती है, वह मेरी खास दोस्त बन गई है. हम जब मिलती हैं तो घंटों बातें करती हैं. न मैं उससे कुछ छुपाती हूँ और न वह मुझसे कुछ छुपाती है.
वह अपनी सारी बातें मुझे बता देती है और मैं अपनी सारी बातें उसे बता देती हूँ.
यह देसी चूत की चुदाई कहानी मेरी ननद के साथ चूत यारी की है.
मेरी सुहागरात का सारा इंतज़ाम ननद का ही था.
सुहागरात में मेरा शौहर जब मुझे चोद कर बाहर चला गया था तब ननद ने ही एक और लण्ड पेला था मेरी चूत में … उसने कहा- मुझे मालूम है भाभी जान, तुम्हारी इच्छा अभी पूरी नहीं हुई है. तुम अभी भी चुदासी हो. इसलिए मैं तेरे लिए ये लण्ड लाई हूँ. ये तुम्हें और अच्छी तरह से चोदेगा क्योंकि इसका लण्ड मेरा आजमाया हुआ है. मस्त कर देगा तेरी चूत को भाभी जान.
मैंने उससे वाकयी दिल खोल कर चुदवाया और मस्त हो गयी.
तब से मेरी ननद से पक्की दोस्ती हो गई.
मुझे आज तक नहीं मालूम की वह किसका लण्ड था मगर जो भी था वह बड़ा मोटा तगड़ा और जबरदस्त था.
उसने अपनी सुहागरात का भी पूरा किस्सा मुझे सुनाया कि किस तरह उसकी ननद ने भी दो दो लण्ड पेले थे उसकी चूत में!
फिर वह बोली- ये जो बुरचोदी ननद होतीं हैं न भाभी जान, ये सब भोसड़ी वाली बड़े काम की होती हैं. से सब अपनी अपनी भाभियों की चूत का बहुत ख्याल रखती हैं.
खूबसूरत हम दोनों ही हैं पर मेरी ननद मुझसे ज्यादा खूबसूरत है. चूचियाँ हम दोनों की ही बड़ी बड़ी हैं मगर उसकी चूचियाँ मुझसे ज्यादा बड़ी हैं.
हॉट मैं भी हूँ मगर मेरी ननद मुझसे ज्यादा हॉट है.
हम दोनों हिंदुस्तानी लिवास में रहतीं हैं और बुर्के वगैरह का इस्तेमाल नहीं करती.
आपस में हम दोनों खूब मिलजुल कर रहतीं हैं और खूब गन्दी गन्दी बातें करतीं हैं, नेट पर ब्लू फिल्म एक साथ देखतीं हैं और हिंदी की कहानियां भी साथ साथ पढ़ती हैं.
मेरी सास ससुर में थोड़ी अनबन रहती है इसलिए मेरी सास अधिकतर अपने मायके में ही रहती हैं.
मजेदार बात यह है कि वह भोसड़ी वाली है बड़ी चुदक्कड़ औरत. अपने मायके में रह कर अपने यारों से खूब धकापेल चुदवाती है और ग़ैर मर्दों के लण्ड की तो जबरदस्त शौक़ीन है मेरी सास!
यह सब उसकी बेटी यानि मेरी ननद ने खुद मुझे बताया है.
एक दिन अचानक मेरी सास आ गयी.
मैं उस दिन घर में अकेली थी.
मैंने उसका जोरदार वेलकम किया, वह बहुत खुश हो गयी.
फिर वह खुल कर बात करने लगी.
उसने एकदम से पूछ लिया- ये बताओ बहू रानी, तूने कोई लण्ड पेला अपनी ननद की चूत में?
मैंने कहा- नहीं सासू जी, अभी तक तो नहीं पेला.
वह बोली- हाय दईया, तो इतने दिनों से क्या तू अपनी माँ चुदा रही है भोसड़ी वाली! मैंने तो अपनी सुहागरात के दूसरे ही दिन लण्ड पेल दिया था अपनी ननद की बुर में! अच्छा ये बता उसने कोई लण्ड पेला तेरी चूत में?
मैंने कहा- नहीं, उसने भी नहीं पेला कोई लण्ड मेरी चूत में सासू जी. लेकिन हां मेरी सुहागरात में उसने एक अनजाना लण्ड पेला था मेरी चूत में.
वह बोली- अरे वो मेरी जेठानी के बेटे का लण्ड था. उस दिन रात को मैं भी यहीं थी और मैं अपनी ननद के देवर से चुदवा रही थी. मुझे ऐसा लग रहा है कि तुम दोनों के बीच अभी चोदा चोदी ठीक हो नहीं रही है, इसको ज़रा तेज करो. खूब खुल्लम खुल्ला एक दूसरे की बुर चोदो. हर रोज़ एक दूसरे की बुर में लण्ड पेल पेल के चोदो और जवानी का पूरा मज़ा लूटो.
अगले दिन जब वह वापस अपने मायके जा रही थी तो अपनी बेटी यानि मेरी ननद से बोली- बेटी नगमा, मुझे बड़ी हैरानी है कि तूने अभी तक अपनी भाभी की बुर नहीं चोदी. कोई लण्ड नहीं पेला उसकी बुर में? वह बिचारी अपना मायके छोड़ कर यहाँ ससुराल में चुदवाने ही तो आई है. तो फिर उसकी चुदाई में इतनी ढिलाई क्यों? उसकी तो चूत में दनादन लण्ड पेलो. लण्ड की कमी हो तो मुझे बताओ मैं तुम्हें कई लण्ड भेज दूँगी.
बस सास तो चली गई पर हम दोनों की चूत में जबरदस्त आग लगा दी.
मैंने मन बना लिया कि अब मैं कोई न कोई लण्ड ननद की बुर में जरूर पेलूँगी.
मैं भी देखना चाहती हूँ कि ननद बुर चोदी चुदवाती कैसे है, लण्ड चाटती कैसे है, लण्ड चूसती कैसे है? यह सब देखने में बड़ा मज़ा आएगा.
बस मैं एक लण्ड की तलाश करने लगी.
उस रात को मैं बड़े मूड में थी और नगमा भी!
हम दोनों ब्लू फिल्म देख रहीं थीं.
तभी मैं उसके बूब्स दबाने लगी और वह मेरे बूब्स.
हम दोनों एक दूसरी के कपड़े खोलने लगीं.
थोड़ी देर में हम दोनों एकदम नंगी हो गयीं.
मेरा हाथ उसकी चिकनी चूत पर गया तो मुझे बड़ा मज़ा आ गया.
मैंने रोशनी में बड़े गौर से देखा उसकी चूत तो मेरे मुंह से निकला- क्या मस्त चूत है तेरी नगमा! कितनी खूबसूरत और हॉट है तेरी चूत बहनचोद. एकदम गर्म गर्म परांठा जैसी है तेरी चूत ननद रानी.
वह मेरी बात पर हंस पड़ी और कहने लगी- तुम मजाक अच्छी कर लेती हो भाभी जान. चूत तो तेरी भी बड़ी नमकीन है भाभीजान.
फिर हम दोनों ने लेस्बियन का मज़ा लिया.
एक दिन अचानक मेरा फोन बज उठा.
मैंने उठाया तो मालूम हुआ कि रहीम चचाजान का फोन है.
मैंने कहा- हैलो चचा जान, कैसे हो?
उधर से आवाज़ आयी- अरे निगार मैं पास आ रहा हूँ. तुम घर पर हो या नहीं?
मैंने कहा- हां हां … मैं घर पर ही हूँ, आ जाओ.
दोस्तो, मैं आपको बता दूँ कि मेरे चचा जान से मेरे शारीरिक सम्बन्ध हैं. वह मेरा चचा भी है और मेरा जीजू भी. इसकी बीवी मेरी ममेरी बहन है जो मुझसे सिर्फ 5 साल बड़ी है.
मैंने उसका लण्ड दो बार पकड़ा है और दोनों बार चुदवाया भी है.
उसका लण्ड मोटा भी है और लंबा भी! लोहे की तरफ सख्त है उसका भोसड़ी का लण्ड.
मेरी अम्मी जान को तो बहुत ज्यादा पसंद है उसका लण्ड!
अम्मी जान ने ही मुझे पकड़ाया था उसका लण्ड.
हुआ यह था कि मैं उस दिन कॉलेज से थोड़ा जल्दी आ गई थी और कपड़े बदल कर सीधे बेधड़क अम्मी के कमरे में घुस गयी थी.
घुसते ही मैंने देखा कि अम्मी जान सोफा पर सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगी बैठी हुई हैं और सामने उसके एकदम नंगा खड़ा है मेरा रहीम चचा जान.
अम्मी उसका लण्ड हिला हिला कर चाट रहीं हैं.
मुझे देख कर अम्मी बेहिचक बोली- बुरचोदी निगार, इधर आ और तू भी ले ले अपने रहीम चचा के लण्ड का मज़ा!
और मुझे लण्ड पकड़ा दिया.
मैं भी जवान थी, 21 साल की थी.
मेरी भी आग भड़क गयी तो मैंने लपक कर पकड़ लिया लण्ड!
मेरे पकड़ते ही लण्ड और ज्यादा तन कर खड़ा हो गया.
फिर हम दोनों माँ बेटी बिलकुल नंगी नंगी चाटने और चूसने लगीं अंकल का लण्ड!
यह पहली बार नहीं था जब मैंने अम्मी जान को पराये मरद का लण्ड चूसते हुए देखा था.
मैं पहले भी दो बार उसे ग़ैरों से चुदवाते हुए देखा है इसलिए मुझे अब उससे कोई शर्म नहीं थी.
मैंने सोचा कि जब मेरी अम्मी जान भोसड़ी वाली सबके लण्ड चूसती है तो मैं भी क्यों न चूसूं सबके लण्ड.
मैंने कहा- अम्मी जान, आज का लण्ड पहले वाले से ज्यादा मोटा है.
वह बोल पड़ी- तूने पहले वाला लण्ड कहाँ देख लिया माँ की लौड़ी निगार?
मैंने कहा- मैंने वो लण्ड तेरे हाथ में देखा है फिर तेरी चूत में देखा है. मैं तो तुम्हें कई बार ग़ैरों से चुदवाते हुए देख चुकी हूँ अम्मी जान!
वह बोली- हाय दईया, तो फिर तूने उस दिन क्यों नहीं छीन लिया मेरे हाथ से लण्ड?
मैंने कहा- मुझे यकीन था कि तू एक दिन खुद मुझे अपने हाथ से लंड पकड़ा देगी. और आज तूने पकड़ा भी दिया.
फिर क्या मैंने रहीम चचा का लण्ड अम्मी की चूत में पेला और अम्मी ने वही लण्ड मेरी चूत में पेला.
आज वही रहीम चचा जान, मेरी ससुराल मेरे घर आ गया है.
मैंने उसे बड़े अदब से बैठाया और खैरमकदम किया.
इतने में मेरी ननद नगमा आ गयी.
मैंने उसे अपने रहीम चचा जान से मिलवाया तो उसने भी बड़ी सेक्सी अदा से कहा- आदाब चचा जान!
तो मैंने कहा- ये मेरी ननद है नगमा! बड़ी नटखट और चंचल स्वभाव की है मेरी ननद लेकिन बहुत बड़ी मददगार भी है मेरी! मेरी पक्की दोस्त भी है और सलाहकार भी.
चचा जान तो उसे बड़ी देर तक देखता ही रहा, फिर बोला- निगार, तुम तो खूबसूरत हो पर तेरी ननद तो तुमसे ज्यादा खूबसूरत है, तुमसे ज्यादा हॉट है और तुमसे ज्यादा हुस्न वाली है. सेक्स तो इसकी रग रग में भरा हुआ है निगार! खुदा की बड़ी मेहरबानी है इस पर!
मैंने कहा- क्या हो गया तुम्हें चचा जान? तुम तो बिना रुके मेरी ननद की तारीफ किये जा रहे हो.
वह बोला- मेरी निगाहें तो इसके खूबसूरत जिस्म पर ठहर गयी हैं.
मैंने कहा- जानते हो चचा जान, ये शादीशुदा है. इस पर अपनी मोहब्बत मत लुटाओ. ये किसी और की बीवी है.
वह फिर बोला- किसी और की बीवी है तो क्या हुआ? मैं तो खूबसूरत बीवियों का गुलाम हूँ. तुम भी किसी की बीवी हो पर मैं तेरा भी गुलाम हूँ. तेरी भी फुद्दी लेता हूँ.
मैं समझ तो गई की रहीम चचा की नी यत मेरी ननद पर ख़राब हो गयी है.
अब वह नगमा के पीछे पीछे घूमने लगा.
नगमा भी समझ गयी तो वह भी मौज़ लेने लगी.
कभी अपनी टांगें दिखाती, कभी अपनी खुली खुली बांहें, कभी अपनी नंगी कमर दिखाती तो कभी अपनी बड़ी बड़ी चूचियों की झलक.
रहीम चचा तो बस उसी में उलझे गए.
आखिरकार वह मेरे पास आकर बोला- निगार, मुझे अपनी ननद की बुर दिला दो प्लीज!
मैंने कहा- भोसड़ी के रहीम … आ गया न तू अपनी औकात पे? तुझे तो बस बुर चाहिए और कुछ नहीं. जहाँ तूने खूबसूरत लड़की देखी, वहीं तेरा लण्ड बहन चोद उछलने लगता है. नगमा तुझे अपनी बुर नहीं देगी.
वह बोला- ऐसा न कहो बेटी निगार, मेरा लण्ड साला काबू के बाहर हो गया है. दो बार उसके नाम का मुट्ठ मार चुका हूँ मैं. एक बार उसके सामने तुम मेरा लण्ड पकड़ लो निगार! फिर शायद उसको भी जोश आ जाये और वह लपक कर मेरा लण्ड पकड़ ले.
मैंने कहा- वह मेरे बिना तेरा लण्ड क्या … बन्दर की नूनी भी नहीं पकड़ेगी.
वह बोला- अच्छा तो इसका मतलब वह तेरा कहना मानती है. तो फिर दिला दो न मुझे अपनी मस्तानी ननद की मस्तानी बुर. अच्छा तुम खुद मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी ननद की बुर में पेल देना. मैं कुछ नहीं करूंगा.
वह मुझे खूब मनाता रहा और मैं मानने से इंकार करती रही.
फिर उसने खुद नगमा से बात की और बोला- नगमा, मैं कुछ तुमसे कहना चाहता हूँ.
नगमा बोली- मुझसे कुछ मत कहो रहीम चचा, जो कुछ कहना है वो मेरी भाभी जान से कहो. वही मेरी सब कुछ हैं.
नगमा ने मुझे सब बता दिया तो मैं मुस्काराती हुई चली गयी.
रात को जब मैं बिस्तर पर आयी तो मेरे साथ साथ वह भी आ गया.
वह नंगे बदन था सिर्फ एक पजामा पहने हुए था.
मैं जान तो गई थी कि जब तक मैं इसे अपनी ननद की बुर दे नहीं दिला दूंगी, तब तक यह मेरी गांड के पीछे ही लगा रहेगा.
मैंने फिर पूछ लिया- अच्छा यह बताओ कि अभी तुम किसकी बुर लेकर आ रहे हो भोसड़ी के रहीम?
वह बोला- अभी पिछले हफ्ते मैं अपनी ससुराल गया था. वहां रात में मैंने अपने साले की बीवी की बुर ली है. वह एकदम मस्त जवान और मस्त मस्त चूचियों वाली है. मैंने उसे रात भर चोदा. फिर मैं उसके साथ नंगे नंगे ही सो गया. सुबह जब उठा तो एक बार फिर चोदा. मुझे तेरी चूत की याद आ गयी तो मैं उसके बाद सीधे तेरे घर आ गया निगार! यहाँ तेरी ननद को देखा तो मैं उसके प्यार में पागल हो गया हूँ.
मैंने कहा- तू नहीं, तेरा लण्ड पागल हो गया है भोसड़ी के रहीम!
नगमा हम दोनों बातें बड़े प्यार से छुप चुप कर सुन रही थी.
उसने वो सब बातें सुनी है जो मेरे और रहीम के बीच हुई.
वह खुद बिचारी लण्ड के लिए तड़प रही थी क्योंकि जबसे ससुराल से आई है तब से चुदी नहीं है.
इसलिए मैंने सोच लिया कि आज रात भर मैं रहीम से अपनी ननद की बुर खूब जम कर चुदवाऊंगी.
रात के 11 बज चुके थे.
चूत हम दोनों की गर्मा उठी थी.
उसका साला लण्ड तो बहुत देर से टन टना रहा था.
तो मैंने बड़े प्यार से उसका नाड़ा खोलना शुरू किया और ननद को भी बुला लिया.
वह तो पीछे ही बैठी थी, वह सामने आ गयी तो मैंने कहा- नगमा, तुम हाथ पजामा के अंदर घुसेड़ दो.
नगमा बोली- अरे यार, ऐसे कैसे घुसेड़ दूँ हाथ पराये मरद के पजामे में? मैं शादीशुदा हूँ. मेरा मरद बुरा नहीं मानेगा?
मैंने कहा- तेरे मरद की माँ का भोसड़ा ननद रानी. तेरा मरद क्या झांट बुरा मानेगा. वो तो जब आता है तो मेरी बुर में लण्ड पेल देता है. मैं भी तो शादीशुदा हूँ और ग़ैर मर्दों के लण्ड घपाघप पेलवाती हूँ.
मुझे मालूम था कि नगमा बिना मतलब भाव दिखा रही है.
मैंने रहीम का लण्ड निकाल कर उसे पकड़ा दिया.
उसने जैसे ही लण्ड पकड़ा, वैसे ही मैंने उसके कपड़े उतार दिये और पूरी तरह नंगी कर दिया.
मैं भी सबके आगे नंगी हो गयी और फिर हम दोनों ननद भौजाई नंगी नंगी रहीम का लण्ड चाटने लगी.
रहीम तो भोसड़ी का पहले से ही नंगा था.
नगमा बोली- हाय दईया भाभी जान, लण्ड तो बड़ा जबरदस्त है इसका. मेरे खालू के लण्ड जैसा है इसका लण्ड! बस थोड़ा सुपारे में अंतर है.
रहीम भी नगमा की चूत पर हाथ फिराने लगा.
हाथ फिराते फिराते वह बोला- जान, तेरी ननद की चूत तो एकदम गर्म गर्म परांठे जैसी है. जैसे गर्मागर्म परांठा अच्छा लगता है वैसे नगमा की गर्मागर्म चूत भी अच्छी लग रही है.
रहीम तो मस्ती से चाटने लगा ननद की मस्तानी चूत.
वह मेरी भी चूत पर हाथ फिराने लगा.
कुछ देर बाद मैंने कहा- तो फिर आज तुम अच्छी तरह चोदो मेरी ननद की परांठे जैसी चूत!
रहीम ने फिर लण्ड नगमा की चूत में पेल दिया, पूरा अंदर तक घुसा दिया लण्ड!
जैसे ही लण्ड चूत में घुसा तो वह चिल्ला पड़ी- उई माँ मर गई मैं! फट गयी मेरी चूत, बड़ा मोटा लण्ड है भोसड़ी वाले का भाभी जान. इसने तो एक बार में पूरा पेल दिया अंदर, हायल्ला मैं मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी. अपने मियां को क्या जबाब दूंगी मैं. भाभी जान तू भी बुर चोदी बैठी बैठी मेरी बुर फड़वा रही है, हरामजादी.
रहीम मेरे सामने ही धकाधक मेरी ननद की बुर चोदने लगे.
वह भी फिर मस्ती से चुदवाने लगी, गांड उठा उठा के चुदवाने लगी.
मैं उसे देख कर बहुत खुश हो रही थी.
रहीम चुदाई की रफ़्तार बढ़ाता गया और नगमा भी उसी रफ्तार से घपाघप चुदवाती गयी.
मैं रहीम के पेल्हड़ सहलाती गई और बीच बीच में लण्ड उसकी चूत से निकाल निकाल कर चाटती गयी.
मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था.
मैं अपनी ननद की चुदती हुई बुर देख देख मज़ा लेने लगी.
सेक्स की भाषा में इसे थ्रीसम कहा जाता है.
मेरा एक हाथ रहीम के नंगे बदन पर था और दूसरा हाथ नगमा के नंगे बदन पर!
रहीम बोला- यार निगार, तेरी ननद की चूत मुझे चोदने बड़ा मज़ा आ रहा है. इतना मज़ा तो मुझे कभी किसी और को चोदने में नहीं आया. अपनी बीवी को चोदने में भी नहीं आया और अपनी साली की भी बुर लेने में इतना मज़ा नहीं आया. तेरी ननद बुर चोदी बड़ी मजेदार है.
चाचा रहीम ने उसे फिर घोड़ी बना दिया और पीछे से चोदने लगा.
मैं नगमा के दोनों हाथों के बीच में घुस गयी और अपनी चूत उसके मुंह के आगे कर दिया.
वह रहीम से चुदवाते हुए झुक कर मेरी बुर चाटने लगी.
थोड़ी देर बाद हम दोनों ने जगह बदल ली.
अब रहीम मेरी बुर पीछे से चोदने लगा और नगमा मेरे सामने नंगी लेट गई तो मैं झुक कर उसकी बुर चाटने लगी.
कुछ देर तक ऐसे ही मस्ती होती रही.
फिर रहीम ने नगमा को अपने लण्ड पर बैठाया और खूब भचा भच्च चोदा.
थोड़ी में मुझे भी उसने लण्ड पर बैठाया और खूब भकाभक चोदा.
फिर जब उसका लण्ड झड़ने लगा तो हम दोनों ने मिलकर लण्ड का वीर्य पिया और लण्ड का सुपारा चाटा.
हम दोनों इस तरह रात भर रहीम से चुदाई का मज़ा लेतीं रहीं.