यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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दोस्तों अब कहानी को आगे बढ़ाते हैं…
राहुल ने दो दिन बाद ही सबको बता दिया कि उसने जयपुर में एक रिसोर्ट में चार कॉटेज बुक करवा दी हैं. उस रिसोर्ट में चार कॉटेज और एक रॉयल सुइट के हिसाब से चार विलेज बांटे हुए थे. राहुल ने एक पूरा विलेज यानि पाँचों बुक करवा लिए, जिससे उन्हें कोई डिस्टर्बेंस न हो. उनका अपना स्वीमिंग पूल भी था.
तो यह तय रहा कि अगले शनिवार को सुबह 7 बजे सब निकल लेंगे.
अपनी लेडीज मीटिंग में चारों लड़कियों ने आपस में खुल कर बात करी. सबको यह तो अंदाज था कि वहां मस्ती होगी, पर क्या होगा यह तय नहीं था. और पहले से तय हो भी नहीं सकता था.
पर ये तय था कि उन लोगों की दोस्ती में एक नए अध्याय की शुरुआत होने वाली थी.
हालांकि अभी दो हफ्ते पहले ही पार्लर गर्ल्स को बुलाकर बॉडी चमकवायी थी, पर अब तो कुछ बात ही नयी होने को थी. तो एक बार फिर चारों ने अगले दिन पार्लर जाना तय किया.
सभी ने ये भी तय किया कि कपड़े छोटे से छोटे रखने हैं और अपने अपने शौक के हिसाब से सामान रख लेना है.
यह आइडिया शबनम का था जिसने अपने साथ चारों के लिए वाइब्रेटर, सिगरेट और बियर रखनी थीं.
ऐसे ही मस्ती की पूरी तैयारी के साथ सब एक ही इन्नोवा में निकल लिए. सामान कम ही लिया और वो भी ऊपर कैरिएर में रख दिया. रिसोर्ट में दोपहर तक पहुंचे. बहुत मस्त जगह थी. ऑफ सीजन होने से भीड़ बिल्कुल नहीं थी और इन्हें तो वैसे भी प्राइवेसी मिली हुई थी. बाकी के विलेज में भी ज्यादा भीड़ नहीं थी … इसलिए मेहमानदारी ठीक हो रही थी.
राहुल ने रिसोर्ट को बता रखा था कि सुइट को ये लोग कॉमन इस्तेमाल करेंगे इसलिए पहुँचते ही नाश्ता सूट में लगवा दिया गया.
भूख जोर की लगी थी, सभी ने भरपेट नाश्ता किया और अपने अपने कमरों में फ्रेश होने चले गए.
लंच के लिए एक घंटे बाद का समय रखा.
कमरे में आते ही पिंकी ने तो अपने कपड़े उतार फेंके और बिस्तर पर लेट गयी. धीरज समझ गया कि वो चुदासी हो रही है … पर एक बात जो सभी मर्दों ने तय कर रखी थी कि रात तक कोई चुदाई नहीं करेगा बस आग भड़कायेगा.
धीरज ने भी अपने कपड़े उतार दिए और नीचे झुक कर पिंकी की चूत में अपनी जुबान घुसा दी. पिंकी की चूत बिल्कुल गीली हो रही थी.
पिंकी ने उह आह की आवाज निकालनी शुरू कर दी. उसने धीरज को अपनी ओर खींचना चाहा पर धीरज उसका मतलब समझ गया. उसने पिंकी को ही गोद में उठा लिया और बोला- चलो शावर लेते हैं, फिर लंच लेने भी जाना है.
लगभग यहीं हाल सभी कोटेज में था.
लड़कियां सोच रही थीं कि चोदने को हर समय तैयार इन लड़कों को आज हुआ क्या है.
सभी नहाकर हल्के से हल्के कपड़े पहनकर सुइट में इकट्ठे हुए. ड्रेस कोड लड़कियों ने तय कर रखा था. सभी लड़कियां फ्रॉक में आयीं थीं. ये सबका तय था कि चूंकि दो दिन कहीं बाहर नहीं जाना, बस इसी विलेज में रहना है जहां स्टाफ के अलावा कोई बाहर का नहीं आएगा तो इन दो दिनों कोई भी लड़की या लड़का अंडरगारमेंट्स नहीं पहनेगा. मतलब लड़कियों की तनी चूचियां और लड़कों के खड़े लंड साफ़ दिखाई देंगे.
सबसे ज्यादा आफत तो नायरा की थी, एक तो उसके मम्मे सबसे भारी, ऊपर से बिना ब्रा … पिंकी ने आते ही सीमा के चूतड़ों पर हाथ फिराया यह देखने के लिए कि उसने पैंटी तो नहीं पहनी. सीमा हंस पड़ी … बोली- मैं तेरी तरह कमीनी नहीं हूँ … जो तय हो गया वो हो गया.
शबनम बोली- मुझे लग रहा है कि सीमा और राजीव अंडरगारमेंट्स पहन कर आये हैं.
राजीव बोला- शबनम हाथ अंदर डाल कर देख लो.
सब हंस पड़े.
लंच बहुत लजीज था, सबने छक कर खाया.
अब यह तय हुआ कि शाम की चाय तो अपनी अपनी कॉटेज में ली जाए और शाम को सात बजे स्वीमिंग पूल पर इकट्ठे होंगे … डिनर तो सुइट में ही लेंगे.
राजीव ने स्टाफ को यह बोल दिया कि पूल पर हमें प्राईवेसी चाहिए तो वो लोग ड्रिंक्स और स्नैक्स पूल पर लगा कर वापिस चले जाएँ. जब डिनर लगना होगा, उन्हें बुला लेंगे.
अब सब लोग वापिस अपनी अपनी कॉटेज में जाने लगे. मुश्ताक ने सबको धीरे से कहा- सब चुपचाप जाकर सो जाना ताकि शाम को फ्रेश होकर मजे लिए जाएँ.
उसने साफ़ कह दिया कि अभी कोई चुदाई में मत लग जाना. वो तो रात को महफ़िल में होगी.
शाम को 7 बजे सब लोग स्वीमिंग पूल पर इकट्ठा हुए … सभी बहुत खुश और फ्रेश थे. साफ़ जाहिर था कि ग्रुप लीडर की बात मानकर उन्होंने नींद पूरी ले ली थी.
पूल के पास एक टेबल पर ड्रिंक्स, जूस और स्नैक्स लगे थे. सभी लोग स्विमिंग कॉस्टूम में ही थे … लड़कियों में शबनम का स्विम सूट सबसे सेक्सी था.
शबनम ने पिंकी से पूछ ही लिया- आज तो धीरज ने अंदर फिट करके नहीं भेजा न?
उसका मतलब वाईब्रेटर से था.
सब हंस पड़े.
एक राउंड स्नैक्स का शुरू हुआ. लड़कियों ने तो जूस लिया पर लड़कों ने बियर खोल लीं. उनकी केन से लड़कियों ने भी एक दो सिप मार लिए.
थोड़ी देर में हल्का सा अँधेरा हो आया था. अब सब लोग पूल में उतर गए. लगभग सभी को थोड़ी बहुत स्विमिंग आती थी. थोड़ी थोड़ी देर में उनमें से कोई बाहर आता … पकोड़े पर हाथ साफ़ करता और बियर के घूँट मारकर दोबारा पूल में चला जाता.
अब 8 बज गए थे, अँधेरा हो गया था.
राजीव ने पूल की लाईट काफी धीमी कर दी थीं. म्यूजिक मस्त चल रहा था. अब पूल में चूमाचाटी शुरू हो गयी थी. सभी अपने अपने पार्टनर्स से चिपक कर पूल के मजे ले रहे थे.
शबनम का तो हाथ मुश्ताक के स्विम सूट के अंदर था और यही बेशर्मी धीरज और पिंकी भी कर रहे थे.
सीमा चीखी- अरे अभी से शुरू हो गए तो रात की पार्टी लायक रहोगे नहीं.
पिंकी बोली- अच्छा सीमा, चल एक काम कर … तू राजीव को जरा इधर भेज दे, तू बाहर घूम आ.
राजीव फ्लोट करके पिंकी की ओर गया तो नायरा और मुश्ताक भी पूल से बाहर निकल गए. नायरा को वाशरूम जाना था तो मुश्ताक बियर के चक्कर में था. अब पिंकी और राजीव, शबनम के साथ धीरज, सीमा और राहुल पूल में रह गए.
सभी के पार्टनर्स बदल गए थे.
मुश्ताक ने लाईट बिल्कुल बंद कर दी अब केवल चांदनी रात की चांदनी थी … माहौल बेहद सेक्सी हो गया था.
मुश्ताक और नायरा भी पूल में उतर गए थे. तभी राजीव फ्लोट करके नायरा के पास आ गया और मुश्ताक फ्लोट करके पिंकी के पास चला गया.
अब सबके पार्टनर बदल गए थे तो सभी हाथों में हाथ लेकर स्विम करने लगे. अब शबनम के इशारे पर चारों जोड़े अलग अलग कोने में चले गए. हालाँकि पूल ज्यादा बड़ा नहीं था पर इतनी दूरी हो गयी थी कि पड़ोसी जोड़े को ज्यादा उलझन न हो.
सबसे फुर्ती शबनम और धीरज ने दिखाई. दोनों नीचे डाइव मारते, नीचे से ऊपर आते में किस करते. नायरा बेक फ्लोटिंग कर रही थी तो राजीव नीचे से उसके चूतड़ सहला रहा था.
उसका हाथ कभी कभी उसके मम्मों पर भी लग जाता.
पिंकी ने मुश्ताक के होंठ से होंठ लगाए हुए थे और दोनों पूल की वाल के साथ साथ धीरे धीरे घूम रहे थे. शायद पिंकी के हाथ में मुश्ताक का लंड भी था क्योंकि उसके हाथ ऊपर नहीं दिखाई दे रहे थे.
सीमा और राहुल वाशरूम के बहाने बाहर आ गए थे. उन्हें वाशरूम में घुसे 5-7 मिनट हो गए थे … कोई भी समझ सकता था कि अंदर क्या हो रहा होगा.
आधे घंटे में सब मस्ती कर पूल से बाहर आ गए … अब किसी का किसी से कोई पर्दा नहीं था. सब अपने अपने मन में जानते थे कि पिछले एक महीने में में उन्होंने बिना सेक्स के कौन कौन से पार्टनर बदले हैं.
डिनर का इंतजाम सुइट में था, पर सब भीगे थे. अतः अपने अपने कॉटेज में जाकर कपड़े बदलने थे … रात की प्लानिंग सीमा-राजीव के जिम्मे थी इसलिए सभी आदमियों को राजीव ने बोल दिया कि वे इस तैयारी से आयें कि रात उन्हें अपने कॉटेज के अलावा कहीं और भी काटनी पड़ सकती है.
धीरज ने पूछा- क्या मतलब?
तो सीमा बोली- सब समझा देंगे, बस कपड़े बदल आओ.
सब फटाफट कपड़े बदलकर आ गए और डिनर का आनंद लेने लगे. 10 बजे तक डिनर से निबटे तो राजीव ने स्टाफ को जाने को बोल दिया.
अब सब उत्सुक थे कि अब क्या होने वाला है.
सीमा ने सुइट का दरवाजा लॉक किया और आगे के प्रोग्राम का खुलासा किया.
उसने सबसे पहले तो लाईट काफी धीमी करी और म्यूजिक चला दिया … गाना भी उसने छांट के लगाया … जरा जरा बहकता है, आज मेरा मन, मैं प्यासी हूँ.
साउंड धीमी करके उसने कहा- अभी सबको मालूम है कि हम क्या करने वाले हैं, मैं उस शर्म को हटाकर साफ़ कह रही हूँ कि आज हम अपने पार्टनर्स बदल कर रात रंगीन करने जा रहे हैं. हम लोगों ने पिछली तीन मुलाकातों में अपने अपने पार्टनर्स बदल कर मस्ती की है, सेक्स नहीं किया. मेरा ऐसा मानना है कि हर बार हम लोगों ने अपने बदले पार्टनर के साथ एन्जॉय किया, मतलब हम आपस में सभी एक दूसरे के साथ कम्फर्ट फील कर रहे हैं, अब शायद हम अपने मन में यह तय कर चुके होंगे कि यदि हमें रात भर किसी के साथ रहना है तो हमारा पार्टनर कौन हो.
हमने यह म्यूजिक चलाया है. सबसे पहले हम अपने पार्टनर के साथ ही डांस करेंगे और एक तरह से उससे इस मस्ती की परमिशन लेकर जल्दी जल्दी अपने पार्टनर्स बदलेंगे. इस दौरान जिस लड़की को जिस लड़के के साथ रात गुजारनी है वो उसके कान में ‘आई लव यू’ बोल देगी और अपना कोटेज नंबर बता देगी. इसके बाद लड़कियां अपने अपने कॉटेज में जाकर अपने प्रेमी का इन्तजार करेंगी और यहाँ अँधेरा कर दिया जाएगा … हर एक मिनट बाद एक लड़का अपनी प्रेमिका के बताये कॉटेज में चला जाएगा.
सुबह एक एक करके सब लोग अकेले अकेले सुईट के लॉन में मिलेंगे … न कोई किसी से पूछेगा कि उसके साथ रात को कौन था … और न ही कोई अपने लाइफ पार्टनर से कभी पूछेगा ताकि जो पर्दा है वो बना रहे … और अगर सब कुछ अच्छा होता है तो कल रात कि प्लानिंग कल लंच में तय करेंगे. इस तरह हम फिर एक बार इस बात को बेपर्दा होने से बचा लेंगे कि कौन किसके साथ था.
सबने ताली बजकर सीमा के प्लान की तारीफ की.
कहानी जारी रहेगी.
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