हाई फ्रेंड्स! मेरा नाम अप्सरा रिजवी है. मैं एक बार फिर हाज़िर हूँ अपनी नई कहानी लेकर!
चाचा चाचीजान भी अम्मी अब्बू के साथ हमारे घर आए थे. बचपन से ही चाचाजान हमारे घर पर आते जाते रहते हैं, वो हमेशा तब आते थे जब अब्बू घर पर नहीं होते थे. वो हमारे लिए हमेशा कुछ न कुछ लाते रहते थे, खिलौनें देकर वो अक्सर हमें बाहर खेलने भेज देते थे और घर में वो दोनों अकेले क्या करते थे, ये तो हमें तब नहीं समझ आता था, पर जैसे जैसे समझ आई, हम दोनों ने चचा और अम्मी पर नजर रखना शुरू किया.
एक बार मैं खेलने के बहाने से बाहर गई और चुपके से घर में वापस आकर अम्मी के कमरे में अलमारी के पीछे छिप गई.
कुछ देर बाद चाचा अम्मी को गोद में उठाकर लाए और बिस्तर पर पटक दिया, फिर रूम का दरवाजा बंद कर दिया.
चाचा ने अपने कपड़े खोल कर अपना लंड जो अभी तक पूरा खड़ा नहीं हुआ था, मेरी अम्मी के मुंह में जबरदस्ती दे दिया और कहने लगे की- चूस साली, नहीं तो तेरी सच्चाई भाईजान को बता दूँगा कि शादी के पहले तू किस किस से चुद चुकी है और अप्सरा किसकी औलाद है!
अम्मी ने कहा- नहीं फैज़ल भाई, सच्चाई फरहान को मत बताना, तुम जब भी मेरी चूत मांगते हो, मैं देती तो हूँ तुम्हें और तुम्हारा भाई भी कौन सा दुध का धुला है, कई बार पड़ोस की दो-दो, तीन-तीन बच्चों की माँओं को घर के पीछे बरामदे में चोदते देखा है मैंने उसे… कल ही अप्सरा की उम्र की सलमा को दोनों घरों के बीच वाली जगह में कुत्ते जैसे खड़े खड़े चोद रहा था.
चाचा अम्मी के दोनों थन ऊपर से दबा रहे थे.
चाचा ने कहा- भाईजान को पता है कि तुम्हें उनके पूरे कारनामें पता हैं?
तो अम्मी ने कहा- हाँ पता है!
फिर चाचा ने कहा- फिर तो उनको तुम्हारे बारे में भी पता होगा?
अम्मी ने कहा- फरहान को अब तक मेरी चुदाइयों के बारे में नहीं पता है पर सुहागरात की रात को चोदते वक्त उन्हें शक तो हुआ था पर मैंने बहाना बना दिया था.
बातों बातों में चाचा ने अम्मी का सलवार कमीज निकाल दिया, अम्मी अब केवल ब्रा और पैन्टी में थी, चाचा बेतहाशा अम्मी के होंठ चूस रहे थे.
चूमते चूमते गर्दन और फिर बूब्स तक आए, ब्रा निकाल दी और अम्मी के थनों को नंगा करके दोनों बूब्स को पागलों की तरह चूसने लगे और उनका दूध पीने लगे.
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चाचा ने अम्मी की पेंटी भी फाड़ दी और मेरी अम्मी की चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगे.
अम्मी बोली- फैजल साले हरामी, अब और मत तड़पा… उम्म्ह… अहह… हय… याह… डाल दे अपना मूसल मेरे भौन्सड़े में!
चाचा का लंड बहुत मोटा था और लंबा भी… उन्होंने अम्मी को सीधा लिटाया और दोनों टांगों को अपने कंधों पर रखकर लंड पर थोड़ा थूक लगाया और थोड़ा थूक अम्मी की चूत पर लगाया और लगे धकाधक चोदने!
करीब आधे घंटे तक पोज बदल बदल कर चाचा ने अम्मी को चोदा. उस दौरान अमाल घर में आया लेकिन अम्मी ने ‘रूम में सफाई कर रही हूँ.’ ऐसा कह कर उसे वापस घर के बाहर भेज दिया.
चाचा ने पूरा पानी शायद अम्मी की चूत में डाल दिया और फिर दोनों ने कपड़े पहने क्योंकि अब्बू के आने का समय हो चुका था. दरवाजा खोलकर दोनों बाहर चले गए और फिर मैं भी बाहर आ गई.
चाचा शाम को चले गए.
मुझे एक बात तो पक्की हो गई कि मेरी अम्मी एक नंबर की चुदक्कड़ औरत है और मेरे अब्बू भी दूसरी औरतों और अपनी बेटी जैसी कमसिन लड़कियों को चोदते हैं.
मुझे उस दिन पता चला कि मेरा पूरा परिवार बहुत ही चुदैल है.
पर मुझे एक बात पता लगानी थी कि आखिर मैं किसकी औलाद हूँ क्योंकि अम्मी और चाचा ने उस बारे में कुछ ज्यादा बात नहीं की थी. मैंने सोच लिया था कि सच्चाई मैं पता लगाकर रहूँगी चाहे इसके लिए मुझे चाचा के लंड से ही क्यों ना चुदना पड़े!
आज बस इतना ही, चोदाई की अगली कहानी जल्द ही लिखूँगी. अपनी राय मेल करें कि मेरी कहानी आपको कैसी लगी? आप मुझे फेसबुक पर भी अपनी राय दें!
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