बीवी की कुंवारी बहन की चूत का सिल तोड़ा!

मेरा नाम राहुल (नाम बदला) है, मेरी उम्र 33 साल है और मैं गुरुग्राम का रहने वाला हूँ. औसत दिखने वाला हूँ और लंड का साइज़ सवा छह इंच है.
मैं एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ और शादीशुदा हूँ.

ये जीजा साली Xxx कहानी लॉकडाउन से पहले जनवरी की एक सच्ची घटना पर आधारित है, जो मेरे साथ हुई. उस घटना को याद करके मैं आज भी लंड हिला लेता हूँ.

ये सेक्स कहानी मेरी और मेरी साली के बीच हुई चुदाई की कहानी है.

मेरी साली का नाम दीपिका है और वो 23 साल की अविवाहित कुंवारी लड़की है.

दीपिका की हाइट करीब 5 फुट 4 इंच है. उसका रंग एकदम साफ़ है और 23-28-32 का फिगर है. दीपिका इतनी सुंदर है कि उसे पहली बार देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया था. मैंने उसे देखते ही सोच लिया था कि इसको तो कैसे भी करके चोदना ही है.

जनवरी में मेरी साली हमारे यहां रहने आई थी. वो बहुत फ्रेंड्ली नेचर की है और थोड़ी बोल्ड भी है. उसे छोटे कपड़े पहनना काफ़ी पसंद है और ज़्यादातर वो टी-शर्ट और शॉर्ट्स में ही रहती है.

मैंने चुपके से उसको नहाते हुए भी देखा है, सच में क्या हॉट माल है. उसकी गोरी टांगें और जांघें देख कर मैंने कई बार लंड हिलाया है.

अब जीजा और साली में मज़ाक होता ही रहता है. इसलिए मैं कई बार उससे लिपट कर सो जाता था … और वो बुरा भी नहीं मानती थी.

एक दिन मैंने उससे कहा- इतनी बिंदास रहती हो, कोई पीछे पड़ गया … तो लेने के देने पड़ जाएंगे.
वो बोली- कौन पड़ जाएगा पीछे!

मैंने कहा- मतलब आगे पड़ जाएगा.
वो हैरत से मुझे देखने लगी और बोली- आप क्या कह रहे हैं सब मेरे ऊपर से निकल रहा है.

मैंने कहा- समझना चाहोगी तो नीचे से भी गुजर जाएगा.
वो उल्लुओं से आंखें झपकाने लगी.

मैं हंस दिया और उससे कहा- सच में तुम ‘सी ..’ हो.
वो बोली- अब ये ‘सी ..’ क्या होता है?

मैंने कहा- खुल कर बता दूँ क्या?
वो बोली- हाँ बताओ जीजू?

मैंने कहा- बुरा तो नहीं मानोगी?
वो बोली- नहीं मानूँगी … आप कहो तो.

मैंने कहा- सी मतलब चूतिया.
वो एकदम से भड़क गई और मेरे ऊपर मुट्ठी तानते हुए बोली- मतलब आपने मुझे चूतिया कहा.

मैंने हंस कर कहा- हां तुम हो चूतिया.
वो बोली- वो कैसे?

मैंने कहा- कुछ समझती ही नहीं हो.
उसने कहा- जीजू आप मुझे ठीक से समझाओ न, तब तो मैं समझूँगी.

तभी मेरी बीवी आ गई और मैंने बात घुमा दी.
इधर एक बात मैंने नोट की कि दीपिका ने भी एकदम से बात बदल दी थी.

मेरी बीवी ने पूछा- क्या समझाने की बात हो रही है जीजा साली में?
उसने कहा- एक गणित का सवाल था दीदी. जीजू को आ नहीं रहा था, तो मैं कह रही थी कि समझाओ.

मैं दीपिका की इस होशियारी से दंग रह गया था. वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी.

बीवी वापस किचन में चली गई, तो मैं उसकी तरफ प्रशंसा से देखने लगा.

वो धीमे से बोली- अब बताओ कि सी कौन है?
मैं हंस दिया और मैंने कान पकड़ कर उससे हार मानने का इशारा कर दिया.

वो बोली- अरे जीजू … मैं सब समझती हूँ, बस आप ही नहीं समझते हो.

मैंने अपने लंड पर हाथ फेरा और उसकी तरफ वासना से देखने लगा.
वो बोली- बस हाथ ही फेरने से कुछ नहीं होगा.

मैंने समझ लिया कि बंदी मेरे लंड से चुदने को राजी है.

अभी उससे कुछ कहने के लिए मैंने मुँह खोला ही था कि उसने मेरी बीवी को आवाज लगा दी- आप उधर अकेली क्या कर रही हो, मैं आ जाऊं?
मेरी बीवी की आवाज आ गई- हां आ जा.

वो फुर्र हो गई और मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने बाथरूम में जाकर खुद को ढीला कर लिया.

शायद उसने मुझे बाथरूम में जाते हुए देख लिया था.

जब मैं बाहर आया तो उसने मेरी चुटकी ली- हाथ धो आए जीजू, चलो गर्म गर्म भजिया खा लीजिए.

उसकी इन दो-अर्थी बातों से मेरे अन्दर आग लग गई थी और मैंने सोच लिया था कि पहला मौका मिलते ही इसकी चुत फाड़ दूंगा.

वो मुझसे अब इसी तरह की कामुक बातें करने लगी थी.

एक दिन मैंने भी उससे अकेले में चूम लिया था, जिस पर वो ये कहते हुए भाग गई थी कि थोड़ा सब्र रखो.

अब सब्र किसे था.

मगर मौक़ा मिल ही गया.
उस दिन मेरी वाइफ को कहीं अर्जेंट काम से जाना था, तो वो सुबह ही निकल गई. उसे शाम तक आने का था.

तो मुझे लगा ये अपनी साली को रगड़ने का बिल्कुल सही मौका है. मैं सुबह बीवी को ड्रॉप करके वापस आया, तो मेरी साली बिस्तर पर सो रही थी.

मैं भी उसकी रज़ाई में घुस गया और उसको पीछे से बांहों में ले लिया.
उसकी मुलायम गांड मेरे लंड से टकरा रही थी इससे मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था. मैं अपने हाथों से उसके मम्मे दबा रहा था.

जैसे ही उसको मेरा लंड चुभा और उसने गांड थोड़ी पीछे की. इससे मेरा लंड उसकी गांड पर ज़ोर से दब गया और वो एकदम से आगे को हो गई.

इससे मैं डर गया कि उसने मेरी ये हरकत का बुरा तो नहीं मान लिया.
पर जब वो कुछ बोली नहीं और नींद का ड्रामा करके सोती रही.
तो मुझे लगा ये इसकी तरफ से ग्रीन सिग्नल है.

मैंने दोबारा से उसे जकड़ लिया, पर डर के मारे ज़्यादा कुछ नहीं किया.

थोड़ी देर बाद मैं वहां से अपने कमरे में आ गया और रज़ाई में नंगा होकर उसके नाम से लंड हिलाने लगा, साथ में पॉर्न भी देख रहा था.

मैं इतना मगन था कि मैंने टाइम पर ध्यान ही नहीं दिया. वो उठ गई थी और मेरे कमरे के गेट पर खड़ी थी.

वो मुझे फटी हुई आंखों से देख रही थी. मैंने उसको देखा और झेंप गया.
वो भी आंख दबा कर चली गई.

मुझे लगा साली कहीं मेरी बीवी को सब बता न दे.

मैंने हिम्मत जुटाई और उसके कमरे में चला गया.
वो बैठी हुई थी और किसी सोच में डूबी थी.

मैंने गेट पर नॉक किया, तो वो बोली- अरे जीजू आप … अन्दर आ जाओ न!
मैं- तुम मेरे कमरे में आई थी, कुछ काम था क्या!
दीपिका- नहीं, मैं तो बस नाश्ते के लिए पूछने आई थी, पर आप तो कहीं और ही बिज़ी थे.

ये कह कर वो मुस्करा दी.

मेरे दिमाग़ की घंटी बजी.
मैंने कहा- हां, मैं तो तुम्हारे ही ख्याल में था.
ये कहते हुए मैं उसके पास जाकर बैठ गया.

दीपिका ने कहा- अच्छा, ऐसा आप क्या सोच रहे थे, जो …
मैंने उसकी बात काटते हुए कहा- यही कि इतनी खूबसूरत जवान हसीना के साथ क्या क्या हो सकता है.

दीपिका- अच्छा तो क्या करना चाहते हो!

उसकी आंखों में एक चमक थी और सांसें भारी हो उठी थीं.
मैंने कहा- जो तुम चाहो.

ये कहकर मैं उसके और करीब हो गया.
हम दोनों इतने करीब थे कि हम दोनों एक दूसरे की गर्म सांस को महसूस कर सकते थे. हम दोनों की आंखों में एक नशा सा था.

दीपिका- पर ये तो दीदी के साथ धोखा होगा, मैं ये सब कैसे कर सकती हूँ.
मैं- धोखा तब होगा, जब उसको पता चलेगा.

ये कहकर मैंने उसको बांहों में भर लिया और सीने से लगा लिया.

उसकी गर्म सांसें मेरी छाती पर टकरा रही थीं और मैं उसके बालों को सहला रहा था; अपनी उंगलियां उसकी गर्दन में घुमा रहा था.

हम दोनों काबू में नहीं थे. जैसे बस अब हम दोनों यही चाहते थे. उसके कांपते होंठों पर मैंने अपने होंठ रख दिए और किस किया.
हवस मेरे ऊपर भी हावी हो चुकी थी और उस पर भी.

मैंने देर ना करते हुए उसके कपड़े खोल दिए और अपने भी … अगले कुछ पलों में हम दोनों नंगे रज़ाई के अन्दर चिपके हुए थे. हम दोनों की गर्म सांसें टकरा रही थीं.

फिर मैंने उसके एक मम्मे को दबाया, तो उसने मुझे अपनी बांहों में और जोर से कस लिया.

मैंने अपना शादी का एक्सपीरियेन्स इस्तेमाल किया और झट से नीचे हो गया. मैंने उसकी टांगों के बीच में जाकर अपनी जीभ का कमाल दिखाया.

उसकी चिकनी गुलाबी चुत को मैंने चूमा और धीरे से चाटने लगा. इससे कुछ ही देर में उसकी पीठ ऐसे अकड़ने लगी, जैसे उसके शरीर में एक करेंट सा दौड़ गया हो.

उसने अपने अपने हाथों से मेरे बाल जोर से पकड़ लिए और अपनी चुत में मेरा सर दबाने लगी.

मैंने लगभग 10 मिनट तक उसकी चुत चूसी. वो इस दौरान कांपती रही और बाद में एंजाय करने लगी.

थोड़ी देर बाद उसने अपना पानी छोड़ा, तो मैंने रस चूस लिया और चुत रस से गीले होंठ उसके होंठों पर रख दिए.

उसने होंठ खोले तो मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल कर उसे किस की.

कुछ देर बाद दीपिका ने मेरे कान में कहा- अब मेरी बारी.

तो मैंने खुश होकर उसके मुँह में अपना लंड दे दिया और वो मजे से लंड चूसने लगी.
मैं सातवें आसमान पर था. मैं लंड चुसवाते हुए उसके चूचों और गांड से खेल रहा था.

थोड़ी देर लंड चूसने के बाद वो बोली- जीजू मुझे चोदोगे?
मैंने कहा- नेकी और पूछ पूछ.

मैंने तुरंत उसको नीचे लिया और तकिया उसकी गांड की नीचे लगा दिया. मैंने उसे चुदाई की पोजीशन में करके लंड सैट किया और एक ही शॉट में लंड चुत में उतार दिया.

वो अपनी कुंवारी चुत में मोटा लंड एकदम से लेकर छटपटा उठी और चीखने लगी.
पर हवस मेरे ऊपर इतनी भारी थी कि मैं रुका ही नहीं. उसकी चुत में लंड के ज़ोर ज़ोर से शॉट देने लगा.

थोड़ी देर बाद वो भी रिदम में आ गई और साथ देने लगी. पूरा कमरा हमारी चुदाई से धधक उठा था.

फिर मैंने उसको अपने ऊपर आने को कहा. वो मेरे लौड़े पर सवार हो गई और मेरे लंड पर गांड उछाल कर चुद रही थी.
उसके मस्त मम्मों को मैंने दबाया और चूसा सच में अपनी साली कुंवारी चुत चोदने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर मैंने उसको डॉगी स्टाइल में चोदा, उसके बाल पकड़ कर खींचे और चुत में लंड पेल कर शॉट पर शॉट लगाने लगा.

वो भी मादक सिसकारियां भरने लगी- आह जीजू … और तेज़ और और … चोद दो मुझे … प्लीज़ ऊऊहह जीजू … प्लीज़ और करो.
ऐसे करते करते वो झड़ गई.

अब मैं भी झड़ने वाला था, तो मैंने पूछा- रस कहां निकालूं बेबी?
वो उठ कर घुटने के बल बैठ गई और उसने अपना मुँह खोल दिया.

मैंने भी अपना लंड उसके गले में पेल दिया और मुँह चोदने लगा. मैंने अपने सारा माल उसके गले में उतार दिया.

हम दोनों हांफते हुए बिस्तर पर गिर गए.

बाद में देखा कि उसकी चुत की सील टूट गई थी और खून की बूंदें चादर को खराब कर चुकी थीं. उसने झट से चादर बदल दी और मुस्कुरा दी.