नमस्ते मित्रों, सहारनपुर से रिषभ की इस कहानी में आपका स्वागत है. मैं भी अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूं. मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सारी सेक्स कहानियां पढ़ी हैं. मैंने भी सोचा कि क्यों ना मैं भी आपके साथ अपनी पहली चुदाई का अनुभव शेयर करूँ.
अब मैं आपको थोड़ा अपने और उस लड़की के बारे में बता देता हूं, जिसके साथ मुझे पहला चुदाई का अनुभव हुआ.
मैं एक मिडल क्लास फैमिली से हूँ और रेलवे में नौकरी करता हूँ. मैं दिखने में ठीक ठाक हूँ और लोगों के साथ बहुत जल्दी घुल मिल जाता हूँ. मेरे लंड की लंबाई 5 इंच है, पर मैं किसी भी लड़की को पूरी तरह से संतुष्ट कर सकता हूँ.
उस लड़की का नाम सोनिया (बदला हुआ नाम) था. सोनिया एक बहुत ही शरीफ और सुन्दर लड़की थी, उसकी आंखें बड़ी बड़ी बहुत सुन्दर थीं. अगर वह किसी को एक बार देख ले, तो मेरी गारंटी है कि वो उसका दीवाना हो जाएगा. उसके बूब्स बिल्कुल ऐसे गोल हैं, जैसे दो सेब लगे हों. उसकी कमर एकदम पतली और उसकी गांड थोड़ी बाहर को निकली हुई है. उसका फिगर ऐसा है कि जो भी उसे देख ले, वह उसे चोदने के ख्वाब देखने लगे. उसकी हाइट थोड़ी कम है, करीब 5 फुट होगी. मुझे किसी लड़की के फिगर के साइज का अंदाजा लगाना नहीं आता, पर उसका फिगर मेरे हिसाब से एकदम परफेक्ट था. जैसा कि किसी मर्द को चाहिए होता है.
ये बात अब से करीब 4 साल पहली है. जब मैं अपनी बुआ जी के घर गया हुआ था. असल में उस समय मेरी थोड़ी तबियत खराब हो गई थी, जिसके इलाज के लिए मैं चंडीगढ़ अपनी बुआ जी के घर गया हुआ था.
मेरी बुआ जी एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हैं, सोनिया भी उनके साथ ही वही जॉब करती थी.
उस वक्त मैं बुआ के घर नहीं था, तब मेरी बुआ को मेरी तबियत के बारे में पता चला, तो वो ऑफिस में ही रोने लगी थीं. क्योंकि मेरी बुआ मुझे बहुत प्यार करती हैं.
तभी अचानक सोनिया वहां आ गई और उसने बुआ से पूछा- क्या बात है, आप रो क्यों रही हो?
तो बुआ ने उसे पूरी बात बता दी.
उसने बुआ को समझाया कि सब ठीक हो जाएगा. साथ ही उसने बुआ से मेरा नंबर माँगा. बुआ ने उसे मेरा नंबर दे दिया.
अगले दिन सुबह मुझे एक फोन आया.
सोनिया- हैलो.
मैं- हैलो, कौन?
सोनिया- मैं चंडीगढ़ से सोनिया बोल रही हूँ … क्या आप रिषभ बोल रहे हैं?
मैं- जी हां … बोल रहा हूँ.
सोनिया- आपकी बुआ कल ऑफिस में रो रही थीं और उन्होंने मुझे बताया था कि आपकी तबियत खराब है. अब कैसी तबियत है आपकी?
मैं- अब ठीक है कल इलाज के लिए चंडीगढ़ ही आ रहा हूँ.
उसने कहा- ठीक है.
इतना कह कर फोन रख दिया. तब तक मैं भी बिल्कुल नार्मल ही बात कर रहा था. मुझे लगा था कि बुआ के साथ काम करने वाली कोई आम महिला होगी, पर मुझे क्या पता था कि जिससे मैं बात कर रहा हूँ, वह किसी अप्सरा से कम नहीं है.
अगले दिन शाम को मैं अपनी बुआ के घर पहुंचा, जहाँ सब मेरा ही इंतजार कर रहे थे. जब में वह पहुंचा तो बुआ मुझे देख कर बहुत खुश हो गईं.
बुआ ने कहा- तू थक गया होगा, तू फ्रेश हो जा, मैं खाना लगा देती हूं.
मैंने फ्रेश होकर खाना खाया, तब तक रात के 8 बज चुके थे. तभी मेरी बुआ के बेटे ने बताया कि सोनिया दीदी आपको देखने आ रही हैं.
मैं तब भी नार्मल ही था. अब हम सब बातें कर रहे थे, तभी दरवाजे की घंटी बजी, तो बुआ ने दरवाजा खोला.
दरवाजे पर सोनिया थी. बुआ ने उसे अन्दर आने को बोला. जैसे ही वो अन्दर आयी, मैं तो उसे देखता ही रह गया. क्या मस्त लड़की थी. मैं तो जैसे उसमें खो ही गया. उस वक्त उसने लाल रंग का टॉप और काली जीन्स पहनी हुई थी, जिसमें से उसके बूब्स और उसकी गांड का उभार बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा था.
मेरी तो उसे देख कर हालत खराब हो गयी. मेरा मन कर रहा था कि इसे अभी अपनी बांहों में भर लूँ. पर मैंने अपने आपको संभाला, पर मन ही मन मैं ये सोच रहा था कि क्या ये वही लड़की है, जिससे मैं कल बात कर रहा था.
तभी उसने मुझे देखने के नजरिये से छुआ, तो मेरे तन बदन में एक करंट सा दौड़ गया.
उसने पूछा कि अब आपकी तबियत कैसी है?
मैंने उसकी बात का जवाब दिया और फिर उसे देखने लगा. ये बात शायद वो भी जान चुकी थी कि मैं उसे देख रहा हूँ.
उधर सब लोग सामान्य बातें कर रहे थे, पर मैं अब भी उसी में खोया हुआ था. तभी अचानक से उसके घर से फोन आया, तो उसे जाना पड़ा.
उस रात बस मैं उसके ही बारे में सोचता रहा.
अगले दिन मैंने डॉक्टर को दिखाया और दवाई लेकर अपने घर आ गया.
इसके बाद उसका रोज मेरे पास फोन आता और वो मेरा हाल चाल पूछती. अब ये सिलसिला आम हो गया. मैं जब भी बुआ के यहां जाता, तो वो तुरंत मुझसे मिलने बुआ के घर आ जाती और बहुत देर तक मुझसे बातें करती. मुझे भी बहुत अच्छा लगता था.
फिर एक दिन उसका फोन आया और उसने मुझसे कहा- मुझे आपसे मिलना है.
उससे मिलना तो मैं भी चाहता था. तो मैंने तुरंत हां कर दी और अगले ही दिन मैं चंडीगढ़ चला गया. लेकिन उसने मुझे बुआ के यहां ना बुलाकर एक रेस्टोरेंट में बुलाया. मैं उसकी बताई हुई जगह पर पहुंच गया और जैसे ही मैं वहां पहुंचा, तो मैं उसे फिर से देखता ही रह गया.
आज वो पंजाबी सूट सलवार में थी और बहुत ही खूबसूरत लग रही थी. उसे देख कर लग रहा था कि जैसे वो आज पूरी तैयारी के साथ आई है.
मैं उसके पास पहुंचा और हम दोनों एक दूसरे के सामने बैठ गए और बातें करने लगे.
मैंने उससे पूछा- क्या बात है … आज अचानक मुझे मिलने क्यों बुलाया है?
वह बोली- मुझे तुमसे बहुत जरूरी बात करनी है.
मैंने कहा- बोलो क्या बात है?
अब उसने मुझसे जो कहा, उसे सुनकर मेरे पैरों तले से जमीन खिसक गयी. उसने कहा कि मेरे घरवालों ने मेरी शादी तय कर दी है, लेकिन मैं ये शादी नहीं करना चाहती.
चाहता तो मैं भी यही था, लेकिन अंजान बनते हुए मैंने पूछा- क्यों क्या हुआ?
उसने तुरंत बोल दिया- मैं तुमसे प्यार करती हूं और बस तुमसे ही शादी करना चाहती हूँ.
उसकी बात सुन कर मैं बहुत खुश हुआ और उससे बोला- तुमने ये बात बोलने में इतना टाइम क्यों लिया?
उसने बताया कि वो मुझे पहले दिन से ही पसंद करने लगी थी, लेकिन कभी कहने की हिम्मत नहीं कर पाई.
ये बात सुन कर मैं बहुत खुश हुआ और उसे उधर ही गले लगाना चाहता था, पर रेस्टोरेंट में और भी लोग थे, इसलिए मैंने अपने आपको कंट्रोल किया और उसे आई लव यू बोला.
अब वो बस मेरे साथ रहना चाहती थी और मैं भी. उस दिन हम दोनों बहुत खुश थे. अब बस टेन्शन थी, तो उसकी शादी न होने की, पर हम सब भूल कर वो पूरा दिन एक दूसरे के साथ रहे.
जब शाम होने वाली थी और मुझे भी वापस घर आना था, तो मैंने उसे घर के लिए बस में बैठाया और खुद भी घर के लिए निकल गया. इसके बाद हम रोज देर रात तक एक दूसरे से बातें करने लगे.
कुछ समय बीता और फिर एक दिन उसने मुझे बताया कि उसकी वो शादी टूट गयी है. यह बात सुनकर मैं ख़ुशी के मारे पागल हो गया और अब बस मैं उसे पाने के ख्वाब देखने लगा.
धीरे धीरे हमारी बातें सेक्स की बातों में बदलने लगीं. वह भी अब मुझसे सेक्स के बारे में खुलकर बातें करने लगी.
फिर एक दिन मैंने उससे कहा- यार मेरा तो अब चुदाई का मन करता है, मुझे कब तुम्हारी चूत के दीदार होंगे?
तो यह बात सुनकर वो इतना अधिक खुश हो गयी, जैसे वो ये सब मेरे कहने का ही इंतजार कर रही थी. उसने खुश होते हुए बोला कि मेरा सब कुछ तो तुम्हारा ही है, जब तुम चाहो मुझे चोद सकते हो.
अब मैं भी बहुत खुश था. मैंने उससे पूछा- कब मिलोगी?
तो उसने कहा- परसों मेरे सब घरवाले शादी में जा रहे हैं, तो तुम मेरे घर आ जाना.
मुझे यह तो पता था कि मुझे इसकी चूत पक्का मिलेगी, पर इतनी जल्दी मिलेगी, ये नहीं पता था.
मैं परसों का इंतजार करने लगा. कुछ बेसब्री के इंतजार के बाद वो दिन भी आ गया, जिसका मैं बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा था. मैंने सुबह ही ट्रेन पकड़ी और चंडीगढ़ पहुंच गया.
अभी मैं ये सोच ही रहा था कि पता नहीं उसके घरवाले अभी तक गए हैं या नहीं. तभी सोनिया का फोन आया- तुम कहां हो?
मैंने कहा- मैं चंडीगढ़ पहुँच गया हूं.
तो उसने कहा- सब चले गए हैं. तुम आ जाओ.
बस इतना सुनते ही मैंने उसके घर की बस पकड़ी और कुछ ही देर में उसके घर पहुँच गया.
मैं जैसे ही उसके घर पहुंचा, तो वो दरवाजे पर मेरा ही इंतजार कर रही थी. आज उसने एक ब्लू रंग की टी-शर्ट और लोअर पहन रखा था. क्या कमाल की लग रही थी.
मैं जैसे ही अन्दर गया, उसने तुरंत दरवाजा बंद कर दिया और मुझे अन्दर ले गयी. मैं वहां जाकर सोफे पर बैठ गया.
उसने मुझसे पूछा- क्या लोगे ठंडा या गर्म?
मैंने कुछ भी लेने से मना कर दिया. अब मैं बस उसे चोदना चाहता था.
उसने कहा- मैं कॉफ़ी बना कर लाती हूँ … दोनों साथ में पिएंगे.
इतना कह कर वो जैसे ही किचन में गयी, तो मैं भी उसके पीछे चला गया और उसे पीछे से पकड़ लिया. मैं उसकी गर्दन को चूमने लगा तो उसने कहा- पहले कॉफी पी लो, फिर आराम से कर लेना, जो भी मन हो.
मैंने भी उसकी बात मानी और तब तक कॉफी भी तैयार हो गयी थी. हमने कॉफी पी और उसके बाद शुरू हुआ हमारी चुदाई का खेल.
वो अब खुद आकर मेरी गोद में बैठ गयी और मेरे होंठों को चूमने लगी. मैं भी उसके होंठों का रस पान करने लगा. मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और और अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी. वो मेरी जीभ को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. अब मेरा एक हाथ उसके टाइट मम्मों पर चला गया. क्या रसीले चूचे थे, बिल्कुल कड़क आम की तरह. मैं उसके मम्मों को जोर जोर से दबा रहा था. उसके मुँह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं.
मैं जब भी उसके मम्मों को जोर दबा देता तो उसकी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाज निकल जाती. वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि उसका एक हाथ मेरे लंड पर चला गया.
अब वो मेरे लंड से खेलने लगी. मैंने अपना हाथ अब मम्मों से सीधे उसकी चूत पर रख दिया. उसने लोअर पहना हुआ था. मैंने जैसे ही उसकी चूत के पास हाथ रखा, तो उधर उसका लोअर गीला हो चुका था. उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था.
मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी. उसके चूचे मेरे सामने आजाद हो गए थे. आह क्या मस्त बूब्स थे. एकदम गोरे और उस पर गुलाबी रंग का दाना … क्या मस्त लग रहा था. मैंने एकदम से उसके एक बूब को अपने मुँह में भर लिया और जोर से चूसने लगा.
उसके मुँह से आह निकल गयी- आह … आह … आह आराम से करो … दर्द होता है.
फिर मैंने उसका लोअर भी उतार दिया. क्या चूत थी यारो … एकदम चिकनी गोरी. मैं तो और ज्यादा उत्तेजित हो गया. मैंने जैसे ही उसकी चूत पर हाथ रखा, वो सिहर उठी. उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी. उसकी चूत से पानी निकल रहा था, जिससे मेरा हाथ पूरा गीला हो गया था. उसकी चूत में से एक मदहोश करने वाली खुशबू आ रही थी.
मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसके सामने बिल्कुल नंगा हो गया. हम दोनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे थे. जैसे ही उसने मेरा खड़ा हुआ लंड देखा, उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं.
वो बोली- ये मेरी चूत में नहीं जाएगा?
मैंने बोला- बस तुम देखती जाओ, ये कैसे आराम से अन्दर जाता है.
मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसके पैरों को फैलाकर उसकी चूत को चाटने लगा. मुझे बहुत मजा आ रहा था. वो लगातार ‘उन्मम … उन्मम … आह … आह … आह … आह..’ की आवाजें निकाल रही थी. जिससे मुझे और ज्यादा जोश आ रहा था.
फिर मैंने उसे अपना लंड चूसने के लिए बोला, तो वो मना करने लगी. उसने कहा कि मुझे ये अच्छा नहीं लगता. पर मेरे जोर देने पर वो मान गयी और उसने मेरा लंड जैसे ही मुँह में लिया. मैं तो जैसे आसमान में उड़ने लगा.
दोस्तो, लंड चुसाने में जो मजा है, उसे मैं लफ्जों में बयान नहीं कर सकता.
क्या लंड चूस रही थी, बिल्कुल किसी पोर्न स्टार की तरह लंड उसके मुँह की गर्मी का मजा मिल रहा था.
उसके करीब 5 मिनट लंड चूसने के बाद मैंने फिर से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. वो तड़प रही थी और बोल रही थी- प्लीज रिषभ … अब मत तड़पाओ … डाल दो अपना लंड मेरी चूत में … नहीं तो मैं मर जाऊँगी.
उसकी सांसें बहुत तेज हो रही थीं. अब मैं उसकी चूत में अपना लंड डालने के लिए बिल्कुल तैयार था. उसकी चूत का छेद बहुत छोटा था, इसलिए मैंने उसकी मेकअप किट से तेल की शीशी निकाली और उसकी चूत और लंड दोनों पर अच्छे से तेल लगा लिया.
उसने बोला- प्लीज़ आराम से डालना, मेरा पहली बार है, मुझे बहुत दर्द होगा.
मैंने कहा- तुम चिंता मत करो, मेरी जान बस आज ही दर्द होगा. उसके बाद बहुत मजा आएगा.
यह कहते हुए मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सैट किया और धीरे धीरे अन्दर डालने लगा. उसकी चूत बहुत टाइट थी, तो उसे बहुत दर्द हो रहा था. मुझे लगा कि इस तरह आराम से काम नहीं चलेगा. मैंने एक हल्का सा धक्का लगाया, जिससे मेरे लंड का टोपा उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया.
उसकी बहुत तेज चीख निकल गयी- आई … मम्मी … मररर … गईई … छोड़ोओ … छोड़ दो प्लीज … बहुत दर्द हो रहा है … निकालो इसे … मैं मर जाऊँगी.
मैं उसका दर्द समझ सकता था, इसलिए मैं ऐसे ही रुक गया और उसके होंठों को चूमने लगा. साथ ही मैं उसके मम्मों को भी दबा रहा था. उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे. मैंने अगले कुछ पल ऐसे ही आराम से लेटे रहना ठीक समझा.
जब वो थोड़ी नार्मल हुई, तो मैंने उससे पूछा- क्या तुम अगले धक्के के लिए तैयार हो?
तो उसने हां में सर हिलाया तो मैंने देर न करते हुए अपनी पूरी ताकत से एक और धक्का लगा दिया. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर जड़ तक घुसता चला गया. उसकी बहुत तेजी से चीख निकल गयी, पर वो शायद जानती थी कि क्या होने वाला है इसलिए उसने अपने दोनों हाथों से अपने मुँह को दबा लिया.
पर उससे ये दर्द सहन नहीं हुआ और उनके मुँह से चीख निकल गयी- आई … ईई ईई मर … गई … मम्मी … अब दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
उसकी चूत पूरी तरह से फट गई थी और उससे खून की धार बह रही थी. वो मुझे अपने दोनों हाथों से पीछे धकेल रही थी. वो बोल रही थी- प्लीज बाहर निकाल लो … मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
पर मैंने उसे समझाया कि थोड़ी देर ही तक दर्द होगा.
मैंने उसे किस करना शुरू किया और कुछ देर बाद मुझे महसूस हुआ कि उसकी गांड नीचे से हिलने लगी है. मैं समझ गया कि अब वो चुदाई के लिए पूरी तरह तैयार है. इसके बाद मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए. अब उसे भी मजा आने लगा था. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैंने उससे स्पीड बढ़ाने के लिए पूछा, तो उसने हाँ में सर हिलाया.
तो मैंने अपने धक्कों की स्पीड और तेज कर दी. अब वो खुद बोल रही थी कि आउच्च … च … च च और तेज … और तेज फाड़ दो मेरी चूत को … मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ … आह चोदो मुझे … आज जी भरके चोदो!
कुछ देर की चुदाई के बाद वो अकड़ने लगी और उसने मुझे अपनी बांहों में जोर से जकड़ लिया और वो झड़ गयी. उसकी गर्माहट मुझे अपने लंड पर साफ महसूस हो रही थी. वो निढाल होकर लेट गयी थी.
कुछ देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनने के लिए कहा तो वो आराम से बन गयी. मैंने जब अपने लंड और उसकी चूत को देखा तो दोनों खून से लथपथ थे. उसकी चूत का छेद भी बहुत बड़ा हो गया था. अब मैंने पीछे से अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया और ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा. इसमें उसे भी बहुत मजा आ रहा था.
काफी लम्बी इस चुदाई के बाद मेरा भी निकलने वाला था, तो मैंने पूछा- कहां निकालूँ.
तो उसने कहा- अन्दर ही निकाल दो. मैं महसूस करना चाहती हूँ.
मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में ही निकाल दिया और ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा. उसके बाद हम नहाने के लिए बाथरूम में आ गए. उससे चला नहीं जा रहा था, तो मैं उसे अपनी गोद में उठाकर बाथरूम ले गया. वहां भी मैंने उसकी घोड़ी बना कर खूब चुदाई की. उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता हम चुदाई कर लेते.
दोस्तो, यह थी मेरी सच्ची और पहली कहानी. आपको कैसी लगी, ये कमेंट्स के जरिये जरूर बताना. अगर कुछ गलती हुई हो, तो माफ़ कर देना.
मैं अपनी ईमेल आईडी नीचे दे रहा हूँ.
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