सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार, अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी
वो मदमस्त रात-1
के तीन भागों में आपने पढ़ा कि नायरा और उसकी सहेलियों और उनके पतियों ने बिना सेक्स किये आपस में भरपूर मस्ती करी. चूंकि उनका आपस में ये तय था कि सेक्स नहीं करेंगे इसलिए उन्होंने अपने आपस के वायदे को निभाया. पर ये जो तय किया था कि अपने अपने पार्टनर्स से कभी नहीं पूछेंगे कि उनके साथ कौन था और क्या हुआ, इस वायदे को वे जल्दी ही हिला गए.
आइये देखते हैं क्या हुआ.
उस रात अपने अपने घर जाकर सभी ने जम कर चुदाई की. लड़कियां चुदासी हो रही थीं … सभी की चूत गीली पड़ी थी और उधर लड़कों के लंड का तो तम्बू बना ही रहा.
नायरा और राहुल गाड़ी में बैठते ही होंठों से चिपक गए थे. धीरज ने भी पिंकी कि चूत में रास्ते भर उंगली करके रखी.
और अगले दिन चूंकि सन्डे था तो उस रात तो चुदाई जबरदस्त हुई. पर अभी तक किसी ने आपस में ये नहीं बताया था कि पार्टी में उनके साथ कौन था और क्या हुआ. पर चारों बहुत खुश थे कि उनकी सेक्स लाइफ में एक रंगीला बदलाव आ गया था.
सोमवार को सबसे पहले पिंकी ने फोन किया शबनम को … बोली- कमीनी क्या पार्टी करवा दी? दो दिन से चोद चोद कर भोसड़ा बना दिया है धीरज ने … इतना वाइल्ड सेक्स कभी नहीं किया हम लोगों ने!
पिंकी आगे बोली- कल तो वाइब्रेटर और लंड दोनों एक साथ घुसा दिया धीरज ने … अब कम से कम दो-तीन दिन तो मैं छूने नहीं दूंगी उसे.
यही हाल शबनम का भी था … बोली- तुम लोग नीचे गाड़ी में बैठ भी नहीं पाए होंगे, जब तक मुश्ताक ने मेरे कपड़े उतार दिए थे और वो वहीं सोफे पर शुरू हो गया था.
शबनम बोली- परसों से एक पूरा पैकेट सिगरेट पी चुकी हूँ. पहले जब मैं सिगरेट पीती थी तो उस समय मुश्ताक ज्यादा चिपटा चिपटाई नहीं करता था पर अब तो हाल ये है कि दो दिन से कपड़े पहने ही नहीं हैं. जब मैं लेट कर सुट्टे मार रही होती हूँ तो मुश्ताक चूत में या तो जीभ घुसा देता है या लंड.
शबनम ने नायरा को भी कांफ्रेंस पर ले लिया … उसका भी यही हाल था … उसके तो होंठ दुःख रहे थे, राहुल ने चुदाई के साथ उसके होंठों की चुसाई भी भरपूर की थी.
वो बोली- सीमा का फोन भी आया था. कह रही थी कि इससे तो सेक्स भी कर लेते तो काम पूरा हो जाता, कम से कम घर पर इतनी चुदाई तो नहीं होती.
सब हंस पड़ीं और बोलीं- चलो बृहस्पतवार को पिंकी के घर मिलते हैं.
सच बात तो यह है कि अगले दो दिनों में सभी जोड़ों ने आपस में ये जान लिया कि उनके पार्टनर के साथ उस रात दूसरे पार्टनर ने क्या किया. पर ये आपस में किसी ने नहीं बताया कि उनके साथ कौन था.
थर्सडे को सब लड़कियां दोपहर को पिंकी के घर इकट्ठी हुईं. सब आपस में लिपट के खूब हंसी. सभी का ये कहना था कि जो भी हो … मजा आ गया.
सीमा ने फिर अपना राग अलापा, बोली- एक बार मेरी सुन लो … सच बताना कि उस रात तुम्हारे साथ कौन था, क्या ये तुमने अपने पति को बताया या पति ने तुम्हें बताया … तुम सबको कसम है सच सच बताना?
सबने कसम खाकर बताया कि न तो उन्होंने बताया और न ही उनके पतियों ने पूछा.
सीमा ने फिर पूछा- क्या भविष्य में तुम इस राज को बताना चाहोगी?
तो पिंकी बोली- अपना घर खराब करना हो तो जरूर बताना. कोई चोरी तो की नहीं है, पर जब उसके पति को ये मालूम होगा कि उस रात कौन था या उसे यह मालूम होगा कि उसके पति के साथ कौन थी तो इससे फर्क तो कुछ भी नहीं पड़ेगा पर जरूरत भी क्या है? और फिर कोई भी किसी के साथ हो, ये तो तय है कि कोई भी अपने पार्टनर के साथ नहीं था. और सभी ने भरपूर एन्जॉय किया … तो इस राज को राज ही रहने दो.
अब सीमा अपनी असली बात पर आई, बोली- इसी तरह अगर हम लोग पार्टनर्स बदल कर सेक्स भी कर लें तो क्या फर्क पड़ेगा. और इस बात की भी क्या गारंटी है कि हममें से किसी ने उस दिन सेक्स भी कर लिया हो तो?
बात में दम था. पर सेक्स की हिम्मत नहीं पड़ रही थी किसी की … और पता नहीं उनके पार्टनर्स सेक्स की बात को मानेंगे या नहीं!
पर ये बात जरूर थी कि अब उनको मजा भी आ गया था और डर भी निकल गया था.
चारों ने यह तय किया कि सभी अपने पार्टनर्स से हल्के से पूछेंगी और अभी कोई जल्दीबाजी नहीं, शनिवार की पार्टी में अपने अपने पतियों का सबके साथ रुख देखेंगी.
रात को पिंकी ने धीरज से पूछा- सच बताना कि तुम्हें उस रात अपने पार्टनर के साथ मजा आया?
धीरज बोला- हाँ … अच्छा लगा.
पिंकी ने पूछा- कौन थी?
इस पर धीरज बोला- बता तो दूंगा पर क्या फायदा, क्रेज ख़त्म हो जाएगा, और फिर कहीं आपस में कुछ मनमुटाव न हो जाए.
पिंकी बोली- तुमने उसके अंदर हाथ डाला था क्या?
तो धीरज हंस पड़ा- क्यों किसी ने शिकायत की क्या?
पिंकी बोली- हाँ शबनम कह रही थी कि सिर्फ हाथ ही डाला लंड नहीं.
धीरज हंस पड़ा. वो समझ गया कि पिंकी तुक्का मार रही है क्योंकि उसके साथ शबनम तो थी ही नहीं. धीरज बोला- मन तो था लंड डालने का … पर तुम लोगों ने ये तय किया था कि सेक्स नहीं! तो वायदे पर तो रहना ही था.
पर उसने पिंकी से पूछा- क्या तुम चुद गयीं उस रात? और अगर चुद भी गयीं तो मुझे कोई एतराज नहीं.
पिंकी ने उसे कस कर चिपटा लिया, बोली- वायदा निभाना मुझे भी आता है. भले ही मन कर गया था पर तय तो यही था कि नो सेक्स तो नो सेक्स.
लगभग यही बातचीत चारों घरों में हुईं.
अगले दिन सभी लड़कियों ने आपस में बताया कि उनके पार्टनर्स बहुत कम्फर्टबल हैं और शायद उन्हें सेक्स से कोई परहेज नहीं होगा.
पर उन लोगों ने ये तय किया कि अभी इस विषय में कोई जल्दीबाजी नहीं … अभी आपस में आत्मीयता और बढ़ने दो.
अगले शनिवार को पार्टी पिंकी-धीरज के घर थी. सभी बहुत गर्मजोशी से मिले … किसी के चेहरे पर कोई टेंशन नहीं थी, लड़कियां ज्यादा उछल रही थीं. सभी को ख़ुशी यह थी कि एक नए ढंग से मस्ती हुई. और अच्छी बात यह है कि किसी को कोई फर्क नहीं.
राहुल, धीरज, राजीव और मुश्ताक तो अलग ग्रुप बना कर ड्रिंक्स के गिलास लेकर हंसी ठट्ठा कर रहे थे तो पिंकी, शबनम, सीमा और नायरा वहीं अलग बैठ गयी थी.
हंसी मजाक जोरों पर था. शबनम-पिंकी ने सिगरेट सुलगा ली थी. अब सिगरेट को लेकर किसी को कोई उलझन नहीं थी.
पिंकी ने सुझाव दिया कि चलो सब लोग डांस करेंगे … और इस बार लाईट ऑन रहेगी. पर सबको छूट होगी कि वो पार्टनर्स बदल बदल के डांस कर लें. बदमाशी कुछ नहीं होगी.
उसने ‘जंगल है आधी रात है, लगने लगा है डर’ म्यूजिक लगा दिया और सब लोग अपने अपने पार्टनर्स के साथ डांस करने लगे.
कुछ मिनट बाद म्यूजिक अपने अपने आप बदला और पार्टनर्स भी बदल गए. राहुल के पास सीमा आ गयी, धीरज के पास नायरा, पिंकी खुद ही मुश्ताक की बाँहों में झूल गयी और शबनम राजीव के पास.
अब म्यूजिक नशीला था और समां रंगीला … सभी मस्त होकर धीरे धीरे घूम रहे थे. सभी की बाँहों का घेरा अपनी जोड़ी को घेरे था.
सीमा बोली- अगर सब को ठीक लगे तो क्या लाईट धीमी कर लें?
नायरा हंस कर बोली- कर तो ले धीमी … पर राहुल को सताना मत ज्यादा, वर्ना वो आज नहीं छोड़ेगा.
पिंकी बोली- कोई छोड़े न छोड़े, नायरा तुझे धीरज नहीं बक्शेगा.
हंसी मजाक के बीच पिंकी ने लाईट धीमी कर दी. फिर एक बार म्यूजिक बदला. पर मजे की बात ये कि अबकी बार किसी ने पार्टनर नहीं बदला.
पिंकी बोली- मैं दो मिनट के लिए लाईट बंद कर रही हूँ, सब लोग अलग अलग हो जाएँ, म्यूजिक चलेगा और फिर जिसके पास जो आ जाएगा, अगले दो मिनट वो उसी के साथ डांस करेगा. म्यूजिक बंद होने पर सब वापिस अलग अलग आ जायेंगे. अगला म्यूजिक चलेगा तब मैं लाईट ऑन करुँगी. अगर किसी को कोई एतराज हो तो वो बैठ कर ड्रिंक या स्नैक्स का मजा ले सकता है.
सबने हूटिंग करके उसकी बात का समर्थन किया.
सब लोग अलग अलग होकर खड़े हो गए. सब इस तरह से खड़े हुए थे कि म्यूजिक शुरू होते ही जो जोड़ी बनें वो पति पत्नी की न बनें.
पिंकी ने लाईट बंद कर दी … म्यूजिक चला दिया … नाजिया हसन का ‘आओ न प्यार करें …’
नई जोड़ियाँ बन चुकी थीं, कौन किसके साथ था किसी को नहीं मालूम था. माहोल गर्म था क्योंकि अँधेरा था और जवां शरीर चिपक कर डांस कर रहे थे. ये तो तय था कि उन सभी के होंठ चिपके हुए होंगे और हाथ भी इधर उधर हो रहे होंगे.
पिंकी ने ये सब अचानक करवा दिया, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी … पर आग तो भड़क चुकी थी … इन दो मिनटों में शायद वो सब कुछ हो गया जिसकी इन जोड़ों ने तैयारी नहीं की थी. अब दो मिनट में सेक्स तो नहीं हो सकता था, पर हाँ अब माहौल तैयार था … म्यूजिक थमा पर जोड़े चिपके रहे.
पिंकी अलग हुई, पर उसे अहसास था कि कोई भी अलग नहीं हुआ है और ऐसे में लाईट खुलना पता नहीं ठीक होगा या नहीं!
तो उसने एनाउन्स किया- मैं लाईट खोल रही हूँ. वन … टू … थ्री.
अब सब अलग हो चुके थे और लड़कियां तो लाईट खुलते ही वाशरूम की ओर भागीं. वहां का नजारा अजीब था. लड़कों के चेहरे पर लिपस्टिक के निशाँ थे, शर्ट के ऊपरी बटन खुले थे और शर्ट पैंट से बाहर निकली ही थी.
धीरज की तो ज़िप खुली थी जो राजीव ने हँसते हुए उसे दिखाई.
सभी के बाल भी अस्त व्यस्त हो चुके थे … लड़कियां जब एक साथ वाश रूम में घुसी तो वहां से जोर की हंसी की आवाज आ रही थी.
बाहर आकर सबने बताया कि आज तो उनकी इज्जत लुटी है, वो तो सब लड़कों को बेहद शरीफ मानती थीं पर आज उनकी शराफत देख ली.
डिनर का टाइम हो गया था. डिनर पर राजीव ने आइडिया दिया कि अगले वीकेंड पर सब लोग दो दिनों के लिए बाहर चलते हैं … मस्ती होगी.
क्या होगा अब ये सब समझ गए थे … अब उसमें कसर ही क्या रह गयी थी … कहाँ चलना है ये जिम्मेदारी नायरा और राहुल पर छोड़ दी.
दोस्तों मुझे लिखियेगा कैसी लग रही है आपको यह कहानी. आप में से अनेक लोगों ने मुझे अपने सेक्स अनुभव और फंतासी शेयर की हैं कि मैं उस पर कहानी लिखूं. मेरा प्रयास होगा कि अपने पाठकों का मन भी इस बात से पूरा करूं.
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