हैलो दोस्तो, मैं समीर हूँ, आजकल मैं मुंबई में नौकरी कर रहा हूँ. मैं 40 साल का हूँ लेकिन फिट होने से मैं अभी ज्यादा उम्र का लगता नहीं हूँ. मेरा पेट भी नहीं निकला हुआ है और मेरा चेहरा भी ज्यादा बूढ़ा नहीं लगता है जिसके कारण मेरी 40 साल की उम्र असल में 10 साल कम ही लगती है. मैं देखने में 30 या 32 साल का ही लगता हूं.
मेरी हाइट 5.6 फीट है. मेरी हाइट तो ज्यादा नहीं है लेकिन मेरा शरीर भी ज्यादा मोटा नहीं है. इस वजह से मैं देखने में भी ज्यादा छोटा नहीं लगता हूं. जहां तक बात मेरे लंड की है तो मेरे लंड का साइज करीब साढ़े छह इंच के लगभग है. खड़ा होने पर मेरा लंड काफी मोटा हो जाता है. जो किसी भी महिला की चूत को शांत करने के लिए काफी है.
मेरी पत्नी का नाम है सुधा … जिससे मेरी ज़्यादा बनती नहीं है, शादी के 10 साल निकल चुके हैं लेकिन रोज किसी न किसी बात को लेकर झगड़ा होता रहता है. वो किसी और से चुदाई करवाते हुए पकड़ी गई थी. तब से हमारे बीच झगड़े होते रहते हैं और हमारे बीच में दूरियां बहुत बढ़ गई थीं. इस वजह से हमारे बीच चुदाई भी बंद हो गई.
मेरा ज्यादा समय काम में ही गुजर जाता है जिसके कारण मैं चूत के बारे में कुछ जुगाड़ नहीं कर पाता हूँ और इस वजह से मेरे लंड को चूत मिले हुए महीनों बीत जाते हैं. मेरा लंड हमेशा ही चूत के लिए तरसता रहता था. मेरे लंड को शांत करने के लिए फिर मुझे अपने हाथ का ही सहारा लेना पड़ जाता था.
कई बार तो मैंने पैसे देकर चूत मारी थी लेकिन उसमें ज्यादा मजा नहीं आता है. पैसे वाली चूत को चोदने में बहुत ही जल्दी सब कुछ करना पड़ता है.
इस वजह से मुझे किसी ऐसी चूत की तलाश थी जिसके साथ मैं खुल कर मजे ले सकूं. जिस तरह से मेरी बीवी गैर मर्द के लंड से मजे लेती रहती है वैसे ही मैं भी किसी परायी चूत को चोद कर अपने लंड की प्यास बुझाना चाहता था.
फिर एक दिन मेरी ये कामना भी पूरी हो ही गई.
बात पिछले साल गर्मियों की है. सुधा मायके गई हुई थी. मैं उसके मायके भी बहुत कम जाता हूं. तो उसके जाने के बाद मेरे फोन पर एक दिन किसी का फोन आया. मैंने फोन पर बात की तो उधर से पता चला कि मेरी भतीजी का फोन था. जब मेरी शादी हुई थी तो उस समय वो दस साल की ही थी. अब वो 20 के करीब पहुंच गई थी. इस कारण से उसकी आवाज भी बहुत ही मस्त लग रही थी. उसकी जवानी को मैं फोन पर से ही महसूस कर सकता था. लेकिन अभी मेरे मन में उसकी चूत को चोदने के ख्याल नहीं आ रहे थे.
रूचि, मेरी भतीजी, ने मुझे किसी काम के सिलसिले में फोन किया था. वो उसी के काम के बारे में फोन पर बात कर रही थी. उसने मुझसे कहा कि वो मेरे पास रह कर कम्प्यूटर का कोर्स करना चाहती है. साथ ही उसने बताया कि वो घर का सारा काम करना भी जानती है और मेरी बीवी की मदद भी कर दिया करेगी.
वो मुझे मेरे घर पर आने के लिए रिक्वेस्ट करने लगी तो मैं तुरंत मान गया क्योंकि बीवी के झगड़े से मैं भी बहुत तंग था और रुचि के आ जाने से काम करने की परेशानी भी दूर हो जाती इस वजह से मैंने उसको तुरंत ही हां कर दी. मेरे कहने पर वो बहुत खुश हो गई और मुंबई आने के लिए मुझे थैंक्स कहकर उसने फोन रख दिया.
मैंने रुचि को बहुत सालों से देखा भी नहीं था. इसलिए अभी मुझे नहीं पता था कि वो कितनी बड़ी हो चुकी है और उसके शरीर में क्या-क्या बदलाव आ चुके हैं. इस बात को लेकर मैं थोड़ा सा उत्साहित हो रहा था क्योंकि कहीं न कहीं मेरे मन में भी इस बात को लेकर एक जिज्ञासा थी कि जब एक जवान लड़की घर में साथ में रहने के लिए आ रही है तो फिर थोड़ा सा टाइम पास तो मेरा भी हो ही जाने वाला था.
फिर मेरे दिमाग में एक आइडिया आया. मैंने उसको फेसबुक पर देखने की सोची. जब मैंने अपनी फेसबुक पर लॉग इन किया तो मुझे पहले से ही उसकी रिक्वेस्ट आई हुई दिखाई दी.
वो भी मॉडर्न थी. जब मैंने उसको देखा तो देखता ही रह गया. उसकी फोटो में तो वो बहुत ही जवान और मस्त लग रही थी. काफी सुंदर हो गई थी वो. शायद उसकी चढ़ती हुई जवानी का ही असर था कि उसके बदन पर ऐसा निखार आ गया था. मैंने सोचा कि अब तो बस ये जल्दी से घर आ जाये तो मेरी आंखों को भी सेंकने का मौका मुझे मिल जाये.
फिर दो दिन के बाद ही वो लोग मेरे पास मुंबई आ पहुंचे. उसको देखते ही मेरा लंड टाइट होना शुरू हो गया. लेकिन मैं अपने लंड को अपनी पैंट के हुक के नीचे दबाकर ही रख रहा था ताकि उसको ये भनक न लगे कि मेरी नजर उसकी जवानी पर ही अटक गयी है.
इसी बीच मेरी बीवी सुधा भी मायके से लौट आई थी तो मुझे ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत थी. सुधा से तो मेरी ज्यादा बात चीत नहीं हो रही थी और इस वजह से रुचि ही मेरा ज्यादा ख्याल रख रही थी. कभी मुझे चाय देने के लिए आ जाती थी तो कभी खाने के लिए कहने आती थी. वो मेरा काफी ख्याल रख रही थी. मुझे भी उसको लेकर काफी अच्छा लग रहा था क्योंकि मेरी बीवी ने तो मेरा ख्याल रखना छोड़ ही दिया था.
अब सारा काम रुचि ने ही संभाल लिया था. मुझे भी रुचि के रूप में अपने ही घर में मेरे लिए एक नया मनोरंजन का साधन मिल गया था. मेरी नजर उस पर ही लगी रहती थी. मैं उसके चूचों और गांड को नजर बचा कर ताड़ने की कोशिश में लगा रहता था.
भतीजी की गांड जब देखता था मेरे मन में वासना की लहर सी उठ जाती थी और मेरा प्यासा लंड तुरंत ही उछल जाता था. बड़ी मुश्किल से मैंने खुद को रोका हुआ था. रुचि जब गांड मटका कर चलती थी तो मेरे दिल पर जैसे कटार सी चल जाती थी.
अब तो हालत ये हो चली थी कि रोज नहाते हुए मैं रूचि के बारे में ही सोच कर मुट्ठ मारने लगा था. ऐसा कोई दिन नहीं जाता था जब मैंने उसके चूचों या उसकी गांड या उसकी चूत के बारे में सोच कर नहाते समय अपना माल न निकाला हो. जैसे-जैसे माल निकल रहा था वैसे-वैसे उसकी चूत में लंड देने के लिए मेरे अंदर की प्यास और ज्यादा बढ़ती जा रही थी.
इधर रुचि भी मुझे देख कर मुस्करा देती थी.
फिर कुछ दिन बाद सुधा ने एक प्राइवेट कम्पनी में ज्वाइन कर लिया था और वो सुबह ही अपने काम पर निकल जाती थी. मेरा ज्यादा काम कम्प्यूटर पर ही होता था. मैं घर पर ही रहने लगा था और वहीं से रह कर काम कर लिया करता था. कभी कभार ही मुझे बाहर जाना पड़ता था. वो भी तब जब कोई जरूरी मीटिंग होती थी या किसी ज्यादा ही जरूरी काम का दबान आन पड़ता था. वरना ज्यादा समय मैं घर पर ही रहने लगा था. रुचि को देख कर मेरा लंड भी हमेशा ही खड़ा रहता था.
एक दिन की बात है जब रुचि और मैं इसी तरह घर पर अकेले ही थे. वो बाथरूम में नहाने के लिए गयी हुई थी. उसके जाते ही मैंने अपने सिस्टम में सनी लियोन की पॉर्न मूवी चालू कर दी. मैं मस्ती से नंगी फिल्में देखने में लगा हुआ था. आधे घंटे के बाद रुचि एकदम से बाथरूम से बाहर आ गयी.
मैं पूरे मूड में था और मेरा हाथ मेरे लंड पर ही था. मैं एक हाथ से अपने खड़े हुए लंड को सहला रहा था. पॉर्न मूवी की आवाज भी काफी सुनाई दे रही थी. जैसे ही रुचि बाहर आई तो मैंने अपने खड़े हुए लंड को एकदम से लोअर के अंदर छुपाते हुए मूवी को पॉज करके बंद कर दिया लेकिन इससे पहले रुचि ने मेरे लंड के दर्शन कर लिये थे. एक बार तो उसने हैरानी से देखा लेकिन फिर वो नजर नीचे करके मुस्काते हुए अंदर चली गई.
पांच मिनट बाद उसने अंदर से ही खाने के लिए आवाज लगाई. मैंने उसको हां कहा और वो खाना लगाने लगी. मेरा लंड अभी भी सोया नहीं था. मैंने मुश्किल से उसको अपनी लोअर में छुपाया लेकिन उसका आकार अभी भी साफ दिखाई दे रहा था.
खाने की टेबल पर जाकर मैंने रुचि की तरफ देखा तो उसने हाफ पैंट पहनी हुई थी. उसके कूल्हे और गोरी टांगें देख कर मेरा लंड तन गया. मैंने लंड को सहला दिया. फिर रुचि भी आकर बैठ गई. मैंने रुचि से बात करनी शुरू की.
रुचि ने बताया कि उसके घर पर माहौल ज्यादा ठीक नहीं है. उसके पेरेंट्स उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं. इसी वजह से वो खुद ही अपने पैरों पर खड़ी होकर कुछ करना चाहती है. यही कारण था कि वो यहां पर कंप्यूटर सीखने के लिए आ गई थी.
बातों ही बातों में उसने मुझसे कंप्यूटर सिखाने के लिए कहा तो मैं भी तुरंत मान गया. मैं उसके करीब जाने का मौका ढूंढ ही रहा था. वो भी जानती थी कि सुधा के साथ मेरी ज्यादा बनती नहीं है. मेरे पास अच्छा मौका था उसकी जवानी के मजे लेने का. शायद रुचि के मन में भी कुछ चल रहा था लेकिन मुझे अभी उसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता था कि वो क्या चाह रही है. इसलिए अभी मुझे सही वक्त का इंतजार करना था.
खाने के बाद हम दोनों मेरे ही रूम में आ गये. वो मेरे साथ बेड पर ही बैठी थी. सामने मेरा लैपटॉप रखा हुआ था. मैंने उसकी पीठ पर हाथ रखा और उससे बहाने से छूते हुए कहा- ये बताओ पहले तुम क्या सीखना चाहती हो.
उसने एक बार तिरछी नजर करके मेरी लोअर की तरफ देखा और फिर बोली- आप जो भी कुछ सिखाओगे मैं वहीं सीख जाऊंगी.
मेरा लंड तनना शुरू हो गया था और मेरी लोअर में एक तरफ आकर उसने आकार ले लिया था.
उसके बाद मैं उसको कम्प्यूटर के बारे में बताने लगा. मैंने बातों ही बातों में उससे उसके ब्बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा ताकि मैं उसको धीरे-धीरे सेक्स की बातों की तरफ ले जा सकूं.
वो बोली कि उसकी एक लड़के के साथ दोस्ती है.
फिर मैंने उससे पूछा- तुम दोनों ने कभी कुछ किया भी है क्या?
एक बार तो उसने जवाब नहीं दिया लेकिन फिर वो कहने लगी- हाँ, एक बार उसने मुझे पॉर्न मूवी दिखा कर गर्म कर दिया था तो मैंने उसके साथ एक बार कर लिया था.
अब मेरे पास अच्छा मौका था. मूवी तो मेरे कम्प्यूटर में थी ही. मैंने फटाक से उसको टीवी से कनेक्ट किया और 40 इंच की स्क्रीन पर पॉर्न चलाकर पूछने लगा कि ऐसी ही देखी थी क्या तुमने भी?
एक बार तो उसने नजर झुका ली लेकिन फिर गर्दन हिलाकर हामी भर दी उसने.
मेरा लंड तना हुआ था पहले से ही. मैंने उसके हाथ को पकड़ लिया और अपने लंड पर रखवा लिया. उसके मुंह से आह्ह सी निकल गई. मैं जान गया था कि वो भी शायद कुछ करने के मूड में है.
फिर उसने मेरे लंड को पकड़ कर सहलाते हुए मूवी पर नजरें गड़ा लीं. मैंने उसके चूचों को दबाना शुरू कर दिया तो वो गर्म होती चली गई. अब मैंने उसके टॉप को उतारना चालू कर दिया. अब लाइन पूरी तरह से क्लीयर हो चुकी थी. वो मेरे लंड को सहलाते हुए पॉर्न मूवी देख रही थी और मैंने अपनी भतीजी को नंगी करना शुरू कर दिया था.
उसने नीचे से ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी. उसने हाथ अंदर डाल कर मेरे लंड को अच्छी तरह से पकड़ लिया. मेरे लंड की मुट्ठ मारने लगी तो मैं बेकाबू सा होने लगा. मैंने उसकी हाफ पैंट को खोल दिया और उसको नीचे से भी नंगी कर दिया. उसकी पैंटी को खींच दिया और उसकी हल्के बालों वाली चूत मेरी आंखों के सामने नंगी हो गई. मस्त गुलाबी चूत थी उसकी.
मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और उसकी चूत में मुंह दे दिया. वो सिसकारियां भरने लगी और मेरे लंड को पकड़ कर खींचने लगी. मैंने उसकी चूत में जीभ डाल दी और उसकी चूत को जीभ से ही भेदने लगा.
वो पागल सी हो उठी. उसने उठ कर मेरी लोअर को निकलवा दिया और मुझे नीचे से नंगा कर दिया. मेरा लौड़ा बेहाल हो चुका था. मैंने अपना टी-शर्ट भी निकाल दिया. अब हम दोनों ही पूरे के पूरे ही नंगे हो चुके थे.
मैं उसके ऊपर टूट पड़ा. उसके कसे हुए चूचों को चूसने लगा और उसकी चूत में उंगली करने लगा. मैंने उसकी चूत को तेजी के साथ अपनी उंगलियों से मसलना शुरू कर दिया. वो तेजी से जोर जोर की सिसकारियां लेने लगी.
फिर मैंने उसके होंठों को चूसते हुए उसकी चूत पर अपने लंड को सेट कर दिया और उसके ऊपर लेट गया. मेरा लंड उसने गांड को हिलाकर एडजस्ट करते हुए अंदर ले लिया. लंड मोटा था तो उसके मुंह से आह्ह … निकल गई. उसको थोड़ी तकलीफ तो हुई लेकिन लंड उसकी चूत में समा गया. मेरे लिए तो जैसे वो स्वर्ग का आनंद था. बहुत दिनों बाद कोई जवान चूत मिली थी.
मैंने बिना देरी किये उसको चोदना शुरू कर दिया. हम दोनों की सिसकारियां पूरे कमरे में गूंजने लगीं. वो भी सेक्स की बहुत प्यासी लग रही थी. वो मस्ती में मेरे लंड को अपनी चूत में ले रही थी. मैं भी पूरे जोश में उसकी चूत में लंड को धकेल कर मजे ले रहा था. दोनों ही एक दूसरे की प्यास बुझाने की पूरी कोशिश कर रहे थे.
मैंने पूछा- पहले भी तुमने ऐसे किया था क्या?
तो वो कहने लगी- इतने मजे से नहीं किया था. इतना मज़ा कभी नहीं आया.
मैंने बीच में लंड निकाल कर उसकी चूत में जीभ डाल दी क्योंकि मैं भी देर तक उसकी चूत को भोगना चाहता था.
जीभ डालते ही वो जोर से आहें भरने लगी.
मैंने जीभ थोड़ी और अंदर कर दी और उसकी सिसकारियाँ और तेज़ होने लगीं. मैंने बहुत देर तक अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटा.
बहुत संकरी चूत थी उसकी; इससे पता चल रहा था कि इससे पहले उसने कभी पहले ज्यादा बड़ा लंड नहीं लिया था. मैंने अपनी जीभ को जल्दी जल्दी चलाना शुरू किया और चूत के ऊपर वाले हिस्से पर थोड़ी रगड़ दी. अब रुचि झड़ना शुरू हो गई और उसकी सिसकियाँ और तेज़ हो गईं
क़रीब पंद्रह मिनट तक मैं रुचि का मुखमैथुन करता रहा और वो झड़ती रही. मुझे उसकी चूत की ख़ुशबू मदहोश कर रही थी. एक अलग तरह का नशा मेरे ऊपर छा रहा था और इस बीच मेरा लंड ज़ोरों से फनफना रहा था.
उधर टीवी पर सनी लीयोनि तेज़ी से चुद रही थी इधर रुचि भी अब मदहोश हो रही थी. मैंने सोचा क्यूँ न अब लंड डाल दिया जाए चूत में। मैंने लंड का टोपा ऊपर किया और धीरे से उसकी चूत में डालने लगा.
मेरा लंड काफ़ी मोटा भी है. उसने जैसे ही लंड लिया तो वो चिल्ला पड़ी क्योंकि अब वो कई बार झड़ चुकी थी. उसने लंड बाहर निकालने के लिये कहा क्योंकि उसको दर्द हो रहा था.
लेकिन मैं तो अभी प्यासा था.
फिर वो कहने लगी कि हमारे पास अभी बहुत टाइम है. हम ये सब तो फिर बाद में भी कभी कर सकते हैं.
मुझे भी उसकी बात सही लगी मगर इस लंड क्या करें जो खड़ा होकर फनफना रहा है तो रुचि ने कहा- लाओ इसे मैं अपने मुँह में लेकर शांत कर देती हूं.
उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया.
अब मुझे भी कुछ अलग करने की सूझी और मैंने रुचि को अपने ऊपर लिटा कर 69 पोज़ीशन में ले लिया.
अब उसकी चूत मेरे मुँह में थी और मेरा लंड उसके मुँह में. मैंने दोनो हाथों से उसकी चूत को फैला कर अपनी जीभ को पूरी तरह से अंदर कर दिया. उधर रुचि भी मेरे लंड को पागलों की तरह चूस रही थी. उसने मेरे लंड को एक हाथ से नीचे की तरफ़ पकड़ रखा था और बाक़ी का हिस्सा अपने मुँह में लेकर ज़ोर से चूस रही थी. मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को फैला रहा था और उसे पूरा मज़ा दे रहा था.
इस बीच रुचि कई बार झड़ चुकी थी और मैं अपने चरम पर आने वाला था. रुचि और तेज़ होती चली गई. मैंने अपने दोनों पैरों को मोड़ कर रुचि को अपने नीचे लिटा लिया और मैं ऊपर आ गया. शरीर धीरे-धीरे अकड़ रहा था और मैं अब तेज़ी से झड़ने लगा. मेरा वीर्य बाहर निकल कर सीधा रुचि के मुँह में जा रहा था और वो बहुत अनुभवी औरत की तरह मेरा सारा वीर्य चट कर गई. इधर
मैं भी रुचि की चूत को अपनी जीभ से पूरी तरह से चट कर गया. हम दोनों निढाल होकर बेड पर पड़े रहे.
अब रुचि ने मेरे ऊपर आकर एक ज़ोरदार लिप किस किया. पागलों की तरह लिपट कर मुझसे आई लव यू कहने लगी. मैंने भी उसे लव यू टू कहा. इस तरह मेरी भतीजी ने मेरी महीनों की प्यास को उस दिन शांत कर दिया. मैंने भी उसकी चूत को चाट-चाट कर उसे अच्छी तरह से खुश कर दिया. बस थोड़ा सा मलाल ये रह गया था कि मैं उसकी चूत में वीर्य को नहीं निकाल सका.
लेकिन फिर अब जब हम दोनों के बीच में ये सब शुरू हो ही चुका था तो वो दिन भी कहां दूर था. जल्दी ही मुझे उसकी चूत फिर से मिली और मैंने उसकी जम कर चुदाई की. वो मुझसे प्यार करने लगी थी और मेरा पूरा साथ देते हुए मेरे लंड से अपनी चूत को चुदवाती थी.
मैंने कई बार उसकी चूत में ही वीर्यपात किया. बस जब उसके पीरियड्स होते थे तो हम चुदाई नहीं करते थे. इस तरह से मेरी बीवी सुधा की बेरुखी से उठी प्यास मेरी भतीजी ने बुझा दी.
दोस्तो, कैसी लगी मेरी ये पहली सच्ची कहानी? अभी आपको बहुत कुछ बताना है कि कैसे मैंने और रुचि ने चुदाई का मजा लिया. नये-नये एक्सपेरीमेंट किये. लेकिन उस सबके लिए आपको इंतजार करना होगा. आप इस कहानी पर अपनी राय देना न भूलें. मुझे आपकी प्रतिक्रयाओं का इंतजार रहेगा.
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