दोस्तो, मैं शशांक हूँ, मेरी उम्र 22 साल है और मैं झांसी में रहता हूं.
मेरा रंग गोरा है मेरे लौड़े का साइज 7 इंच है.
यह कहानी मेरे बड़े भाई की साली की चुदाई की कहानी है जब मैंने अपनी भाभी की बहन मेघा को चोदा.
मेघा की उम्र 20 साल है, उसकी गांड और दूध भरे हुए हैं. उसका गोरा रंग, उसका कसा हुआ बदन किसी का भी लौडा खड़ा कर सकता है.
अब मैं सीधा हॉट गर्ल की चूत की कहानी पर आता हूं.
मेरे घर में 5 लोग हैं बड़े भाई, भाभी, मम्मी, पापा और दादी!
बात सर्दियों की है. मेरी भाभी प्रेगनेंट हो गयी थी. भाभी को आठवां महीना चल रहा था तो उनकी मदद और देखभाल के लिए उनकी बहन यानि मेरे भाई की साली मेघा आ गई थी.
मैं बी कॉम में पढ़ता था.
जब मैं कॉलेज से आया तो देखा कि मेघा शॉर्ट्स और टीशर्ट में खड़ी थी.
मैंने पहली नजर में ही वो मेरे दिल में घुस गयी, मैंने उसको चोदने का सोच लिया.
तभी से मैं बस इसी जंग में लग गया.
धीरे धीरे हम दोनों बातें करने लगे और कुछ ही दिनों में हम एक दूसरे के दोस्त बन गए.
फिर एक दिन जब मैं नोट्स बना रहा था तो वो मेरे कमरे में आई.
वो मेरे साथ बैठ गई और मेरे नोट्स देखने लगी.
तभी मेरा पेन नीचे गिरा जो मेघा की कुर्सी के पास चला गया.
मैंने उससे उठाने को बोला.
जब वो पेन उठाने लगी तो मुझे उसकी टीशर्ट के गले में से उसकी चूचियों के दर्शन हो गये.
मैं बस देखता ही रह गया.
शायद उसने भी मुझे घूरते हुए देख लिया था.
वो मुस्कुरा के दूसरे कमरे में जाने लगी.
तभी मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसको बोला- मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं. क्या तुम मुझे पसंद करती हो?
तो उसने भी बोला- हाँ … आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो, मैं भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ.
उसके बाद मैंने उसे किस किया. उसने इसमें मेरा थोड़ा साथ दिया. वो थोड़ा शरमा रही थी.
अब तो मैं कभी भी मौक़ा पाकर उसे किस कर लेता था, उसकी चूचियों को मसल देता था.
मुझे अब उसे चोदने के लिए मौके की तलाश थी.
और वो मौका मुझे जल्दी ही मिल गया.
मेरी मम्मी के पापा यानि मेरे नाना जी की मृत्यु हो गई.
मां और पापा को उनके घर जाना पड़ा.
तभी मेरी भाभी को दर्द उठा और उनको डिलीवरी के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा.
भैया भाभी को साथ लेकर अस्पताल चले गए.
अब घर में सिर्फ मैं, मेघा और दादी थी.
दादी ज्यादातर बीमार ही रहती थी तो वो अपने कमरे में रहती थी.
मुझे लगा कि अब मेघा की चूत चोदने का बढ़िया अवसर है. तो मैं अपनी बाइक से गया और कॉन्डम और दर्द की, गर्भ रोकने की टेबलेट ले आया.
घर में आते ही मैंने दरवाजा बंद कर दिया.
फिर मैंने मेघा को अपने रूम में ले जाकर दरवाजा बंद किया और मेघा के होठों पे टूट पड़ा.
मेघा भी खुल कर मेरा साथ देने लगी.
करीब 5 मिनट की चुम्मा चाटी के बाद मैं उसके गले पे किस करने लगा और बाहर से ही उसके स्तनों को दबाने लगा.
फिर मैंने उसकी टीशर्ट उतारी.
लाल ब्रा में उसके कैदी पंछी जैसे आजाद होना चाह रहे थे.
मैं ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों से खेलने लगा.
वह भी आहें भरने लगी, उसके मुंह से आह … आह … की सिसकारियां मुझे और उत्तेजित कर रहीं थी.
मैंने उसकी ब्रा खोली और दोनों बूब्स को अपने हाथों से मसलने लगा.
और फिर मैंने उसके शॉर्ट्स को उतारा और पैंटी भी उतार कर फेंक दी.
अब उसकी कुंवारी चूत मेरे सामने थी एकदम गोरी चिकनी … जिस पर झांट के छोटे छोटे बाल थे.
मैंने पूछा- यार तुम ये बाल साफ नहीं करती?
तो वो शरमा गई और बोली- आज तक ध्यान ही नहीं दिया.
पर उसकी झांट के बाल छोटे और रेशमी से थे.
मैंने उसकी कुंवारी चूत चाटना शुरू किया.
वो सिसकारी के साथ बोलने लगी- और जोर से मेरे राजा … बहुत आग लगी है इसमें … खा लो इसे!
तभी उसका पूरा शरीर अकड़ने लगा और अपनी चूत पर मेरे मुंह को हाथों से दबाने लगी और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
अब मैंने अपना पैंट उतारी और फिर उससे अपनी चड्डी उतारने को कहा.
उसने जैसे ही मेरी चड्डी उतारी … मेरा 7 इंच का लंड सलामी देने लगा.
मेरे खड़े लंड को देखकर वो हैरान हो गई, उसने बोला- यार … इतना लंबा लन्ड मेरी चूत में कैसे घुसेगा?
मेरे समझने पर वो मान गई.
मैंने उसके बाद टैबलेट और कॉन्डम निकाली और पूछा- इनमें से तुम क्या यूज करना पसंद करोगी?
उसने गोली चुनी. शायद उसे पता था कि कंडोम से इतना मजा नहीं आता.
मैंने उसे गोली खिलाई और अब मैं मेघा की चूत फाड़ने के लिए तैयार था.
अब मैंने उसको टांगें चौड़ी करने को कहा.
उसने वैसा ही किया,
मैंने अपना सख्त लन्ड उसकी गीली चूत पर रखा और दबाया.
लेकिन मेरा लंड खिसक गया.
तब मैंने लंड पर और उसकी चूत में तेल लगाया और धीरे से लन्ड अन्दर करने लगा.
अभी मेरा टोपा ही अंदर गया था कि वो मना करने लगी और चीखने लगी.
मैं थोड़ा रुका और एक जोरदार झटके में पूरा लंड पेल दिया. मुझे लगा कि थोड़ा थोड़ा दर्द देर तक देने की बजाये पूरा दर्द कुछ पल के लिए देना बेहतर होगा.
उसकी आंखों से आंसू और चूत से खून बहने लगा.
वह मुझसे लंड बाहर निकालने की विनती करने लगी.
पर मैंने कुछ देर लंड वैसे ही रखा और उसके दूध चूसे.
जब उसको कुछ आराम मिला तब वह खुद ही अपनी गांड उठाने लगी.
मैं समझ गया और धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा.
उसके बाद वह मस्त आहें भरने लगी और सिसकारियां लेने लगी जिससे मैं भी जोश में आ गया और तेज तेज लंड पेलने लगा.
वह बड़बड़ाने लगी- चोद दो यार मुझे … मेरी चूत फाड़ दो … जोर से चोदो!
मैंने जोर जोर से धक्के मारना शुरू किया.
5-7 मिनट की धकापेल चुदाई के बाद वो और मैं साथ में झड़ गये.
हम 20 मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे. इसके बाद हम दोनों ने बाथरूम में जाकर एक दूसरे को साफ किया.
तभी मेरी नजर वहां पड़े ट्रिमर पर पड़ी.
मैं बोला- चलो मेघा, तुम्हारी चूत को चिकना करते हैं.
वो फिर शर्माने लगी.
पर मैंने मैंने उसकी चूत के सारे बाल साफ किए.
उसकी चिकनी चूत को देखकर मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.
मैंने उसको बाथरूम से उठाकर बेड पर ले गया और उसको कुतिया बना कर खूब चोदा.
और इस बार लंड का पानी उसके नंगे बूब्स पर डाला और मालिश करके, उसके बूब्स मसलने लगा.
उसने बाद उसने मुझे गले लगा लिया और कहा- मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ.
मैंने भी उसको खूब प्यार किया.
हम लोगो ने रात भर मजा किया.
मैंने उसको गांड मरवाने के लिए भी बोला पर उसने मना कर दिया.
मैंने भी ज्यादा जोर नहीं लगाया.