यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
दोस्तो, आपकी कोमल हाज़िर है अपनी कहानी को मैं जारी करती हूँ…
कुछ देर में ही उनका लंड दुबारा खड़ा हो गया तो वो मुझे बोले- देखो, ये फिर तैयार हो गया. तुम तैयार हो न?
मैं बोली- अब हो गया न … अब कितना करोगे?
“अभी तुमको मजा कहाँ मिला मेरी जान … अभी तो तुमको मजा देना बाकी है. और अभी तो पूरी रात है. मैं जानता हूँ कि तुम आज के बाद शायद ही मुझे मिलो और तुम्हारी जैसी माल मुझे दुबारा कहाँ मिलेगी. आज तो मैं अपनी हर इच्छा पूरी करूँगा.
ऐसा कहते हुए उसने मेरा निप्पल अपने मुँह में ले लिया.
अब मैं भी फिर से गर्म होना शुरू हो गई, मेरी चूत फिर से गीली होने लगी; मेरी सिसकारी फिर से शुरु हो गई. दीदी के बॉस का कठोर हाथ मेरे गोरे बदन को सहलाने लगा. मेरे निप्पल अपने आप टाईट होकर तन गए. मेरे बदन का रोम रोम खड़ा हो गया. अजब सी गुद्द्गुदी होने लगी मेरी फुद्दी में.
मेरी दोनों टांगें अपने आप फैल गई और उनको अपनी अगोश में ले लिया.
इस बार का अनुभव ही अलग लग रहा था
उन्होंने अपना मुसल जैसा लंड मेरी फुद्दी में उतार दिया. मुझे इस बार अच्छा लग रहा था.
वो बोले- देखा, अब दर्द भी गायब हो गया.
और अपनी कमर को ऊपर नीचे करने लगे. उनका लंड अब आराम से मेरी मस्त चूत में अंदर बाहर होने लगा. मेरी आँखें अपने आप बंद हो गई; मुझे इतना ज्यादा आंनद मिल रहा था.
वे मेरे गुलाबी गाल को चूमते हुए बोले- सोनम जान, मजा आ रहा है न अब तुम्हें?
“हां … बहुत अच्छा लग रहा है.”
“तो क्या मैं तुमको और जोर से चोदूँ?”
“जी हां सर … चोदिए ना!”
“बहुत टाईट है तेरी फुद्दी!”
“तुम्हारा लंड भी तो बहुत मोटा है.”
“फट जाएगी तेरी फुद्दी!”
“फट जाने दो … बस तुम चोदते रहो!”
अब उनकी चुदाई की स्पीड तेज़ हो गई. मैं भी ‘आआआ अह्ह्ह आअह … और तेज़ … और तेज़ पेलो … मजा आ रहा है … और जोर से … आअह्ह्ह आआअह्ह्ह …’ बोल कर अपनी चूत चुदाई का मजा ले रही थी.
वो भी मेरी चिकनी जवानी का पूरा मजा ले रहे थे. अब तो वो पूरी ताकत लगा कर मुझे चोद रहे थे. आज पहली बार मुझे ऐसी जोरदार चुदाई का मजा मिल रहा था. मेरी तो आत्मा तक प्रसन्न होने लगी थी.
अब बॉस ने मेरे मुँह पे अपना मुँह लगा लिया. हम दोनों की गर्म साँसें आपस में मिल रही थी. मैंने अपनी जीभ निकाल कर उनके मुँह में डाल दी और वो किसी आइसक्रीम की तरह उसको चाटने, चूसने लगे.
मुझे तो ज़न्नत का सा मजा मिलने लगा.
जब उन्होंने मेरी जीभ को अपने दांतों के बीच में दबा कर हल्के हल्के दबाना शुरु किया तो मेरी तो सिसकारी निकल गई. मैंने अपने चूतड़ ऊपर हवा में उठा दिये और उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरे चूतड़ों के नीचे लगा कर मेरे चूतड़ों की गोलाई को थाम लिया और जोर जोर से धक्के मारने लगे. अब तो उनका लंड और भी अच्छे से मेरी गर्म फुद्दी में घुस रहा था.
कुछ देर बाद वो मेरे ऊपर से उतर कर मेरी बगल में लेट गए और मुझे उनके ऊपर आने का इशारा किया.
मैं तुरन्त उनके ऊपर हो गई और उनके लंड को अपनी फुद्दी में लगा कर बैठ गई. पूरा लंड मेरी फुदी में घुस गया और मेरी बच्चेदानी को टक्कर मारने लगा.
“ऊऊऊ ऊईईई ईई माँ … उफ्फ्फ … आआअह्ह …” करते हुए मैं दीदी के बॉस के लंड पे कूदने लगी. वो मेरी गांड को पकड़ के जोर लगा रहे थे, गप गप लंड मेरी चुत के अंदर घुस रहा था.
वे मुझे अपनी ओर झुका कर मेरे चूचों को मसलते हुए बोले- और तेज़ सोनम … और तेज़!
मैं भी तेज़ी से उछाल मारने लगी.
करीब 5 मिनट बाद वो मुझे पलंग से नीचे ले गए और मेरे पीछे आ गए और मेरी कमर पकड़ के पूरा लंड उतार दिया मेरी प्यासी फुद्दी में! और मेरी गोरी गोरी पीठ को चूमते हुए मेरी चुदाई करने लगे.
कुछ देर तक ऐसे ही चोदने के बाद उन्होंने मुझे सीधा खड़ा कर दिया और मेरे सामने आ गए; मुझे पैर को फैलाने को कहा. मैं फैलाकर खड़ी हो गई. उन्होंने अपना एक हाथ मेरी कमर में डाला और लंड फुद्दी में लगा कर एक हाथ मेरी गांड में लगा के लंड पेल दिया मेरी चूत में!
अब हम दोनों की ही कमर चलने लगी; मेरे दूध उनके सीने से रगड़ने लगे.
मुझे असीम आनन्द मिल रहा था. मैं ये सब सह नहीं सकी और मेरा पानी छूट गया. गर्म गर्म पानी मेरी जांघो से होता हुआ फर्श पे गिरने लगा.
कुछ देर में ही वो भी झड़ गए. मैं थक चुकी थी और तुरंत ही बिस्तर पे लेट गई.
और वो अपना लोवर पहन कर बोले- मैं आता हूँ जान एक ड्रिंक लगा के!
मैं वैसे ही नंगी लेटी रही और मेरी आँख लग गई.
मैं अपनी चुदाई के बाद यू ही नंगी बिस्तर पर लेटी थी और कब मेरी नींद लग गई पता नहीं चला.
अचानक मुझे अहसास हुआ कि मेरे जिस्म में कुछ गुदगुदी सी हो रही है. मैंने अपनी आँखें खोली तो देखा कि कोमल के बॉस और उनका दोस्त दोनों ही मेरे नंगे बदन से चिपके हुए हैं.
मैं उठकर बैठ गई और कहा- आप दोनो यहाँ क्या कर रहे हो?
बॉस बोले- डरो नहीं, बस प्यार ही तो कर रहे हैं जान तुम्हें!
मैं बोली- नहीं नहीं … आप दोनों एक साथ मेरे साथ क्या करना चाहते हैं?
“कुछ नहीं … बस एक साथ प्यार करेंगे तुमको! डरो नहीं … बस मजा लेती रहो तुम आज!”
मैं कुछ बोल पाती कि उन्होंने मुझे गोद में उठा लिया और सोफे में बैठा दिया और दोनों लोग मेरे बगल में बैठ गए.
वहाँ पे पहले से ही वाइन के 3 ग्लास तैयार थे. बॉस ने अपने हाथों से मुझे एक ग्लास वाइन पिला दी और फिर उन लोगों ने भी पी.
दोनों मेरे नंगे जिस्म को सहलाते जा रहे थे. इसके बाद कुछ टाइम में दूसरा और फिर तीसरा ग्लास भी ख़त्म कर लिए हम लोग.
अब तो वाइन का नशा जम से सर चढ़ के बोल रहा था!
बॉस बोले- आज तेरी जवानी की बून्द बून्द चूस लेना है हमको!
उनका दोस्त मेरी चूत को सहलाते हुए बोला- यार, असली माल तो ये है. इसको चोदने में जो मजा है वो किसी और में कहाँ!
और मेरे होंठों को चूमने लगा.
मैं भी अब उनका साथ देने लगी और वे दोनों मेरे ऊपर टूट पड़े. दोनों का ही लंड 9 इंच का रहा होगा. दोनों बारी बारी से कभी मेरी चूत, कभी दूध को मसल रहे थे. मैं उन दोनों के लंड को अपने हाथ से सहला रही थी.
ऐसे सीन तो मैंने केवल ब्लू फिल्मों में ही देखे थे. आज मैं भी एक रंडी की तरह ही हो गई थी.
कुछ ही पल में उन दोनों ने मुझे गर्म कर डाला. उनके दोस्त मेरी चूत चाट रहे थे और बॉस ने अपना मोटा लंड मेरे मुँह में डाल दिया! मैं भी मजे से उनके लंड को चूस रही थी.
उनके दोस्त ने मेरी दोनों टांगें उठा दी तो मेरी गांड का छेद उनके बिल्कुल सामने आ गया. वो अपनी जीभ मेरी गांड के छेद में फिराने लगे. वासना से मेरा छेद अपने आप आगे पीछे और खुलने बंद होने होने लगा.
बहुत देर तक दोनों मेरे जिस्म का मजा लूटते रहे.
अब वो दोनों भी बिल्कुल तैयार थे, उनके दोस्त ने मुझे गोद में उठा कर बिस्तर पर पटक दिया!
बॉस बिस्तर पर लेट गए और मुझे कहा- चल साली आजा मेरे लंड पे बैठ!
मैंने उनके लंड को फुद्दी में लगा के अंदर कर लिया और लंड पर कूदने लगी.
उनके दोस्त ने मेरे मुँह के पास आकर अपना लंड मेरे मुँह में ठूस दिया. अब तो मेरी फुद्दी और मुँह दोनों ही चुद रहे थे.
फिर कुछ देर बाद उनके दोस्त ने मुझे कहा- चल साली, अब तू झुक जा … अब तेरी गांड मारनी है मुझे!
मैं तुरंत बोली- नहीं … वहाँ नहीं! फुद्दी में कर लो … वहाँ नहीं!
मगर वो नशे में था … उसने मुझे बॉस नंगे जिस्म के ऊपर लेटा दिया और मेरे पीछे आ गया.
बॉस ने भी मुझे अपनी बांहों में कस लिया और कहा- रानी जब तक गांड नहीं मरवाओगी, तब तक चूदाई पूरी कहाँ होगी तेरी!
दीदी के बॉस का लंड अभी भी मेरी चूत के अन्दर ही था.
उनके दोस्त ने अपना लंड मेरी गांड के छेद से लगाया और मेरी मोटी गांड को दोनों हाथ से थाम लिया और जोर से धक्का लगाया.
उनका लंड छिटक कर मेरी पीठ की तरफ चला गया. मुझे बहुत तेज दर्द हुआ, मैं जोर से चिल्लाई- उईईई ईईई!
तो वो बोले- रुक साली … अभी तो गया ही नहीं, चिल्ला क्यों रही है?
तभी बॉस उनको बोले- अरे ऐसे नहीं … गांड के छेद में कुछ क्रीम लगा ले नहीं … तो ये साली मर जाएगी.
तो वो पास में रखी एक जैतून के तेल की शीशी ले आये और मेरी गांड छेद में टपका कर उंगली से उसे मेरी गांड में भरने लगे. वो अपनी पूरी उंगली मेरी गांड में डाल रहे थे और मुझे भी कुछ कुछ अच्छा लगने लगा था.
अब उन्होंने थोड़ा तेल अपने लंड पर भी लगा लिया और फिर से अपने लंड को मेरी गांड के छेद में लगा के जोर लगाया. इस बार लंड एकदम निशाने पर लगा और मेरी गांड को चीरता हुआ अन्दर घुसता चला गया.
मेरी जोरदार चीख निकली- आआआह आआऔऊऊ ऊऊऊहह ऊऊऊईई … मर गईईईई ईईईईई मैं … बाहर निकालोओ ओओ ओओओ!
मगर वे दोनों जालिम कहाँ मानने वाले थे … दोनों दनादन मुझे चोदने लगे … एक मेरी चूत में धक्के लगा रहा था नीचे से अपने चूतड़ उछाल कर तो दूसरा ऊपर से मेरी गांड में अपना लंबा लंड ठोक रहा था.
पूरा कमरा मेरी चीखों से गूंज रहा था. दोनों दोस्त किसी जंगली जानवर की तरह मेरी दोहरी चुदाई कर रहे थे. मेरी गांड पर थप थप धक्के पड़ रहे थे. मेरी गांड का छेद इतना टाईट था कि उनका लंड एकदम चिपक के अंदर घुस रहा था.
उसके बाद तो वे दोनों बारी बारी से बदल बदल कर कभी गांड कभी फुद्दी को चोदते रहे. कभी मुझे किसी आसन में कर के चोदते कभी किसी आसन में!
करीब 30 मिनट तक मैं दोनों से ऐसे ही चुदती रही. जब उं दोनों का पानी निकल गया तो उन्होंने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया.
मेरी चूत और गांड से दोनों का वीर्य बह रहा था.
मैंने बुरी तरह से थक चुकी थी. मेरी गांड पहली बार चुदी थी, मेरी गांड फट चुकी थी, उसने बहुत दर्द हो रहा था. मेरी आँखों से आंसू रुक नहीं रहे थे. मैं नंगी ही लेटी रही. बहुत दर्द हो रहा था.
मैं सोचने लगी कि इसमें दीदी के बॉस और उसके दोस्त का कोई कसूर नहीं … मैं खुद अपनी मर्जी से यहाँ चुदाई के लिए ही तो आयी थी. फिर मैंने सोचा कि चूत चुदाई में तो मुझे बहुत मजा आया लेकिन गांड मरवाने में बहुत तकलीफ हुई. मैं खुश भी थी कि अब मुझे आगे से गांड मरवाने में इतना दर्द नहीं होगा क्योंकि मेरी गांड को लंड खाने की आदत पड़ गयी है.
मैं सोने की कोशिश करने लगी.
करीब एक घंटे बाद उनका दोस्त फिर रूम में आया और मुझसे लिपट गया. उसने एक बार फिर मेरी चुदाई की. किसी रंडी की तरह मैं बस चुदी जा रही थी.
उस रात मुझे उन दोनों ने मुझे 6-7 बार चोदा.
सुबह हुई और मैं कपड़े पहन कर बाहर रूम में आई कोमल और वो दोनों वहीं थे.
फिर हम सबने नाश्ता किया और वो दोनों चले गए.
तब कोलम को मैंने कोमल को बताया कि मेरी उं दोनों ने मुझे पूरी रात रौंदा, मेरी गांड भी मारी.
कोमल ने बताया कि वो भी 3 बार चुदी थी पूरी रात में. एक बार अपने बॉस से और दो बार बॉस के दोस्त से!
अब मेरी फुद्दी तो ठीक थी पर गांड में बहुत दर्द था.
हम दोनों घर वापस आ गई.
रात में कोमल ने मुझे एक एक स्टेप पूछा कि मेरी चुदाई कैसे हुई थी. उसने बताया कि वो हमारी चुदाई की पूरी कहानी लिख कर नेट पर भेजेगी.
तो मैंने अपनी बहन कोमल को दोबारा अपनी चुत और गांड की चुदाई की पूरी कहानी बताई कि पूरी रात क्या क्या हुआ मेरे साथ! एक एक स्टेप उसे बताया.
यह चुदाई मैं पूरी जिन्दगी याद रखूँगी. लेकिन मैंने कोमल को बोल दिया- तेरे दोस्त तुझे ही मुबारक! अब मुझे मत बोलना किसी से चुदने के लिए!