मेरी बुआ की लड़की का नाम निशा (बदला हुआ नाम) है. निशा की शादी हो चुकी है लेकिन शायद उसकी उफनती जवानी का रस उसका पति नहीं निकाल पाता था.
यह हॉट कजिन Xxx कहानी उसी निशा के साथ की है.
एक बार की बात है, निशा कुछ दिनों के लिए मेरे घर रहने को आई.
बातों ही बातों में निशा और मेरी पत्नी रेखा के बीच चुदाई की बात शुरू हो गई.
जब मेरी पत्नी ने बताया कि कैसे मैं उसकी चुदाई करता हूं तो निशा ये सुनकर बिल्कुल पागल हो गई.
उसका भी मन मेरे मोटे लंड से चुदने को बेताब हो गया.
ये बात उसने मेरी प्यारी बीवी रेखा से कही.
रेखा ने उससे कहा कि अगर इतना ही चुदने का मन कर रहा है तो वह कुछ जुगाड़ कर देगी.
मेरी पत्नी रेखा ने ये बात मुझे बताई.
मैंने अपनी प्रियतमा से कहा- देख लो, कल को कोई दिक्कत न हो?
रेखा ने कहा- ऐसी कोई बात नहीं है, उसका मर्द उसको संतुष्ट नहीं कर पा रहा है, बेचारी बहुत प्यासी है. आप उसकी प्यास बुझा दो.
मैंने कहा- ठीक है.
उसी दिन शाम को रेखा अपनी मम्मी से मिलने चली गई.
ये हम दोनों का प्लान था क्योंकि रेखा चाहती थी कि निशा चुदाई का पूरा मजा ले सके.
मेरी एक आदत है कि शाम को नहाने के बाद मैं ड्रिंक करता हूं.
उस दिन शाम को जब मैं रूम पर गया तो दरवाजा निशा ने खोला.
कसम से क्या क़यामत लग रही थी … बड़ी सी बिंदी, आंखों में काजल, सुर्ख लाल लिपस्टिक और टाइट कुर्ती पजामी.
मैं अंदर जाकर नहाने चला गया.
मुझे नहीं पता था कि निशा कुछ शुरुआत करेगी या नहीं.
मैं बस उसको चोदने के बारे में सोच रहा था.
जब मैं नहाकर बाहर निकला तो देखकर हैरान हो गया कि निशा किचन में खड़ी थी.
उसने केवल ब्लैक ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी और किचन की स्लैब पर टेक लगाकर मुस्कराते हुए मुझे उसके पास आने का इशारा कर रही थी.
उस वक्त वह किसी कामदेवी से कम नहीं लग रही थी.
मैंने सोचा नहीं था कि वो इस तरह से खुलकर मेरे सामने आएगी.
मैं भी खुद को रोक नहीं पाया और तौलिया लपेटे हुए ही उसके पास चला गया.
जाते ही वो मुझसे लिपटने लगी.
मेरे होंठों, गालों, गर्दन और छाती पर लगातार किस करने लगी.
उसके चुम्बनों की बारिश से मेरा लंड तौलिया में तोप की तरह तनकर खड़ा हो गया और उसकी जांघों पर टकराने लगा.
वो भी अपनी चूत को बार बार मेरे लंड से टकराने की कोशिश कर रही थी.
मैं बोला- रेखा बता रही थी कि तुम बहुत प्यासी हो.
निशा- हां, बहुत प्यासी हूं. बहुत समय से मर्द का सुख नहीं मिला है. मेरी प्यास को बुझा दो प्लीज!
मैंने जोर से उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
फिर दो मिनट किस करने के बाद वो अलग हो गई और बोली- चलो मैं तुम्हारे लिए पैग बनाती हूं.
उसके पीछे चलते हुए मैंने कहा- असली नशा तो तुम में है.
वो मुस्कराती हुई मटकती मेरे आगे आगे चलती रही.
हॉल में जाकर उसने जल्दी से पैग बना दिया और दोनों ने एक-एक पैग खत्म कर दिया.
फिर वो मेरी गोद में आकर बैठ गई और दोनों के होंठ एक दूसरे से मिल गए.
हम लगातार दस मिनट के लगभग एक दूसरे के होंठों का रस पीते रहे.
फिर मैंने उसे सोफे पर लिटा लिया और पेट के बल लिटाकर उसकी पीठ पर से ब्रा के हुक खोल दिए.
उसकी गोरी चिकनी पीठ नंगी हो गई.
मैंने उसकी पीठ को चूमना शुरू कर दिया.
हर चुम्बन के साथ उसके बदन में सिहरन हो उठती थी.
चूमते हुए मैं उसकी मोटी उठी हुई गांड तक पहुंच गया जिस पर काले रंग की पैंटी कसी हुई थी.
उसकी गांड के उभार देखकर मैं पागल हुआ जा रहा था और मन कर रहा था चोद चोदकर इसका बैंड बजा दूं.
फिर मैंने उसकी गांड को दबाना शुरू किया.
वो और ज्यादा कसमसाने लगी.
फिर मैं उसके सिर की ओर गया और घुटनों के बल बैठकर अपना तौलिया उसके सामने खोल दिया.
मेरा तना हुआ लंड उसके मुंह के सामने फुफकार रहा था.
वो उठी और मुझे सोफे पर गिरा लिया, मेरी टांगों के बीच में आकर मेरे लंड को मुंह में लेकर ऐसे चूसने लगी जैसे वो कोई लॉलीपोप हो.
पूरे लंड को वो मुंह में लेने की कोशिश कर रही थी. उसके होंठ मेरे झांटों तक जाकर टकरा रहे थे. लंड की प्यास उसके चूसने के अंदाज से साफ झलक रही थी.
उसने दो मिनट की चुसाई में ही मुझे बेहाल कर दिया, लंड फटने को हो गया.
मुझे लगा कि अगर इसे ज्यादा छूट दी तो ये जल्दी ही लंड का माल निकाल कर पी जाएगी.
मैं बोला- चलो किचन में चलकर एक और पैग पीकर आते हैं.
हम दोनों उठकर किचन में गए और मैंने फ्रिज से बर्फ निकाल ली.
निशा ने सोचा कि बर्फ मैं दारू के गिलास में डालूंगा.
उसने पैग बना लिए. हम दोनों वहीं खड़े होकर पैग लेने लगे.
मैंने दो टुकड़े उसके गिलास में और एक अपने गिलास में डाला.
फिर एक बार में ही पैग खत्म कर डाला.
मेरे कहने पर वो भी फिर एक ही बार में पूरा गिलास गटक गई.
अब तक उस पर धीरे धीरे दारू का नशा हावी होने लगा था.
मैंने उसको वहीं स्लैब पर बिठा लिया और उसकी पैंटी में बर्फ का टुकड़ा डाल दिया.
टुकड़ा ठीक उसकी चूत के होंठों के ऊपर फंसा था.
एकदम से वो मेरे बदन से लिपट गई और मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही बर्फ के टुकड़े को उसकी चूत पर सहलाना शुरू किया.
वो मचलने लगी.
फिर मैंने नीचे झुकते हुए उसकी पैंटी को चूसना चाटना शुरू किया जो बर्फ के ठंडे पानी से गीली हो चुकी थी.
निशा पूरी तड़प उठी थी, उससे ये गुदगुदी बर्दाश्त नहीं हो रही थी.
लग रहा था जैसे वो अभी पेशाब कर देगी.
फिर मैंने उसकी पैंटी को निकलवा दिया और उसकी चूत में मुंह लगाकर चाटने लगा.
वो अपनी चूचियों को अपने ही हाथों से दबाने लगी.
फिर मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी.
मैं उंगली को अंदर बाहर करने लगा.
उसकी चूत से चिकना रस निकलने लगा था.
मैं बीच बीच में उसकी चूत के रस को जीभ से चाट लेता था जिससे वो जोर से सिसकार उठती थी.
उसकी चूत फूल चुकी थी और गर्म होकर पूरी लाल हो गई थी.
उसने मुझे ऊपर खींचा और अपनी चूचियों पर मेरा मुंह दबा दिया.
मैं उसके बड़े बड़े बूब्स को भींचते हुए निप्पलों को मुंह में चूसने लगा.
ऐसा लग रहा था जैसे उसके चूचों से दूध निकल आएगा.
अब हम दोनों हवस में जैसे पागल हो चुके थे.
उसने मुझे पीछे धकेला और दीवार के साथ सटाकर मेरे होंठों को बुरी तरह से लबड़ते हुए मेरे लंड को पकड़ कर फेंटने लगी.
फिर वो एकदम से नीचे गई और रंडियों की तरह लंड की चुसाई करने लगी.
मैं फिर से पागल होने लगा.
कुछ पल लंड चुसाने के बाद ही मैंने उसको उठाकर दीवार से सटा दिया और उसकी टांग उठाकर उसकी चूत पर लंड को रगड़ने लगा.
वो भी इस हरकत से बहुत चुदासी हो गई और लंड डालने के लिए मिन्नतें करने लगी.
मैंने वहीं पर उसकी चूत में लंड पेलना चाहा लेकिन वो मुझे पकड़ कर सीढ़ियों की तरफ ले जाने लगी.
वो सीढ़ियां चढ़ते हुए अपनी नंगी गांड मेरे लंड की ओर मटका मटका कर चल रही थी.
फिर बीच सीढ़ियों पर जाकर उसने अपनी गांड को मेरे लंड से सटा दिया और गांड को गोल गोल घुमाकर लंड पर रगड़ने लगी.
निशा शायद चुदाई का पूरा मजा लेना चाहती थी.
मैंने भी उसकी टांग को उठाया और उसकी चूत में लंड को घुसा दिया.
वो चिहुंक उठी.
मैं बोला- क्या हुआ मेरी चुदक्कड़ रानी?
निशा- पहली बार इतना मोटा लंड ले रही हूं मेरे राजा! जरा धीरे से चोदना.
मैंने भी उसकी बात को मानते हुए धीरे धीरे से उसकी मखमली बुर को चोदना शुरू किया.
रेलिंग को पकड़े हुए जब वो चुद रही थी तो उसकी मस्त चूचियां हिलते हुए अलग आनंद दे रहीं थीं.
जितना ही मैं उसकी प्यासी बुर में पीछे से धक्का देता उतनी ही चूचियां जोर से हिल जातीं.
ये मुझसे देखा नहीं जा रहा था और फिर मैंने उसकी चूचियों को हाथों में थाम लिया और पीछे से उसकी रसीली चूत को चोदने लगा.
मैं बहुत जोर से धक्के लगाता जा रहा था और वो भी कहती जा रही थी- और जोर से … आह्ह … और फाड़ो … आईई … आह्ह … लंड … आह्ह मैं चुद गई … आह्ह … और चोदो राजा …. उम्म … मेरी चूत … आह्ह … चुदाई का मजा … हाए … पेल दो मेरी चूत को.
फिर दो मिनट बाद उसने बीच चुदाई में मुझे रोक दिया.
मैं हैरान था.
वो मुझे ऊपर छत पर ले गई.
ऊपर गए तो पानी की टंकी के पास बेड लगा हुआ था.
मैं बोला- ये सब क्या है?
वो बोली- मेरे राजा, मैं ऐसे चुदना चाहती हूं जैसे कुत्ता किसी कुतिया को खुले में चोदता है.
ये कहकर वो फिर से मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.
कुछ देर चुसाने के बाद मैंने उसको बेड पर धकेल दिया.
वो कुतिया बन गई और मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड को पेल दिया.
कसम से खुले आसमान के नीचे चुदाई करने में बहुत मज़ा आ रहा था.
मेरा मोटा लंड उसकी कुतिया जैसी बुर में पूरा घुस कर उसकी रसीली बुर की मलाई निकाल रहा था.
हर धक्के पर निशा कुतिया की ऊंह ऊंह कर रही थी.
बेड अब जोर जोर से हिलने लगा था.
ऊपर ठंडी हवा चल रही थी और लंड और चूत, दोनों जैसे आग में तप रहे थे.
ऐसे में ऊपर से दारू का नशा और खुली छत.
मैंने सेक्स में ऐसा मजा कभी नहीं लिया था.
शायद निशा चुदाई की बहुत ज्यादा शौकीन थी और वह मजा उसका पति उसे नहीं दे पा रहा था.
वो लंडखोर रंडी की तरह लंड को बस खाए जा रही थी.
मेरा लंड पूरा ऐंठ चुका था. उसकी नसें फूलकर फटने को हो गई थीं.
निशा की चूत के रस से वो पूरा चिकना होकर चमक रहा था और चूत में अंदर बाहर होते हुए पच-पच की आवाज से उसकी चूत को रौंदने में लगा था.
चोदते हुए दस मिनट के लगभग बीत चुके थे.
फिर एकदम से निशा की जोर से आह्ह निकली और उसकी चूत ने गर्म गर्म रस छोड़ दिया जो मुझे मेरे लंड पर लगता हुआ महसूस हुआ.
अब मैंने अपनी स्पीड और तेज कर दी; पूरी ताकत के साथ मैं उसकी चूत को पेलने लगा.
मैंने उसके बालों को पकड़ लिया और अपनी तरफ खींचते हुए उस कुतिया को पेलने लगा.
अब उससे लंड के धक्के बर्दाश्त नहीं हो रहे थे क्योंकि उसका पानी निकल चुका था और उसकी चूत में अब जलन और दर्द हो रहा था.
फिर मेरा भी अब स्खलन नजदीक था. मैंने उसे बताया कि होने वाला है, अंदर निकालना है या बाहर?
वो बोली- मुझे तुम्हारे लंड की मलाई खानी है.
ये कहते हुए वो एकदम से उठकर बैठ गई और मेरे लंड को तुरंत मुंह में भर लिया.
वो बड़ी मस्ती से चूत-रस लगे मेरे लंड को चूसने लगी.
मैं भी सातवें आसमान पर था.
जल्द ही मेरे लंड से वीर्य का गर्म गर्म लावा बाहर निकलने लगा जिसे निशा पूरा का पूरा साथ ही साथ पीती गई.
मैं उसके मुंह में झटके देता रहा और वो मेरे चूतडों को भींचते हुए जैसे लंड से एक एक बूंद को निचोड़ने की कोशिश करती रही. मैं बुरी तरह से हांफ रहा था और वो भी बेहाल हो गई थी.
उसने मेरे वीर्य की एक एक बूंद को चाट लिया.
फिर हम दोनों हांफते हुए वहीं पर गिरे पड़े रहे.
छत पर पूरा अंधेरा था और खुले में नंगे लेटने का मजा भी अलग ही आ रहा था.
लेटे हुए हम वहीं पर एक दूसरे के अंगों को सहलाते रहे.
सहलाते हुए वो मुझे इस चुदाई के अनुभव के बारे में बताने लगी.
उसने कहा कि उसको चुदाई में इतना मजा कभी नहीं आया.
मैंने भी उससे कहा कि ऐसी प्यास मैंने किसी औरत के अंदर नहीं देखी.
फिर हम लोग कुछ देर तक बातें करते रहे और फिर नीचे वापस आ गए.
आकर हमने खाना खाया और फिर नंगे ही एक दूसरे के साथ लिपटकर सोने लगे.
मगर थोड़ी ही देर में दोनों फिर से गर्म हो गए.
सोने से पहले चुदाई का एक और राउंड हुआ.
मैंने निशा को मिशनरी पोज में चोदा.
आधे घंटे की लगातार चुदाई के बाद हम दोनों थक गए और अबकी बार हमें गहरी नींद आ गई.
इस तरह से उस रात मैंने दो बार निशा की चूत मारी.
अगले दिन भी मैंने उसको घर के कोने-कोने में चोदा.
उसने भी कुछ ऐसी चुदाई करवाई कि मैं भी उसके अंदाज का कायल हो गया.
दो दिन के बाद मेरी बीवी लौट आई.
निशा की चूत अब तृप्त हो चुकी थी; वो खुशी से चहक रही थी.
शायद उसने रेखा को भी सारी बात बता दी और रेखा के चेहरे पर भी अलग ही मुस्कराहट तैरने लगी.
तो दोस्तो, इस तरह से मैंने अपनी बीवी रेखा के साथ प्लानिंग करके अपनी बुआ की लड़की की चूत की प्यास बुझाई.