नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम पीहू हाई. मैं आज आपको दीदी की सहली की चुदाई की कहानी से आगे की घटना बताने जा रहा हूँ. मैं आशा करता हूँ आपको यह सेक्स कहानी भी पसंद आएगी.
पिछली कहानी में आपने जाना था कि मैंने कैसे अपनी दीदी की सहेली की चुदाई की थी. इस बार मैंने उसकी कार में चुदाई की.
उस दिन मैं दीदी की सहेली बेबी को चोद कर अंकल के घर से बाहर आया और फिर शादी के काम में लग गया.
काफी देर के बाद मैंने देखा बेबी अभी तक अंकल के घर से नहीं आयी थी. मुझे थोड़ा चिंता होने लगी. क्योंकि सेक्स करने के बाद उसने मुझसे बात नहीं की थी … और मैं भी तुरंत फ्रेश होकर बिना बाय बोले ही घर आ गया था.
तभी अचानक मुझे याद आया कि मैंने तो उसकी ब्रा को सेक्स करते समय फाड़ दिया था. यही सोचते सोचते मैं तुरंत काम छोड़ कर अंकल के घर तरफ बढ़ने लगा. मुझे इसी के साथ खुद पर गुस्सा भी आ रहा था … क्योंकि उसने कहा था कि ब्रा तुम ही लाओगे.
पर जैसे ही मैं घर से बाहर निकला तो देखा कि बेबी काही रंग का सूट पहने उधर से आ रही थी. मैं तो उसे देखते ही रह गया … क्या मस्त पटाखा लग रही थी. इस चुस्त सूट में उसके बूब्स और भी बड़े बड़े लग रहे थे. उसकी चाल भी बहुत सेक्सी थी. मेरा तो मन किया कि उसे यहीं पटक कर फिर एक बार चोद दूँ.
तभी बेबी मुझे देख कर मुस्कुरा दी और मैं भी उसे देख कर मुस्कुरा दिया. फिर बेबी मेरे पास आयी और बोली- तुम मुझे छोड़ कर कहां चले गए थे … मुझे लगा तुम बाथरूम गए होगे, पर तुम वहां नहीं थे?
मैं तो बस उसे देख रहा था और कुछ नहीं बोलते हुए मन में सोचा ‘ओह … अब तो और भी बहुत सेक्सी लग रही हो …’ मैंने उसका बातों का जवाब दिए बगैर बोल दिया- तैनू सूट सूट करदा! (तेरे ऊपर यह सूट अच्छा लग रहा है.)
यह सुन कर वो हंसने लगी, मुझे भी हंसी आ गई.
उसने कहा- थैंक्स मिस्टर गुरु रंधावा.
मैं बोला- इसमें थैंक्स क्यों … आप हो ही सुन्दर, जिसे देख कर किसी के भी मुँह से तारीफ निकल जाए.
‘ओह्ह …’ कहते हुए वो अपनी तारीफ़ सुन कर शर्मा गयी. फिर वो अन्दर चली गयी. अन्दर जाते टाइम मैंने उसको देखा कि उसकी गांड बहुत मस्त मटक रही थी. चुदने के बाद और भी सेक्सी दिख रही थी. पता नहीं साली लंड के अलावा क्या और खाती थी. मैंने उसी टाइम सोच लिया था कि आज शादी में कैसे भी करके इसकी गांड जरूर मारूंगा.
सब लोग बारात की तैयारी में जुट गए. मैं भी बीच बीच में बेबी की गांड पर हाथ साफ कर लेता था और वो भी मुस्कुरा देती थी.
फिर हम सब बारात के लिए तैयार हुए तो देखा कि बेबी भी तैयार हो गयी है. उसने लहंगा चोली पहना हुआ था. वो क्या मस्त आइटम लग रही थी लहंगा में … एकदम हीरोइन के जैसे … और साथ ही उसके बाल खुले हुए थे … वाऊ … मैं तो पागल हो गया. मैं खुद अपनी किस्मत को बोला कि क्या बात है … कल रात में दीदी का मुख चोदन का मजा किया, फिर उनकी इतनी खूबसूरत दोस्त को पेला. आह पीहू भाई क्या नसीब पाया है तुमने.
यही सब सोचते हुए मैं बेबी के पास गया, जहां वो कुछ लड़कियों के साथ बातें कर रही थी.
मुझे देखते ही वो बोली- वाओ बहुत मस्त लग रहे हो तुस्सी(आप)
यह बोलकर हम दोनों साथ में हंसने लगे.
फिर मैं बोला- आज तो तुम सब पर कयामत ढहा रही हो.
वो बोली- थैंक्स बट सबके लिए नहीं … ये बस आपके लिए है.
उसके मुँह से ये सुन कर मैं बहुत खुश हुआ क्योंकि परसों तक मैं चुत के लिए तरसता था और आज चुत खुद बोल रहा है कि मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ.
फिर हम दोनों साथ साथ कार में बैठ कर शादी के मंडप में गए. सभी लोग बस हम दोनों को ही देख रहे थे और बोल रहे थे कि पीहू की जीएफ कितनी सुन्दर है.
मैंने सबको बोला- ये दीदी की ससुराल की फ्रेंड है.
पर सब लोग शक ही कर रहे थे. खैर … जाने दीजिए.
कार में बैठा मैं अपनी आदत से मज़बूर था. मेरे बगल में इतनी सेक्सी लेडी मेरे साथ बैठी है और मैं शादी इंजॉय करूँ … हट … क्या पागल कुत्ते ने काटा है. कुछ तो करना ही है.
मैं उसको सहलाने लगा. उसने कहा- बाद में प्लीज़ … अभी सब देख रहे हैं.
मैं चुप रह गया. बाद में हम दोनों ने खाना खाया.
फिर मैंने उससे बोला- चलो घर चला जाए … मुझे तुम्हारे साथ कुछ टाइम बिताना है, क्योंकि तुम कल चली जाओगी फिर हम शायद ही कभी मिल पाएंगे.
फिर वो बोली- हां चलो चलते हैं.
मैं कार लेकर आया तो पापा मुझे आवाज देने लगे- कहां जा रहे हो?
मैंने कहा- पापा वो बेबी दीदी की तबियत ठीक नहीं है, इसलिए घर जा रहे हैं.
पापा- जल्दी आना … इधर बहुत काम है.
मैंने हामी भरते हुए अपने कदम आगे बढ़ा दिए. मैंने कार का गेट खोलकर बेबी को अपने बगल वाली सीट पर बिठाया और कार लेकर हाई स्पीड में चलने लगा. कार का एसी भी बढ़ा कर फुल कर दिया.
फिर मैं धीरे धीरे उसके ब्वॉयफ्रेंड के बारे में बातें करने लगा. मैंने पूछा- तुम्हारे ब्वॉयफ्रेंड ने कभी तुम्हारे साथ सेक्स किया है?
बेबी- हां बहुत बार … पर उसका तुम्हारे जितना बड़ा नहीं था और साथ में इतना मज़ा भी नहीं आया, जितना आज आया … सच्ची में … तुम्हारी गर्लफ्रेंड बहुत खुश रहती होगी.
पर मैं बोला- बेबी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है … मैं बस दीदी को ही लाइक करता था. और उन्हें चोदना भी चाहता हूँ.
वो बोली- मुझे पता है … तुम्हारी दीदी ने बताया था कि रात में तुमने उसके साथ लगभग सेक्स किया था. पर तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड क्यों नहीं है. तुम तो स्मार्ट भी हो?
मैं बोला- कभी फुर्सत ही नहीं मिली सिवाए दीदी को चाहने से.
बेबी- अच्छा और वाराणसी में तो बहुत मस्त मस्त लड़कियां होती हैं और किसी को नहीं चोदे क्या?
मैं- नहीं … क्योंकि मेरे लिए दीदी की गांड सबसे ज्यादा आकर्षक है.
बेबी- तभी तुम्हारी दीदी बहुत लक्की है … जो उसे इतना चाहने वाला भाई मिला है. जिससे वो जब चाहे, चुदवा सकती है. तेरी दीदी तुम्हारी बहुत तारीफ करती है.
उसकी ये बातें सुनकर मैं अपना हाथ उसकी तरफ करके शरारत करते हुए पूछने लगा- क्या बताया? यही कि पीहू ने पहले उनके बूब्स छुए … फिर मुँह में लंड डाला …
ये सुन कर वो मेरी तरफ देखने लगी और बोली- हां जी … वो यही बोली और बोली कि अब मेरा भाई बड़ा हो गया है … रात में उसके साथ सेक्स करते समय उसका लंड मुँह में लेने में बहुत मज़ा आया था.
मैं बोला- हम्म … उनको मजा आया था … और तुमको क्या मज़ा नहीं आया था? जबकि चुदाई करते टाइम तुम्हारा तो खून भी आ गया था.
बेबी बोली- ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि क्योंकि मैंने अपने अन्दर अभी तक इतना बड़ा नहीं लिया था.
मैंने तुरंत साइड में कर रोक कर कार की सारी लाइटें बंद करके कार को साइड में लगा दिया.
ये देखते ही वो बोली- क्या हुआ?
मैं बोला- कुछ नहीं … किसी की चुदाई होने वाली है यहां!
बेबी- पता था मुझे … अकेले आने पर तुम मुझे चोदने वाले हो.
मैं- तो क्यों आयी फिर?
बेबी- क्योंकि मुझे भी तुम्हारा लंड फिर से चाहिए था.
मैंने इतना सुनते ही अपना लंड अपने पजामे से निकाल कर उसके हाथ में दे दिया. वो तुरंत झुक कर उसे मुँह में लेकर चूसने लगी.
बेबी मेरा लंड मुँह में लेकर बिल्कुल लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. मैं बस उसके बालों को पकड़ कर आगे पीछे कर रहा था और आहें भरे जा रहा था.
बीच बीच में बेबी मेरे लंड को काट भी ले रही थी, जिससे मेरे लंड में उसके दांत के निशान पड़ते जा रहे थे. इससे मुझे मीठा दर्द भी होता था, पर उसके लंड चूसने के अंदाज़ से मैं बहुत खुश था.
मैंने उससे पूछा- बेबी तुम तो बहुत अच्छा लंड चूसती हो … कहां से सीखा है?
वो बोली- हां मैंने अपने ब्वॉयफ्रेंड से लंड चूसना सीखा है. वो जब भी डेट पर ले जाता था तो मुझसे अपना लंड चुसवाता था. साला वो बहुत कमीना था … इसीलिए मैंने उसको छोड़ दिया. उसे क्योंकि उसका लंड छोटा सा था. तुम्हारे लंड जितना मज़ा नहीं आता था सेक्स करवाने में.
मैं इतना सुन कर उसके मुँह में लंड गले तक डालने लगा. उसकी तो मानो सांस अटक गयी थी.
फिर वो लंड निकाल कर बोली- आराम से मजा ले … मैं कहीं भाग नहीं रही हूँ … मेरी जान लोगे क्या … सांस तो ले लेने दो.
मैं बेबी के दूध दबा कर बोला- तुम हो ही इतनी मस्त कि लंड तुम्हारे भीतर तक जाना चाहता है … तो मैं क्या करूँ.
बेबी हंस पड़ी और मेरे लंड को फिर से लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
इस बार तो वो इतने मजे से लंड चूस रही थी कि मेरी जान निकलने को होने लगी थी. जब गले तक लंड लेती थी तो ऐसा लगता मानो उसके लंड चूसने से मुझे जन्नत मिल गयी हो. वो अपनी जीभ को जब मेरे सुपारे पर फिराती, क्या बताऊं … क्या मस्त मज़ा आ जाता.
बस 10-15 मिनट की लंड चुसाई से मैंने उसके मुँह में पानी छोड़ दिया, जिसे वो पूरा पी गयी और उसने मेरा लंड चाट चाट कर साफ़ कर दिया.
मैं तो लंड चुसाई से उसका फैन हो गया था. फिर मैंने बिना बोले कार की सीट को पीछे करके स्लीपिंग मोड में डाला और उसको अपने ऊपर ला कर किस करने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैं उसकी कमर को पकड़ कर अपनी बांहों में भर कर उसे किस कर रहा था. वो मेरा सर पकड़ कर बालों में हाथ घुमा घुमा कर मुझे किस कर रही थी. उसकी चुम्मी करने का अंदाज ऐसा था मानो मैं इमरान हाशमी हूँ और वो ज़रीन खान है.
अब मैंने उसके लहंगा को धीरे धीरे खोलने लगा. वो मेरे कुर्ता को निकालने लगी. मैंने उसकी चोली को जैसे ही खोलने लगा, वो बोली- सुबह वाली हरकत मत करना … अब मेरे पास एक ही ब्रा बची है प्लीज़.
मैंने उसके होंठों पर हाथ रखा और बोला- डोंट वरी … मैं हूँ ना.
फिर उसके होंठों को अपने होंठों से सटा कर उसे किस करने लगा और धीरे से उसकी ब्रा को निकाल कर उसके मम्मों को बारी बारी चूसने लगा, जिससे वो भी आह अह करने लगी और मेरा सर अपने बूब्स पर दबाने लगी. मैं बारी बारी से उसके दोनों मम्मों को चूसता और निप्पल काट लेता था, जिससे वो चिहुँक जाती थी और मुझे किस करने लगती थी.
थोड़ी देर उसके मम्मों को चूसने के बाद मैंने उसको पीछे वाली सीट पर लाकर चित लेटा दिया और सीधे उसके नाभि पर किस करते करते उसकी पैंटी को नीचे सरका दिया. अब मैंने उसकी नंगी चुत पर हल्का सा चुम्बन जड़ते हुए जीभ को दाने पर फेर दिया … जिससे वो पागल हो गई और उसने मेरे सर को अपनी चुत पर टिका दिया. मैं उसकी चुत को चूसने लगा और बेबी आहें भरने लगी. वो जोर जोर से मेरा नाम लेकर बोल रही थी- वाह पीहू … तुम सच्ची में हीरो हो … लड़की को कैसे खुश करते हैं, ये तुमको पता है … ओह्ह अह आआहा सीसीई ओहह …
वो मादक सीत्कार भरे जा रही थी. तब तक मेरा लंड उसकी चुत को फाड़ने के लिए तैयार हो गया था.
फिर मैं सीधा लेट गया और बेबी मेरे ऊपर आ गई. वो मेरा लंड पकड़ कर अपनी चुत पे रख कर अन्दर लेने लगी. मैं तो उसको देखता रह गया. वो मेरे लंड से चुदने के लिए पूरी तरह से दीवानी सी हो गयी थी. फिर मैं भी आहिस्ता आहिस्ता लंड को उसके चुत में डालने लगा. जब मेरा आधा लंड उसकी चुत में घुस गया … तो फिर उसकी चुत से हल्का हल्का खून आने लगा.
मैं बोला- सुबह भी खून आया और अब भी … ये कैसे?
तो वो बोली- इतना मोटा लंड लेने की आदत नहीं है मुझे.
मैं बोला- तो आदत पड़ जाएगी … रोज दो तीन बार लिया करो.
इतना कह कर मैंने पूरे जोर से एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसके चुत में डाल दिया, जिससे वो बहुत तेज़ चीख पड़ी.
मैं बोला- बेबी मरवा के मानोगी क्या?
वो बोली- मैं क्या करूँ … तुमने इतना जल्दी लंड डाल दिया … मेरी तो पूरी तरह से जान निकल गयी.
मैं उसको सॉरी बोल कर किस करने लगा … साथ ही साथ उसके मम्मों को भी हल्का हल्का दबा लेता था. कुछ देर बाद वो खुद अपनी गांड ऊपर नीचे करने लगी तो मैं समझ गया कि इसका दर्द खत्म हो गया है. फिर मैं भी धीरे धीरे आहिस्ता आहिस्ता अपने लंड को ऊपर नीचे करने लगा. लंड पेलने के साथ में उसके होंठों को चूमने और चूसने लगा. जिससे वो पूरी तरह से लंड का मज़ा लेने लगी और सिसकारियां भरने लगी.
लगभग 15 मिनट तक ऐसे ही चुदाई करने से वो एकदम से चरम पर आ गई और जोर जोर से चुदवाने लगी. उसने एक पल के लिए मेरा पूरा लंड अपने अन्दर लेकर कर आंखें बंद करके मुझे कस कर पकड़ लिया. तभी मुझे अपने लंड पर कुछ गर्मी महसूस हुयी, मैं समझ गया कि बेबी अब झड़ गयी है.
कुछ देर तक मैंने उसे ऐसे ही टिकाये रखा. फिर बाद में उसे अपने ऊपर से हटा कर उसके मुँह में अपना लंड देकर चुसाने लगा.
कुछ देर बाद वो भी गर्म होने लगी और मेरे लंड को एक बार फिर अपनी चुत पर घिसने लगी. पर इस बार मुझे उसकी गोरी गांड चोदना था. मैं बोला- बेबी तुम आगे की सीट पकड़ कर झुक जाओ … अब मैं तुम्हारी गांड मारूंगा.
वो मेरे होंठों पर किस करके आगे को हो गयी. फिर मैं अपने लंड पर थूक लगा कर उसकी गांड के छेद पर सुपारा रख कर एक ही बार में अपना आधे से ज्यादा लंड को उसकी गांड में डाल दिया. उसकी गांड में लंड पेलने के साथ ही उसके पीठ को किस करने लगा. मोटा लम्बा लंड एकदम से गांड में घुसने से बेबी को दर्द तो बहुत हुआ, पर वो इस बार चीखी नहीं. उसने अपने मुँह पर हाथ रख कर दबा लिया. उसने मेरा हाथ दबा कर मुझे रुकने का इशारा किया. तो कुछ देर मैं यूं ही उसकी गांड में लंड डाले बैठा रहा.
फिर कुछ देर बाद मैं धीरे धीरे उसको ऊपर नीचे करने लगा, जिससे वो ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… सीईसी …’ करने लगी. मैं अब जोर जोर से उसकी गांड चोद रहा था. मुझे उसकी गांड हल्की लाइट में बहुत गोरी लग रही थी. मेरे हर एक झटके पर वो आगे को हो जाती.
कुछ देर बाद मैंने बेबी को बोला- बेबी मेरा अब होने वाला है … कहां निकालूँ?
वो बोली- मेरी चुत में डालो … तुम्हारा पानी मेरे चुत में रहेगा तो तुम्हारी याद बनी रहेगी.
उसकी इच्छा जानकर मैंने उसको चित लेटा कर मिशनरी पोज में उसे चोदने लगा और उसके मम्मों को चूसने लगा. लंड धकापेल अन्दर बाहर होने लगा था. बीच बीच में मैं उसकी गर्दन को भी चूमने लगता था, जिससे वो और भी ज्यादा मज़े लेने लगती थी. फिर मैं तेज़ तेज़ उसको चोदने लगा, जिससे पूरी कार हिलने लगी थी, पर मुझे तो चुत का नशा चढ़ा था. मैं और कस कस के बेबी को चोदने लगा और कुछ ही मिनट में उसकी चुत में झड़ गया. इस बीच बेबी 2 बार झड़ चुकी थी.
मैं पानी निकल जाने के बाद उसके ऊपर ही पड़ा था. बेबी मुझे चूमते हुए बोली- पीहू तुम बहुत अच्छा चोदते हो आई लव यू बाबू!
इतना कह कर वो मुझे चूमने लगी. मैं भी उसे चूमने लगा.
कुछ देर बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहन कर ठीक किये और घर को लौट आया. रास्ते में वह मुझे पकड़ कर सो रही थी और मैं कार ड्राइव कर रहा था. क्या बताऊं दोस्तो, हम दोनों पति पत्नी की तरह लग रहे थे.
कैसी लगी दोस्तो, मेरी कार में चुदाई की कहानी … जो बस दो दिन पहले शुरू हुयी दीदी के मुख मैथुन से और उनकी मुंबई की फ्रेंड की चुदाई तक आपके सामने पेश की. आपसे गुजारिश है कि प्लीज़ मुझे ईमेल जरूर करें.
दोस्तो, तब तक के लिए धन्यवाद! बाय!
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