देसी गर्म भाभी की चुदाई मैंने कैसे की इस कहानी में पढ़िये. वो मुझे बस में मिली थी. वो मेरी बगल में बैठी थी. मैं कैसे उसके करीब हुआ और उसको पटाकर कैसे उसकी चूत मारी?
कैसे हो दोस्तो? मेरा नाम सैम (समीर शेख) है।
मैं गुजरात के अहमदाबाद का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 22 साल, कद 6 फीट और लंड का साइज़ 7.5 इंच है. मेरा लंड 3 इंच मोटा है.
मैं अभी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूं।
बचपन से ही में एक अच्छा दिखने वाला पर थोड़ा पतला सा लड़का रहा हूँ. उसके साथ ही मैं बहुत शर्मिला भी हूँ इसलिए मैंने कभी किसी लड़की को पटाया नहीं और न ही किसी के साथ सेक्स किया था.
मुझे भाभियों में बहुत दिलचस्पी रही है. उनकी गांड और स्तन देख कर मैं बहुत मुठ मार चुका हूं.
अब आपका ज्यादा वक्त ज़ाया न करते हुए चलिए कहानी शुरू करते हैं.
यह कहानी मेरे पहले सेक्स के बारे में है.
मैं कई सालों से अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ रहा हूँ. फिर मैंने सोचा कि क्यों न अपने खुद के साथ घटी हुई एक सच्ची कहानी आप लोगों के साथ शेयर करुं!
ये कहानी है पिछले साल की … जब मैं परीक्षा देने के लिए बस के द्वारा अहमदाबाद से राजकोट जा रहा था.
छह घंटे का सफर था. वह दोपहर का वक्त था और गर्मी बहुत ज्यादा थी. इसी वजह से बस में भीड़ कम थी।
ज़्यादातर मैं बैठने के लिए विंडो सीट ही पसंद करता हूँ. तो मैं बस में चढ़ कर अपनी वाली सीट पर बैठ गया और आगे पीछे किसी भाभी को ढूंढने लगा.
मगर अपना नसीब ही पांडु था. कोई भी अच्छी भाभी या लड़की बस में नहीं थी।
बस अपने नियत समय पर चल पड़ी और मैंने कानों में हेडफोन लगाया और गाने सुनने लगा.
अगले ही स्टॉप पर थोड़े लोग चढ़े जिससे बस में बैठने के लिए 2 ही सीट रह गईं.
उसी वक्त एक बूढ़ी औरत और उसके साथ एक मस्त फिगर वाली भाभी चढ़ी. उसने लाल साड़ी पहनी थी और चेहरे पर उन्होंने नकाब जैसा कुछ बांधा था. उसका फिगर ही ऐसा था कि देखते ही लंड में जान आ जाये.
मन ही मन मैंने सोचा कि काश … वो भाभी मेरे बगल में बैठे तो आगे का सफर तय करने में मजा आ जाये.
मगर किस्मत फूटी थी और वो सेक्सी भाभी पीछे वाली सीट पर बैठी.
फिर मैंने हार मान ली और आंख बंद करके सोने की कोशिश करने लगा.
थोड़ी देर के बाद बस एक ढ़ाबे पर जाकर रुकी. सब लोग थोड़ा टहलने के लिए उतरे क्योंकि सफर काफी लंबा था.
मैंने सोचा कि मैं भी पेशाब करके थोड़ा हल्का हो लेता हूं.
मैं नीचे उतरा और पेशाब करके आ गया. तभी देखा कि वो भाभी भी बाहर आ गयी थी. मैंने उसका चेहरा देखा तो ठीक ठाक लगी.
मगर उसका फिगर बड़ा ही कातिल था. उसका साइज 38-34-38 का था जो मुझे बाद में पता चला था.
बस निकलने वाली थी और मैं बस में सबसे अंत में चढ़ा.
देखा तो भाभी ने अपनी सीट उस बूढ़ी औरत के साथ बदल ली थी. वो मेरी बाजू वाली सीट पर बैठी थी.
मैं भी खुश हो गया और जल्दी से बैठने के लिए गया.
मगर बस में भीड़ थी क्योंकि सब लोग एक साथ चढ़ आये थे और मैं जल्दी से अंदर घुस नहीं पाया.
भाभी खड़ी हो गयी और मैंने अंदर घुसते हुए उसकी गांड पर लंड रगड़ दिया.
फिर मैं अपनी सीट पर बैठ गया. बस निकल पड़ी और मैं फिर गाने सुनने लगा.
मैंने भाभी की ओर तिरछी नजर से देखा तो वह मेरे ही मोबाइल में देख रही थी.
मैंने जब उनकी ओर देखा तो वो सोने लगी।
अब मैं ठहरा शर्मीला तो मैं तो सिर्फ देखने में लगा था.
उसके बूब्स उसकी सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे. उनको देखकर ही मेरा लंड खड़ा हो गया था.
अब मैंने सोचा कि भाभी तो सो रही है तो क्यों न थोड़ा खुल ही जाऊं?
मैं अपनी शर्ट की जेब में कुछ ढूँढने जैसी एक्टिंग करके अपनी कोहनी से उनके बूब्स को हल्के से छूने लगा.
उनका कोई रेस्पोन्स नहीं आ रहा था. मैंने सोचा कि वो सो रही है।
दूसरी बार मैंने थोड़ा दबाव डाला और कोहनी से उनके बूब्स को दबाया तो उन्होंने आँख खोलकर मेरी ओर देखा.
मेरी तो गांड ही फट गयी और वह फिर से सोने लगी।
अब मैं थोड़ी देर अपने मोबाइल में देखने लगा.
मैंने सोचा कुछ तो करना ही है आज.
फिर मैंने अपने दोनों हाथ अपने सीने पर फोल्ड कर लिये. मैं चौड़ा तो था ही और सीट छोटी थी तो मेरी कोहनी उनके बूब्स से टच होने लगी.
मैंने भी हिम्मत जुटाकर अब बस के हिलने का फायदा उठाकर दो उंगलियों से धीरे से उनके बाएं वाले चूचे को छुआ.
अब वो सो रही थी तो दूसरी बार मैंने बस के हिलते ही दो उंगलियों से बाएं वाले चूचे को थोड़ा दबाया.
इस बार उनका कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो मैंने फिर से चूचे को उंगलियों से दबाया मगर इस बार मैंने उंगलियां उनके चूचे पर ही रहने दीं।
अब थोड़ी देर मैं उँगलियों से ये हरकत करता रहा.
वो सो रही थी तो मुझे तो खुली छूट मिल गई.
फिर हवस के चलते मैंने पूरा हाथ उनके ब्लाउज के ऊपर रख दिया तो उन्होंने आँखें खोल लीं.
उसी वक्त मैंने झट से अपना हाथ हटा लिया. अब वो बिना कुछ बोले ही फिर से सोने का नाटक करने लगी.
मैंने फिर अपना काम शुरू किया और अपने हाथ से चूचे को मजबूती से दबाया.
उनका कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो मैं समझ गया कि माल सेट है.
मैंने हल्के से अपने हाथ को उनके पेट पर रख दिया तो वो आँख खोल कर मेरी तरफ़ मुस्करा दी.
फिर उसने नीचे होकर अपना बायां हाथ मेरी जांघ पर टिका कर अपना सिर उसके ऊपर रख कर सो गई।
मैं समझ गया कि वो मेरी आसानी के लिए ही ऐसे सोने का नाटक कर रही थी.
अब मैं मजे से उनकी चूची दबा रहा था. जब मैंने ब्लाउज के अंदर हाथ डालने की कोशिश की तो वो बैठ गई और अपना मोबाइल निकाल कर अपना खुद का नम्बर डायल किया और मुझे मोबाइल दिखाया.
मैंने भी नम्बर नोट करके उनको व्हाट्सएप्प पर मैसेज किया और उनका नाम पूछा.
उन्होंने बताया कि उनका नाम आमना है.
मैंने पूछा कि वो उठ क्यों गयी?
तो कहने लगी कि बस में लोग ज्यादा हैं. अगर कोई देख लेगा तो बेईज्जती होगी.
मैं बोला- मैं बस थोड़ा ऊपर से टच करूंगा उसके अलावा और कुछ नहीं करूंगा. किसी को भनक तक नहीं लगेगी कि मैं आपके अंगों को छेड़ रहा हूं.
फिर वो मुस्कराई और वापस से उसी पोजीशन में नीचे हो गयी.
अब मैं आराम से उसके नर्म नर्म चूचों को दबाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैं अपना हाथ नीचे करके साड़ी के ऊपर से ही उनकी चूत को छेड़ने लगा.
वो एकदम से हड़बड़ा गयी और मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी.
फिर व्हाट्सएप पर मैसेज करके वो मुझे डांटने लगी क्योंकि सबके सामने तो हम बात कर नहीं सकते थे.
मैंने भी रिप्लाई में लिख दिया कि अब मेरे से रहा नहीं जा रहा है.
फिर वो हंस पड़ी और उसने मेरी जीन्स में मेरे तने हुए लंड को देखा.
फिर उसने चुपके से नीचे हाथ लाकर मेरे लंड पर रख लिया.
उसके हाथ रखते ही मेरे लंड में जोर जोर से झटके लगने लगे.
मैंने भी एहतियात के लिए अपना बैग उठाकर अपनी जांघ पर रख लिया ताकि किसी को भाभी का हाथ मेरे लंड पर रखा हुआ दिखाई न दे.
अब मेरा लंड बैग के पीछे था और भाभी का हाथ बैग के नीचे से आया हुआ था. मैंने मौका पाकर पैंट की चेन खोल ली और लंड को बाहर निकाल कर भाभी के हाथ में दे दिया.
वह मेरा लंड देख कर खुश हो गई और उसकी चमड़ी को ऊपर नीचे करने लगी।
पहली बार किसी और का स्पर्श पाकर मेरे लंड ने भी पानी छोड़ दिया तो वह हंसने लगी.
मैंने भी ब्लाउज के ऊपर से उसके चूचे को दबा दिये. मैंने फिर उससे साथ वाली लेडी के बारे में पूछा.
तो वो बोली- ये मेरी मौसी हैं. मेरी शादी राजकोट में हुई है और मेरे पति मार्केटिंग के बिजनेस में हैं. मेरी मौसी जी भी राजकोट रहती हैं.
मेरे कुछ और पूछने से पहले ही उन्होंने बता दिया कि अभी उनके घर पर उसके अलावा कोई और नहीं है.
मैं भी समझ गया कि वो क्या कहने का प्रयास कर रही है.
फिर मैंने भी बोल दिया कि मेरा राजकोट में कोई नहीं है.
तो उन्होंने अपना एड्रेस मुझे दे दिया और मुझे अपने घर आने का न्यौता दिया.
उसी वक़्त कन्डक्टर ने बोला- राजकोट आने वाला है. पहले स्टॉप पर उतरने वाले लोग आगे आ जाएं.
हम दोनों ठीक से बैठ गए और मैंने उनको मैसेज करके शाम को मिलने का वादा किया. उनका स्टॉप पहले आ गया. वो और उनकी मौसी उतर गई और उनके बाद मेरा स्टॉप भी आ गया.
मैं भी फिर बस से उतर गया। मेरा दोस्त मुझे लेने आया था तो हम दोनों बाइक पर बैठकर मेरे दोस्त के रूम पर आ गए। रूम पर आते ही मैं भाभी से चैट करने लगा और हमने बहुत सेक्सी बातें कीं.
उनको मैंने बताया कि आज नहीं आ सकूँगा क्योंकि कल सुबह मेरा एक्जाम है और मैं कल दोपहर तक आ सकता हूं.
पहले तो वो थोड़ी निराश हुई और फिर मान गयी.
उस रात मुझे भाभी का ही सपना आया। सच बताऊं तो दोस्तो, दूसरे दिन मेरा पेपर भी ठीक से नहीं गया।
पेपर खत्म होते ही मैंने उन्हें मैसेज किया और रिक्शा पकड़ कर सीधा भाभी के घर की तरफ निकल गया.
दोपहर का वक़्त था तो उनकी कॉलोनी में भी सब लोग घरों के अंदर ही थे क्योंकि गर्मी काफी थी.
आमना भाभी का घर ढूंढकर मैंने बेल बजाई और उन्होंने दरवाजा खोला.
मैंने देखा कि वो ब्लू साड़ी में एकदम कयामत लग रही थी. सोचा यहीं पटक कर चोद दूँ.
उन्होंने चुटकी बजाकर मुझे जगाया और हंस कर बोली- अंदर भी आओगे या सिर्फ देखते रहोगे?
अब मैं घर के अंदर गया और वो डोर बंद करने लगी.
मैंने पीछे से उन्हें पकड़ लिया और उनके बायें कान पर किस किया. फिर दोनों हाथों से उनके स्तन साड़ी के ऊपर से ही मसलने लगा.
वो बोली- जनाब थोड़ा सब्र करो. आज तो आपको बहुत कुछ करना है.
फिर मैं रुक गया.
उन्होंने मुझे सोफ़े पर बैठने के लिए कहा और किचन में गई और पानी का एक ग्लास लेकर ड्रॉइंग रूम में आकर मुझे दिया.
फिर वो भी मेरे बाजू में आकर बैठ गयी और पेपर के बारे में पूछने लगी.
मैं बोला- वो सब छोड़ो. अपने बारे में कुछ बताओ. आपके शौहर कहां पर हैं?
ये सुनकर वो कुछ उदास सी हो गयी.
वो बोली- मैं बहुत संस्कारी औरत हूँ. बहुत लोग मुझ पर लाइन मारते हैं मगर आज तक किसी को भाव नहीं दिया मैंने. मगर मेरे पति मुझे टाइम नहीं देते और आपने जब मुझे बस में छुआ तो पहली बार मुझे इतना अच्छा लगा।
मैंने भाभी को हग किया और उनको गले से लगाकर कहा- कोई बात नहीं भाभी, आज से मैं हू ना आपको टाइम देने वाला!
वो हंस पड़ी और बोली- वैसे तुम कुछ ज्यादा ही फास्ट हो.
इस पर मैंने बोला- नहीं भाभी, मैं तो बहुत ही शर्मिला बन्दा हूं मगर आपके मामलें मे क्या पता इतना फास्ट कैसे हो गया हूँ.
इस पर हम दोनों हंसने लगे.
उसके बाद भाभी ने कहा- तुम सुबह से भूखे होगे. चलो खाना खाते हैं.
मैंने भी उनको आंख मारकर कहा- मुझे तो दूध पीना है.
भाभी बोली- वो तो मिलेगा ही. चलो अभी चुपचाप खाना खा लो.
वो मुझे खाना परोसने लगी.
उनके खाना परोसने के बाद वह बाजू की चेयर पर बैठने लगी तो मैंने उन्हें खींचकर अपनी गोद में बिठा लिया.
मैं बोला- आप ही खिला दो.
वह प्यार से मुझे खाना खिलाने लगी और मैं खाते खाते उनकी नाभि में उंगली करने लगा और दूसरे हाथ से उनके स्तनों से खेलने लगा.
वो मुझे डांटने लगी- चुपचाप खाना खाओ.
खाना खाने के बाद उन्होंने बोला- तुम हॉल में बैठो. मैं प्लेट साफ़ करके आती हूं.
मैं हॉल में जाने लगा. बाद मैं मुझे एक खुराफाती आइडिया आया और मैं चुपके से उनके पीछे किचन में गया और पीछे से उनको पकड़ लिया.
मेरा लन्ड उनकी गान्ड पर घिसने लगा और दोनों हाथों से मजबूती से मैं उनके स्तनों को दबाने लगा.
मैं उनकी गर्दन पर किस करने लगा.
वो मुझे हटाने लगी मगर मैंने भी मजबूती से इस बार उनको पकड़ कर रखा.
उसके बाद उनको सीधा करके उनके होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.
मैं हाथों से उनके बूब्स दबाने लगा और वह भी अब सिसकारी लेने लगी।
हम दोनों गर्म होने लगे और मैं किचन में ही उनकी साड़ी उतारने लगा और उन्होंने भी मेरी टी शर्ट उतार दी.
मेरा पतला शरीर देख कर वो हंसने लगी.
मैंने कहा- हाँ हाँ … अभी हंस लो … मगर नीचे वाले मोटे औजार ने आपको रुला न दिया तो मेरा भी नाम सैम नहीं.
वो बोली- अच्छा जी … दिखाएं अपने मोटे नवाब को जरा … मैं भी तो देखूं?
इस पर मैंने कहा- आप खुद ही देख लीजिए.
वो मेरे करीब आकर मेरी पैंट को निकालने लगी और मेरा अंडरवियर निकाल कर देखा.
तो मेरा तना हुआ 7.5 इंच का लन्ड देख कर उनकी आंखें फट गईं और बोली- ये तो सच मे मेरी फाड़ देगा. ये तो मेरे पति के लन्ड से दोगुना है.
इस बार हंसने की बारी मेरी थी।
मैंने भी उनकी साड़ी हटा दी और ब्लाउज के ऊपर से ही उनके स्तनों को किस करने लगा और बाद में ब्लाउज के बटन को जल्दी से खोलने लगा.
मेरी उत्सुकता को देखकर वो भी मेरा साथ देने लगी और मैंने उनके पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया.
अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी.
मैं भी उनके शरीर को देखने लगा और बोला- क्या खूबसूरती से तराशा है आपको ऊपर वाले ने!
वह शर्मा गई.
उसके बाद मैंने ब्रा को निकाल दिया और उनके स्तन देख कर तो मैं उन पर टूट पड़ा.
उनके स्तन बड़े थे मगर बिल्कुल भी ढीले नहीं थे.
चूचियों पर भूरे से निप्पल थे जो कि बहुत ही आकर्षित कर रहे थे.
मैं तो बस बोबों पर टूट प़डा और हर कोने में अपने दांत के निशान छोड़ दिए.
अब वह गर्म हो गई थी और चोदने के लिए बोलने लगी थी.
मैंने उनकी पैंटी को उतारा और नीचे बैठ कर देखा तो क्या गुलाबी चूत थी यारो … उसकी चूत को पहली बार देखने का वो नजारा आज भी मुझे वैसे ही याद है.
फटाक से मैंने उनकी गुलाबी चूत पर मुँह लगा दिया और चूसने लगा.
वह उछल पड़ी और साथ ही एक उंगली चूत के अंदर डाल दी और वह सिसकारी लेने लगी.
तेजी से मैं उसकी चूत में उंगली चला रहा था.
उसका हाल बेहाल होने लगा. उसकी चूत को किसी ने ढंग से सेवा नहीं दी थी.
उत्तेजना के चलते वो थोड़ी ही देर में झड़ गई.उसकी चूत ने खूब सारा पानी छोड़ा और मैं उसकी चूत का पूरा पानी पी गया.
अब उसकी बारी थी अपना खेल दिखाने की।
मैं खड़ा हुआ और उनको कंधों से पकड़ कर बिठा दिया.
वो मेरी ओर देखने लगी तो मैंने बोला- अब आप भी चूसो मेरे लंड को!
तो वो बोली- मुझे ये नहीं अच्छा लगता.
वो लंड चूसने से मना करने लगी तो मैं थोड़ा रूठ गया.
मैं किचन से चलकर हॉल में आ गया और नंगा ही सोफ़े पर बैठ गया.
वह भी मेरे पीछे पीछे ही नंगी हॉल में आ गई और मेरे पास बैठ कर लन्ड को ऊपर नीचे करने लगी.
अब मेरा लन्ड फिर से अपने असली रूप में आ गया और वह हिम्मत करके उसको मुंह में लेकर चूसने लगी.
वाह … आज भी मुझे वह फीलिंग याद है.
इस दौरान मैं भी उनके खुले बालों को पकड़ कर उनके मुंह को ऊपर नीचे करने लगा.
कुछ ही देर में उनके मुंह में ही मैं झड़ गया. वह गुस्से से मेरी ओर देखने लगी.
मैंने भी उनके स्तनों को मसल कर सॉरी कहा और उनकी गोद में लेट गया.
वह मेरे बालों से खेलने लगी.
हम दोनों नंगे ही यह सब कर रहे थे.
कुछ देर बाद मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया.
फिर से मैं उनके स्तनों को मुंह मे लेकर चूसने लगा तो वह भी गर्म हो गई और बोली- अब बस … मुझे चोद ही दो.
मैंने भी इस बार उनकी बात मान कर उनको लेटा दिया और उनकी टांगें फैला कर उनकी चूत पर लन्ड सेट कर दिया.
लंड को सेट करके मैंने धीरे से धक्का लगाया तो लन्ड फिसल गया.
वह हंस पड़ी तो मैं बोला- मेरा यह पहली बार है. इसलिए हंसने की जरूरत नहीं है. अभी ये आपकी चूत की बैंड बजाने वाला है.
इस बार उन्होंने मेरा लन्ड पकड़ कर अपनी चूत पर खुद ही सेट किया और मैंने धीरे से धक्का लगाया तो वो उछल पड़ी.
उसको दर्द होने लगा और चेहरा लाल हो गया.
वो बोली- आह्ह … बहुत बड़ा है. ये तो दर्द देगा. निकालो इसे. बाद में करेंगे. अभी नहीं ले पाऊंगी.
मैंने भी उनको पकड़ कर रखा और स्तनों से खेलने लगा.
वो जब नॉर्मल हुई तो फिर से एक झटका लगाया.
अबकी बार आधा लन्ड उनकी चूत में घुस गया और वह रोने लगी और चिल्लाने लगी.
उसकी हालत देख मैंने उनके होंठों पर होंठ लगाए और उनके ऊपर लेटकर होंठों को पीने लगा.
फिर मैंने कुछ विराम देकर एक धक्का लगाया तो पूरा लन्ड उनकी चूत में सेट हो गया.
फिर थोड़ी देर ऐसे ही रहकर बाद में मैं धीरे-धीरे उनको चोदने लगा.
कुछ देर बाद वह नॉर्मल हो गई और अपनी गान्ड उठा कर मेरा साथ देने लगी.
उसको चुदने में मजा आने लगा और वो सिसकारते हुए कहने लगी- आह्ह … आह्ह … हां … चोदो यार … चोदते रहो … बहुत दिनों के बाद लंड लेने का मजा ले रही हूं. ओह्ह … मेरी चूत की प्यास ठंडी कर दो.
मैं भी पूरी रफ्तार से उन्हें चोदने लगा और वह थोड़ी ही देर में झड़ गई.
तब भी मैं लगा रहा और लगातार उनको चोदता रहा.
उस चुदाई के दौरान वह तीन बार झड़ी.
फिर बाद में जब मेरा होने वाला था तो मैंने माल निकालने की जगह पूछी.
वो बोली- अंदर ही निकाल दो. मैं तुम्हारे वीर्य को अपनी चूत में महसूस करना चाहती हूं.
थोड़ी देर मैं उनके ऊपर पड़ा रहा.
उसी दिन को मेरी रात की रिटर्न टिकट थी और मेरा अहमदाबाद जाना जरूरी था.
बड़े दुखी मन से हम दोनों ने एक दूसरे को बाय कहा और वह जाते हुए बोलने लगी- यह मेरी जिन्दगी का सबसे अच्छा सेक्स था और मुझे गले लगा लिया.
मैंने भी वादा किया कि अगली बार पक्का टाइम लेकर आऊंगा।
उसके बाद अब मैं उस दिन के इंतजार में हूं जब मैं भाभी से दोबारा मिलूंगा. मैं उसकी चूत चोदने के लिए मरा जा रहा हूं.
जैसे ही दोबारा मैं भाभी की चुदाई करूंगा तो वह कहानी भी जरूर लिखूंगा.
आपको यह स्टोरी कैसी लगी मुझे अपनी राय के द्वारा जरूर बतायें. मुझे आप लोगों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा.
यह थी मेरी पहली सेक्स कहानी. आप अपने सुझाव मुझे नीचे दिए गए ईमेल पर लिख सकते हैं। यदि किसी भी प्रकार की गलती हुई हो तो मुझे माफ करें.
[email protected]