मगन ने बटवे को फिर से एक बार टटोला की कहीं से एकाद नोट और निकल जाए, लेकिन शायद किस्मत ही फूटी हुई थी उसकी आज. लंड मोबाइल पर पोर्न देख के ऐसा तना था की कहने ही क्या. रंडियां लाइन लगाए हुए खड़ी थी, लेकिन ६० रूपये में तो इनमे से कोई मगन को चूत देखने भी नहीं देगी वो ये बात समझता था.
मन ही मन उसने सोचा की लंड को हाथ का सवाद दे दूंगा और ये पैसे का देसी थर्रा ले लूँगा. पर लंड हाथ से मानेगा नहीं ये भी तो बात थी. सहमी हुई निगाहों से वो रंडी बाजार से ऐसे वापस निकला जैसे किसी का सब कुछ लुट गया हो. मन ही मन सोचा की साला मुझे होटल में खाने से पहले बटवा देख लेना था. हाय रे बेबसी, जो लंड के कारण थी!
“अरे चिकने चलता क्या?”
एक पल के लिए मगन को लगा की मुझे बुलाया, फिर उसने सोचा की बढ़ी हुई दाढ़ी हैं और कपडे भी गंदे हैं, किसी और को ही आवाज दी होगी इस रंडी ने.
“अरे सुनता नहीं क्या हैं तू?”
अब वो पलटा, आवाज उसे ही मिली थी, लेकिन ये क्या?
इसको तो पहले कभी नहीं देखा था मगन ने. सांवली चमड़ी लेकिन चमक वाली, रेशमी ब्लाउज और ऊपर मेचिंग चुन्नी. बॉल्स का उभार था तो लेकिन बाकी की रंडियों से कितना ही कम.
“अरे बेटीचोद ये तो छक्का हैं!” मगन के दिमाग की ट्यूबलाईट अब चली.
“नहीं मेरे को नहीं बैठना हैं.” मगन घूम के वापस चलने लगा!
छक्के ने ताली बजा के बोला, “फटीचर हरामी, मेरे को लगा मदद कर दूँ, चार बार बटवे को टटोला, जा मादरचोद हाथ से ही हिला लेना!”
मगन को गुस्सा आने ही वाला था की उसकी नजर छक्के की गांड पर पड़ी, कोई बुरी नहीं थी वो भी.
उसने होंठो पर जबान फेर के कहा, “कितना लोगी?… लोगे!”
“जो मर्जी करे दे देना.”
“मेरे पास पचास ही हैं”
छक्के के मस्तक पर बल पड़े, “चलेगा, हम दोनों को चाहिए तो!”
मगन बोला: जगह हैं?
छक्का: पूरा रेलवे ट्रेक अपने बाप का ही तो हैं. अभी कोरोना की वजह से कोई ट्रेन नहीं चलता हैं वैसे भी.
मगन: अरे कोई देख लेगा उधर तो.
छक्के ने एक ताली फिर से बजाई और बोला: साले पचास रूपये में कोई आलिशान रिसोर्ट में लेगा क्या?
मगन हंस दिया.
छक्का आगे आगे और वो पीछे पीछे चल दिया. लेकिन अहतियात ये भी रखा की कोई रंडी उसे देख न ले, छक्को की गांड लेने वालों को रंडियां तुच्छ गिनती हैं वो ये जानता था, और दिहाड़ी ज्यादा मिले तो फिर इन गलियों में खड़ा लंड ले के आना भी था.
ट्रेक के आगे एक झाडी के सामने छक्का रुका. मगन ने उसे देखा तो छक्के ने झाडी में इशारा किया. मगन ने बोला, तुम चलो आगे!
छक्के ने निचे झुक के झाडी में घुस के मगन को भी अंदर लिया.
किसी सज्जन ने जगह साफ़ की थी, ऐसे के जमीन पर लेटा जा सकता था. मगन ने पेंट की क्लिप खोल के चड्डी से लंड बहार निकाला. और छक्के की तरफ देख के बोला, बूब्स दबाने दो ना!
छक्का: अरे मेरे बूब्स नहीं हैं, अंदर कपडे का शेप बनाया हैं!
मगन: अरे मूवी में तो दिखाते हैं तुम लोगों के होते हैं.
छक्का खिजला गया और बोला, वहां तो हाथी के लंड से चुदती हुई लडकियां भी दिखाते हैं!
फिर थोडा स्वस्थ हो के बोला, हम लोगों में सब का अलग अलग होता हैं, किसी के होते हैं किसी के नहीं भी होते हैं.
मगन ने लंड को तनतना दिया. चक्के ने अपनी पर्स से एक सरकारी कोटा का कंडोम निकाला और उसे मगन के लंड पर लगा दिया.
मगन की पेंट देख केवो बोला, इसे उतार दो, सीमेंट बालू वाला हैं.
मगन” अरे मैं दिहाड़ी आदमी हूँ, सीमेंट बालू से ही खेलता हूँ.
लेकिन मगन ने पेंट निकाल दी, चड्डी भी.
छक्के ने उसके लंड को हाथ में पकड़ा और ऐसे हिलाया जैसे की उसका दूध निकालना हो.
मगन धीरे धीरे उत्तेजना के नशे में सवार हो रहा था.
छक्के ने बिना मगन के कहें अब उसके लंड को मुहं में ले लिया.
गप गप गप के साउंड के साथ क्या लंड चूसा इस शिमेल ने! मगन उत्तेजना के चरम पर एक मिनिट में ही आ गया.
छक्का अब लंड को हाथ से मरोड़ के निचे के बॉल्स को चाटने लगा. उसने मगन की गांड को दोनों हाथ से पकड के पुरे बॉल्स मुहं में ले लिया और ऐसा करने से लंड से कुछ बुँदे निकल भी गई कंडोम में. मगन 12 साल से रंडीबाजी में था लेकिन किसी ने ऐसे नहीं मुहं में लिया था उसका.
छक्के के हाथ अब मगन की जांघ को सहलाने लगे. मगन उईइ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह करने लगा था.
मगन ने छक्के के माथे को पकड़ा तो देखा की बाल भी नकली थी विग के.
वो मन ही मन हंस भी दिया ये देख के. लेकिन एक बात थी की लंड चूसने में कोई कमी नहीं आई थी इस छक्के के.
कुछ ही देर में मगन का पानी अनकरीब निकलने को था तो उसने पीछे खिसक के बोला, चलो घोड़ी बनो डार्लिंग.
छक्के ने अपने हाथ से कुछ थूंक निकाल के गांड पर मसल दिया और बोला, धीरे धीरे से करना ये चूत नहीं हैं, गांड हैं और इसमें दर्द होता हैं.
फिर छक्का कुतिया के जैसे चारों हाथ पाँव फैला के लेट गया, गांड वाला हिस्सा ऊपर की और कर के थोडा.
मगन ने और भी थूंक निकाला और लंड पर मसला. कंडोम भी पूरा थूंक से सन चूका था.
मगन ने छेद मिला के एक ही शॉट में आधा लंड गांड में घुसेड दिया.
“उईइ माँ मर गई! क्या रे इतनी जल्दी कर नको!” छक्के को अपनी माँ याद आ गई मगन के लौड़े के धक्के से.
मगन के हाथ छक्के की छाती पर चले गए, बूब्स नहीं थे लेकिन सोचने में क्या हरज थी.
कुछ देर आधा लंड ऐसे ही रखा और फिर एक धक्के में पुरे लंड को गांड की गुफा दिखा दी मगन ने.
छाती से हाथ हटा के अब इस रंडी छक्के की कमर पर रख दिये मगन ने. और शॉट लेने लगा.
छक्का भी पूरा सपोर्ट दे रहा था गांड को मटका के. पूरी रंडी को चोदने वाली फिलिंग आ रही थी इस छक्के की गांड लेने में भी.
अब मगन साहसी हुआ, उसने लंड पूरा गांड से बहार निकाला और फिर तेजी से अंदर पेला. गर्म गर्म गांड में लंड के घुसने का अहसास उसे भी आनंदित कर रहा था. छक्का भी अब कोई ऐतराज़ नहीं कर रहा था तो मगन ने कुछ धक्के ऐसे ही लगाए.
फिर गांड को दोनों हाथ से पकड़ी और तेज तेज चोदने लगा. छक्के की कमर भी एक्स्ट्रा मटकने लगी थी उसे भी गांड मरवाने में बहुत मजा आने लगा था.
मगन जानता था की अब उसका निकलने वाला हैं. इसलिए उसने और भी जोर से गांड मारना चालू कर दिया.
छक्का: अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ऊऊऊउ अह्ह्ह्ह, क्या निकलने वाला हैं?
मगन: हाँ!
छक्का: अंदर मत निकालना!
मगन: अरे तू थोड़ी न प्रेग्नेंट होगा, वैसे भी कंडोम हैं.
छक्का: अरे नहीं मेरे को माल खाना हैं!
मगन: तो ऐसे बोल न मेरी जान.
मगन ने लंड गांड से निकाला, कंडोम को हटाया और छक्के के सामने पेश कर दिया.
एक बार फिर से एक बढ़िया ब्लोव्जोब दिया छक्के ने मगन को.
बॉल्स लिक किये, डंडा हिला के सक किया. और फिर हाथ में लंड को पकड़ के मुठ मारी जोर जोर से. मगन के लौड़े से तेज धार निकल पड़ी, छक्के ने फटाक से मुहं में भर लिया सुपाडा ताकि एक भी बूंद और वेस्ट ना हो.
देखते ही देखते लंड से निकले हुए विटामीन और मिनरल से भरे हुए सिरप क सब सवाद ले लिया इस छक्के ने.
मगन का ढीला हो गया और उसकी साँसे अब धीमी हो गई, नोर्मल एकदम.
उसने चड्डी उठाई और पेंट पहनी.
बटवे से 60 रूपये निकाले और छक्के को पकड़ा के बोला, ये लो 10 रूपये बोला उस से ज्यादा ही हैं, कसम से मजा आ गया.
छक्का अपने ब्लाउज में कपड़ो के बूब्स को सही करते हुए बोला, मजा मैं ऐसे ही देती हूँ, कोई दोस्त हो पैसेवाला तो बोलना ताकि मेरी भी गरीबी दूर हो.
मगन: हमारी साईट पर बहुत सब हैं यूपी बिहार से, कभी तुझे पूरी नाईट के लिए ले के जाऊँगा दो तिन छुट्टियां साथ में हुई तो, शराब पिला के तेरी गांड लेंगे हम सब!
छक्का हंस के बोला, जरुर!