नमस्ते दोस्तों, कैसे हैं आप सब. आज एक और नई कहानी मैं आप लोगों को बताने वाली हूँ.
अपनी पिछली सेक्स कहानी
बाप बेटी की घर में चुदाई
में मैंने आपको बताया था कि एक दिन रात में मेरे पापा नशे की हालत में घर आए थे. मैं अपने पिताजी को अन्दर लेकर गई और उनके बिस्तर पर लेटाते समय उनकी नजर मेरी चूचियों पर चली गई और वो मुझे किस करने लगे. उसके बाद उन्होंने मेरी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया और मैं गर्म हो गई.
पापा ने मेरी चूचियों को दबाते हुए मेरी चूत भी चोद दी. अगली सुबह उन्होंने रात की हरकत के लिए मुझसे माफी मांगी. उसके बाद वो ऑफिस के लिए तैयार होकर चले गये. कुछ देर के बाद भाई भी कॉलेज में चले गये.
उन दोनों के जाने के बाद मैंने अपनी चूत को देखा तो मेरी चूत फट चुकी थी. मैंने अपनी चूत की मसाज करना शुरू किया ताकि उसको कुछ आराम मिले.
उसके बाद मैं सो गई. शाम को उठी तो भाई कॉलेज से आ चुके थे. मैंने उसके लिए चाय बना दी और हम दोनों साथ में बैठ कर चाय नाश्ता करने लगे. मैं भाई की गोदी में बैठ गई. बैठते ही मुझे भाई के साथ चुदाई की बातें याद आने लगीं.
मैंने भाई को कल रात की बात बताई कि कैसे पापा ने रात में नशे की हालत में मेरी चूत की चुदाई की.
यह सुन कर भाई का लंड भी खड़ा हो गया. भैया का लंड मेरी गांड में टच होने लगा था.
भाई ने मेरे बूब्स को दबाना शुरू कर दिया. मेरे निप्पल खड़े होने लगे. तभी दरवाजे की बेल बजी और हम दोनों हड़बड़ाहट में अलग हो गये. मैंने उठ कर दरवाजा खोला तो देखा कि पापा दरवाजे पर खड़े थे.
अन्दर आने के बाद मैंने पापा के लिये पानी लाकर दिया और फिर चाय लाकर दी. उसके बाद पापा बैठ कर टीवी देखने लगे. हम तीनों टीवी देखने लगे. तभी बीच में एक सेक्सी विज्ञापन टीवी पर आ गया.
भाई को पापा के साथ वो सब देख कर ठीक नहीं लगा और वो उठ कर अन्दर चले गये. उसके बाद मैं पापा के पास बैठ कर बातें करने लगी. रात में हम तीनों ने साथ में बैठ कर खाना खाया.
उसके बाद मैं अपने रूम में सोने के लिए चली गई. मैं बेड पर जाकर लेटी ही थी कि भाई पीछे से आ गया और आकर मेरे ऊपर चढ़ने लगा.
मैंने उससे कहा- दरवाजा बंद कर लो.
भाई की प्यास अधूरी रह गई थी और उसका लंड पहले से ही खड़ा हुआ था. वो उठ कर दरवाजा बंद करके वापस आ रहा था तो मुझे उसका खड़ा हुआ लंड दिखाई दे रहा था. हम दोनों किस करने लगे और तभी फिर से दरवाजे पर आवाज हुई.
भाई ने उठ कर दरवाजा खोला तो पापा खड़े हुए थे सामने. वो पापा को देख कर घबरा गया. पापा पूछने लगे कि तुम दोनों दरवाजा बंद करके क्या कर रहे थे तो भाई ने बहाना बना दिया कि दरवाजा बंद नहीं था बल्कि अटक गया था.
उसने पापा के सामने बहाना बना दिया कि वो कुछ पढ़ाई के बारे में मुझसे बात करने के लिए आया था. उसके बाद वो वापस चला गया. उसके बाद पापा भी वापस चले गये.
कुछे देर के बाद भाई का मैसेज मिला मुझे फोन पर.
वो बोला- मैं तेरे पास आ रहा हूं. मेरा बहुत मन है चुदाई करने का.
मैंने उसको मना कर दिया- अभी रात में चुदाई करना ठीक नहीं है क्योंकि पापा अभी देर तक जगे हुए हैं.
मैंने उससे कहा कि हम लोग सुबह चुदाई करेंगे क्योंकि सुबह चुदाई करने का मजा ही कुछ और है.
भाई मेरी बात को मान गया.
उसके बाद मैं लाइट बंद करके सोने लगी. मुझे नींद नहीं आ रही थी लेकिन मैं आंख बंद करके लेटी हुई थी.
कुछ देर के बाद मुझे पापा के कदमों की आहट सुनाई दी. मुझे पता था कि पापा अपनी बेटी की चूत चुदाई करने के लिए फिर से आयेंगे. इसलिए मैं बस सोने का नाटक कर रही थी. रात को 11.30 बजे का टाइम हो रहा था और भाई अब तक शायद सो चुका था इसीलिए पापा अभी तक इंतजार कर रहे थे.
पापा अंदर आकर मेरे बालों को हटा कर मेरे गालों को चूमने लगे. फिर वो मेरे होंठों को किस करने लगे. मैं भी पापा का साथ देने लगी. उसके बाद पापा ने मेरे वक्ष पर हाथ रख दिया. वो जोर से मेरे बूब्स को दबाने लगे.
अब मेरी और पापा की सांसें तेज हो गई थीं. पापा मेरे ऊपर आकर लेट गये. उनका लंड बिल्कुल खड़ा हो चुका था. मुझे पापा का लंड अपने जिस्म पर लगता हुआ महसूस हो रहा था.
उसके बाद पापा ने मेरे टॉप को उतार दिया. पापा की छाती मेरी चूचियों से लगने लगी.
पापा अपने कमरे से ही पूरे नंगे होकर आये थे. मैं हैरान थी.
फिर वो मेरी लोअर को नीचे करने लगे. मैंने नीचे से पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी.
मुझे नंगी करने के बाद पापा मेरी चूत को चाटने लगे. अब मैं गर्म होने लगी और मेरी आंखें खुल गईं. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं.
“आह्ह पापा … ओह्ह … क्या कर रहे हो … अम्म … आह्ह!” करते हुए मैं तड़पने लगी.
पापा मेरी चूत को जोर से चाटने लगे. अब पापा ने मेरी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया.
कभी वो मेरी चूत को चाट रहे थे और कभी मेरी चूत में उंगली कर रहे थे.
उसके बाद वो उठ कर मेरे मुंह के पास अपने लंड को लाकर हिलाने लगे. वो मेरे गालों पर लंड को लगाने लगे. मेरा मन कर रहा था कि मैं पापा के लंड को चूस लूं.
पापा बोले- आह्ह … मेरी बेटी, तू सच में मेरी अच्छी बेटी है. मुझे इतनी खुशी तेरी मां ने कभी नहीं दी.
उसके बाद पापा ने मुझे उल्टा कर दिया, मुझे घोड़ी की पोज में कर दिया. वो मेरी चूत पर अपने लंड को रगड़ने लगे.
मेरी चूत पर लंड को रगड़ने के बाद मेरी चूत पर पापा ने लंड के टोपे को लगा दिया और गच्च से अपना मोटा लंड मेरी चूत में घुसा दिया. मेरी चूत जैसे फट गई और मेरे मुख से निकला ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मुझे बहुत दर्द हुआ था एकदम.
पापा ने मेरी चूत को एकदम से चोदना शुरू कर दिया.
मैंने चीखते हुए पूछा- आह्ह पापा, आप मां की चूत को भी ऐसे ही चोदते थे क्या?
पापा ने सिसकारते हुए कहा- इस्स … नहीं मेरी बेटी, तेरी मां की चूत मैंने इस पोज में कभी नहीं चोदी. मैं पहली बार इस पोज में चूत की चुदाई कर रहा हूं.
वो बोले- मैंने इंटरनेट में देखा था कि लड़का जब लड़की की चूत को इस पोज में चोदता है तो लड़की को ज्यादा मजा आता है. इसलिए मैं तुझे इस पोज में चोद रहा हूं. तुझे मजा नहीं आ रहा क्या?
मैंने कहा- आह्ह… पापा, बहुत मजा आ रहा है.
मेरे कहते ही पापा ने मुझे और जोर से चोदना शुरू कर दिया. उनका लंड पूरा मेरी चूत में घुसने लगा. मैं भी मजे लेकर पापा से चुदने लगी. मैं बस आह्ह … आह्ह की आवाज कर रही थी.
कई मिनट तक पापा मेरी चूत को रगड़ते रहे और इस बीच में मैं कई बार झड़ गई थी. फिर पापा ने मेरी चूत में एक जोर का धक्का दिया और पूरा लंड अंदर तक घुसेड़ते हुए अपना सारा पानी मेरी बच्चेदानी में गिरा दिया.
उसके बाद पापा हट गये. मैंने पापा के लंड को चाट कर साफ कर दिया और वो काफी खुश लग रहे थे.
फिर पापा कहने लगे- बेटी, अगले हफ्ते में तेरा जन्मदिन है तो मुझे कुछ गिफ्ट देना चाहता हूं.
मैं बोली- मुझे आप मिल गये, वही बहुत है.
पापा ने कहा- नहीं बेटी, तू जो कहेगी, मैं तुझे लाकर दूंगा.
मैंने सोचा कि पापा से अपने मन की बात कह देती हूं. कई दिन से मैंने दो लंड से एक साथ चुदाई नहीं करवाई थी.
मैं बोली- पापा, मुझे अपनी चूत और गांड में एक साथ दो लंड से चुदाई करवानी है. मैं आपका और भाई का लंड एक साथ अपनी चूत में लेना चाह रही हूं.
पापा ने हैरानी से मेरी तरफ देखा और बोले- तूने अपने भाई से भी चूत चुदाई करवाई है क्या?
मैंने कहा- हां पापा, भाई को मेरी चूत चोदना बहुत पसंद है, जैसे आपको मेरी चूत चोदने में मजा आता है, वैसे ही भाई को भी बहुत मजा आता है. मुझे भी भाई का लंड लेना पसंद है.
वो बोले- तो फिर ठीक है, चुदाई के लिए अपने भाई को तू ही राजी कर लेना.
मैंने कहा- ठीक है.
उसके बाद हम दोनों एक साथ सो गये. मैं मन ही मन खुश हो रही थी कि अगले हफ्ते मेरे पापा और भाई का लंड एक साथ मेरी चूत और गांड में जायेगा.
सुबह जल्दी उठ कर मुझे याद आया कि मैंने भाई से भी सुबह चुदाई करवाने का वादा किया था. मैं उठ कर भाई के कमरे में चली गई. वहां पर जाकर मैंने देखा कि भाई का लंड पहले से ही तना हुआ था मगर भाई अभी गहरी नींद में थे.
मैंने भाई की निक्कर की जिप को खोल कर उसका लंड बाहर निकाल लिया और उसको मुंह में लेकर मजे से चूसने लगी. भाई का लंड चूसते हुए मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
उसके लंड का टेस्ट पापा के लंड के स्वाद से कुछ अलग था मगर ज्यादा अच्छा था. मैं जोर से भाई का लंड चूस रही थी कि अचानक से भाई की आंख खुल गई और वो मेरे सिर को अपने लंड पर दबाने लगे.
वो बोले- आह्ह रंडी, आ गई तू, जोर से चूस … आह्ह, पूरा मुंह में लेकर चूस इसको.
काफी देर तक मैंने भाई का लंड चूसा और फिर भाई ने अपनी निक्कर को उतार दिया और नीचे से पूरा नंगा हो गया. भाई के लंड को इस तरह से तना हुआ देख कर मेरी चूत में भी खुजली होने लगी.
मैं खुद ही नंगी होकर अपनी चूत को फैलाते हुए भाई के लंड पर बैठने लगी. चूंकि रात में मैंने पापा के लंड चूत चुदाई करवाई थी तो लंड आसानी से अंदर चला गया.
भाई को पता लग गया और वो बोले- तेरी चूत में मेरा लंड इतने आराम से तो नहीं जाता था. तूने किसी और से भी चूत चुदवाई है क्या?
मैंने कहा- पापा से.
वो बोला- पापा से भी चुदवा ली तूने!
मैंने कहा- हां, मैंने पापा से चूत चुदवा ली है.
उसके बाद मैंने उसको सारी घटना बता दी. बताते हुए मैं उसका लंड अपनी चूत में ले रही थी. कुछ ही देर में भाई के लंड से वीर्य निकल गया और मेरी चूत से निकल कर उनके लंड पर बहने लगा.
भाई के लंड पर लगा वीर्य मैंने साफ करते हुए कहा- अगले हफ्ते मेरा बर्थडे है और मैं तुम दोनों का लंड एक साथ लेना चाहती हूं.
मेरी बात सुन कर पहले वो मना करने लगा और बोला कि पापा के सामने वो चुदाई नहीं कर पायेगा.
मगर मैंने उसको पापा के साथ चुदाई में शामिल होने के लिए मना लिया और फिर वो मान गया.
अगले सप्ताह में मेरा बर्थडे भी आ गया. उस दिन मम्मी घर पर नहीं थी.
शाम को भाई मेरे लिए केक लेकर आ गया. कुछ देर के बाद पापा भी आ गये. सब लोग फ्रेश होकर केक काटने के लिए रेडी हो गये. हमने केक काटा और अच्छे से खुशी-खुशी मेरा जन्मदिन मनाया.
जब पापा मुझे केक खिला रहे थे तो मैंने पापा को अपना बर्थडे गिफ्ट याद दिला दिया.
पापा ने मेरे कान में कहा- तुम्हारे लिये हमने एक सरप्राइज़ प्लान करके रखा हुआ है.
उसके बाद उन दोनों ने मुझे बेड पर बिठा दिया और मेरी आंखों पर एक काली पट्टी बांध दी. पांच मिनट तक मैं ऐसे ही बेड पर बैठी रही और सोच रही थी कि आखिर क्या प्लान बनाया है इन दोनों ने.
फिर उन्होंने मुझे पट्टी हटाने के लिए कहा. आंखों से पट्टी हटाते ही मेरे चेहरे पर मुस्कराहट तैरने लगी. पापा और भाई दोनों ही मेरे सामने पूरे के पूरे नंगे खड़े हुए थे.
मगर इससे भी ज्यादा खुशी तब हुई जब मैंने उन दोनों के खड़े हुए लौड़ों को देखा. उन दोनों के लंड एकदम से तने हुए थे और दोनों के लंड पर केक लगा हुआ था.
खुश होते हुए मैंने उन दोनों को प्यार से बेड पर बिठा दिया. उन दोनों के लंड उनकी जांघों के बीच में सांप की तरह फन उठाकर खड़े हुए थे. वो दोनों टांगें फैला कर बैठ गये और मैंने बारी बारी से उनके लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
केक लगे लंड को चूस कर मुझे बहुत मजा आ रहा था. केक के स्वाद के साथ ही उनके लंड से निकला हुआ प्रीकम भी मेरे मुंह के टेस्ट को बढ़ा रहा था. मैंने खूब मस्ती से उन दोनों के लंड को चूसा.
उनका लंड चूस-चूस कर एकदम साफ कर दिया. वो दोनों भी सिसकारियां लेते हुए लंड चुसवाने के मजा ले रहे थे. मेरे पापा और भी दोनों बहुत ज्यादा एक्साइटेड हो गये थे. दोनों ही मेरी चूत और गांड चुदाई के लिए एकदम तड़प उठे थे.
भाई तो जैसे मेरी गांड चोदने के लिए मरा जा रहा था. उसके बाद भाई ने मुझे नंगी करना शुरू कर दिया. पहले उसने मेरी जीन्स को उतार दिया. उसने मेरी जीन्स को उतार कर मेरी पैन्टी को भी उतार दिया.
उसके बाद भाई कुछ सोचने लगा. उसने कहा कि आज कुछ नया ट्राई करते हैं. भाई ने मेरे रूम की तरफ देखा. फिर वो बोला कि अन्दर चलते हैं. मैं और पापा सोच रहे थे कि ये क्या करने वाला है!
अन्दर जाकर भाई ने मेरे रूम में लटक रहे झूले को पकड़ लिया और उसको देख कर फिर बाहर चला गया. मैं और पापा अभी भी नहीं समझ पा रहे थे.
पापा ने पूछा- मगर तू क्या कर रहा है?
भाई ने कहा- आप लोग बस देखते जाओ और मजे लो.
उसके बाद वो बाहर वाले स्टोर रूम से एक रस्सी लेकर आ गया. उसने मेरे पैर के साथ रस्सी को बांध दिया. रस्सी को फिर उसने झूले में डाल दिया. रस्सी को बांध कर उसने उसे खींचा तो मैं उल्टा लटक गई.
मेरा सिर नीचे चला गया और पैर ऊपर की ओर आ गये. अब भाई ने उस रस्सी को बेड के साथ बांध दिया और फिर मेरे पास आकर नीचे से मेरी टीशर्ट को भी निकाल दिया.
अब मैं पूरी की पूरी नंगी हो गई थी. मेरी चूत ऊपर की ओर थी जबकि मेरी चूचियां नीचे की तरफ लटक कर झूलने लगी थीं. फिर पापा ने मेरी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया. दो मिनट में ही पापा मेरी चुदाई के लिए आहें भरने लगे.
उसके बाद वो खड़े हो गये और खड़े-खड़े ही मेरी चूत में लंड को घुसाने की कोशिश करने लगे. मैं उल्टी लटकी हुई थी. मुझे जमीन ऊपर नजर आ रही थी और छत नीचे. मेरे लिये यह सब बहुत नया था.
भाई ने पापा को उनकी टांगों को थोड़ी चौड़ी करने के लिए कहा. पापा टांगें फैला कर मेरी चूत में लंड को घुसाने लगे. भाई नीचे घुटनों के बल बैठ कर मेरे मुंह में लंड को देने लगा.
अब मेरे मुंह में भाई का लंड था और चूत में पापा का लंड था. बहुत मजा आ रहा था. पापा ने मेरी चूत की चुदाई शुरू कर दी थी और भाई मेरे मुंह को चोदने लगा था.
कुछ देर तक भाई ने मेरे मुंह में लंड को देकर रखा और फिर वो उठ गया. पापा अभी भी मेरी चूत को चोदने में लगे हुए थे. भाई उठ कर सामने गया और तेल की शीशी उठा ली.
उसने शीशी को खोला और अपने लंड पर तेल लगाने लगा. मैं जान गई कि वो अपनी बहन की गांड चुदाई करने की तैयारी कर रहा है. उसने अच्छे तरीके से अपने लंड पर तेल को मल कर शीशी को वापस रख दिया.
फिर वो अपने चिकने तने हुए लंड के साथ मेरी तरफ वापस आ गया. उसने मेरी गांड को थाम लिया और पहले मेरी गांड में उंगली करने लगा. उसकी उंगलियों पर तेल लगा हुआ था.
भाई की चिकनी उंगली मेरी गांड में घुस गई. वो अपनी बहन की गांड में उंगली करते हुए सिसकारियां लेने लगा. उसका लंड मेरी पीठ पर लग रहा था. मैंने उसके लंड को पीछे हाथ ले जाकर पकड़ने की कोशिश की मगर मेरे हाथ उसके लंड तक नहीं पहुंच रहे थे.
दो-तीन मिनट तक भाई ने मेरी गांड में उंगली की और फिर मेरी कमर को पकड़ कर मेरी गांड में लंड को घुसाने लगा. भाई का चिकना, तेल लगा हुआ लंड मेरी गाडं में उतरने लगा. मेरे मुंह से मजे के सीत्कार आने लगे.
धीरे-धीरे करके भाई ने पूरा लंड मेरी गांड में उतार दिया. जब तक पूरा लंड गांड में नहीं चला गया पापा भी रुके रहे. उसके बाद भाई ने मेरी गांड को चोदना शुरू कर दिया.
इधर पापा ने भी दोबारा से मेरी चूत की चुदाई शुरू कर दी. अब मेरी चूत में आगे से बाप का लंड घुसा हुआ था और पीछे से भाई का लंड था. वो दोनों मेरी चूत और गांड को चोदने लगे.
हम तीनों के मुंह से आह्ह … ओह्ह … इस्श्स आह्ह … करके कामुक आवाजें आने लगीं. तीनों ही चुदाई का मजा लेने लगे. वो दोनों जोर से मेरी चूत और गांड की चुदाई करने में लगे हुए थे.
मुझे इतना मजा आ रहा था कि थोड़ी ही देर में मेरे पैरों में अकड़न महसूस होने लगी. मैं झड़ने के कगार पर पहुंचने लगी. अब मैंने अपने सिर को जमीन पर टिका कर अपनी चूचियों को जोर से मसलना शुरू कर दिया.
दो मिनट के अंदर ही मेरी चूत के पानी से पापा का लंड भीगने लगा. मेरी चूत ने उस दिन बहुत पानी छोड़ा था. पापा लंड पूरा भीग गया और पानी बहकर नीचे की तरफ मेरी नाभि से होकर मेरी चूचियों तक आ रहा था.
मैं पूरी निढाल हो गई थी, मगर मैं रस्सी से बंधी हुई थी इसलिए वैसे ही लटकी रही. भाई जोर से मेरी गांड को चोद रहा था. कुछ ही देर में उसने मेरी गांड में अपना पानी गिरा दिया. उसके दो मिनट बाद ही पापा ने भी मेरी चूत में अपना पानी गिरा दिया.
हम तीनों थक गये थे. उन दोनों ने मुझे ऐसे ही लटकी हुई छोड़ दिया. फिर मैंने उनसे कहा कि मुझे भी नीचे उतारो. अब मेरे पैरों में दर्द हो रहा है.
मेरे कहने पर भाई ने मेरे पैरों पर बंधी हुई रस्सी को खोल दिया और मुझे नीचे उतार दिया. उसके बाद हम तीनों ही थक कर बेड पर लेट गये. काफी देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे.
फिर रात हो गई. हमने खाना खाया और फिर अपने अपने कमरे में जाकर सो गये. पापा ने मेरी चूत चोदी और भाई ने मेरी गांड की चुदाई भी जमकर की. मैं भी खुश हो गई थी. मेरी इच्छा पूरी हो गई थी.
दोस्तो, यह थी मेरी कहानी. आपको मेरी यह कहानी पसंद आई हो तो नीचे दी गई मेल आईडी पर मैसेज करके बतायें. मुझे आपके मैसेज का इंतजार रहेगा.
जल्दी ही मैं अगली कहानी के साथ आऊंगी. तब तक आप अन्तर्वासना पर सेक्सी हिन्दी कहानियों का मजा लेते रहें.
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