कुंवारी चूत की चुदाई की इस कहानी मैं पड़ोस की एक लड़की को चाहता था लेकिन उसने मुझे ठुकरा दिया. अर्न्तवासना के पाठकों को साहिल का प्रणाम! लेकिन उसकी की छोटी बहन की कुंवारी बुर को मैंने कैसे चोदा. पढ़ें मेरी इस देसी कहानी में! प्रिय पाठको, अर्न्तवासना पर यह मेरी पहली कहानी है देसी लड़की की बुर चुदाई की.
आपको मैं पहले अपने बारे में बता देता हूँ मेरी उम्र 24 हाईट 5 फुट 6 इंच है. मैं दिखने में अच्छा हूँ. अब अपने आपसे खुद की क्या तारीफ करूँ.. बस इतना समझ लीजिये कि मैं काफी स्मार्ट हॅू. मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच और मोटाई 3 इंच यानि कि जो भी लड़की एक बार मुझसे चुद गई, वो मुझे हमेशा याद रखेगी.
अब आपका ज्यादा समय न लेते हुए सीधे कहानी पर आता हूं, यह मेरी और मेरी पड़ोसन की सच्ची कहानी है मेरी पड़ोसन का नाम तनु है, उसकी उम्र 18 की है और वो दिखने में काफी मस्त माल है. खुदा ने उसको क्या कयामत सा बदन दिया है.
दोस्तो, उसका फिगर 32-24-36 का है उसके उठे हुए मम्मों को देखकर अच्छे-अच्छों का पानी छूट जाए.
उसके घर में वो और उसकी बड़ी बहन, जो उससे 5 साल बड़ी है और एक भाई भी रहता है, जो उससे 4 साल छोटा है दरअसल, मैं उससे नहीं, उसकी बड़ी बहन को प्यार करता था क्योंकि हम पड़ोसी थे जिसके कारण हमारा (मेरा और उसकी बड़ी बहन) का बचपन साथ में ही बीता. मुझे पता ही नहीं चला कि मुझे उससे कब प्यार हो गया पर वो मुझे पसंद तो करती थी, लेकिन प्यार नहीं. शायद वो समाज से डरती थी क्योंकि अब हम बड़े हो चुके थे.
एक दिन मैंने उसे प्रपोज किया, तो उसने मना कर दिया और मुझे डराया कि अगर मैंने दोबारा ऐसी गलती की तो वो मेरे घर में शिकायत कर देगी. मुझे उसकी इन बातों से बहुत दुख हुआ, जिसके चलते हमारी बातचीत बन्द हो गयी और 5 साल तक बात नहीं हुई.
खैर.. मैं भी उसे भूल चुका था, पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. उसकी छोटी बहन के लिए मेरे दिल में ऐसा कुछ भी नहीं था. मैं उससे सामान्य तरीके से बात करता था. पर उसने एक दिन अपनी बड़ी बहन का जिक्र कर दिया, जिससे मेरे दिल में फिर से उसकी यादें ताजा हो गयी.
अब उसकी छोटी बहन से मेरी फोन पर बातें होने लगीं.. क्योंकि मैं इंजीनियरिंग करने बाहर दूसरे शहर गया था.
वो मुझसे बात करने लगी और मैं उसकी बड़ी बहन के चक्कर में उससे बात करने लगा. पर मैं जब भी उससे उसकी बड़ी बहन के बारे में कुछ पूछूँ, तो उसे बुरा लगने लगता.
वो मेरे करीब आने लगी.
एक बार हम ऐसे ही बात कर रहे थे और जैसे ही मैंने उसकी दीदी का जिक्र किया, वो कहने लगी कि आप दीदी के बारे में बात न किया करें.
फिर जब मैंने पूछा, तो पहले उसने बात टाल दी, पर मुझे शक हो गया था. तब मैं कैसे बात को टालता और मैंने जोर देकर बात पूछी, तो उसने कहा कि उसे मुझसे प्यार हो गया है.
यह सुनकर मैं खुश तो हुआ लेकिन कुछ अजीब सा भी लगा पर मैंने उसकी भावनाओं की खातिर उससे कुछ नहीं कहा और मैंने भी प्रपोज कर दिया.
उसके बाद से हमारी बातें और ज्यादा होने लगीं. हम क्लोजली बातें करने लगे और सेक्स की भी बातें करने लगे.
समय बीतता गया मेरी पढ़ाई पूरी हो गयी और मुझे घर के पास ही जॉब मिल गई, जिसके कारण मैं घर पर रहने लगा.
अब हम दोनों पास पास रहने लगे. मुझ पर अब उसका पूरा नशा सा छा गया. हम चोरी चोरी उसके घर पर मिलने लगे. अब धीरे धीरे मैं उसे चोदना चाहता था पर मौका नहीं मिल रहा था, पर वो घड़ी आ ही गई, जिसका मुझे बेसब्री से इन्तजार था.
रविवार को उसके घर के सभी लोग किसी बर्थडे पार्टी में गए हुए थे और वो नहीं गई. उसने मुझे फोन किया, बात की. जब मैंने पूछा कि सब लोग कहाँ गए?
तो उसने बताया कि सब निमंत्रण में गए हैं और शाम को वापस आयेंगे.
यह सुनकर तो मेरे मन में एक खुशी की लहर दौड़ गई, पर उसे इसका अन्दाजा नहीं था कि आज उसके साथ क्या होने वाला है. मेरी प्यारी माल आज मुझसे चुदने वाली है. मैंने झट से कहा कि मैं आ जाऊं?
तो उसने हाँ कर दी.
फिर क्या था, मैं उसके घर गया और उसे अपनी बांहों में जैसे ही उठाया, उसे कुछ बुरा लगा और वो मुझसे अलग होने लगी. मैंने भी कोई जबरदस्ती न करते हुए उसे छोड़ दिया, लेकिन शायद उसे ये लगा कि मुझे अब बुरा लग रहा है. तो उसने मुझे किस कर लिया.
फिर क्या था, मेरा लंड अब खड़ा होने लगा और मैंने भी उसे किस करना शुरू कर दिया उसे गोद में उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया अब शायद वो सब कुछ भूलकर बस आज चुदना चाहती थी. तो भला मैं देर कैसे करता, मैं भी उसे पागलों के जैसे किस करने लगा. उसके उठे हुए मम्मों को दबाने लगा.
वो मादक सिसकारियां भरने लगी. मैंने उसके मम्मों को आजाद करने के लिए उसका कुर्ता निकाल दिया. उसने सफेद कलर की ब्रा पहन रखी थी. मैं उसे ब्रा के ऊपर से ही किस करने लगा, वो और उत्तेजित होने लगी. अब उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था. मैं और आगे बढ़ने लगा और उसकी सलवार भी उतार दी. अब वो काली पैंटी में मेरे सामने बहुत ही सेक्सी माल लग रही थी.
मैं उसको पैंटी के ऊपर से ही टच करने लगा उसकी तो जान ही समझो निकल गई.
आह.. क्या मस्त नजारा था.
अब उसने कह ही दिया कि जानू अब रहा नहीं जाता कुछ करो.
तो मैं समझ गया कि अब ये पूरी गर्म हो चुकी, सो मैंने देर न करते हुए उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और उसने मेरी.
अब हम बिल्कुल नंगे थे. मेरा लंड देख कर वो घबरा गई, पर उत्तेजना इतनी थी कि वो मुझे अपनी ओर खींचने लगी.
मैंने भी देर न करते हुए अपना लंड उसकी चिकनी चूत पर लगा दिया और ऊपर नीचे करने लगा. वो बहुत गर्म हो चुकी थी. फिर मैंने लंड का सुपारा अन्दर करना चाहा, पर मैं कसी हुई चुत के कारण नाकाम हो रहा था.
फिर अबकी बार मैंने एक जोरदार झटका दिया, तो मेरे लंड का आधा हिस्सा चुत के अन्दर चला गया. उसकी तो चीखें निकल गईं. मैंने झट से उसको किस करना शुरू कर दिया. उसे अब मजा आने लगा, तो मैंने धक्कों की स्पीड़ बढ़ा दी.
उसकी मादक आवाजें मुझे और उत्तेजित करने लगीं. कुछ ही देर में वो झड़ने वाली थी और मेरा भी माल निकलने वाला था. मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल लिया और अपना सारा माल उसके ऊपर ही गिरा दिया.
वो भी शांत हो गई.
कुछ देर लेटे रहने के बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए क्योंकि उसके घर के सब लोग आने वाले थे. तो मैं वहां से वापस आ गया.
दोस्तो, पहली बार लिखी इस चुदाई की कहानी में बहुत सारी गलतियां होंगी, जिनके लिए मैं क्षमा चाहता हूँ.. आपके विचार आमंत्रित हैं.