सेक्स कहानी ऐसे होने चाहिए जो पढ़ते ही लंड को खड़ा कर दें, ऐसी हॉट और सेक्सी कहानी कम ही मिलती है आज मैं आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रही हूं यह कहानी आपका लंड खड़ा कर देगा यह कहानी ज्यादा पुरानी नहीं है मात्र 2 दिन पहले की है. यह कहानी मेरे भाई के बीच की है मेरा भाई मुझे कैसे चोदा ट्रेन में वह मैं आपको बताने जा रहे हैं आपको जानकर हैरानी होगी दोस्तों कैसे वह मुझे ट्रेन में ही सेटिस्फाइड कर दिया था.
इसके पहले मैं दो बार चुद चुकी हूँ अपने ड्राइवर से वो मेरी सील को तोडा था. और परसों जो मेरी चुदाई हुई वो दर्द के बिना हुई थी. पहली बार तो मुझे काफी दर्द हुआ था खून भी निकला था पर परसों मुझे दर्द नहीं हुआ बल्कि मैं और भी ज्यादा सेक्सी हो गयी थी. मैं गांड उठा उठा कर और जीभ निकाल निकाल कर अपनी चूचियों को मसलते हुए भाई के लंड और गांड को सहलाते हुए चुदी थी. आपके सामने वही सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूँ.
मेरा नाम दिव्या है मैं झारखण्ड में रहती हूँ मैं दिल्ली अपने भाई के साथ आ रही थी क्यों की मेरा इंजीनियरिंग में एडमिशन हो गया था.
मेरा भाई दिल्ली में ही रहता है मुखर्जी नगर में और मेरा एडमिशन नोएडा के एक नामी कॉलेज में हुआ है इसलिए हम दोनों ही धनबाद से दिल्ली के लिए राजधानी एक्सप्रेस में आ रहे थे और सिचुएशन ऐसा बना की वो मुझे पेल दिया और मैं भी रोक नहीं पाई.
मेरा टिकट फर्स्ट क्लास ऐसी में था. मेरे पापा अफसर है इसलिए उन्होंने पास मिलता है और बहुत काम रूपये में ही फर्स्ट क्लास ऐसी का टिकट बुक हो जाता है. और आपको तो पता होगा. फर्स्ट ऐसी में प्राइवेसी होती है. और मेरे केबिन में तो सिर्फ हम दोनों ही थे. और दरवाजा जब बंद हो और उसमे एक लड़का और लड़की हो तो बात तो कुछ और हो ही जाती है.
ट्रैन शाम की थी. हम दोनों आराम से बैठ गए और सामान रख दिए. वो भी मोबाइल में कुछ देख रहा था और मैं भी मोबाइल में क्सक्सक्सवासना डॉट कॉम ओपन कर हॉट भाई बहन की चुदाई की कहानियां पढ़ रही थी. तो ऐसे भी मैं कामुक हो रही थी. क्यों की कहानिया बड़ी हॉट होती है इस वेबसाइट की.
पर मैं ये जानकर हैरान हो गयी क्यों की वो भी इसी वेबसाइट को पढ़ रहा था. मुझे काफी ज्यादा कौतुहल होने लगा. मैं समझ गयी जब वो इस वेबसाइट पर कहानी पढ़ रहा हुआ तो बिंदास लड़का होगा. यानी की वो सेक्सी होगा. मुझे लगा की काश आज रिश्ता बन जाये सेक्स का तो मजा आ जाएगा. यही सोच रही थी और सपने में खो गयी. तभी मेरा भाई बोला क्या सोच रही हो. मैं अचानक से उठ गई और बोलने लगी कुछ भी नहीं कुछ नहीं नहीं.
कई बार ऐसा होता है जब आप किसी के बारे में सोच रहे हो और वही आपको टोक दे तो डर जाता है सामने वाला वही मेरे साथ ही हुआ था. पर उसने बार बार पूछने लगा की बता ना क्या सोच रही थी. बता ना प्लीज. तो मैं बोल दी तुम्हारे बारे में ही सोच रही थी. की काश मेरा पति भी तुम्हारे जैसा ही हो. हॉट और सेक्सी.
ट्रैन तेज तेज भागी जा रही थी. अन्धेरा हो गया था टीटी भी टिकट देखकर चला गया था. तो मैं उठी और केबिन की चिटकिनी बंद कर दी. वो मुझे घूर घूर कर देख रहा था. वो भी सेक्सी हो रहा था क्यों की वो बार बार मेरी बड़ी बड़ी चूचियों को और गांड को निहार रहा था.
तो उसने कहा की मुझे बनने का होता तो मैं पहले ही बन जाता तुम्हारा पति मैं भी तुमको बहुत पसंद करता हूँ. दिल से चाहो जो रिश्ते को तो वही रिश्ता सच्चा हो जाता है. मैं तो तुम्हे अपना बहन कम और गर्ल फ्रेंड ज्यादा मानता हूँ. इतना सुनते ही मेरे अंदर जोश आ गया.
और फिर बोली की तो आज रात को तुम मुझे मेरे साथ गर्ल फ्रेंड का रिश्ता ही रख लो. पहले तो उसको लगा की वो मजाक कर रही हूँ . पर मैं काफी ज्यादा सीरियस थी. मैं उसके ही बर्थ पर बैठ गयी. और धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के करीब आ गए. कब मेरे होठ उसके होठ के करीब पहुंच गए पता ही नहीं चला. हम दोनों आँखे बंद के एक दूसरे के लवों को चूसने लगे चूमने लगे.
मेरी चुत गीली होने लगी और मेरे भाई का लंड खड़ा होने लगा. धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के बाहों में समा गए. ओह्ह्ह्हह क्या बताऊँ दोस्तों चलती ट्रैन में एक केबिन के एक भाई बहन और वो भी सेक्स का रिस्ता काफी सेक्सी था. मेरा भाई वाइल्ड हो गया था. वो मेरे तंग कपड़ों में से मेरी चूचियों को निकालने की कोशिश करने लगा. पर ऐसा पॉसिबल ही नहीं था. मैं मदद की. मैंने अपना टीशर्ट उतारा दिया अब मैं अपने भाई केसामने ब्रा में थी. मेरी बड़ी बड़ी गोल गोल गोरी चुकियाँ देखकर वो पागल हो गया और तुरंत ही ब्रा का हुक खोलने की कोशिश करने लगा. मैं पागल होने लगी.
जैसे भी मेरा हुक खुला ब्रा का बड़ी बड़ी चूचियां गेंद की तरफ बाहर आ गया. मेरा भाई तुरंत ही दोनों को पकड़पर मसलने लगा. ओह्ह्ह्हह क्या बताऊँ दोस्तों कैसा लगता था जब वो मेरी निप्पल को अपनी दोनों हाथों की उँगलियाँ से रगड़ता था. मेरे रोम रोम सिहर रहे थे.
मैं तुरंत ही उसका बेल्ट खोलने लगी. और फिर उसने खुद ही अपना जीन्स उतार दिया और मैंउसका अंडरवियर उतार दी और मोटा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. वो मेरी बालों को सहला रहा था मेरी चूचियों को छू रहा था मेरी पीठ को सहला रहा था.
मैं कामुक हो गयी थी लंड चूसते चूसते मेरी चूत से गरम गरम पानी निकलने लगा था. मैं तुरंत ही खड़ी होकर अपने जीन्स और पेंटी उतार दी और बर्थ पर लेट गयी.
उसने मेरी टांगो को अलग अलग किया और मेरी चूत को चाटने लगा. मैं भी आँखे बंद कर अपनी चूचियों को दबाते हुए सिसकारियां लेते हुए मजे लेने लगी. मेरे पुरे बदन में करंट दौड़ रहा था. उसके बाद उसने मेरी चूत में ऊँगली करने लगा. अब तो मैं और भी पागल होने लगी. बार बार अंगड़ाई लेने लगी.
फिर क्या था दोस्तों अब मैं चुदने के लिए तैयार थी. उसने भी लंड को हिलाते हुए मेरी चूत छेद पर पास रखा तो मैं पानी पानी हो गयी. और फिर मैं टांगो को और ऊपर की और अलग अलग किया तो उसने अपना लंड सेट कर लिया. और फिर जोर से घुसा दिया. मेरी चीख निकल गयी. मैं ओह्ह्ह्हह्हह आआह ओह्ह्ह्हह उफ्फफ्फ्फ़ की आवाज निकलने लगी और वो जोर जोर से पेलने लगा. मैं पागल होने लगी और जोर जोर से चिलाने लगी चोद मुझे दे लंड जोर से दे.
ओह्ह्ह्हह्हह क्या बताऊँ दोस्तों ट्रैन सरपट भाग रही थी. और मैं हाय ओह्ह्ह्हह आआह्ह जोर जोर से कर रही थी. कोई डर भी नहीं था. गांड घुमा घुमा कर मैं सटासट लंड को ले रही थी. फिर वो लेट गया और मैं ऊपर चढ़ गयी और उसके लंड को पकड़ कर अपने चूत के अंदर ले ली.
जोर जोर पेलने लगा मुझे मेरी चूचियों को मसलने लगा. मैं भी सिसकारियां लेते हुए खुद से भी चूचियों को दबाते हुए निचे से कभी ऊपर से धक्के लेने लगी. फिर उसने मुझे घोड़ी बना दिया और अब गांड के तरफ से मुझे चोदने लगा. मजा आ गया अतः दोस्तों मैं पानी पानी हो गयी थी करीब एक घंटे की चुदाई से मैं संतुष्ट हो गयी थी. और उसका पूरा माल मैं मुँह में लेकर पी गयी.
रात भर हम दोनों जागते रहे और थोड़े थोड़े देर में ही हम एक दूसरे को खुश करते रहे. सुबह जब दिल्ली पहुंची तो मेरी टांगो में और कमरे में दर्द हो रहा था. चूचियां और चूत दोनों ही सूज गए थे. पर मजा खूब ली. मजा आ गया था. मैं दूसरी कहानी भी जल्द ही इस वेबसाइट पर लेकर आउंगी तब तक के लिए आपका धन्यवाद.