सभी प्यारे दोस्तों को नवीन का नमस्कार. मेरा नाम नवीन है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मैं आज आपके लिये पहली बार कोई कहानी लिख रहा हूँ. मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा फैन हूँ.. और रोज़ इसमें आयी हुई कहानियां पढ़ता हूँ. अगर मेरी इस पहली कहानी में कोई त्रुटि या लिखने में गलती हो जाए, तो कृपया मुझे माफ कर देना क्योंकि मुझे कहानी लिखनी नहीं आती है. मुझे जो सही लगा, वैसे ही लिख रहा हूं.
सभी भाभियों को मेरे खड़े लंड का नमस्कार. मैं दिल्ली में जॉब करता हूँ और ये घटना 2012 की है. इसमें कुछ भी झूठ नहीं है. ये कहानी मेरे और मेरे बॉस की वाइफ सुमन (नाम बदला हुआ) के बीच की है. सुमन का रंग तो सांवला है, पर नैन नक्श बहुत मस्त और तीखे हैं. सुमन को सेक्स बहुत पसंद है, वो जब मेरे लंड के ऊपर बैठ कर सेक्स करती थी, तो मुझे जन्नत दिखती थी.
हुआ यूं कि मेरे बॉस की वाइफ मुझ पर बहुत मरती थी. हालांकि पहले उसे लगता था कि मेरी उम्र उससे काफी कम है, इसलिए वो मुझसे चुदाई के लिए कभी कह नहीं पायी.
जब मेरी शादी फिक्स हो गयी और मैं अपने बॉस के घर किसी काम से गया, तो तब उसे पता चला कि मेरी और उसकी ऐज लगभग बराबर ही है.
इसके 2 दिन बाद उसका ऑफिस के फ़ोन पे कॉल आई, पर वो तब भी मुझसे कुछ कह न पायी. जबकि मुझे उसकी मीठी आवाज से लगा कि सुमन मुझसे कुछ कहना चाहती है.
फिर अगले दिन मैं आफिस जाने की तैयारी में था, तभी उसका फ़ोन मेरे मोबाइल पर आया. ये नम्बर नया था तो मुझे समझ नहीं आया था. फोन उठाया तो दूसरी तरफ से सुमन की जिस तरह से आवाज़ आयी, उसे सुनते ही मैं समझ गया कि आज ये चुदना चाहती है.
मैं आपको बात बता दूँ कि उसके घर पे उसके सास ससुर नहीं हैं, सिर्फ उसका पति और एक 2 साल का बेटा ही है.
उसका फ़ोन आने के बाद मैं आफिस नहीं गया, सीधे उसके घर चला गया. वो मेरा ही इन्तजार कर रही थी. उसके घर से हम दोनों एक रेस्टोरेंट में गए, कुछ खाया पिया, बातें की.
उसने मुझसे साफ़ शब्दों में कहा कि वो मुझे पसंद करती है.
मैंने भी पूछा कि किस हद तक?
वो बोली- ये बिस्तर में मिलने के बाद तय होगा.
मैं समझ गया कि इसकी चूत ‘लंड लंड’ कर रही है. मैंने भी मौका देख कर उसके हाथ पर किस किया. तो वो मुझे एक कदम आगे बढ़ते हुए होंठ आगे करके बोली- एक इधर भी..
मैंने उसके होंठ से होंठ लगा दिए. वो मुझसे बहुत खुश थी. इसके बाद मैंने उसको उसके घर छोड़ दिया. मैंने सोचा था कि आज ही ये मुझको बिस्तर में मजा देगी. मगर उसने आज के लिए मना कर दिया.
मैंने कारण पूछा तो उसने रेड सिग्नल का हवाला दिया.
वो उस दिन महीने से थी, जिससे उस दिन मेरे खड़े लंड पर धोखा हो गया और कुछ नहीं हो पाया.
उस दिन के बाद हमारी रोज़ फोन पे बात होने लगी. फोन पर सेक्स चैट भी चलने लगीं. दस दिनों तक तो सब कुछ ऐसे ही चलता रहा, मौका नहीं मिल पाया उसके दस दिन बाद मैं अपने बॉस के साथ किसी काम से दिल्ली से बाहर गया हुआ था. जैसे ही शाम को काम खत्म हुआ, तो मैं तो दिल्ली आने वाली बस में बैठ गया और बॉस अपने काम से बाहर चले गए.
अब मैंने अपनी सुमन को फोन किया और रात का प्रोग्राम बना लिया. आज मेरी पूरी रात उसके साथ ही गुजरनी थी सो मैंने कुछ खाने का सामान खरीदा और कंडोम ले लिए.
इसके बाद मैं उसके घर पहुंच गया. घर पहुंचते ही बस हम दोनों के शरीर ऐसे मिले, जैसे बरसों के प्यासे हों. हम दोनों के होंठ एक दूसरे से जुड़ गए. लगभग 5 मिनट तक हम एक दूसरे को किस करते रहे, फिर हम अलग हो गए. इसके बाद उसने अपने बेटे को सुलाया और वो मेरे पास आ गई. अब मैंने उसके ऊपर के कपड़े उतारे, उसने मेरे कपड़े उतार दिए. उसके चुचे ज्यादा बड़े तो नहीं थे, पर निप्पल चूसने में बड़ा मज़ा आया. हालांकि मुझे बड़े चूचों वाली भाभी बहुत पसंद आती हैं.
जैसे ही मैंने उसके नीचे कपड़े उतारे, उसकी बिना बालों वाली चूत नज़र आई. आज उसकी चिकनी चूत चमचम चमक रही थी. जैसे उसने आज ही पूरी मस्ती से चुदने के लिए अपनी झांटें साफ की हों.
मैंने उसे अपना लंड हिला कर इशारा किया तो झट से उसने मेरा लंड मुँह में भर लिया और 5 मिनट तक लंड चूसा. उसके लंड चूसने का स्टाइल बहुत अच्छा था. जब मुझे लगा कि मैं उसके मुँह में झड़ जाऊंगा, तो उसको माल पी लेने के लिए कहा. पर उसने लंड का पानी पीने से मना कर दिया. मैंने भी उस पर जोर नहीं डाला, क्योंकि मेरा भी उसके साथ आज पहली बार था.
उसके बाद मैंने उसकी चूत में जीभ डाली और उसके दाने को चूसने काटने लगा. वो चुदास से पागल हो रही थी. करीब 5 मिनट तक मैंने चूत की लिकिंग की. एक बार तो वो डिस्चार्ज भी हो चुकी थी. मगर मैंने तब भी उसकी चूत को चूसना बंद नहीं किया था.
उसके बाद वो जबरन मुझसे अपनी चूत छुड़ा कर मेरी चेस्ट पर काटने लगी और मेरे निप्पल चूसने लगी.
मैं भी उसके चूचों को चूसने लगा, उनमें से दूध निकाल रहा था. मैंने उसके मम्मे चूस चूस कर लाल कर दिए. ऐसा उसकी बॉडी का कोई हिस्सा नहीं था, जिधर मैंने न चूसा हो. मैंने उसकी बॉडी के हर एक पार्ट पर चूमा. वो पागल हुए जा रही थी और बस लंड अन्दर डालने के लिए कह रही थी.
मैंने भी अब उसको चोदने का मन बना लिया. इसके बाद उसने मेरे लंड पे कंडोम लगाया और लंड के ऊपर बैठ गयी.
जब औरत लंड के ऊपर बैठ के चुदाई करती है, तो मर्द के आनन्द की कोई सीमा नहीं होती. शायद औरत को भी इसमें ही ज्यादा मजा आता है.
वो भी मेरे लंड पर 3 या 4 मिनट तक सवारी करती रही. इस दौरान उसके हिलते और उछलते मम्मे मेरे हाथों और होंठों के शिकार बने रहे. कुछ पल बाद वो डिस्चार्ज हो गयी, उसका अमृत बाहर आ गया था. पर मेरा अभी नहीं हुआ था. तो उसने मुझे अपने ऊपर आने को बोला.
उसके बाद मैंने जब ऊपर आकर उसकी चूत में एक तेज झटके से लंड डाला, तो रसीली चूत होने से लंड सीधा उसकी चूत की जड़ पर जा लगा. इससे उसकी आह निकल गयी.
उसकी आह तो निकलना ही थी, क्योंकि अभी तक मैंने जितनी भी लड़कियों या भाभियों को चोदा है, उन सबको मेरा लंड बहुत रास आया. क्योंकि इसकी मोटाई ज्यादा है.
उसके बाद एक मिनट तक मैंने उसकी चूत में अपना मोटा लंड यूं ही डाल कर रखा और हल्के झटके देता रहा. उसे भी बहुत मज़ा आने लगा तो मैंने फ्रंटियर मेल की रफ्तार से उसकी चूत चुदाई आरम्भ कर दी. मुझे भी चूत चुदाई से ज्यादा मज़ा किसी चीज़ में नहीं मिलता था. काफी लम्बी चुदाई हुई. फिर मैं झड़ कर अलग हो गया. कंडोम लगा था, सो कोई चिंता की बात नहीं थी.
सारी रात उसकी बांहों में गुजरी, इस दौरान मैंने तीन बार चोदा. उसके बाद में उसके घर पे सुबह 6 बजे तक था.
फिर सुबह उसकी मेड के आने का टाइम हो गया था, तो मैं वहां से निकल गया. उसके बाद हमने कई बार सेक्स किया. मैं हर बार उसके घर पे ही चुदाई करता था. क्योंकि उसके बेबी छोटा था और कोई देखने वाला भी नहीं था, तो वो कहीं बाहर नहीं जा सकती थी.
मुझे उसकी चूत मारने का चस्का लग गया था, क्योंकि वो सेक्स में परफेक्ट थी. पर अब 2 साल से मेरी उससे कोई बात नहीं हो रही है.
अभी मुझे एक नई भाभी मिली है, उसके बारे में बाद में लिखूंगा.
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