गाँव की औरत को चाचा ने मेरे सामने चोदा

नमस्कार दोस्तो, मैं आज एक सच्ची घटना बता रहा हूँ जिसमें मुख्य पात्र मेरी माँ और पापा के दोस्त और चाचा है.

दोस्तो, मेरे पापा शहर में काम करते हैं.
गांव में खेती बाड़ी है जिसे चाचा देखते हैं.
घर में माँ, चाचा और मैं रहते हैं.

चाचा की शादी नहीं हुई है. चाचा बहुत स्मार्ट हैं. गांव में दीदी, चाची भाभियों में चाचा की खूब डिमांड हैऔर वे कई औरतों लड़कियों को चोद चुके हैं.
गांव में बहुत से पुरुष कमाने के लिए शहर में रहते हैं और 15 दिन या एक महीने में आते रहते हैं.
जिनका फायदा गांव की महिलायें और गांव में ही खेती करने वाले पुरुष उठाते हैं, खूब मौज उड़ाते हैं.

इन्हीं में मेरी माँ भी है को गाँव में रह कर गैर मर्दों के लंड का जम के मजा लेती है.

मेरे चाचा को पड़ोस की एक औरत को चोदने का बहुत मन था.
वे उसे पटाने की कोशिश में लगे थे. उनका आपस में हंसी मजाक चलता रहता था.

यह देसी औरत की चूत की कहानी इसी औरत की चुदाई की आँखों देखी है.

आग दोनों तरफ लगी थी क्योंकि उस औरत का पति बाहर रहता था.
चाचा और उस सेक्सी औरत का नैन मटक्का चल रहा था.

कई बार उसके पास चाचा को कुछ भेजना रहता था तो मुझे भेजते थे.
कभी कुछ खाने को तो कभी रिचार्ज करवा दिया करते थे.

एक बार जब उनके घर में कोई नहीं था तो उस औरत ने चाचा को घर बुलाया क्योंकि उसकी सास कहीं बाहर गई हुई थी.

लेकिन किसी को शक न हो, इसके लिए चाचा मुझे भी अपने साथ ले गए.
अब मैं चाचा की राजदार बन गया था.

वे दोनों पास पास बैठे थे, चाचा उनके हाथ को सहलाते हुए बात कर रहे थे, उन्हें मनाने की प्रयास कर रहे थे.

चाचा ने मुझे हॉल में बैठने को बोला और वे दोनों बेडरूम में चले गए.
मैं खिड़की के पास खड़ा हो गया.

दोनों रूम में पहुचते ही एक दूसरे को चूमने चाटने, गुत्थम गुत्थी होने लगे.
वह औरत बोल रही थी- समय मत गंवाओ. जल्दी से चोदो!

बोल कर पैंटी निकाल कर साड़ी ऊपर करके टांग फैला के चाचा को बुलाने लगी.

चाचा भी लोअर उतार कर टांगों के बीच आकर अपना लंड उस देसी औरत की चूत में रगड़ने लगे.
फिर एक झटके के साथ चाचा ने लंड अंदर पेल दिया और धकाधक चोदने लगे.

वह औरत ‘आ..ह … ह … उह … धीरे … आह … हह … धीरे … आहह … उह … धीरे’ चिल्लाने लगी.

चाचा भी बोल रहे थे- गजब की माल हो मेरी जान … क्या मक्खन चुत है तुम्हारी! एकदम सॉफ्ट साफ्ट! बहुत मजा आ रहा है!
और चाचा उस औरत की चूत को हुमच हुमच कर चोदने लगे.

कभी लेफ्ट पैर कंधे पर रख के, कभी राइट, कभी दोनों पैर कन्धे में रख के जबरदस्त घपाघप कर रहे थे.

फिर चाचा ने कहा- कुतिया बन जा!
वह औरत तुरंत उल्टी होकर झुक गई.

चाचा ने फिर से लण्ड को उसकी चूत के छेद से सटा के धक्का दिया.
पूरा लंड औरत की चूत में पेल कर घपाघप चोदने लगे.
वे दोनों पसीने से भीग गए थे.

15 मिनट तक पेलने के बाद चाचा अकड़ने लगे और उस देसी औरत की चूत में माल गिरा कर उसके ऊपर ही निढाल हो गए और बगल में लेट गए.
वे दोनों अपनी सांसें सम्हालने की कोशिश कर रहे थे.

फिर वह औरत बोलने लगी- सच में … तुम्हारी भाभी (मतलब मेरी माँ) ने जैसा कहा था तुम्हारे बारे में, तुम उससे भी दमदार निकले. अब तक कितनी को पेला है?
चाचा कपड़े पहनते हुए बोले- आम खाओ, गुठली न गिनो. रात को फिर आऊंगा!

बोलकर बाहर आ गए और मुझे पूछने लगे- कैसा लगा मेरा शॉट?
मैं बोला- गजब!

चाचा खेत की ओर चल दिये.
और मैं जब घर वापस आया तो देखा हमारे ही गांव के एक डॉक्टर और मम्मी हाथ पकड़कर हँसते हुए निकल रहे थे.

मैंने पूछा- माँ क्या हुआ? आपकी तबियत ठीक है?
तो डॉक्टर ने कहा- तुम्हारी मम्मी को खुजली हो रही थी. तो मैंने बड़ा मोटा वाला इंजेक्शन लगा दिया है. बीच बीच में और भी लगाना पड़ सकता है. फिर ठीक हो जाएगी.

माँ के बाल बिखरे हुए थे. डॉक्टर के भी कपड़ों में सिलवट थी.

उन दोनों की कुटिल मुस्कान से मुझे दाल में कुछ काला लग रहा था.

माँ बहुत खुश लग रही थी.

वे डॉक्टर को दरवाजे के पास छोड़ने गई तो मैं बेडरूम में गया.
तो देखा कि बिस्तर पूरा बिखरा था.
लण्ड रस से भरा कंडोम वहीं जमीन पर पडा था. चादर अस्त व्यस्त थी.
माँ की चड्डी ब्रा पड़ी हुई थी.

मैं समझ गया कि जैसे पड़ोसन औरत की चुदाई हुई है, वैसे ही मेरी माँ की घपाघप ठुकाई हुई है.

उसके बाद मैं बाहर आ गया और चाचा के पास चला गया.

मैंने चाचा से माँ के बारे में पूछा.
तो चाचा हँसे और बात टालने लगे.
अगली कहानी में बताऊंगा कि माँ और किस किस से चुदी और चाचा ने किस किस को चोदा है.