चैटिंग से सेटिंग की इस कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने गाँव के डॉक्टर दोस्त की गर्म बीवी को सेक्सी बातों से मजा दिया और वो चुदाई के लिए तैयार हो गयी.
दोस्तो, जैसा कि आप जानते हो कि मैं चुदाई का दीवाना हूं और मैं बिना चुदाई के ज्यादा समय तक नहीं रह सकता।
मेरा एक दोस्त उस्मान है जो डॉक्टर है उससे हमारा घरेलू व्यवहार है।
उसकी बीवी अफसाना मस्त माल है गोल गोल भरी चूचियां और बाहर निकली मोटी गांड कसम से कामवासना की मूर्ति है।
मेरी उससे दोस्ती हो गई और हम चैट से बात करने लगे।
धीरे धीरे मैंने उससे सैक्सी बातें शुरू कर दी और उसे भी मज़ा आने लगा।
एक दिन हमने रात में फोन सैक्स किया।
अब मैं उसे चोदने का मौका देखने लगा.
एक दिन मैं उसके घर गया तो उसकी सास और वो घर में थी।
हम बात करते रहे.
फिर उसकी सास बोली- राज खाना खाकर जाना. मैं थोड़ी पड़ोस के घर होकर आती हूं, मुझे काम है।
तभी भाभी ने अपनी सास से बोला- मम्मी जी, वहीं से किराने का कुछ सामान ले आना.
और लिस्ट और पैसे दे दिए
आंटी चली गई।
थोड़ी देर बाद भाभी अपने कमरे में चली गई और जब वो वापस आई तो मेरी आंखें खुली रह गई।
भाभी ने पीले रंग की छोटी सी नाईटी पहन रखी थी।
वो आकर मेरे आमने झुक कर खड़ी हो गई.
उसने ब्रा नहीं पहनी थी.
उसे ऐसी हालत में देखकर मेरे लौड़े पर हरक़त होने लगी।
उसने कहा- राज बोलो क्या खाओगे?
उसे झटके से अपनी बांहों में खींच लिया मैंने … और चूमने लगा और बोला- आज मैं तुम्हें खाऊंगा।
मैंने उसे सोफे पर लिटा दिया और उसके होठों को चूसने लगा और उसकी पैन्टी के ऊपर से सहलाने लगा।
उसने भी अपने हाथ को मेरी पैंट मैं घुसा दिया और लंड को पकड़ लिया।
फिर उसने लंड को बाहर निकाल लिया और धीरे धीरे उसको आगे पीछे करने लगी।
वो बोली- राज, चलो बैडरूम में!
मैंने उसे गोद में उठाया और कमरे में ले गया।
उसने मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगा कर दिया और मेरे लंड को गपागप गपागप चूसने लगी।
वो लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे सालों की भूखी हों।
मैंने उसकी नाईटी उतार दी.
अब वो पैंटी में थी।
उसके बड़े बड़े बूब्स मेरे हाथों में नहीं आ रहे थे.
मैं ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था।
वो मस्त होकर लंड को अंदर बाहर करके चूस रही थी।
मैंने बोला- भाभीजान, आप तो मस्त लौड़ा चूसती हो. मज़ा आ गया।
तब मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी पैन्टी उतार दी।
उसकी चूत बिल्कुल चिकनी बिना बालों के गुलाबी थी और चूत के लब आपस में जुड़े हुए थे. मतलब टाइट चूत बिल्कुल चिपकी हुई थी जैसे उसने महीनों से लंड न खाया हो।
मैंने उसकी चूत की फांकों को खोला और एक उंगली घुसा दी.
वो चीख पड़ी- आआआ आह आआ उईई ईईईई सीईई ईईई!
उसने मुझे अपनी बांहों में कस लिया और तड़प उठी।
मैंने कहा- अफसाना भाभी, आप तो बिल्कुल कुंवारी लड़की जैसी हो!
तो वो बोली- तुम्हारे दोस्त को बस ड्यूटी प्यारी है।
मैं बोला- भाभी, आप क्यों परेशान होती हो? मैं हूं ना! आपको खुश रखूंगा।
उसकी टाइट चूत में अपनी जीभ घुसा दी और अंदर-बाहर करने लगा.
भाभी की सिसकारियां निकलने लगी- उईई ईईईई सीईई ईईई … उम्म्ह … आह!
थोड़ी देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा।
उसकी चूत में लन्ड रगड़ने लगा और एक झटके में घुसा दिया।
वो झटपटा रही थी और मैं उसके होठों को चूसने लगा।
तभी मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और जोर का धक्का मारा.
उसकी चीख और आंसू एक साथ निकल पड़े।
मैंने लंड को रोक दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा और गले को चूमने लगा।
धीरे धीरे उसकी चूत में दर्द कम हुआ तो मैंने लंड को चलाना शुरू कर दिया।
अब वो भी पूरी गरम हो गई थी.
मैंने लंड से चुदाई की की रफ्तार बढ़ा दी और टाइट चूत के अंदर-बाहर करने लगा.
भाभी की वासना भरी सिसकारियां निकलने लगी- आहह हहह उईईईई सीईईई ईईईई!
मैं लंड को सटासट सटासट अंदर बाहर करने लगा.
मजे और दर्द के मिश्रण से उसकी जान निकली जा रही थी।
वो बोली- राज चोदो … मुझे चिल्लाने दो … तुम रूकना नहीं. मुझे आज अपनी बीवी बनाकर चोदो मेरे राजा!
मैं जोश में आ गया और लन्ड को तुरंत चौथे गियर में डाल दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा।
फिर मैं बोला- भाभी जी, आपका राज आज आपको कली से फूल बना देगा!
वो बोली- भाभी नहीं, अफसाना बोलो। आज से तुम मेरे शौहर हो, मैं तुम्हारी रखैल हूं. मेरी चूत और मैं तुम्हारी गुलाम हूं।
मैंने कहा- मेरी जान अफसाना … गुलाम नहीं तुम मेरी रानी हो।
तब मैंने लंड निकाल लिया और उसे घोड़ी बनाया.
फिर पीछे से अपना लौड़ा उसकी मखमली गुलाबी चूत में घुसा दिया और जोर जोर से झटके मारने लगा और उसकी चूचियों को मसलने लगा।
उसकी गान्ड से थप्प थप्प की आवाज आने लगी और झटकों से उसकी सिसकारी तेज़ होने लगी।
वो बोली- राज, तुम तो मस्त चोदते हो! कहां से सीखा?
मैंने कहा- मैंने बहुत भाभी लड़की और आंटी को चोदा है।
वो बोली- राज, तुम मुझे ऐसे चोदो राजा कि मेरी चूत फट जाए। आज मुझे पूरी औरत बना दो मेरी चूत को खोल दो।
अब दोनों गरम हो चुके थे और चुदाई का मज़ा ले रहे थे।
तब मैंने अपने लंड को अफ़साना की टाइट चूत से बाहर निकाल लिया और मैं बिस्तर पर लेट गया और उसको अपने लौड़े पर बैठ जाने को बोला।
उसने लंड को मुंह में लेकर चूसा और फिर लंड पर बैठ गई।
लंड सटृ से अफ़साना की चूत में समा गया और उसकी चीख निकल गई।
मैंने उसकी कमर को पकड़ कर झटके मारने शुरू कर दिया।
अब वो लंड पर उछल उछल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी।
हम दोनों की सिसकारियां निकलने लगी और कमरा चुदाई की आवाज से गूंज उठा।
आज वो बहुत खुश थी क्योंकि उसे ऐसा किसी ने नहीं चोदा था।
मेरा मोटा लौड़ा उसकी चूत को मस्त होकर चोद रहा था।
अब उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और फच्च फच्च की आवाज आने लगी।
मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत में लन्ड घुसा दिया और झटके मारने लगा।
उसने अपनी टांगें फैला दी और लंड को अंदर बाहर लेने लगी। मेरे लौड़े से उसकी सिसकारी तेज़ हो गई और उसने अपनी टांगें कमर पर लपेट दी।
मेरे झटकों की रफ़्तार तेज हो गई और झटके पर झटके मारने लगा.
थोड़ी देर बाद मेरे लौड़े से वीर्य निकल पड़ा.
उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और वीर्य उसकी चूत में भर गया।
हम दोनों पसीने से लथपथ हो गए थे.
मैं उसके ऊपर लेट गया।
थोड़ी देर बाद मैंने अपना लन्ड बाहर निकाल लिया.
मैं बोला- अफसाना तुमने वीर्य अंदर क्यों लिया? कुछ हो गया तो?
वो बोली- कुछ गलत नहीं होगा. मैं अम्मी बनना चाहती हूं।
थोड़ी देर बाद वो किचन में गई और दूध लेकर आई.
मैंने दूध पी लिया।
उसने अपनी सास को फोन किया- कब तक आओगी?
वो बोली- बाजार में हूं। एक घंटा लग जाएगा.
अफ़साना बोली- राज आपको पूछ रहा है.
आंटी बोली- उसको बोलना शाम तक रूकेगा।
फोन काट कर अफसाना खुश हो गई और मेरी गोद में बैठ गई।
हम दोनों ही नंगे थे। उसकी गान्ड गर्म थी. मेरे लौड़े पर अब उसकी गान्ड की गर्मी महसूस हो रही थी।
वो बोली- राज, एक राउंड और हो जाए?
और मैं उसके गले को चूमने लगा।
मैं उसकी मोटी मोटी जांघों पर हाथ फेरने लगा; उसकी बड़ी बड़ी चूचियां को दबाने लगा।
अब मेरा लौड़ा कड़क हो गया और उसकी गान्ड को चुभने लगा।
मैंने उसे बिस्तर पर बैठा दिया और मुंह में लंड डाल दिया.
वो लोलीपोप के जैसे चूसने लगी।
मैंने उसके सर को पकड़ कर झटके मारने शुरू कर दिए और लंड को अंदर बाहर करने लगा।
थोड़ी देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर टिका दिया और पलंग पर लटका कर ही चोदना शुरु कर दिया.
मैं तेज़ तेज़ झटके मारने लगा.
पूरा कमरा हमारी सिसकारियों से गूंजने लगा.
अब मैं जोश में आ गया और लन्ड की रफ्तार बढ़ा दी और अंदर-बाहर करने लगा.
अफसाना की सिसकारियां निकलने लगी- अह आह हहह उईई सीईई अओह ईईई! मार और मार … फाड़ दे मेरी चूत! चोद चोद … मुझे ले लो आज … आह हहह आह हहह आह!
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया, उसकी दोनों टांगों को फैला दिया और गपागप गपागप अंदर बाहर चोदने लगा।
उसकी चूत टाईट थी तो लंड भी पूरे जोश से भर गया और सटासट सटासट होने लगा।
वो बोली- राज तुम मुझे ऐसे ही चोदा करोगे न?
मैंने कहा- हां मेरी रानी।
वो बोली- तुम्हारा दोस्त तो 5 मिनट में ही झड़ जाता है।
मैंने कहा- ठीक है. लेकिन उसे पता चला तो?
वो बोली- किसी को पता नहीं चलेगा मेरे राजा!
अब मैं उसे जोर जोर से चोद रहा था।
फिर मैंने उसे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया और लन्ड को चिकनी गुलाबी मखमली चूत में घुसा दिया।
हम दोनों मस्ती से चुदाई का मज़ा लेने लगे और एक दूसरे को चूमने लगे।
वो नीचे से गांड उठा उठा कर लंड लेने लगी. मैंने भी झटकों की रफ्तार बढ़ा दी।
दोनों पसीने से लथपथ हो गये और हर झटके से दोनों की सिसकारियां तेज़ हो रही थी।
उसकी टाइट चूत ने पानी छोड़ दिया और फच्च फच्च करके अंदर बाहर लंड को करने लगा।
उसने मुझे अपनी बांहों में कस लिया और पीठ पर नाखून गड़ाने लगी.
मैं और जोश में आ गया और लन्ड को पूरी रफ्तार से तेज़ी से अंदर-बाहर करने लगा।
अब फच्च फच्च सटसट सटसट की आवाज तेज हो गई।
मेरा लौड़ा पूरा अकड़ गया और तेज़ पिचकारी छोड़ दी. उसकी चूत में अंदर तक वीर्य भर गया.
हम दोनों पसीने से लथपथ हो गये और चिपक कर लेट गए।
थोड़ी देर बाद मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और उसके होठों पर रख दिया.
वो चूसने लगी और साफ कर दिया।
फिर हम दोनों एक साथ नहाये और कपड़े पहन लिए.
उसने खाना तैयार किया।
तब तक आंटी आ गई.
हम सबने एक साथ खाया और शाम को मैं अपने घर आ गया।
उसके बाद मैं मौका देखकर उसके घर जाता और दोनों खूब चुदाई करते।
फिर एक रात में उसके घर गया और रात को चोदा।
मैंने उसकी सास को नहाते हुए देख लिया था.
वो भी मस्त थी.
मैंने अफसाना से उसकी सास की चुदाई के लिए बोला.
तो वो गुस्सा हुई.
वो कहानी मैं बाद में बताऊंगा कि कैसे मैंने आंटी को चोदा।
दोस्तो, टाइट चूत की सेक्स कहानी पसंद आई होगी. कमेन्ट जरूर करें।
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