गाँव की लड़की की चुदाई की कहानी है मैं और मेरे भाई की साली की. भाई शादी में उसने खुद से आगे बढ़कर मुझसे दोस्ती की. एक बार वो घर में अकेली थी तो …
मेरा नाम राम है, मैं अपनी ग्रेजुएशन के फर्स्ट ईयर में हूं और मैं कोटा के पास एक गांव से हूं.
मेरी हाइट 5 फुट 9 इंच है.
मुझे लड़कियों को चोदने में बहुत मजा आता है. मैंने अब तक अठारह चुत चोद ली हैं. इनमें से सिर्फ दो ही सीलपैक चुत चोदने को मिली थीं. जिसमें पहली कुंवारी चुत की चुदाई की कहानी आज आपको सुना रहा हूँ, जिसमें मैंने गाँव की लड़की को चोदा; मजा लीजियेगा.
यह गाँव की लड़की की चुदाई एक साल पहले उस समय की है, जब मैं अपने रिश्ते के भाई की शादी में गया था.
वह मेरे मामा का लड़का है. जब मैं उसकी बारात में गया, तो वहां पर मुझे भाई की साली बहुत पसंद आई.
शादी के दौरान मैंने उससे जान पहचान की और उससे बात करने लगा. धीरे-धीरे हम दोनों में थोड़ी बेतकल्लुफी बढ़ गई और वो मुझसे कुछ ज्यादा ही मजाक करने लगी.
शादी के बाद उसने खुद से मुझे अपना नम्बर दिया और मुझसे मेरा नम्बर मांगने लगी.
मैंने उससे मजाक करते हुए पूछा- मेरे नम्बर का क्या अचार डालोगी?
वो आंख दबा कर बोली- नम्बर तो दो … फिर देखना, कौन क्या डालता है.
मैंने समझ गया कि लौंडिया मुझ पर फ़िदा हो गई है. मैंने उसे अपना नम्बर दे दिया.
शादी से वापस आने के बाद उसके मेरे पास फोन पर मैसेज आने लगे और हम दोनों मजाक करते हुए कुछ सीमा लांघने लगे. एडल्ट जोक्स साझा होने लगे.
वो भी मेरे साथ ओपन होने लगी थी.
धीरे-धीरे वो मुझे कॉल करने लगी. हमारी बातें होने लगीं. बातों ही बातों में हम दोनों एक दूसरे से प्यार मुहब्बत की बातें करने लगे.
एक दिन मैं उसे गर्म करने जैसी बातें करने लगा, तो वो मुझसे लड़ने लगी कि तुमने मुझे न जाने क्या कर दिया, अब मैं क्या करूंगी.
मैंने कह दिया कि उंगली का इस्तेमाल कर लो.
वो बोली- वो कैसे करते हैं?
मैंने पूछा- क्या कैसे करते हैं?
वो बोली- उंगली का इस्तेमाल?
मैंने कहा- अपनी किसी सहेली से पूछ ले.
वो बोली- तुम भी तो मेरे फ्रेंड हो, तुम ही बता दो न?
मैंने कहा- मैं तो उंगली की जगह कुछ और का इस्तेमाल करना जानता हूँ.
वो बोली- तुम किस चीज का इस्तेमाल करना जानते हो … उसी से मेरा काम कर दो.
मैंने कहा- अभी तक किसी से काम करवाया है?
वो बोली- नहीं, मैं अपना काम खुद करती हूँ.
मैंने कहा- तो ठीक है … इस बार भी तुम अपना काम खुद ही उठा लो.
वो हंस पड़ी और बोली- तुम सच में बहुत बदमाश हो.
मैंने कहा- नहीं जी … मैं बिल्कुल शरीफ हूँ.
वो बोली- साबित कर सकते हो कि शरीफ हो या बदमाश हो … ये बात कैसे चैक हो सकती है?
मैंने भी हंस कर कह दिया- किसी दिन बुला कर चैक कर लो कि मैं शरीफ हूँ या बदमाश हूँ.
अब वह मुझसे मिलने के लिए बुलाने लगी.
पर मैंने मना कर दिया और फोन काट दिया.
वो मुझे बार बार फोन करके कहने लगी- आ जाओ तुमसे मिलने का बड़ा मन है.
मैंने कहा- मूड नहीं है … जब मूड होगा तो आ जाऊंगा.
वो बोली- ठीक है मैं भी जब मौका होगा तो फोन करूंगी. तुम मूड बना लेना.
मैंने हंस कर हामी भर दी.
मैं समझ गया कि ये साली मुझसे चुदने को बेताब है.
उसका गांव मेरे गांव से करीब 50 किलोमीटर दूर है.
एक दिन उसके घर पर कोई नहीं था. उसका फोन आया- आज तुम मेरे घर आ जाओ. घर में कोई नहीं है. मेरा अकेले मन नहीं लग रहा है.
मैं समझ गया कि आज इसको चोदने का सही मौका है.
मैंने आने की कह दी.
वो मेरे आने का इन्तजार करने लगी.
फिर मैंने बाइक उठाई और उसके घर के लिए निकल गया. जब मैं उसके घर पहुंचा, तो वह घर पर अकेली थी.
उसके गांव में कई घरों में रिश्ते होने के कारण मैं बहुत जगह चाय पीने गया, जिससे किसी को ये न लगे कि मैं उसे अकेला पाकर उसके घर चला गया.
फिर मैं उसी के घर पर आ गया. तब तक शाम हो चुकी थी, तो उसने खाना बनाया. मैं अन्दर कमरे में आकर लेट गया. तो उसने घर का मेनगेट लॉक कर दिया.
उसने मुझे आवाज दी और खाना खाने के लिए बुलाया. हम दोनों ने साथ में बैठकर खाना खाया. खाना खाने के बाद उसने टीवी चला दी. हम दोनों टीवी देखने लगे.
टीवी देखते देखते उसे नींद आने लगी … तो वो आंखें मूंद कर लेट गई.
मैं उसका फिगर देखने लगा. वो बड़ी मस्त माल दिख रही थी.
मैंने उसके पास जाकर उसे एक लिपकिस कर दिया.
वह नींद में होने का नाटक कर रही थी.
मैंने धीरे-धीरे उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया.
वो कुछ नहीं कह रही थी.
मैं समझ रहा था कि बंदी जाग रही है और मजा ले रही है.
मैंने उसके होंठों पर होंठ लगा दिए और बहुत देर तक उसे चूमता रहा.
कुछ देर बाद वह उठ गई और बोली- ये क्या कर रहे हो तुम?
मैंने बोला- तुमसे प्यार कर रहा हूं.
वो उठने को हुई, तो मैंने उसे पकड़ लिया.
वो थोड़ी देर मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी. फिर वह धीरे-धीरे मेरा साथ देने लगी.
मैंने उसके मम्मों को मसला, तो वो आह आह करने लगी.
तभी मैंने उसके पजामे में एक हाथ डाल दिया, तो देखा कि उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी.
मैंने उसका पजामा और पैंटी दोनों को खींच कर निकाल दिया.
वो मेरे सामने आधी नंगी हो चुकी थी.
मैंने उसकी बुर में उंगली डाली, तो बुर का पानी मुझे मजा देने लगा. मैंने उसकी बुर से उंगली निकाल कर उंगली चूसी तो उसकी बुर का नमकीन माल मुझे बड़ा स्वादिष्ट लगा.
मैंने हाथ के इशारे से उससे कहा- मस्त स्वाद है.
तो वो शर्मा गई.
फिर मैंने उसे लिप किस करना शुरू कर दिया और उसके मम्मों को मसलने लगा.
वो मादक आवाजें करने लगी.
मैंने उसे पूरी नंगी कर दिया. अब उसने भी मेरी पैंट खोल कर मेरी अंडरवियर के अन्दर हाथ डाल दिया.
उसके हाथ लगने से मेरा लौड़ा फनफनाने लगा.
वो मेरा खड़ा लंड सहलाने लगी और उसे आगे पीछे करके हिलाने लगी.
मुझे उसके हाथ से लंड हिलवाने में बहुत मजा आ रहा था.
कुछ देर बाद मैंने उससे नीचे बैठने को कहा और उससे लंड चूसने को कहा.
वो लंड चूसने से मना करने लगी लेकिन मैंने जबरदस्ती उसके मुँह में लंड डाल दिया.
वो मुँह से लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगी.
लेकिन फिर धीरे-धीरे वो लंड चूसने लगी.
उसे लंड चूसने में मजा आने लगा. उसने करीब पांच मिनट तक मस्ती से मेरा लंड चूसा.
मैंने अपने चरम पर आकर लंड का सारा पानी उसके मुँह में निकाल दिया.
वो लंड की मलाई पी गई.
उसके बाद हम दोनों लिपट कर लेट गए और चूमाचाटी करने लगे.
थोड़ी ही देर बाद हम दोनों अब चुदाई के लिए मचलने लगे थे.
मैंने उसे पलंग पर चित लिटा दिया और अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाकर उसकी बुर पर रगड़ने लगा.
वह चुदने के बहुत ही व्याकुल हो गई थी और जोर जोर से सीत्कार करने लगी थी- आह प्लीज … मुझे जल्दी से चोद दो … आह और मत तड़पाओ.
मैंने एक ही झटके में अपना आधा लंड उसकी बुर में घुसा दिया.
वो अपनी कुंवारी बुर में मोटा लंड लेते ही चिल्ला पड़ी और कहने लगी- आह मर गई … प्लीज़ निकालो इसे.
लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी और एक और झटका दे दिया.
इस बार मैंने पूरा लंड बुर के अन्दर घुसा दिया.
उसकी आंखों से आंसू आ गए.
मैंने थोड़ी देर लंड को ऐसे ही घुसा रहने दिया और उसके दूध मसलते हुए चूसने लगा और उसे किस करने लगा.
जब उसे थोड़ा मजा आने लगा तो वो अपनी गांड हिलाने लगी.
मैं समझ गया कि इसको लंड का मजा आने लगा है. मैं उसे धीरे धीरे से झटके देने लगा.
उसे भी मजा आने लगा.
वो अपनी गांड उठाते हुए कहने लगी- आह मजा आ रहा है … तेज तेज चोदो … आह थोड़ी और तेज आ … आ.. मजा आ रहा है.
वो मस्त आवाजें निकालने लगीं.
करीब 15 मिनट की चूत चुदाई के बाद मैंने लंड चुत से खींचा और उसके पेट के ऊपर झड़ गया.
वह वीर्य में लथपथ हो गई. उसके पेट से लेकर मम्मों तक मेरा वीर्य लग गया था.
मैं नंगा ही उसके ऊपर गिर गया और उसे किस करने लगा. मेरा वीर्य हम दोनों की मालिश सा करने लगा.
कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया, तो मैंने उसके मुँह में लंड डाल दिया. वो मस्ती से लंड जोर जोर से चूसने लगी.
मैंने फिर से लौड़ा उसकी चूत पर सैट किया और एक जोरदार धक्का दे मारा. इस बार एक ही झटके में पूरा लंड चुत की गहराई में घुस गया.
उसके मुँह से आह निकल गई. वह बोली- आह धीरे करो … मैं कहीं भागी थोड़ी जा रही हूं.
मैंने कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद उसे घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत चोदने लगा.
करीब 10 मिनट मैंने उस गाँव की लड़की को चोदा.
उसकी चूत चोदने के बाद मुझे उसकी गोरी गांड ललचाने लगी.
मुझे उसकी गांड मारने का मन हुआ … तो मैंने पास रखा तेल लेकर उसकी गांड के छेद में तेल लगा दिया.
वो समझ गई और गांड मारने से मना करने लगी.
मैंने कहा- ठीक है. बस उंगली कर लेने दे.
वो मान गई. मैं तेल से भिगो भिगो कर उंगली उसकी गांड में पेलता रहा.
चुत में लंड चल रहा था और गांड में उंगली अन्दर बाहर हो रही थी.
वो मस्त होने लगी और उसने इसी मस्ती में अपनी गांड ढीली करके मजा लेना शुरू कर दिया था.
मैं चूत में लंड पेलते हुए उसे मजा दिए जा रहा था.
फिर अचानक से उसकी चूत से लंड निकाल कर उसकी ढीली गांड पर रखकर एक जोरदार झटका दे मारा.
मेरा आधा लंड गांड में घुस गया था.
वह दर्द से चिल्ला उठी और उसकी गांड से खून आने लगा.
मैंने उसकी एक न सुनी और लगा रहा. आधा लंड तो गांड में घुस ही चुका था. मैंने एक और झटका मारा, तो पूरा लंड उसकी गांड में घुस गया.
उसकी गांड से खून निकलता ही जा रहा था.
मैं उसके मम्मों को दबाने लगा और रुक गया. जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ, तब वो अपनी गांड हिलाने लगी. मैं भी धीरे-धीरे झटके मारने लगा.
कुछ ही देर में गांड लंड का मजा लेने लगी थी. मैंने उसकी रेशमी गांड को जबरदस्त चोदी.
करीब 20 मिनट तक मैंने उसकी गांड मारी. उसकी गांड बिल्कुल कसी हुई थी. मुझे उसकी गांड मारने में बहुत मजा आया.
मैंने उससे पूछा- मजा आ रहा है?
वो मुझसे बोली- हां बहुत मजा आ रहा है. गांड में भी इतना मजा आता होगा, इसका मुझे अंदाजा ही नहीं था.
दस मिनट तक उसकी गांड में लंड ताबड़तोड़ चला और गांड में ही वीर्य छोड़ दिया.
हम दोनों नंगी हालत ने ही लेट कर अपनी सांसें नियंत्रित करने लगे.
उस पूरी रात में मैंने 3 बार उसकी चूत मारी और एक बार उसकी गांड मारी.
सोने से पहले मैंने उसको एक दर्द निवारक गोली दे दी इसमें बुखार न आने की भी दवा मिली रहती है.
हम दोनों नंगे ही चिपक कर लेट गए.
एक घंटे बाद मैंने उसे हिलाया और कहा- अब मुझे घर निकल जाना चाहिए.
वो मुझसे चिपक गई और रुक जाने के लिए कहने लगी.
मैंने कहा- गांव में बदनामी का डर है … मुझे जाने दो.
वो समझ गई और मेरे लिए एक गिलास दूध गर्म करके ले आई.
मैंने उसे भी गिलास से दूध पिलाया.
वो बहुत खुश थी.
फिर मैं अपने घर के लिए निकल आया.
इसके बाद मैंने कई बार गाँव की लड़की को चोदा है और अब भी चोद रहा हूँ.
आपको गाँव की लड़की की चुदाई की कहानी कैसी लगी, मुझे ईमेल कर सकते हैं.
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धन्यवाद