नमस्ते दोस्तो, मेरी इस कहानी के पिछले भाग
चार दिन का बिछोह फिर लम्बा संभोग-1
में आपने पढ़ा कि चार दिन की जुदाई के बाद ही पति ने मेरी चूत की जोरदार चुदाई कर डाली। अब मैं आपको उससे आगे की कहानी बताने जा रही हूं.
मुंबई से वापस आने के बाद पहली रात को मैं पति का लंड अपनी चूत में ही लेकर सो गई थी. उसके बाद अगली तीन रातों में मेरे घरवाले ने मेरी चूत को जमकर चोदा.
जब चूत की चुदाई की भूख भरने लगी तो अब ध्यान गांड की चुदाई पर जाने लगा. हम दोनों गांड चुदाई नहीं कर पा रहे थे. इसके लिए हमें दिन का समय चाहिए था. दिन में हम दोनों आराम से मजे लेते हुए गांड चुदाई का आनंद लेना चाहते थे. मगर बेटी के होने के कारण दिन में वो सब करने का मौका नहीं मिल पा रहा था.
जब तीन दिन गुजर गये तो मेरी बेटी ने कहा कि अब उसको कॉलेज जाना है नहीं तो फिर पढ़ाई का नुकसान हो जायेगा.
जब रात को मैंने पति के लंड से चुदते हुए उनको ये खबर सुनाई तो वो खुश हो गये. मैंने उनसे कह दिया कि आज अपना माल जी भर कर निकाल लो ताकि कल दिन में आराम से गांड चुदाई का मजा लिया जा सके.
पति ने कहा- अगर ऐसी बात है तो फिर सुबह ही तुम्हारी चूत में वीर्य निकालूंगा. अब ऐसे ही चूत में लंड को रख कर सो जाते हैं. नींद आने के बाद लंड खुद ही चूत से बाहर निकल आयेगा. अगर अभी निकालूंगा तो फिर तुम्हें चादे बिना रहा नहीं जायेगा.
इसलिए उनके कहने पर वो मेरी चूत में अपना लंड डाल कर सो गये.
सुबह के पांच बजे के करीब मेरी आंख खुल गई. मैंने उठते ही पति के लंड को अपने मुंह में लेकर उनका लंड गीला कर दिया. काफी देर तक मुंह में लंड को रखने के बाद उनका लौड़ा अच्छी तरह से गीला हो गया ताकि चूत में आराम से जा सके.
मोटा लंड चूसते हुए मेरी चूत भी चिकनी हो चली थी. उसने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. इसलिए बस अब चूत में लंड जाने की देरी रह गई थी.
पति ने उठ कर मेरी गीली चूत में अपना लंड ठोका और दस मिनट तक मजे लेकर मेरी चुदाई कर डाली. दनादन चूत चुदाई के बाद एकदम से उन्होंने अपना पूरा लंड मेरी चूत में बिल्कुल जड़ तक घुसा दिया और उनके लौड़े से वीर्य निकल कर मेरी चूत में गिरने लगा. इधर मेरी चूत ने अपना पानी निकाल दिया. दोनों शांत हो गये.
उठने के बाद मैंने सुबह के सारे काम जल्दी से निपटा लिये. नहा धोकर मैंने नाश्ता बना दिया. फिर बेटी भी कॉलेज के लिए दस बजे के करीब निकल गई.
मैंने उसके जाते ही मैक्सी पहन ली. बाथरूम में जाकर एक बार फिर से नहा ली ताकि चुदाई का मजा अच्छे से लिया जा सके. नहाकर जब मैं बाथरूम से बाहर आई तो पति मेरी मैक्सी को घूर रहे थे. मेरे चूचे मेरी मैक्सी में इधर-उधर डोल रहे थे. पति को भी पता चल गया था कि मैंने चुदाई की पूरी तैयारी कर ली है और इसी वजह से मैंने मैक्सी के नीचे कुछ भी नहीं पहना है.
फिर पति भी उठ कर नहा लिये और उन्होंने भी पैंट और टी-शर्ट पहन लिया. मैं अपनी गांड अपने पति से चुदवाने के लिए बेकरार थी. बेटी के जाने के बाद घर में हम दोनों ही रह गये थे. मैंने अपने पति का हाथ पकड़ा और उनको पकड़ कर खुद ही बेडरूम में लेकर जाने लगी. मेरे पति ने चलते हुए ही मेरी गांड को दबाना शुरू कर दिया था. आज इस गांड की चुदने की बारी थी. चूत चुदवाते हुए तो मुझे कई दिन हो चुके थे. पति को भी कुछ नया करने का मौका मिल रहा था इसलिए वो भी ज्यादा ही उत्तेजित हो रहे थे.
उन्होंने चलते हुए ही मेरी गांड को मैक्सी के ऊपर से दबा दिया. मैंने पीछे मुड़कर उनका लंड सहला दिया. फिर वहीं पर रुक कर हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे.
लेकिन बाहर यह सब करना ठीक नहीं था. घर में खिड़की दरवाजे लगे थे जिनसे बाहर से कोई भी देख सकता था. इसलिए एक दो बार होंठों को चूसने के बाद हम रूम की तरफ बढ़ने लगे. पति ने चलते हुए ही अपना लंड दो-तीन बार मेरी गांड पर लगा कर ये बता दिया था कि आज मेरी गांड की चुदाई जमकर होने वाली है.
रूम में जाते ही उन्होंने मेरी मैक्सी को ऊपर उठा दिया. मैं नीचे से नंगी थी. मैंने पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी. मेरे नंगे चूतड़ देखते ही पति ने एक बार उनको हाथ से दबा दिया और फिर मेरी गांड को किस करने लगे. मैंने मैक्सी को अपने हाथों में ऊपर ही पकड़ रखा था और गांड पर पति के होंठों का मजा ले रही थी. फिर उन्होंने उठकर अपनी पैंट के अंदर से ही अपना तना हुआ लंड मेरी गांड पर सटा दिया और मेरी गर्दन को चूमने लगे. मैंने भी पीछे की तरफ घूम कर उनके होंठों को चूस लिया.
पतिदेव ने मुझे बेड पर धक्का देते हुए झुका दिया और मेरी मैक्सी उठा कर अपना लंड मेरी चूत पर पीछे से ही रगड़ने लगे. मैं चुदासी हो गई और अपनी गांड को पीछे करते हुए खुद ही अपने घरवाले के लौड़े पर रगड़ने लगी.
उन्होंने मेरी चूत को अपने हाथ से सहलाया और फिर मेरी गांड पर एक बड़ा सा चुम्बन दे दिया. फिर उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत पर पीछे से ही रगड़ा और लंड का टोपा मेरी चूत पर लगा कर एक धक्का दे दिया. मेरे पति का मोटा लंड गच्च से मेरी चूत में उतर गया.
वो मुझे कुतिया बनाकर वहीं बेड के किनारे पर चोदने लगे. दस मिनट तक मेरे पति ने ऐसे ही कुतिया बनाकर मुझे चोदा और फिर अपना लंड बाहर निकाल लिया.
उसके बाद मैं बेड पर ऊपर चढ़ गई और अपने दोनों पंजों को बेड से बाहर करते हुए अपना चेहरा और अपने चूचे मैंने बेड पर टिका लिये. इस पोजीशन में मेरी गांड उठकर पति के सामने आ गई और वो अपने लंड को हिलाते हुए मेरे पैरों के बीच में आकर खड़े हो गये. मैंने अपने मोटे चूतड़ों को अपने हाथों से फैलाकर रखा हुआ था.
फिर मैंने सुना कि पतिदेव ने अपना थूक अपनी हथेली पर लिया और उसको शायद अपने लंड के टोपे पर मलने लगे. दो मिनट के बाद उन्होंने दोबारा से थूका और मेरी गांड पर भी थोड़ा सा थूक मल दिया. अब मुझे भी थोड़ी सी घबराहट होने लगी थी और मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा था. मेरी गांड में सुरसुरी सी उठने लगी थी.
ऐसा भी नहीं था कि इससे पहले पति ने मेरी गांड नहीं मारी थी लेकिन मुझे गांड मरवाने में जितना मजा आता था उससे पहले डर भी बहुत लगता था. इससे पहले भी जब मैंने अपने पति से गांड चुदवाई थी तो उन्होंने मेरी गांड को खोल कर रख दिया था. पति का मोटा लंड गांड में समाने के लिए मैंने अपने आप को पूरी तरह से तैयार करने की पूरी कोशिश की.
थूक मलने के बाद मेरे घरवाले ने मेरी गांड के छेद पर अपने तगड़े लंड का मोटा सा सुपारा रख दिया और मेरी सांसें तेज होने लगीं. अब लंड मेरी गांड को चीरने के लिए तैयार हो चुका था. पति ने हल्का सा दबाव दिया तो मैं उचक गई लेकिन उन्होंने मेरे चूतड़ों को अपने हाथों से पकड़ कर वापस ही नीचे दबा दिया. फिर उन्होंने हल्का सा धक्का मारा तो सुपारा गांड में घुस गया.
मैं उछल गई. लंड बहुत मोटा था और गांड का छेद टाइट हो गया था. उन्होंने अपने हाथ से ही खुद ही मेरे चूतड़ों को फैला दिया और दबाव बढ़ाने लगे. लंड अंदर नहीं सरक रहा था.
फिर उन्होंने लंड पर दोबारा से थूका और फिर से दबाव बढ़ाया तो लंड थोड़ा अंदर सरकने लगा. मेरी गांड फैलने लगी. फिर पति ने एकदम से पूरी ताकत के साथ जोर का धक्का मार दिया और लंड मेरी गांड में उतार दिया.
मैं दर्द से चीख पड़ी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
और उन्होंने मेरे चूचों को दबा दिया. उनका लंड मेरी गांड में उतर गया था लेकिन दर्द भी बहुत कर रहा था. फिर वो एक दो मिनट तक ऐसे ही मुझे पीठ पर चूमते रहे और फिर हल्के से मेरी गांड में धक्के देने लगे.
अब मेरा दर्द कम होता जा रहा था, गांड पूरी खुल कर फैलने लगी थी. उनका लंड पूरा गांड में फंस गया था.
धीरे-धीरे पति ने मेरी गांड में अपने धक्कों की गति तेज की तो मुझे भी मजा आने लगा. मेरी गांड की चुदाई शुरू हो गई. पति के लंड से गांड चुदवाने का मजा ही अलग है. मैं अपने पति के मोटे लंड को अब आराम से अपनी गांड में लेने लगी.
कुछ ही देर में मैं पति के लंड से चुदते हुए मदमस्त होने लगी. वो कभी मेरे चूचों को दबा रहे थे तो कभी मेरी पीठ को चूम रहे थे. मेरी गांड में पति का लंड तेजी से अंदर-बाहर हो रहा था.
जब मेरी गांड चुदते हुए पूरी तरह से खुल गई तो मैंने पति को नीचे लिटा लिया और खुद उनके लंड पर बैठ कर मैंने पूरा लंड अपनी गांड में ले लिया. फिर मैंने पति की जांघों पर अपने हाथों का सहारा लेते हुए अपनी गांड को उनके लंड पर उछालना शुरू कर दिया. मैं मस्ती से अपने चूचे हिलाती हुई अपने पति से गांड चुदवा रही थी. मेरी छोटी सी कोमल गांड का भोसड़ा बना दिया मेरे पति के मोटे लौड़े ने। लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था और पति के मुंह से भी कामुक सिसकारियां निकल रही थीं.
यूं ही कुछ देर पति के लंड पर कूदने के बाद उन्होंने मेरी गांड को कुतिया बनाकर चोदा. इस पोज में चोदने के बाद उन्होंने मुझे दीवार के सहारे लगा लिया और पीछे से मेरी गांड में लंड डाल दिया और चोदने लगे. फिर मेरी एक टांग को उठाकर चोदा. फिर मुझे सीधी खड़ी करके पीछे से लंड डाल दिया और मेरे मम्मे दबाते हुए चोदा. इतनी चुदाई करने के बाद हम दोनों थक गये थे. मगर पति का लंड अभी भी खड़ा हुआ था. वो मुझे बांहों में लेकर वहीं बेड पर लेट गये.
पति का लंड मेरी गांड से निकल गया था लेकिन ऐसा लग रहा था कि उनका लंड अभी भी मेरी गांड में घुसा हुआ है. मेरी गांड में चींटियां सी चल रही थीं. कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे.
फिर उसके बाद मैं उठ गई क्योंकि अब नहाने का मन कर रहा था. जब मैं नहा कर बाहर आई तो पति का लंड सो चुका था और उनकी आंख लग गई थी. मैंने पति का सोया हुआ लंड देखा और उसको बेड पर आकर अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी.
मेरे घरवाले की आंख खुली तो वो मेरे चूचों को फिर से भींचने लगे. मैंने उनका लंड फिर से पूरी तरह खड़ा कर दिया था. फिर मैंने उसको अपने मुंह में ले लिया. दो-तीन मिनट तक लंड को चूस कर गीला कर लिया. फिर मैं पति के साथ ही लेट गई.
लेकिन मेरे अंदर की चुदास फिर से जाग चुकी थी इसलिए मैंने उनके लंड की तरफ अपना मुंह कर लिया और अपनी चूत को उनके मुंह की तरफ कर दिया. उसके बाद मैंने उनके लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मुझे पति के लंड से निकलने वाले नमकीन पानी का स्वाद चखने का मन कर रहा था. इसलिए मैंने तेजी के साथ उनके लंड को चूसने लगी. पति का लंड जब पूरी तरह से तन गया तो उन्होंने मेरी चूत को भी चूसना शुरू कर दिया.
जब वो भी सेक्स के लिए उत्तेजित हो गये तो उनके लंड से नमकीन पानी रस कर बाहर आने लगा. मुझे उनके लंड से निकल रहे पानी का स्वाद अपनी जीभ पर महसूस होने लगा. मैं उनके लंड को चूसते हुए उनके पानी का स्वाद लेती रही और वो मेरी चूत को चाटते रहे. मैंने पति के लंड को पूरा मुंह में ले लिया और उन्होंने मेरी चूत में जीभ को पूरी घुसा दिया. मैं बहुत चुदासी हो गई थी.
लगभग दस मिनट तक पति के मोटे लौड़े को चूसने के बाद उनके लंड में तनाव बहुत ज्यादा ही बढ़ गया मुझे लगने लगा था कि अब उनके लंड का वीर्य निकलने वाला है. मेरा मुंह भी दुखने लगा था. फिर दो मिनट बाद ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और पति के लंड ने भी अपना वीर्य मेरे मुंह में छोड़ दिया. मैंने अपने पति के लंड से निकलने वाला सारा वीर्य पी लिया. फिर दोनों शांत हो गये.
उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में रख दिया और मैं उनकी बांहों से लिपट गई. उसके बाद फिर मेरी आंख लग गई. मुझे पति का लंड चूत में लेकर लेटने के बाद ही नींद अच्छी आती है. फिर मैं दोपहर को उठी क्योंकि खाना बनाने का टाइम हो गया था.
मैंने उठकर खाना बनाया और तब तक बेटी के आने का समय भी हो गया था. मैंने पति को उठ कर कपड़े पहनने के लिए कह दिया क्योंकि वो अभी तक बेड पर नंगे ही लेटे हुए थे. वो उठकर नहा लिये और तब तक बेटी भी घर आ गयी.
तो दोस्तो, इस तरह चार दिन की जुदाई के बाद पति ने मेरी चूत और गांड की जमकर की चुदाई की. मैं उम्मीद करती हूँ कि मियां-बीवी की चुदाई की ये गांड चुदाई कहानी आपको पसंद आई होगी. मैं आगे भी हम पति-पत्नी की चुदाई की कहानियाँ आप तक लेकर आती रहूंगी.
आपको मेरी आज की गांड चुदाई कहानी कैसी लगी मुझे मैसेज करके बताना और कमेंट भी करना अगर अच्छी नहीं लगी हो तो. एक बात फिर मैं आपसे कहना चाहती हूँ कि कृपया गंदे कमेंट ना लिखें क्योंकि मुझे गंदे कमेंट बिल्कुल भी पसंद नहीं है. कहीं ऐसा न हो कि मैं आपके गंदे कमेंट्स के कारण आगे कहानी लिख ही न पाऊं. इसलिए आप कमेंट सोच-समझकर लिखें.
मेरी गांड चुदाई कहानी पढने के लिए धन्यवाद।
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