नमस्ते दोस्तों, मैं मुंबई से हूँ और मेरी उम्र अभी 27 साल है. मैं अपने बदले हुए नाम छुपा रुस्तम से यह कहानी लिख रहा हूँ. मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ. यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी है. ये कहानी मेरी चाची और मेरे बीच की है, मैंने कैसे चाची को चोदा. मैं आप सभी को बताना चाहता हूँ कि मेरा अपना घर भी होने के बावजूद भी मैं ज्यादातर मेरे चाचा और चाची के घर पर ही रहता हूँ. मेरे और चाचा के घर के बीच लगभग 4 किलोमीटर की दूरी है.
मैं आप सभी को अपनी चाची के बारे में बता देना चाहता हूँ. मेरी चाची का नाम मीना (बदला हुआ) है. उनकी उम्र 32 साल की है. चाची की फिगर 34-28-36 है और वो दिखने में भी काफी सेक्सी हैं … उनका रंग हल्का सा सांवला है.
ये बात उन दिनों की है, जब मैं बी.कॉम के फाइनल ईयर में था. मैं एक सामान्य परिवार से हूँ, हमारा घर भी इतना बड़ा नहीं है. हम सभी नार्मल चॉल में रहते हैं. हमारे घर के 2 दरवाजे हैं.
हुआ यह कि एग्जाम के कारण मैं पढ़ाई करने जल्दी उठ जाया करता था. मुझे सुबह जल्दी उठकर पढ़ने की आदत थी. इसी तरह में एग्जाम के दिन रोज जल्दी उठ कर अपनी पढ़ाई करता था. मैं बाहर के कमरे में पढ़ता था और अन्दर के कमरे में चाची सोई रहती थीं. उनका बाथरूम भी अन्दर के कमरे में ही था और उसके बगल में ही दूसरा दरवाजा था.
एक दिन हुआ यूं कि मुझे लगा कि शायद अन्दर चाचा वाले कमरे में कोई घुसा है. मगर अन्दर चाचा और चाची ही सोते हैं, इसलिए मैंने अन्दर देखना उचित नहीं समझा.
चूंकि चाचा रोज सवेरे काम के लिए निकल जाते हैं. तो एक बार तो मन हुआ कि चाचा चले गए होंगे, इसलिए अन्दर देख लूं, मगर फिर मैं रह गया. बाद में मैंने अन्दर जाके देखा, तो वहां कोई नहीं था. चाची बाथरूम में नहा रही थीं.
मैं फिर से बाहर आकर अपनी पढ़ाई करने लगा. दो दिनों के बाद मुझे फिर से लगा कि अन्दर कोई है.
चाचा जा चुके थे तो मैं इस बार उसी समय देखने अन्दर चला गया. उस दिन भी अन्दर कोई नहीं था. चाची बाथरूम में नहा रही थीं.
मुझे कुछ शक सा होने लगा. मुझे लगा कि चाची के साथ बाथरूम में कोई है. मैंने बाथरूम के दरवाजे से कान लगा कर सुनने का प्रयास किया, मगर कोई ख़ास मालूम न हो सका.
फिर मैंने एक तरकीब निकाली. जब चाची मार्केट में शाम को सब्जी लेने चली गईं, उसी समय मौका देखकर मैंने बाथरूम के दरवाजे पर एक छोटा सा छेद बना दिया.
अब मुझे अगले दिन का इंतज़ार था. अगले दिन मैं जल्दी से उठकर इंतज़ार कर रहा था और थोड़ी देर बाद जब मुझे अहसास हुआ कि कोई अन्दर है, तब मैं दबे पांव बाथरूम की तरफ बढ़ने लगा. मैंने बाथरूम में किए अपने उसी छोटे से छेद में से झांक कर देखा. अन्दर का नज़ारा देखकर तो मेरे पांव तले से जमीन खिसक गयी. अन्दर मेरी चाची पूरी नंगी थीं और कोई मेरी चाची के चूचे दबा रहा था. उसका एक हाथ चाची की चुत में था और चुत सहला रहा था.
मगर वो कौन था, मुझे अभी तक पता नहीं चल सका था. क्योंकि वो छेद की तरफ पीठ किए हुए खड़ा हुआ था. मैं कोशिश करता रहा कि उस आदमी का चेहरा मुझे दिख जाए.
कुछ देर बाद आखिरकार मुझे उसका चेहरा दिख ही गया. वो कोई और नहीं बल्कि हमारे ही पड़ोस में रहने वाले एक अंकल थे. मैंने देखा कि बड़े मज़े से वो अंकल जी मेरी चाची की चुत चोदने की कोशिश कर रहे थे.
पहले तो मुझे बहुत गुस्सा आया. मेरा मन तो कर रहा था कि अभी दोनों को रंगे हाथ पकड़ लूं, मगर डर भी लगा कि कहीं चाची की बदनामी ना हो जाए.
मैं वहां से चला गया.
उस दिन मेरा पढ़ाई में भी नहीं लग रहा था. मैंने पहले कभी अपनी चाची को गलत नज़रिये से नहीं देखा था. लेकिन बार बार चाची के चूचे और उनकी चुत में होती हुई उंगली दिख रही थी, जिससे मुझे चाची की मस्त जवानी भी लुभाने लगी. उनकी प्यास को किसी दूसरे के लंड से बुझते देख कर मुझे भी लगने लगा कि मुझे भी बहती गंगा में डुबकी लगा लेनी चाहिए.
मैं सोचने लगा कि जब चाची को लंड की जरूरत है ही, तो क्यों न उनके सामने अपना लंड पेश कर दिया जाए और इसी बहाने चाची के हुस्न का मजा उठाया जाए. मगर मुझे अन्दर से डर भी लग रहा था कि चाची मेरी किसी ऐसी वैसी हरकत से नाखुश होकर मेरी शिकायत मेरी मम्मी से ना कर दें.
हालांकि नतीजा ये निकला कि अब मेरा अपनी चाची को देखने का नज़रिया बदल चुका था. मैंने चाची पर नज़र रखना शुरू कर दिया. जब चाची मार्केट जाती थीं तब वो उन पड़ोसी अंकल से मिला करती थीं. ये बात मुझे तब पता चली, जब मैंने एक दिन चाची का पीछा किया था.
अब तो मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था. मुझे भी चाची को चोदना था. मैंने इससे पहले कभी भी सेक्स नहीं किया था, सिर्फ सन्नी लियोनि या अन्य पोर्न स्टार्स के सेक्स वीडियो ही देखे थे.
मैं चाची को चोदने के लिए अलग अलग तरकीब सोचने लगा था. इसी सोच विचार के चलते अब मैं अपने बनाए हुए उसी छेद से हर रोज चाची को नहाते हुए देखने लगा था. मैंने कई बार चाची के नाम से अपना लंड भी हिलाया.
एक दिन सुबह मैं रोज की तरह चाची को नहाते देख रहा था. तब मैंने देखा कि चाची अपनी चुत को उंगली से सहला रही हैं और टूथ ब्रश के हैंडल को अपनी चुत के अन्दर बाहर कर रही हैं.
उस दिन मुझसे रहा नहीं गया, मुझे चोदने का बहुत मन कर रहा था. मैंने सोचा कि जो होगा देखा जाएगा. बस मैंने हिम्मत करके बाथरूम का दरवाजा खटखटा दिया और वहीं खड़ा हो गया.
चाची ने आवाज़ लगायी- कौन?
मैंने जवाब दिया- चाची, एक मिनट जरा काम है.
चाची ने अपने सेक्सी जिस्म पर तौलिया लपेटा और दरवाज़ा खोल दिया.
मैंने चाची से कहा- मैंने आपको चुत में उंगली करते देखा है और मुझे ये भी पता है कि बाजू वाले अंकल से आपका चक्कर चल रहा है. कई बार मैंने आप दोनों को बाथरूम में एक साथ देखा है.
इतना सुनकर चाची ने बाथरूम का दरवाजा तुरंद बंद कर दिया. उनकी इस प्रतिक्रिया से मैं एकदम से डर गया. मुझे इस बात की उम्मीद ही नहीं थी कि ऐसा कुछ भी हो सकता था.
जब चाची नहाकर बाहर आईं, तो मेरी तो फटी पड़ी थी. मैं तो उनसे नज़रें भी नहीं मिला पा रहा था.
दोपहर को जब मैं खाना खाकर बैठा हुआ था, तब चाची मेरे पास आईं और मेरे पास बैठ गईं.
पहले कुछ समय तक हम दोनों चुप बैठे रहे. फिर चाची ने अचानक से रोना शुरू कर दिया और कहने लगीं कि सुबह वाली बात यानि कि मेरा पड़ोसी के साथ चक्कर है, तुम किसी से नहीं कहना … नहीं तो मेरी जिन्दगी खराब हो जाएगी.
मैंने कुछ नहीं कहा, बस उनकी बात को सुनता रहा.
चाची ने आगे कहा- तेरे चाचा मुझको समय ही नहीं दे पाते हैं. जब वो रात को घर आते हैं, तब खाना खाकर सो जाते हैं. उनको चुदाई करने का कोई ज्यादा शौक नहीं है. जब नयी-नयी शादी हुई थी, बस तभी वो मुझे जमकर चोदते थे. मगर अब वो मुझे टच भी नहीं करते हैं. मुझे बिना चुदाई के ही रहना पड़ता है. इस वजह से मुझे ऐसा करना पड़ा.
मैं समझ गया कि चाची को सेक्स करने का बहुत मन होता है. उसी कारण मजबूरन उनको पड़ोस वाले अंकल से सेक्स करवाना पड़ा.
मैंने जब उनके मुँह से चुदाई जैसे शब्दों का प्रयोग सुना तो मैंने हिम्मत बढ़ाई और उनसे पूछ लिया कि तो अब तक उन अंकल से कितनी बार चुदाई करवा चुकी हो?
फिर उन्होंने सब कुछ मुझे बता दिया कि कब, कहां और कितनी बार दोनों ने मज़े किए.
ये सुनकर मेरी हिम्मत बढ़ गयी और मैंने कहा- मुझे भी आपसे सेक्स करना है.
चाची पहले तो मना करने लगीं. वो बोलने लगीं- नहीं ये सब चाची भतीजा चुदाई गलत है.
मैंने उनको समझाया- चाची अगर आप मुझसे सेक्स करोगी, तो घर की बात घर में ही रहेगी.
चाची चुप हो गईं और सोचने लगीं. वो थोड़े समय तक कुछ नहीं बोलीं. उसी का मौका उठाते हुए मैंने चाची के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उनको कसकर जकड़ लिया.
इसका चाची ने भी कोई विरोध नहीं जताया. तो मैं समझ गया कि लाइन क्लियर है. अब मैंने अपना एक हाथ चाची के मम्मों पर रख दिया और उन्हें दबाने लगा.
जैसा कि मैंने ऊपर भी बताया था कि मैंने कभी सेक्स नहीं किया था, मगर सेक्स के वीडियो बहुत देखे थे … उस कारण मुझे सेक्स का काफी ज्ञान था.
चाची ने कहा- पहले जाकर दरवाजा बंद करो … ताकि कोई आ ना जाए.
मैं झट से उठ कर घर का मेन दरवाजा बंद कर दिया. इस समय वैसे भी हमारे अलावा कोई घर पर होता नहीं, चाचा तो सवेरे ही काम पर निकल जाते हैं और रात को ही लौटते हैं.
मैंने जाकर दरवाजा बंद किया. फिर बिना समय गंवाए मैं चाची का ब्लाउज निकालने लगा. मैं पहली बार किसी औरत के साथ ऐसा कर रहा था.
तभी चाची ने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया. उनका हाथ का अपने लंड पर अहसास होते ही मानो मुझे जन्नत ही मिल गयी. चाची मेरी पैन्ट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगीं. मेरा लंड आकार लेने लगा … जिसे देख कर चाची की आंखों से वासना टपकने लगी.
फिर हमने एक दूसरे के कपड़े निकाले. मैंने चाची का नंगा जिस्म सामने देखा तो मैं तो मानो पागल ही हो गया. चाची ने मुझे अपनी छाती से चिपका लिया. मैंने भी उनकी चूची के निप्पल को अपने होंठों में दबाया और चूचे चूसने में लग गया.
चाची के मुँह से गरमागरम आहें निकलने लगीं. मैं तो बौरा गया था … बस चूचों को चूसने में जन्नत महसूस कर रहा था.
तब चाची बोलीं- अब आगे कुछ करोगे या मम्मों के साथ ही खेलते रहोगे. यहां मेरे से रहा नहीं जा रहा है … जल्दी से मेरी चुत में अपना लंड घुसेड़ दो.
इस पर मैंने चाची से अपना लंड चूसने को कहा तो चाची मना करने लगीं और बोलीं- मैंने कभी लंड नहीं चूसा है.
मगर मुझे तो चाची की चुत चाटने का मन कर रहा था और मैंने उनको खींचकर चित्त की पोजीशन में लिटा दिया. मैंने चाची की चुत को चाटना शुरू कर दिया.
पहले तो चाची कहने लगीं- आह छोड़ो … ये सब क्या कर रहे हो.
मगर मैं उनकी चुत पर अपने मुँह को लगाए ही रहा. कुछ पल बाद उन्हें भी मज़ा आने लगा. उनके मुँह से आवाज आने लगी. मुझे भी अच्छा लगने लगा.
फिर चाची बोलीं- अपने मन की कर ली हो, तो अब मेरे मन की भी कर दो … मुझसे रहा नहीं जा रहा है … क्यों मुझे तड़पा रहे हो.
मैंने समय नहीं गंवाते हुए अपने लंड का सुपारा चाची की चुत पर रख दिया और धीरे से अन्दर पेल दिया.
चाची ने आह की आवाज करते हुए मेरे लंड को खा लिया. मैं लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा और दोनों हाथों से चाची के मम्मों को दबाने लगा. साथ ही मैं चाची को किस किए जा रहा था.
कुछ समय ऐसा ही चलता रहा. फिर हमने अपनी पोजीशन बदल ली.
अब चाची मेरे ऊपर आकर मेरे लंड पर बैठ गईं और गांड ऊपर नीचे करते हुए चुदाई करवाने लगीं.
करीब दस मिनट तक चुदाई चली. मुझे ऐसे लगा कि अब मेरा निकलने वाला है. मैंने चाची को बताया कि चाची मेरा होने वाला है … जल्दी बताओ … रस कहां निकालूं.
चाची ने मुस्कुरा कर कहा- हां, मेरा भी हो गया. तुम अपना रस मेरे अन्दर ही छोड़ दो.
बस इतना सुनते ही मैंने आंख बंद करके फ्रंटियर एक्सप्रेस दौड़ा दी. मुश्किल से बीस धक्के मारने के बाद मैंने अपना सारा माल उनकी चूत में ही छोड़ दिया. चाची चुदने के बाद बहुत खुश लग रही थीं.
इस तरह से मैंने पहली बार चाची को चोदा. उन्होंने कहा- ऐसी चुदाई मैंने अब तक नहीं की.
चाची मेरे लंड की तारीफ करने लगीं.
हम दोनों ऐसे ही नंगे थोड़े समय तक पड़े रहे.
मैंने पूछा- आपका कब हो गया था?
चाची ने कहा- चुदाई के समय मेरा दो बार पानी निकला था.
वो बहुत खुश थीं. मैंने देखा कि उनकी आंखों से आंसू आने लगे थे. वो रो रही थीं.
मैंने उन्हें चुप कराया और पूछा- क्या हुआ चाची?
चाची कहने लगीं कि ये सब जो मैं कर रही थी … मेरा उन पड़ोसी अंकल के साथ रिश्ता बना हुआ था, वो मेरी मज़बूरी थी.
मैंने चाची को किस करके कहा कि अब आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है. आपको जब मन किया करे, तब आप मेरे पास आ सकती हो.
चाची मुझसे लिपट गईं.
उस दिन एक घंटे में हम चाची भतीजा ने दो बार चुदाई का मजा लिया.
इसके बाद मैंने चाची को लंड चूसने के अलावा और भी बहुत कुछ सिखा दिया है. मैंने चाची को चोदा, खूब खूब चोदा.
फिर चाची ने कैसे पड़ोसी अंकल से अपना रिश्ता छोड़ा, वो मैं आपको मेरी अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
मुझे उम्मीद है कि आपको चाची चुदाई की कहानी पसंद आयी होगी. आप मुझे मेल करके बता सकते हैं. आपके मेल का इंतजार रहेगा.
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