फर्स्ट टाइम सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं अपनी बहन के घर रहने गया तो उनकी जेठानी की जवान बेटी बड़ी मस्त सेक्सी हो गयी थी. मैंने उसे कैसे चोदा?
सभी अन्तर्वासना पाठकों को नमस्कार! मेरा नाम अमित है, मेरी उम्र 22 साल की है.
यह हॉट फैमिली सेक्स कहानी पिछले साल की है.
मैं अपना कॉलेज खत्म करके अपनी बहन के यहां छुट्टी मनाने जाना चाहता था. मैंने उन्हें अपनी इच्छा बताई, तो मेरी बहन ने मुझे बुला लिया.
तीसरे दिन मैं अपनी बहन के यहां आ गया. मेरी बहन के घर में दीदी, जीजा के अलावा जीजाजी के बड़े भाई भी रहते थे.
जीजा जी के बड़े भाई की बीवी और उनके दो बच्चे थे. एक लड़का और एक लड़की करीब 19-20 साल की थी.
जब मैं दीदी के घर गया तो मैं मां का दिया हुआ कुछ खाने पीने का सामान लेकर गया था.
उधर पहुंचा तो दीदी ने अपनी जेठानी, जिन्हें मैं बड़ी दीदी कहता था, को भी वो खाने पीने का सामान दिया.
उनके घर में एक हफ्ते तक तो सब कुछ ठीक चलता रहा था. बड़ी दीदी की लड़की जूली यानि मेरी भांजी और मेरी पहले बहुत ज्यादा नहीं बनती थी … वो जरा नकचड़ी थी. मेरी उससे थोड़ी बहुत ही बनती थी.
मैंने इस बार अपनी भांजी जूली को देखा तो अब बड़ी मस्त हो गई थी … बहुत सेक्सी दिखने लगी थी. उसकी तनी हुई चूचियां मुझे मदहोश करने लगी थीं.
मेरी नजर में वो एक मस्त माल बन गई थी. मेरी निगाहों में उसकी जवानी चखने का ख्याल आने लगा था.
मगर ये सब इतना आसान नहीं था. जूली मेरी तरफ देखती भी नहीं थी. मैं भी बस उसे देख देख कर आहें भरता रहता था.
मुझे दीदी के घर में रहते हुए कुछ दिन बीत गए थे. मेरे पास स्मार्ट फोन था. तो जूली का भाई मेरे मोबाइल में मूवी देखता था.
कुछ दिन बाद मेरी भांजी जूली भी फिल्म देखने मेरे पास आने लगी थी. मुझे ये रास्ता ठीक लगा कि जूली को फिल्म दिखा कर सैट किया जा सकता है. मैं भी उसे फिल्म चालू करते समय बुलाने लगा था.
दो दिन में ही वो मेरे साथ घुलमिल गई थी.
एक दिन जब रात हुई, तो सब लोग घर सोने लगे थे. मैं अपने बेड पर सोने चला गया. मुझे नींद नहीं आ रही थी, तो मैंने हेडफोन लगाया और मूवी लगा ली.
आज सिर्फ मैं ही मूवी देख रहा था.
थोड़ी देर बाद मेरी भांजी आ गई, तो मैं और वो मूवी देखने लगे.
मैंने अपने कान से एक प्लग निकाल कर उसे दे दिया.
हम दोनों लेट कर मूवी देख रहे थे.
हालांकि इससे पहले भी मैं उसके साथ सो जाता था, लेकिन अब बड़ी हो गई थी. उसका साथ मुझे बड़ा हॉट लग रहा था.
मेरा लंड हरकत करने लगा, तो मैंने कम्बल अपने ऊपर ले लिया. उसने भी मेरे ही कंबल में घुस कर फिल्म देखना शुरू कर दिया.
इस समय करीब 11 बज गए थे. सब लोग सो गए थे. मैंने कंबल पूरा अपने गले तक ले लिया. मेरी भांजी भी मेरे साथ कम्बल के अन्दर थी.
कुछ देर बाद मूवी खत्म हो गई. मैं और मेरी भांजी जूली एक ही बिस्तर पर सोने के लिए लेट गए.
लेकिन पता नहीं मुझे कुछ कुछ हो रहा रहा.
जूली और मैं अभी सोए नहीं थे. मैंने उसकी तरफ मुँह करके सोया था. थोड़ी देर बाद उसने मुँह मेरी तरफ किया और मेरे करीब आ गई.
मैंने सोचा कि इसे भी नींद नहीं आ रही होगी. इसलिए ये इधर मुँह करके लेट गई होगी.
थोड़ी देर बाद उसने अपने हाथ की उंगलियां मेरे मुँह की तरफ़ की और मेरे होंठ को छूने लगी.
मैंने आंख खोली, तो उसी समय उसने अपने होंठ मेरे होंठ के पास कर दिए.
मैं समझ गया कि उसको मुझे किस करनी थी.
मैंने जूली का हाथ हटा दिया.
लेकिन उसने फिर से हाथ की उंगलियों से मेरे होंठों पर हरकत की.
मैंने इस बार कुछ नहीं कहा और उसे देखने लगा.
तभी जूली ने अपने गर्म होंठ मेरे होंठों से लगा दिए. वो अभी चूम नहीं रही थी सिर्फ होंठ लगाए लेटी थी.
उसकी गर्म सांसें मुझे भी गर्म कर रही थीं.
थोड़ी देर बाद मैंने अपने होंठों से उसके होंठों की किस लेना चालू कर दी. उसने भी चूमाचाटी में मेरा साथ देना चालू कर दिया.
हमारी बेआवाज किस हम दोनों को ही उत्तेजित करती जा रही थी.
मैंने जूली के मुँह में अपनी जीभ ठेल दी, वो मेरी जीभ को चूसने लगी.
कुछ देर बाद मैंने उसकी जीभ को अपने मुँह में ले ली और जीभ को चूसने लगा. सच में बड़ा मजा आ रहा था.
करीब दस मिनट के बाद मैंने अपने हाथ को उसकी दोनों टांगों के बीच में डाला तो उसने कुछ नहीं बोला.
मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया और उसके लोअर के ऊपर से थोड़ा थोड़ा फेरना चालू कर दिया.
जूली कुछ नहीं बोल रही थी. वो सिर्फ मेरे होंठों से होंठ लगाए हुए इस सबका मजा ले रही थी.
अब तक मेरा लंड भी पूरा खड़ा हो गया था.
मैं उसे चिपक गया, तो जूली भी मुझे चिपक गई. मेरा खड़ा लंड उसे महसूस हो रहा था. लंड उसकी चूत पर लग रहा था.
तभी जूली भी अपनी चुत का दबाव लंड पर देने लगी.
मैं समझ गया कि जूली इस वक्त पूरी गर्म हो चुकी है.
मगर वो कुंवारी थी. उसे चोदना खतरे से खाली नहीं था. सारे घर वाले नजदीक ही सोए हुए थे.
मैंने तब भी हिम्मत की कि अभी नहीं तो बाद में इसे चोद लूंगा. अभी इसकी चुत का ऊपर ऊपर से मजा ले लेता हूँ.
ये सोच कर मैंने एक हाथ उसकी पैंटी के अन्दर डाल दिया. उसकी चूत पर थोड़े थोड़े बाल थे. पूरी चूत बड़ी मुलायम लग रही थी.
मेरा हाथ डालने पर जूली कुछ नहीं बोली, उसने बस गर्म सांस छोड़ कर अपनी उत्तेजना दिखाई.
मैंने अब जूली की चूत पर हाथ फेरना चालू कर दिया और धीरे से उसकी चूत में एक उंगली डाल दी.
वो एक बार को जरा सी चिहुंकी … मगर उसने आवाज नहीं की.
मैंने चुत को उंगली से चोदना चालू कर दिया.
उसकी चूत बहुत टाईट थी. मेरी आधी उंगली भी अन्दर नहीं जा रही थी.
मैंने सोचा साली उंगली तक इसकी चुत में नहीं जा रही है, तो मैं मोटा लंड चुत में कैसे डालूंगा.
मगर मैं लगा रहा.
उसकी चुत से रस निकलने के कारण चुत ने उंगली को अन्दर लेना शुरू कर दिया था.
मैंने एक उंगली से ही चुत में थोड़ी सी जगह बनाई. अब मेरी उंगली आराम से चुत में अन्दर जाने लगी थी.
मैंने उससे पैंटी को नीचे करने को इशारा किया, तो उसने मेरा ही हाथ रख दिया.
मैं समझ गया कि मुझे ही इसकी पैंटी को उतारना है.
मैंने उसकी लैगी और पैंटी को घुटनों तक नीचे कर दी और अपना लंड भी बाहर निकाल लिया.
मैं बहुत डर रहा था क्योंकि घरवाले सब सो रहे थे और कोई उठ गया तो रायता फ़ैल जाएगा. लेकिन मैंने हिम्मत करके लंड को उसकी चूत की फांकों के ऊपर लगाया और रगड़ने लगा.
उसकी चूत को मेरा लंड मजा दे रहा था, तो मैंने उसे किस करना बंद कर दिया और गेम बजाने की कोशिश करना शुरू कर दी.
मैंने अपना हाथ उसकी चूचियों पर रखा और एक दूध को दबाना चालू कर दिया.
उसने मुझे दूध मसलने से मना किया.
मगर जूली के मम्मे बहुत ही मुलायम थे, तो मुझे मजा आ रहा था.
पर वो मुझे ठीक से दूध दबाने भी नहीं दे रही थी.
मैंने लंड हाथ में पकड़ा और उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
मुझे डर था कि अगर चूत में लंड घुस गया और जूली चिल्ला दी … तो बहुत बुरा अंजाम होगा.
मैंने कुछ सोच कर उसको फिर से किस करना चालू कर दिया.
उसक मुँह बंद हो गया था.
मैंने हिम्मत करके लंड अन्दर डालना चालू किया.
मेरा लंड थोड़ा सा ही अन्दर को जाता तो जूली मुझे पकड़ लेती.
फिर मैंने उसको ज़ोर से पकड़ा और मुँह भी अच्छा कसके बंद कर लिया.
सब सैट हो गया था तो मैंने लंड पर जोर दे दिया.
उसने तड़फ कर मुझे हटाना शुरू कर दिया और मेरे मुँह को काटने लगी.
लेकिन अब तक मेरा आधा लंड चुत में चला गया था.
उसने मेरी छाती पर नौंच कर मुझसे लंड बाहर निकालने का इशारा किया.
लेकिन मैंने लंड चुत से बाहर नहीं निकाला; मैं बस आधा लंड पेले हुए ऐसे ही पड़ा रहा.
थोड़ी देर में जूली का दर्द कुछ कम हो गया. मैंने होंठ हटाए और उसे किस करना चालू कर दिया.
वो भी मुझे किस करने लगी.
कुछ पल बाद मैंने उसको फिर से जोर से पकड़ा और मुँह पर मुँह का ढक्कन लगाते हुए लंड को उसकी चूत में पूरा अन्दर तक पेल दिया.
वो फिर से तड़फ उठी और उसने मेरे को फिर से काटा. इस बार उसने हाथ से मुझे तेज नौंच भी लिया था.
उससे मुझे दर्द होने लगा था. मगर मैंने तब भी उसे चीखने नहीं दिया.
कुछ देर शांत बैठने के बाद में उसने अपना बदन ढीला कर लिया तो मैं समझ गया कि लंड ने चुत में जगह बना ली है.
जैसे ही उसका बदन शांत हुआ, तो मैंने धीरे धीरे लंड चुत में अन्दर बाहर करना चालू कर दिया.
शायद उसकी चूत से खून निकल आया था … जिस वजह से मुझे कुछ गीला गीला सा लगा.
मैंने कुछ न कहते हुए लंड से झटके देने चालू रखे.
कुछ देर बाद जूली भी मेरा साथ देने लगी. मैंने अब थोड़ी जोर से चुदाई शुरू कर दी.
जब मेरा झटका जोर से लगता तो उसे दर्द होने लगता था.
मैंने धीरे धीरे करके लंड चुत में अन्दर बाहर करना जारी रखा.
दस मिनट बाद मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.
कुछ ही देर बाद मेरे लंड का पूरा पानी उसकी चूत में ही निकल गया.
लंड के सिकुड़ने के बाद मैंने लंड बाहर निकाल लिया और उसकी चूत में उंगली डाल कर देखा.
अंधेरे में कुछ समझ नहीं आया, तो मैंने मोबाइल की टॉर्च से देखा.
चुत की सील टूटने से खून निकला था.
वो खून देख कर बहुत डर गई.
मैंने धीरे से कहा- डरो मत … कुछ नहीं होगा.
उसे मैंने रूमाल निकाल कर दे दिया. उसने पूरी चूत साफ की.
मैंने उससे कहा कि रूमाल को चुत पर ही लगा रहने दो.
उसने पैंटी पहनी, चुत में रूमाल फंसाया और उसके ऊपर लैगी पहन ली.
हम दोनों चिपक कर सो गए.
मुझे अपनी कुंवाई भांजी की चुत चोद कर बड़ी ही मीठी नींद आई.
सुबह जब मैं उठा, तो मैंने देखा तो भांजी उठ कर चली गई थी.
मुझे उसको देखना था और पूछना था कि कैसा लग रहा है. मुझे वो कहीं दिख ही नहीं रही थी.
जैसे ही वो मुझे दिखी, तो वो अपनी नजरें मुझसे छिपा रही थी.
मैंने ध्यान से देखा कि जूली सही से नहीं चल पा रही थी.
उससे मैंने कुछ नहीं कहा.
मैं अब राह देखने लगा कि सब घर से कब निकलेंगे और मैं कब उसको दुबारा चोद पाऊंगा.
ये मेरी हॉट फैमिली सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज़ कमेंट में जरूर बताएं और मेल भी करें. मैं अगली सेक्स कहानी में जूली की दूसरी चुदाई की कहानी लिखूंगा.
धन्यवाद.
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