चूत की सील तुडवाने की कहानी में पढ़ें कि कैसे मुझे एक कुंवारी लड़की की चुदाई करने का मौक़ा मिला. वो लड़की खुद ही अपनी पहली चुदाई का मजा लेने के लिए तड़प रही थी.
नमस्ते दोस्तो, मैं राहुल आपको एक ऐसी सेक्स कहानी सुना रहा था, जिसमें मुझे एक सीलपैक चुत की सील तोड़ने का अवसर मिल गया था.
अब तक इस सेक्स कहानी के पहले भाग
बुर चुदवाने को तड़पती स्टूडेंट की बहन-1
में आपने पढ़ा था कि कैसे मेरे स्टूडेंट आरव ने अपनी बहन का राज मुझे बताया.
फिर मैंने उसकी बहन से अपना लंड चुसवाया और उसकी गुलाबी चूत को भी चूसा. उसके कसे हुए मम्मों को थोड़ा सा चूस कर मजा लिया.
वो मेरे लंड से चुदने के लिए मचल उठी थी, तो मैंने उसे अपने कमरे पर आने के लिए राजी कर लिया था. हमारा पूरी रात की चुदाई का प्रोग्राम बन गया था.
अब आगे:
मैं ट्यूशन पढ़ा कर कमरे पर आया, तब से ये सोच सोच कर पागल हुए जा रहा था कि आज रात सील पैक चूत खोलने का मौका मिलेगा.
वो भी अप्सरा जैसी सुन्दर लड़की पायल की सफाचट चुत की चिपकी हुई फांकों में मेरा लम्बा मोटा लंड घुसेगा, तो उसकी चुत को फाड़ ही देगा.
मैंने उसकी चुत से निकलने वाले खून को साफ़ करने के लिए सैवलॉन और कॉटन का इंतजाम करके रखा. दो गोली पेनकिलर की रख लीं और एक पेरासिटामोल भी रख ली ताकि पायल को बुखार वगैरह न चढ़ जाए.
ये सब तैयारी करके मैंने अपने लंड को सहलाया तो उसकी हालत खराब हुई पड़ी थी.
मैंने झांटों को साफ़ किया और उसी दौरान मुझे पायल के मुँह से चुसवाने से लंड की आधी खुमारी को अपने हाथ से पूरी करनी पड़ी.
कुछ ही देर तक लंड को मुठियाने से वो रो पड़ा और उसने बहुत सारा वीर्य पिचकारियों की शक्ल में सामने की दीवार पर मार दीं.
अब मुझे बेसब्री से रात होने का इंतजार था.
करीब रात के 9 बजे मुझे पायल का फोन आया कि मैं अपनी फ्रेंड के साथ उसके घर के बाहर खड़ी हूँ. आप बाइक से मुझे यहां से लेने आ जाओ.
मैंने उससे पूछा कि उसका घर किधर है.
उसने मुझे अपनी सहेली के घर का पता बताया.
तो मैंने उससे कहा कि तुम मेरे व्हाट्सैप पर लोकेशन भेज दो.
उसने मेरे मोबाइल पर अपनी लोकेशन भेज दी.
मैं गूगल लोकेशन की मदद से वहां पहुंच गया. मैंने देखा तो पायल उधर अपनी फ्रेंड के साथ खड़ी थी.
मैंने करीब जाकर उससे हाय की, तो उसकी फ्रेंड ने भी मुझे ऐसा देखा जैसे वो मुझे एप्रूव करने आई हो कि लंडधारी सही है या नहीं.
मुझे नजर भर कर देखने के बाद उसकी सहेली ने मुझे हल्की सी स्माइल दी.
मैंने भी उसे बड़ी कातिल नजरों से देख कर मीठी सी मुस्कान बिखेर दी.
वो शायद खेली खाई लग रही थी, पर अभी पक्का पता नहीं था. वो मेरी नजरों को भांप गई कि मैं उसे देख कर क्या सोचता हूँ.
मैंने ये सब इसलिए किया था क्योंकि मुझे मालूम था कि पायल ने अपनी सहेली को सब बता ही दिया होगा कि आज क्या होने वाला था.
यदि पायल ने उसे ये सब न बताया होता तो शायद वो मुझसे अकेले मिलती या सीधे मेरे कमरे पर आने का सोचती.
खैर … पायल ने दिपाली को बाय बोला और मेरे साथ बाईक पर बैठ गई.
बाईक पर पायल मुझसे बिल्कुल चिपक कर बैठी थी, जिससे उसकी चुचियां मुझे महसूस हो रही थीं.
मैंने भी उसकी चूचियों का मजा लिया और रास्ते में खिलवाड़ करने से अच्छा उसको नंगी करके चूचियां चूसना समझा.
इसलिए मैंने फुल स्पीड से बाइक को अपने कमरे की तरफ दौड़ा दिया.
हम दोनों पांच मिनट बाद मेरे रूम पर आ गए थे. मैंने रूम की चाभी उसे दी और बोला कि तुम कमरे के अन्दर चलो, मैं बाईक पार्क करके आता हूँ.
उसने मुझसे चाभी ली और ताला खोल कर कमरे में अन्दर चली गई.
एक मिनट बाद मैंने कमरे में अन्दर आकर दरवाजा बंद किया और उसकी तरफ देखा.
उसके चेहरे पर डर और खुशी दोनों भाव दिख रहे थे.
वो मुझे देख कर खड़ी हो गई.
मैं उसके पास गया और और उसको टाइट वाला हग कर लिया.
वो सहमी सी थी.
मैंने उसे चूम कर कहा- पायल डरो मत, आज से हम दोनों बेस्ट फ्रेंड हैं … और जो भी हम दोनों करेंगे, अपनी सहमति से करेंगे. मेरा विश्वास करना मैं बहुत प्यार से और बिना दर्द दिए करूंगा.
उसने मेरी इस बात से कुछ नहीं बोला, बस मुझे जोर से गले लगा लिया.
फिर मैंने उसके माथे पर किस किया और कहा- मेरी जान को भूख लगी होगी ना … क्या खाना है … बताओ!
वो बोली- नहीं, मैंने खाना खा लिया था, वो सब आप रहने दो.
मैं बोला- नहीं, ऐसा नहीं होता. चलो हम पिज्जा मंगवा लेते हैं.
उसने हां में सर हिला दिया.
मैंने पिज्जा का ऑर्डर कर दिया.
फिर मैंने उससे बोला- गर्मी बहुत हो रही है न … क्यों ना ठंडा ठंडा शॉवर लिया जाए.
वो मुस्कुरा कर बोली- ठीक है, आप ले लो … फिर मैं ले लूंगी.
मैं बोला- नहीं पायल, अकेले नहीं … हम दोनों साथ में लेंगे. बहुत मजा आएगा.
वो तैयार हो गई.
तभी पिज्जा ब्वॉय आ गया.
मैंने उससे पिज्जा लेकर किचन में रख दिया.
अब मैंने अपने कपड़े निकाल दिए. बस अंडरवियर को छोड़ कर उसके सामने आ गया.
मैंने उससे कहा- तुम भी कपड़े निकाल दो, नहीं तो भीग जाएंगे.
उसने भी ब्रा-पैंटी को छोड़ कर सब कपड़े निकाल दिए. हम दोनों बाथरूम में आ गए. मैंने शॉवर चला दिया, उसने अपनी ब्रा पैंटी नहीं निकाली थी, वो उन्हें अब भी पहने हुए ही भीग रही थी. पानी में भीगने से उसका बदन चमक रहा था.
मैंने उसके रसीले होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उनको चूसने लगा. उसके होंठ बहुत ही मुलायम थे.
वो भी होंठ चूसने में मेरा साथ दे रही थी. मैं पागलों की तरह उसके होंठों को चूस रहा था. कभी मैं अपनी जीभ उसके मुँह में घुसा कर उसकी जीभ को चूस लेता.
फिर मैंने उसकी गर्दन पर जीभ लगा दी और अपने होंठों से शॉवर से गिर रहे पानी को चूसने लगा.
वो भी मजे में मादक सिसकारियां भर रही थी. इससे पता चल रहा था कि पायल अपनी अन्तर्वासना के सागर में डुबकियां लगा रही थी.
अब मैंने पायल की चूचियों को ब्रा की कैद से आजाद कर दिया. शॉवर कर पानी उसके एकदम से तने हुए मम्मों पर गिर रहा था.
मैंने एक पल उसकी कमनीय चूचियों के मस्त नजारे को निहारा और अगले ही पल उसकी एक चुची को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
मुझे उसकी ब्रा पर पड़ा नम्बर देख कर मालूम हो गया था कि उसके चूचे साईज में 34D के थे.
पायल अपनी चुची चुसवाते हुए सेक्सी आवाजें निकाल रही थी- आह चूस लो … पूरी खा जाओ … आआआ आहहह … बहुत मजा आ रहा है.
मैं भी उसकी चूची के निप्पल को खींच खींच कर चूसते हुए बुदबुदाने लगा- हां मेरी जान … आज मैं इन दोनों आमों का सारा रस पी जाऊंगा … आह बहुत प्यारी है तुम्हारी चूचियां. मेरा दिल कर रहा है कि कच्चा ही खा जाऊं इनको … उम्मअम्अ!
मैं एक हाथ से पकड़ कर एक को चूस रहा था और दूसरे हाथ से दूसरी को मस्ती से दबा रहा था.
वो मेरी तरफ अपनी चूचियों को दबाए जा रही थी और गर्म आहें निकाल रही थी.
इस समय हम दोनों के ऊपर गिरता फव्वारे का पानी हमको महसूस ही नहीं हो रहा था.
कुछ देर बाद मैंने घुटनों के बल बैठ कर उसकी पैंटी को थोड़ी साईड में कर दी और उसकी सफाचट चुत में अपनी जीभ घुसा दी.
अपनी चुत में मेरी जीभ के स्पर्श पते ही उसके मुँह से जोर से ‘आआहहह ..’ की आवाज निकली.
मगर मैंने उसके चूतड़ों को अपनी तरफ खींच कर उसकी चुत को अपने मुँह के काबू में कर लिया.
वो भी मेरे सर को अपनी टांगों के बीच में दबाने लगी.
मैंने अब उसकी पैंटी को भी निकाल दिया और पीछे से उसको अपनी तरफ खींच लिया. जिससे मेरी जीभ उसकी चुत में पेवस्त हो कर उसे मजा देने लगी.
वो अपनी टांगें कड़ी करके मेरे मुँह पर अपनी चुत घिसने लगी.
मगर मुझे मालूम था कि इसकी चुत को इतनी जल्दी नहीं झड़ने देना है.
मैंने उसकी चुत से मुँह हटा लिया और अपनी चड्डी उतार कर उसके पीछे आ गया.
वो मेरे मुँह हटा लेने से एकदम से तड़फ उठी मगर कुछ बोली नहीं.
अब पीछे से मेरा मोटा लंड उसकी नंगी गांड की दरार में घुसने लगा था.
मुझे उसके चूतड़ों की दरार में अपने लंड को रगड़ने में बहुत मजा आ रहा था.
वो भी लंड का अहसास अपने छेद के इतने करीब पाकर मचल उठी थी.
फिर मैंने अपना लंड हाथ से पकड़ कर उसकी गांड की दरार में ऊपर नीचे करते हुए रगड़ना चालू कर दिया.
पायल भी मजे में अपनी गांड को पीछे करते हुए ऊपर नीचे करने लगी थी. शायद लंड की गांड पर रगड़ से उसे भी मजा आ रहा था.
वो बोली- प्लीज कुछ करो ना … अब नहीं रहा जा रहा है … आआहह.
मैंने कहा- अब बाकी का खेल बेड पर करेंगे.
मैंने शॉवर बंद किया और उसे गोद में उठा कर कमरे में आ गया.
वो एकदम नंगी मेरी गोद में थी और बहुत ही प्यार भरी नजरों से मुझे देख रही थी. मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया.
वो मुझसे बोली- प्लीज अपना वो अन्दर डाल दो ना … अब मुझसे एक पल भी नहीं रहा जा रहा है.
मैं- जान, उसे लंड कहते हैं. अब शर्माना छोड़ दो और लंड से चुदने के लिए रेडी हो जाओ. मगर मुझे पहले अपनी चूत तो चूस लेने दो.
पायल ने मेरा लंड पकड़ा और बोली- मैं सारी रात यही हूँ … फिर चूस लेना … पहले अपना लंड मेरी चुत के अन्दर डालो.
मैंने सोचा कि लोहा गर्म है, अभी चोट मारना ही ठीक रहेगा.
तो मैंने लंड पर कंडोम लगाया और उसकी गुलाबी चुत के छेद पर रख दिया.
वो लंड का अहसास पाते ही अपनी गांड को नीचे से उठाने लगी.
उसकी आग देख कर लग रहा था कि ये लंड को लीलने के लिए हद से ज्यादा बेताब है.
मगर मुझे ये भी मालूम था कि लंड अन्दर जाते ही ये दर्द के मारे चुदाई भूल जाएगी. उसका इंतजाम मुझे पहले से करना ही पड़ेगा, नहीं तो मामला गड़बड़ हो जाएगा.
मैंने उस पर पूरा झुकते हुए उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में लिया और लंड को हल्का सा दाब दिया. उसकी चिपकी हो फांकों वाली चुत को चीर कर सुपारे ने हल्का सा अन्दर हमला किया, तो उसकी आंखों से आंसू निकल आए.
मैंने रुक कर उसे प्यार से चूमा और होंठ हटा कर कहा- न न डरना नहीं … मैं बहुत प्यार से करूंगा … दर्द महसूस ही नहीं होगा.
मगर मुझे पता था कि दर्द के बिना मजा कैसे मिल सकता है, इसलिए मैंने पायल के होंठों पर अपने होंठ फिर रख दिए और पूरी ताकत से धक्का दे मारा.
मेरा लंड चुत की सील को तोड़ता हुआ अन्दर घुस गया.
वो छटपटाने लगी, उसकी आवाज मेरे होंठों के ढक्कन के कारण बंद हुई पड़ी थी.
उसके हाथ मुझे पूरी ताकत से अपने ऊपर से हटाने जतन कर रहे थे. मगर मैं पूरा लंड चुत की जड़ तक पेल कर माना.
उसका दर्द देख कर मुझे समझ आ गया था कि अगर मैं रुक गया, तो फिर ये मुझे चोदने नहीं देगी.
इसलिए मैंने उसकी 10-15 जोर जोर से धक्के मारे और लंड के एडजस्ट होने के बाद रुक गया.
उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे.
मैंने होंठ हटा कर उसे टाईट वाला हग किया और बोला- बस जान … अब दर्द नहीं होगा. अब बस मजा ही मजा आएगा.
पायल ने मरी हुई कुतिया सी आवाज में रुआंसे स्वर में बस हां में सर हिलाया. मगर बोली नहीं कुछ.
मैं लंड को चूत में डाले पड़ा रहा. उसकी चूचियों को चूसता रहा. इससे उसे दर्द में राहत मिली और थोड़ी देर में उसका दर्द जाता रहा.
अब उसने नीचे से अपनी गांड उठा कर चुदाई करने का इशारा किया.
मैंने अपना लंड चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
मैं- ये ले जान … अब तू कली से फूल बन गई … ले मेरा लंड ले ले और अपनी खुजली मिटा ले मेरी बुलबुल.
पायल किलकारी भरती हुई बोली- आंह हां … और अन्दर पेलो … आह अब से मैं आपकी ही हूँ … बहुत परेशान किया है इस चूत ने … आज अपने लौड़े से इसकी जमकर चुदाई करो.
मैं- अब से इस चूत का पूरा ख्याल रखूंगा … रोज तुम्हारी चूत चोदकर तुम्हें मजा दूंगा.
पायल- आआहह … और जोर से चोदो … आह बहुत मजा आ रहा है आह अन्दर तक पेलो … आह फाड़ दो.
मैं और जोर से धक्के लगाने लगा- ये ले मेरी जान मेरा लंड खा!
वो चुदते हुए खुशी में पता नहीं क्या बड़बड़ाए जा रही थी.
पायल- आह आप पहले क्यों नहीं मिले … आआहह कितना मजा आता है रे चुदाई में … आह आज पता लगा.
मैं- जान तुम बोल कर तो देखती, तुम्हें कब का चोद दिया होता.
पायल- आआहहह कोई बात नहीं … अब आप रोज चोदना मेरी चुत को … अब ये आपके लंड के बिना नहीं रह पाएगी … आह और जोर से चोदो … आह मुझे कुछ हो रहा है … आआह फास्ट!
मैं समझ गया कि लौंडिया झड़ने वाली है. मैं उसे और जोर जोर से चोदने लगा.
उसने दस धक्के के बाद तेज आवाज में ‘आआहह ..’ करके अपना पानी निकाल दिया.
वो झड़ कर निढाल होकर पड़ गई.
अब वो बोली- बस अब रहने दो.
मैं बोला- मेरा तो हुआ ही नहीं है.
वो- मैं आपका मुँह से कर देती हूँ.
मैंने कंडोम निकाल कर लंड उसके मुँह में दे दिया. उसने बहुत मस्त लंड चूसा. फिर जब मेरा रस निकलने वाला था, तो मैंने लंड उसके मुँह से निकाल लिया और अपना वीर्य उसके मम्मों पर गिरा दिया.
इसके बाद हम दोनों पिज्जा खाया और मैंने चॉकलेट खिलाई.
वो बहुत खुश थी मगर उसे चुत में हल्का हल्का दर्द हो रहा था.
मैंने उसे पेनकिलर खिला दी और कुछ देर बाद हम दोनों फिर से चुदाई में लग गए.
उस रात हमने दो बार और सेक्स किया, फिर हम दोनों सो गए.
सुबह जल्दी ही मैं उसके घर की गली तक उसे छोड़ आया.
अब वो मेरी शैदाई हो गई थी. मुझे मालूम था कि इसकी चुत को लंड का स्वाद लग गया है. अब ये बिना लंड लिए नहीं रहने वाली है.
मगर मेरी नजर उसकी सहेली पर भी थी.
आगे इस सेक्स कहानी में क्या हुआ, वो भी मैं साझा करूंगा. मगर उसके लिए आप लोगों के मेल से प्रोत्साहन मिलना जरूरी है.