हेलो दोस्तों, मेरी इस सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
ब्लैकमेल कर भाभी की सहेली ने चुदवाया-1
में आपने पढ़ा की मेरी भाभी की एक सहेली ने मुझे भाभी की गांड मारते हुए देख लिया था. उसने तो चुपके से हमारी विडियो बना ली. मेरा लौड़ा देख वो हमें ब्लैकमेल करने लगी. एक सप्ताह बाद संजना ने मुझे अपने घर बुलाया और कहा कि कोई सरप्राइज भी है. तो मैं उसके घर गया.
अब आगे:
पर वहां जाने के बाद तो मैं पागल ही हो गया. उसने मेरे लिए एक ऐसा सरप्राइज़ प्लान किया था जिसकी कल्पना भी मैं नहीं कर सकता था. मैं तो मेडिकल स्टोर पर जाकर सेक्स मेडिसिन ले आया जिससे मैं संजना के जिस्म का भरता बना दूँ, उसके हर एक छेद को अपने पानी से भर दूँ, उसको अपने मूत में नहला दूं! यही मेरे ख्वाब थे.
मैं पूरे 2 दिन और पूरी दो रातें संजना को सोने नहीं देना चाहता था इसलिए मैंने अलग अलग से पोजीशन पहले ही सोच रखे थे जो मैं संजना के साथ करने वाला था. मैंने अपने साथ आंखों पर बांधने वाली पट्टी और छोटी चाबुक भी ले ली थी जिससे मैं संजना के साथ बी डी एस एम करना चाहता था. मैं यही सब सोचते सोचते संजना के घर गया.
जैसे ही मैं संजना के घर के दरवाजे पर पहुंचा, मुझे एक बहुत ही मीठी सी खुशबू सूंघने मिली. मैंने वह खुशबू पहचान ली, यह संजना के परफ्यूम की खुशबू थी. शायद संजना ने मुझे उसके घर के अंदर आते हुए देख लिया था और वह मेरा इंतजार दरवाजे पर खड़ी कर रही थी.
जैसे ही मैंने दरवाजा नॉक किया तो झट से संजना ने दरवाजा खोला. दरवाजा खुलते ही मेरी आंखें फटी की फटी रह गई क्योंकि संजना पूरी तरह से नंगी थी, उसने अपने जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं पहना हुआ था और ना ही उसके जिस्म पर कोई बाल दिख रहे थे.
और वह दरवाजा खोल के ऐसी सेक्सी पोजीशन में खड़ी रही थी जिसे देख कर मेरा लण्ड तुरंत खड़ा हो गया, मेरा दिल किया कि मैं संजना को वहीं पटक कर चोद दूँ. पर मैंने अपने आप को काबू किया.
तब संजना मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई और अपने बूब्स को अपने हाथों से मसलते हुए मुझसे पूछने लगी- क्यों मेरे राजा क्या हुआ? अपनी इस रखैल को पहली बार तो नंगी नहीं देख रहे? इससे पहले तो तुमने मेरे दोनों छेद खोल दिए हैं. फिर भी मुझे नंगी देखकर तुम्हारा लण्ड खड़ा हो गया है मेरी जान … क्या तुम मुझे यही दरवाज़े पर चोदोगे या फिर अंदर बेडरूम तुम्हारा इंतजार कर रहा है वहां पर?
उसकी इन बातों में बहुत ही सेक्सी अंदाज था … दोस्तो, आप भी सोच सकते हो कि जिस लड़की को ऊपर वाले ने इतना खूबसूरत जिस्म दिया हो और उसके ऊपर दो पहाड़ जैसी चूचियां दी हों और वो भी एकदम गोरी गोरी जैसे बर्फ से ढकी हुई पर्वत चोटी … ऊपर सुराहीदार गर्दन हो … नाजुक सा एकदम खूबसूरत चेहरा और उस पर लगे हुए 2 मखमली होंठ हों .. उन होठों पर लाल रंग की लाली लगी हो और और बालों में ऐसी कशिश हो कि बस उसके बालों से ही खेल खेलने का दिल करे. बूब्स के नीचे बिल्कुल सपाट पेट हो जिस पर गहरी नाभि भी हो, जिसमें आपका पूरा से समा जाने का दिल करे.
फिर वह मखमली कमर उसके नीचे दो मजबूत और तराशी हुई जाँघें … जिनके बीच में एक जैसी चूत और पीछे से मटकती हुई गोल मटोल गांड हो.. पूरी तरह से तराशा हुआ बदन हो जो आपके लिए बिल्कुल नंगा खड़ा हो और उस पर लगाया हुआ वह सेक्सी परफ्यूम.. बस कल्पना ही करके देखिए दोस्तो … आपका लौड़ा खड़ा नहीं हुआ तो बता देना.
मैं उसके बदन को ऐसे ही निहार रहा था कि संजना की आवाज में मुझे इस ख्वाब से जगा दिया.
संजना कहने लगी- जानू, आज तुमको मुझे बस ख्वाबों में ही नहीं चोदना है. तुम तो आज मेरे हर एक छेद को अपने पानी से भर दो और मुझे अपने बच्चे की मां बना दो. मेरे साथ साथ तुम्हारा सरप्राइज़ भी हम दोनों का बेडरूम में वेट कर रहा है. तो जल्दी से चलो और मुझे बच्चा दे दो.
यह कहते हुए उसने मुझे दरवाजे से अंदर खींच लिया और मुझे चूमने लगी.
उसने मुझे कुछ बोलने का मौका तक नहीं दिया और बस मेरे लण्ड को पैंट के ऊपर से ही चलाए जा रही थी और मुझे ताबड़तोड़ किस किए जा रही थी. पता नहीं संजना आज जानवर कैसे हो गई थी.
हम ऐसे करते करते ही अपने बेडरूम में आ गए, तब जाकर संजना ने मुझे छोड़ा. तब जाकर मुझे एक और झटका लगा, मैंने एक औरत को एक नवविवाहिता की भाँति घूंघट में बेड पर बैठे हुए देखा.
यह देखकर मेरी आंखें फटी की फटी रह गई और मैं सवालिया नजरों से देख रहा था.
मेरी नज़रों का जवाब देते हुए संजना मुस्कुराई और बोली- जान डरने की कोई जरूरत नहीं है. यह औरत कोई और नहीं बल्कि शीना ही है, जो परसों हम दोनों का खेल बिगड़ चुकी है. उस वक्त यह हमारे साथ जबरदस्ती करना चाहती थी पर आज मैं तुम्हें इजाजत देती हूं कि तुम इसको मेरी सौतन बना दो. जैसे तुमने मेरी चूत और गांड का उद्धार किया है, वैसे ही तुम इसका भी उद्धार कर दो. फिर इसके बाद ना कभी यह हमारे बीच आएगी और ना ही हमें ब्लैकमेल करेगी. इसको तुम जिंदगी भर के लिए अपनी रखैल बना दो और जब तुम चाहो तब हम दोनों मैं से किसी के साथ भी सेक्स कर सकते हो; या चाहो तो दोनों के साथ एक ही बिस्तर पर …
आज तो संजना मुझ पर बम गिराने के ख्याल से ही बैठी थी. उसकी हर एक बात में मुझे सदमा सा लग रहा था. मैं अभी भी असमंजस में था कि संजना यह सब क्या बोल रही है.
मेरे मुंह से बस इतना ही निकला- यह तुम क्या बोल रही हो संजना? ऐसा करने के बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं!
तो संजना मुझसे कहने लगी- मेरे प्यारे, मैं तुमसे इतना प्यार करती हूं कि मैंने अपने आपको तुम्हें दे दिया. तुम मुझे मिल गए, यह मेरी खुशनसीबी है. पर जैसे ही हम दोनों अलग हुए थे 5 दिन पहले .. तब से मेरे दिमाग में वही ख्याल दोहरा रहे थे कि आखिर शीना यह सब क्यों किया? क्या वह भी मेरी ही तरह तुमसे प्यार करती है या बस यह जिस्मानी भूख है जो उसको यहां तक खींच लाई?
संजना आगे बोली- यह सब मैं पूरी रात भर सोचती रही और अगले ही दिन मैंने शीना को अपने घर पर बुला लिया. उससे मैंने बातचीत करने के बाद मुझे यह पता चला कि शीना भी तुमसे उतना ही प्यार करती है जितना कि मैं … और मेरी जान, तुम तो ऐसे हो ही कि कोई भी तुम्हें प्यार करेगा. तो अगर उसको भी तुमसे प्यार हो गया हो तो उसमें इस बिचारी की क्या गलती है? इसलिए मैंने यह सोच लिया था कि मैं शीना को भी तुम्हारी बीवी बनते हुए देखूंगी और हम दोनों सहेलियां अब सौतन बन जायें तो ज्यादा बेहतर है.
संजना आगे बोली- और देखो भगवान ने आज मुझे यह मौका दे ही दिया कि मैं अपना यह ख्वाब भी पूरा कर सकूं. मेरी सास ऋषि के साथ एक सत्संग में चली गई. जैसी ही मेरी सास ने मुझे बताया था कि वह 2 दिनों के लिए कहीं बाहर जा रही है तभी मैंने शीना को हमारे इस प्लान के बारे में बताया और तुम्हें सरप्राइज़ देने के लिए मैं यहां ऐसी नंगी ही खड़ी हूं; शीना वहां पर घूंघट में बैठी है. अब देर मत करो और बस जल्दी से हमारे दो दिनों को और दो रातों को कामुकता से पूरी तरह भर दो, हम दोनों के हर एक छेद को अपने पानी से भर दो.
यह कहते हुए संजना मुझे खींच कर ले गई और मुझे बेड पर बैठा दिया जहां पर शीना पहले से ही एक दुल्हन की तरह सजी हुई थी.
जब मैं बेड पर बैठा तब मैंने फिर से संजना की तरफ देखा और बोला- मैं इस दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान हूं जो तुम्हारी जैसी सेक्सी और प्यार करने वाली बीवी मुझे मिली. और जो मुझे एक फ्री की चूत देने जा रही है.
मैंने यह बात खत्म की ही नहीं थी तब तक शीना बोली- अजी सुनते हो, मैंने यह शादी का घूंघट बस अपनी चूत देने के लिए ही नहीं पहना है … मैं तो अपना सब कुछ तुम्हारे ऊपर न्यौछावर करने के लिए यहां पर बैठी हूं. और तुम्हें बस मेरी चूत की पड़ी है? तो मेरी गांड और मेरे बोबे और मेरे मुंह का ख्याल कौन रखेगा?
वो आगे बोली- मेरे जिस्म में पूरी तरह से तुम्हारे लिए आग लगी हुई है. उस आग को पूरी तरह से तुम्हें ही बुझाना है. ना ही मैं कुछ बोलूंगी और ना ही तुम्हें अपनी आग की ठंडी होने तक यहां से कहीं जाने दूंगी. बहुत ज्यादा तड़पाया है तुम दोनों ने मिलकर मुझे. तुम दोनों तो अपनी ठुकाई में लगे रहते थे पर यह मेरी प्यारी बहन संजना ने जो अभी मेरी सौतन बनने वाली है इसने एक बार भी मेरा ख्याल नहीं किया कि मेरा कैसे होता होगा? इसलिए मैं आज इस सब चीजों का बदला तुम दोनों से लेकर ही रहूंगी तब तक तुम्हें नहीं छोडूंगी.
यह कहते हुए शीना अपना घूंघट उठा कर मेरे ऊपर कूद पड़ी और बिल्कुल जंगली जानवर की तरह मुझे नोचने लगी. मैं उसका नोचना सहन कर ही रहा था कि तब तक संजना मेरे पूरे कपड़े उतारने में लग गयी.
इस दो तरफ से हमले के बारे में मैंने कभी ख्वाब में भी नहीं सोचा था. पर क्या करें … यह तो अभी सच्चाई बन रही थी.
जल्दी-जल्दी में संजना ने मुझे पूरा नंगा कर दिया और शीना मेरे होठों को और मेरे बालों को छूने और सहलाने में लग गई. तब तक नीचे से संजना मेरा लौड़ा अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.
यह मेरे लिए एक बिल्कुल नया अनुभव था जब एक औरत मेरा लोड़ा मुंह में लेकर चूस रही हो और दूसरी मेरे होंठों का रसपान कर रही हो. मुझे लगा था कि आज मैं संजना पर भारी पडूँगा क्योंकि मैंने गोली ले ली थी पर अब तो मेरा ख्याल उस गोली की तरफ भी नहीं जा रहा था क्योंकि मैंने यह सीन पहली बार देखा था कि 2 औरतें मुझे नोच रही हैं और मेरा अपने आप पर से कंट्रोल घट रहा है.
मेरा लौड़ा जवाब देने वाला था … मेरे लण्ड की नसें फूलने को लगी थी और संजना यह जानती थी कि अब मैं झड़ जाऊँगा. पर फिर भी उसने अपना मुँह मेरे लण्ड से नहीं हटाया और गले तक लेकर चूसने लगी तो मैंने भी संजना के सर को अपने पैरों से और नीचे की तरफ दबाया जिससे मेरा पूरा लौड़ा उसके गले तक चला जाए और ऊपर जो शीना थी उसके मम्मों को कस के दबा दिया.
मेरे ऐसा करने से दोनों की आआअह निकली. शीना बहुत तेज़ी से चीख़ी पर संजना के गले में लण्ड होने के कारण वो ज्यादा जोर से चीख़ नहीं पाई और उसकी आवाज़ दबी रह गई.
इसके साथ ही मैं पूरी ताक़त से संजना के मुँह में झड़ने लगा और शीना को किस करते हुए उसके होंठ खाने लगा और उसके मम्मों को तेज़ी से दबाने लगा. इससे शीना की चीखें निकलने लगी और वह मुझे और ज्यादा किस करने लगी. मुझे लग रहा था कि मैं तो आज पागल ही हो जाऊंगा.
मैंने अपने लोड़े की आखिरी बूंद तक संजना के मुंह में छोड़ दी और संजना भी उसे बड़े प्यार से गटक रही थी. इधर शीना ने अपने नीचे कुछ भी नहीं पहना हुआ था. तो उसकी चूत का पूरा पानी मेरे छाती पर बहने लगा. पानी इतना ज्यादा था कि मेरे पेट तक बह रहा था और बह के इधर-उधर गिर भी रहा था.
पर यह सब सोचने के लिए वक्त किसके पास था … हम तीनों तो अपनी चुदाई के मूड में ही थे. जैसे ही मैं पूरा बह गया, संजना ने अपने मुंह से मेरे लण्ड को निकाल लिया. संजना और शीना दोनों मेरे अगल बगल आकर लेट गई. हम तीनों की सांसें फूल रही थी … ना एक दूसरे से बात कर पा रहे थे और ना एक दूसरे की तरफ देख पा रहे हैं, इतनी थकान हो रही थी.
कहानी जारी रहेगी.
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