अन्तर्वासना के सभी पाठकों को नमस्कार! मैं कानपुर से रवि इस कहानी में आप सबका स्वागत करता हूँ. मैं 26 साल का हूँ. यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी है, जो आज से कुछ साल पहले की बात है.
मेरे घर के पड़ोस में ही मेरी मौसी का घर है. उनको दो बच्चे हैं, जो अभी छोटे हैं. उन बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के लिए चंचल नाम की एक टीचर आती थी. चंचल होगी कोई 20-21 साल की … उसका साइज 36-30-36 का था और जब वो गांड हिला हिला कर चलती थी, तो मेरे शरीर में बिजली सी कौंध जाती थी. चंचल दिखने में एकदम गोरे रंग की थी. वो इतनी अधिक गोरी थी कि उसे देख कर ऐसा लगता है कि वो अभी दूध में नहाकर आयी है. उसको देख कर मैंने उसकी याद में कई बार मुठ मारी है. वो हमेशा सलवार कमीज पहनती थी.
जब वो मेरे भाई को झुक कर पढ़ाती थी, तो कई बार मैंने उसके मोटे मोटे बूब्स हिलते हुए देखे थे.
उन्हीं दिनों एक दिन वो सफेद रंग का सूट पहनकर आयी और अन्दर उसने पिंक कलर की ब्रा और पेंटी पहन रखी थी. जोकि उसके पतले कपड़े के सफ़ेद रंग के सूट से साफ़ दिख रहे थे. उसी दिन मैंने सोच लिया कि एक दिन चंचल को चोदना जरूर है. मैंने उस दिन उसकी याद में मुठ मार ली थी. मैं उसको चोदने की ताक में रहने लगा था.
एक दिन मेरी मम्मी और मौसी सब बाहर गए हुए थे. मैं मौसी के घर पर अकेला था. चंचल को ये नहीं पता था कि घर पर कोई नहीं है. वो बच्चों को पढ़ाने के लिए आई. उसने गेट खटखटाया तो मैंने गेट खोल दिया. मैं उसको देख कर चौंक गया. उस दिन वो लांग स्कर्ट और पिंक कलर का टॉप पहन कर आई थी.
उसने मुझसे पूछा- घर पर कोई नहीं है क्या?
मैंने कहा- नहीं.
वो जाने लगी तो एकदम से मेरा शैतानी दिमाग जाग गया और मैंने उसको बोला- रुको.. अभी थोड़ी देर में ही सब आ रहे हैं.
तो वो बोली- ठीक है.
वो अन्दर आ गई.
मैंने सोचा कि आज मौका अच्छा है, आज इसको चोद ही लूंगा, उसके बाद जो होगा सो देखा जाएगा.
वो और मैं बैठ कर टीवी देखने लगे. हम दोनों आपस में बात कर रहे थे. वो मुझसे बड़ा हंस हंस कर बात कर रही थी. उधर सामने टीवी पर एक हॉट मूवी आ रही थी. उसमें जब एक हॉट सीन आया, तो वो शर्मा कर स्टडी रूम में आ गयी.
मैं थोड़ी देर बाद उसके पास गया और चुपचाप उसको पीछे से पकड़ लिया.
वो एकदम से बोली- ये क्या कर रहे हो आप?
मैंने कहा- कुछ नहीं जान, तुझको चोदने के लिए गर्म कर रहा हूँ. आज मैं जी भर के तेरी चूत मारूंगा.
वो मुझसे छूटने के लिए कसमसाने लगी, लेकिन मैंने उसको छोड़ा नहीं, मैं उसको गोद में उठा कर बेडरूम में ले गया. उसको कमरे में बेड पर लेटा दिया. मैं समझ रहा था कि ये बिस्तर से उठ कर भागने की कोशिश करेगी, लेकिन वो बिस्तर से नहीं उठी. बस मुझसे न चोदने की बात कहती रही. मैं समझ गया कि पट्ठी खुद ही अकेले घर का फायदा उठाना चाहती है.
मैंने उससे कहा- सुन.. आज मैं तेरी चूत जी भर के चोदूँगा, तुझको जो करना है कर ले.
इतना कह कर मैंने उसकी स्कर्ट ऊपर कर दी और उसकी लाल रंग की पेंटी निकाल कर फेंक दी. उसने भी कुछ नहीं कहा, बल्कि टांगें भी ढीली छोड़ दी थीं. वो मुझे पूरा सहयोग कर रही थी सिर्फ ऊपर ऊपर से मुझे रोकने का दिखावा रही थी.
पेंटी हटाने के बाद उसकी चिकनी चुत देख कर मैं पागल हो गया. उसकी चूत एकदम गुलाब की तरह खिल रही थी. मैंने उसकी चुत पर किस किये.
वो बोलने लगी- आज रहें दो, घर वाले आने वाले होंगे, मुझे बहुत डर लग रहा है.
मैंने उसके मम्मों को कसके दबाया और उससे पूछा- आज से पहले तूने किसी का लंड अपनी चुत में लिया है?
तो उसने मना कर दिया. मैं समझ गया कि इसको चुदना तो है, लेकिन ये पहली बार के कारण डर रही है.
मैंने अपना लंबा मोटा लंड अपनी पैन्ट से बाहर निकाला और उसको चित लिटा कर उसकी चूत की फांकों में लंड को घिसना शुरू कर दिया. उस साली ने अपनी टांगें फैलाते हुए मुझसे फिर से कहा- मुझे मत चोदो प्लीज़.
मैंने उसकी टांगों को फैलते हुए देखा तो समझ गया कि लौंडिया खुद लंड लेने की जुगत में है, बस दिखावे के लिए मना कर रही है. मैंने अपने लंड का झटका उसकी चुत पर दे मारा. अभी मेरे लंड का टोपा ही उसकी चुत में ही जा पाया था कि वो दर्द से चीखने लगी.
मैं थोड़ी देर रुका. मैंने फिर एक झटका मारा और पूरा लंड उसकी चुत में डाल दिया. मेरा लंड और उसकी चुत खून में लाल हो गए था. कुछ देर के दर्द के बाद वो चुप हो गई, चुपचाप पड़ी पड़ी लंड से चुदती रही. उसको मैंने उसको लगभग 15 मिनट तक चोदा और अपने लंड का माल उसके अन्दर ही निकाल दिया.
जब मैं उसको चोद रहा था, तब उसने अपनी चुत से दो बार पानी छोड़ा और मुझको पता लग गया कि ये भी चुदाई का मजा ले रही थी.
जब मेरा लंड शांत हो गया, तब मैं उसके ऊपर से हटा और अपने लंड को उसकी चुत से बाहर निकाला. उसके बाद उसने अपने कपड़े सही किये और स्टडी रूम में आकर बैठ गयी. थोड़ी देर बाद उसने मुझको आवाज़ दी.
मैं उसके पास गया तो वो मुझसे चिपक गयी और बोलने लगी- ये तुमने क्या कर दिया.
मैंने कहा- कुछ नहीं, चुदाई का मजा तो तू भी ले रही थी.
वो मुझे देखते हुए बोली- तुमको कैसे पता?
तो मैंने उसकी चुत के पानी वाली पूरी बात बता दी.
वो शर्मा गई.
मैंने कहा- आज पूरी रात मेरे घर कोई नहीं है, तुम चाहो तो रुक सकती हो.
उसने तुरंत आने घर फ़ोन किया और बोली- मैं आज अपनी एक सहेली के घर रुकूँगी.
उसके बाद मैंने उसको फिर से अपनी बांहों में ले लिया. वो बोली- मुझको नहीं पता था कि मेरी पहली चुदाई इस तरह की होगी.
थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया; मैंने चंचल से कहा- तुझको चोदने का मन फिर से हो रहा है.
वो बोली- अभी थोड़ी देर रुको, मेरी चुत में दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- ठीक है.
लगभग एक घंटे बाद मैंने उसको अपने गले लगाया और उसको गोद में उठा कर फिर से बेडरूम में ले गया. मैंने उसे लेटा दिया और अपने सारे कपड़े उतार दिए. मैंने उसको उसके पैरों के तलवों से किस करना शुरू किया और धीरे धीरे उसकी स्कर्ट को मैं ऊपर करता रहा. उसके मुँह से कामुक आवाजें निकलने लगीं.
फिर मैंने उसकी नाभि पर किस किया उसकी नाभि बहुत ज्यादा सेक्सी थी. मैं उसकी नाभि को अपनी जीभ से चाटता रहा और धीरे धीरे उसके मम्मों पर किस करते हुए उसका टॉप उतार दिया. उसने लाल रंग की ही ब्रा पहन रखी थी, जिसमें उसके बूब्स बहुत सेक्सी लग रहे थे. मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को मसलने लगा. फिर उसकी ब्रा भी उतार दी. उसके निप्पल एकदम गुलाबी रंग के थे. मैं उनको अपने मुँह से चूसने लगा. वो एकदम मदहोश होने लगी और मादक सिसकारियां भरने लगी. मेरे बालों को नोंचने लगी.
उसके बाद मैंने लगभग 15 मिनट तक उसको लिप किस किया. उसके कान के पास किस किया, उसके गले पर किस किया. फिर हम दोनों 69 की पोजिशन में आ गए. शुरू शुरू में वो मेरा लंड अपने मुँह में नहीं ले रही थी. मैंने फ़ोर्स किया, तब उसने थोड़ा सा अपने मुँह में लिया.
जब वो मेरे सुपारे को अपने होंठों से लगाए हुए थी, तभी मैंने उसकी जांघ पर चिकोटी काटी, जिससे उसका मुँह एक चीख के कारण खुल गया. मैंने जल्दी से अपना लंड उसके मुँह में पेल दिया. वो मेरे लंड को मुँह से हटाने की कोशिश कर रही थी. लेकिन मैं अड़ा रहा और उसकी चूत को चूसने लगा. कुछ ही देर में उसे मजा आने लगा और थोड़ी देर बाद वो मेरे लंड को अच्छे से सक करने लगी.
अब मैं उसकी चुत को अपने मुँह से चोद रहा था. लगभग 5 मिनट बाद उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया और मैं उसकी चुत का पूरा पानी पी गया.
लगभग दस मिनट बाद मैंने भी उसके मुँह में अपने लंड का सारा पानी निकाल दिया और वो मेरे लंड का सारा पानी पी गयी. झड़ जाने के बाद हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे.
थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. उसके बाद मैंने उसे चुदाई की पोजीशन में किया और चूत खोल कर लंड को छेद पर सैट किया और एक झटका दे मारा. मैंने अपना पूरा लंड उसकी चुत में डाल दिया और मैं उसकी चुची को चूसने लगा और उसको चोदना शुरू किया.
अब मैं पूरे जोर से उसकी चुत पर धक्के मार रहा था. उस दिन मैंने चंचल को काफी देर तक लगातार चोदा. इतनी देर में उसकी चुत से 2-3 बार पानी निकला और मैंने भी अपने लंड का सारा पानी उसकी चुत में निकाल दिया.
इसके बाद हम दोनों साथ में नहाये. उस वक्त बाथरूम में भी मैंने चंचल को एक बार और चोदा.
फिर हम दोनों ने खाना खाया और फिर से बिस्तर में आ गए.
उस रात मैंने चंचल को 6 बार चोदा. सुबह तक उसकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि वो सही से चल नहीं पा रही थी. उसको कुछ दवा आदि देकर मैंने अपने पास लिटा लिया. कुछ देर बाद उसको आराम मिला, तो वो अपने घर चली गई.
इसके बाद जब भी मौका लगा, मैंने उस टीचर को जी भर के चोदा. अब उसकी शादी हो गयी है. उसका जब भी मन करता है या मेरा मन करता है, हम दोनों मिलते हैं. वो मेरे लंड का मज़ा लेती है और मैं उसकी चुत का स्वाद ले लेता हूँ. उसके दो बच्चे हो गए हैं, जिनमें से एक मेरा है. वो हमेशा मुझसे चुदने को तैयार रहती है.
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