दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार. मेरा नाम पवन है (ये नाम बदला हुआ है). ये कहानी जो मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ ये मेरी और मेरी बहन सोनिया (बदला हुआ नाम) की सच्ची कहानी है. हमारे घर में कुल चार सदस्य हैं. मेरे पापा, मम्मी, मैं और मेरी छोटी बहन.
यह घटना आज से एक साल पहले की है उस समय मेरी उम्र 24 साल और मेरी बहन की उम्र 22 साल थी. मेरी बहन बहुत ही सीधी सी लड़की है, बहुत ही क्यूट सी है. वो ज्यादातर पजामी वाले सूट पहनती है.
हमारे घर में 2 ही कमरे हैं, जिसमें एक में मेरे मम्मी पापा सोते हैं और एक में मैं और मेरी बहन सोते हैं. मैंने कभी भी अपनी बहन को गन्दी नजरों से नहीं देखा था. हम दोनों भाई बहन एक ही बिस्तर पर सोते हैं.
एक बार रात को मेरी नींद खुली. नींद खुलते ही मुझे कमरे में अजीब सी आवाजें सुनाई दीं. मैंने देखा कि मेरी बहन बिस्तर पर नहीं थी और कमरे से कुछ आवाजें आ रही थीं. मैंने खड़े होकर देखा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं. मेरी बहन पूरी नंगी नीचे जमीन पर हमारे पड़ोस के एक लड़के के साथ सेक्स कर रही थी.
मुझे जागा देख कर दोनों के होश उड़ गए. मुझे देखते ही दोनों अपने अपने कपड़ों की तरफ भागे और जल्दी से कपड़े पहनने लगे.
कपड़े पहनते हुए मैंने उस लड़के को दो झापड़ मारे, अभी मैं उसकी और ठुकाई करता कि तभी लड़का बाहर भाग गया. फिर मैंने अपनी बहन की तरफ देखा तो वो नीचे मुँह करके खड़ी थी और रो रही थी.
मैं बोला- सोनिया, क्या था ये.. मुझे तेरे से ये उम्मीद नहीं थी. जब मम्मी पापा को ये पता चलेगा तो उन पर क्या बीतेगी?
उसने मुझे बोला- सॉरी भैया, मुझे माफ़ कर दो.
मैं उससे बोला- सोनिया, ये माफ़ करने वाली हरकत नहीं है.. चल मम्मी पापा के पास चल, उधर ही सारी बात करते हैं.
यह सुनते ही वो सुबकियां ले ले कर रोने लगी और वो बार बार सॉरी बोल रही थी.
मैं थोड़ा गुस्से में बोला- मम्मी पापा के पास चल रही है या उनको यहीं बुला कर लाऊं?
यह सुनते ही वो मेरे सामने हाथ जोड़ कर बोली- भैया, मुझे अबकी बार माफ़ कर दो.. पूरी ज़िन्दगी में फिर कभी भी ऐसी गलती नहीं होगी. और हां भैया, अगर ये बात अगर मम्मी पापा को पता लगी, तो मैं कसम खा कर कह रही हूँ कि मैं सुसाइड कर लूँगी.
यह सुनते ही मेरे होश उड़ गए और मैं चुपचाप बिस्तर पर बैठ गया, मेरी आँखों से आंसू निकल आए.
तभी मेरी बहन मेरे पास आई और मेरे आंसू पोंछते हुए मुझसे बार बार सॉरी बोले जा रही थी. मैंने उसके गाल पर हाथ फेरा और बोला- चल ठीक है.. किसी को नहीं कहूँगा.. लेकिन आज के बाद ऐसी गलती कभी भी नहीं होनी चाहिए.
उसने मुझे थैंक्यू बोला और बोली- भैया, कभी भी ऐसी गलती नहीं होगी.
मैंने उससे बोला- चल अपना मुँह धो आ और सो जा.
मैं बेड के एक तरफ लेट गया और वो आ कर दूसरी तरफ लेट गई. हम थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे.
थोड़ी देर बाद मैंने उसे अपनी तरफ बुलाया, वो उस समय भी रो रही थी. मैंने उसके आंसू साफ करते हुए बोला- सोनिया.. जो कुछ भी हुआ है उसे भूल जा.. और चुप हो जा.
मैंने उसे अपनी तरफ लेते हुए उसके सिर को अपने छाती पर रख लिया और उसे चुप कराने लगा.
वो रोते हुए कह रही थी- भैया, मैं बहुत गन्दी हूँ ना..
मुझे उस पर दया आ गई. वो हम सभी की लाड़ली थी. कुछ देर हम दोनों चुप होकर लेटे रहे. मुझे उस दिन नींद नहीं आ रही थी.
मैं बोला- सोनिया एक बात बताएगी?
वो बोली- बोलो न भैया?
मैं बोला- अगर सच सच बताएगी तो बोलूँ?
वो बोली- हां भैया सच सच बताऊंगी.
मैं- मेरी कसम कसम खा कर कहो कि सच बताओगी?
वो बोली- भैया आपकी कसम.. सच बोलूँगी!
अब कुछ देर मैं उससे बहुत से सवाल करता रहा और वो नीचे मुँह करके एक एक करके सभी के उत्तर देते जा रही थी.
मैं- सोनिया ये सब कब से चल रहा है?
सोनिया- भैया एक साल से!
मैं- और जो ये आज कर रही थी, ये सब कितनी बार किया है?
सोनिया- भैया 3 बार…
मैं- कहां पर?
सोनिया- यहीं पर.
मैं- यहीं पर मतलब अपने कमरे में ही?
सोनिया- हां भैया.
मैं- सोनिया तुझे डर नहीं लगा.. सभी घर पर होते है और तूने ये जानते हुए भी तूने ये सब घर पर किया..? सोनिया ये सब कैसे किया तूने?
सोनिया- भैया जिस दिन हम ये सब करते थे.. उस दिन मैं खाने में और दूध में नींद की दवा मिला देती थी. इस दवा से आदमी गहरी नींद में सो जाता था.. और इस दवा का असर कम से कम 6-7 घंटे रहता है, आज पता नहीं कैसे आपकी नींद खुल गई.
मैं- सोनिया मैं तुझे सच में बहुत सीधी साधी मानता था.. और रही आज की बात, आज मैंने खाना नहीं खाया. मैं बाहर से खा कर आया था.
सोनिया कुछ नहीं बोली.
मैं- सोनिया ये सब तू कहीं बाहर भी तो कर सकती थी?
सोनिया- भैया, बाहर हमें बहुत डर लगता था.
मैं- चल ठीक है सोनिया सो जा.. अब रात काफी हो गई है गुड नाईट.
सोनिया- गुड नाईट.
मैंने भी आज तक कभी भी सेक्स नहीं किया था. उस दिन पता नहीं क्यों मुझे मेरी बहन के बारे में अजीब अजीब से ख्याल आने लगे थे. मेरी आँखों के सामने उसका नंगा बदन बार बार आ रहा था.
कुछ देर बाद मैंने देखा तो वो आंखें बंद करके लेटी हुई थी. मैं हिम्मत सी करके उसके पास गया और उसके माथे पर एक किस कर दिया. किस करते ही उसने अपनी आँखें खोल दीं. उसके आंख खोलते ही मैं शर्मा गया और वापिस लेट गया.
वो भी चुपचाप लेटी रही.
मैं थोड़ी देर लेटा रहा और मेरे दिमाग में उसके साथ सेक्स करने के विचार आने लगे. मैं उससे फिर बात करने लगा- सोनिया जग रही है या सो गई?
सोनिया- जग रही हूँ भैया बोलिए?
मैं- सोनिया मुझे कुछ चाहिए है.
सोनिया- बोलो भैया क्या चाहिए?
मैं- अगर दो तो बोलूँ.
सोनिया- हां बोलो तो.. देने की चीज होगी तो जरूर दूँगी.
मैं- सोनिया मुझे तेरे साथ सेक्स करना है.
सोनिया- भैया आपको पता भी है कि आप क्या बोल रहे हो? मैं बहन हूँ आपकी?
मैं- हां पता है.. और मेरे दिमाग से तेरा नंगा बदन जा नहीं रहा है. बार बार मेरी आँखों के सामने तेरा नंगा बदन आ रहा है
सोनिया- भैया ये नहीं हो सकता प्लीज सो जाओ.. ये गलत है.
इतना कह कर वो रोने लगी.
मैं- सोनिया, चल ये बता मैं क्या करूँ? मेरा बहुत ज्यादा मन कर रहा है. तेरा नंगा बदन देख कर.. मैं पागल हो रहा हूँ, मेरे से कण्ट्रोल नहीं हो रहा है.
सोनिया- भैया आपको पता तो है.. भाई बहन के बीच ये गलत है. आपकी कोई गर्ल फ्रेंड होगी, उसके साथ कर लो प्लीज हमारे बीच ये गलत है.
मैं- सोनिया मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, मैं अकेला हूँ. सुन मेरी तेरे से एक रिक्वेस्ट है.. आज आज मेरे साथ एक बार कर ले प्लीज.. हाथ जोड़ कर रिक्वेस्ट है वैसे भी मैंने तुझे नंगा तो देख लिया ही है.
सोनिया- भैया प्लीज मान जाओ न.. ये गलत है.
मैं- प्लीज एक बार.
सोनिया- भैया ये गलत है अगर किसी को पता लग गया तो बहुत बेइज्जती होगी.
मैं- किसी को पता नहीं लगेगा सोनिया.. बस एक बार करेंगे.. उसके बाद कभी नहीं.
सोनिया- पक्का प्रॉमिस आज बस..
मैं- हां प्रॉमिस आज बस.
सोनिया- चलो ठीक है.. कर लो लेकिन आज बस की बात याद रखना.. फिर कभी नहीं ओके!
उसके हां भरते ही मैं उसके पास चला गया और उसके चेहरे को देखने लगा. वो शर्मा सी गई और उसने अपनी आंखें बंद कर लीं. मैंने उसके माथे पर किस की और मैं धीरे धीरे उसके माथे पर से किस करते हुए उसके गाल पर किस करने लगा. उसके गालों पर किस करने के बाद मैंने धीरे से उसके लिप्स पर हल्की सी किस की. मुझे अलग सा मज़ा या ये मेरी पहली किस थी. मैंने सोनिया को देखा.. वो अपनी आंखें बंद करके लेटी हुई थी और आहें भर रही थी.
उसने इस वक्त नीले रंग का सूट सलवार पहन रखा था. जब वो साँस ले रही थी, उसकी छाती ऊपर नीचे हो रही थी. उस समय उसकी चुचियों की शेप बहुत ही प्यारी लग रही थी. मैं फिर से उसके गालों पर किस करने लगा और धीरे धीरे गालों पर से गले पर किस करने लगा. कभी उसके गले, कभी गाल, कभी उसके कानों के पीछे किस करने लगा. वो बहुत जोर जोर से साँस लेने लगी. फिर धीरे धीरे उसके हाथ पर किस करने लगा. ऊपर से नीचे तक उसकी हाथ की पांचों उंगलियों को अपने मुँह में ले कर चूसा. फिर ऐसे ही उसके दूसरे हाथ को चूसा और सभी उंगलियों को भी चूसा.
फिर मैंने अपने हाथ को उसके पूरे शरीर पर धीरे से फेरा. उसको पूरा मज़ा आ रहा था. हम दोनों एक दूसरे से कुछ भी नहीं बोल रहे थे.
मैं बोला- सोनिया प्लीज अपना शर्ट निकाल दो.
वो चुप रही.
मैं फिर बोला- सोनिया एक बार बैठ जा.
वो बैठ गई, फिर मैंने उसका शर्ट निकाल दिया. उसने कुर्ती के नीचे कुछ नहीं पहना हुआ था क्योंकि उसने उस समय जल्दी जल्दी में सिर्फ कुर्ती ही पहन पाई थी.
मैंने उसकी चुचियों को ध्यान से देखा, वो एकदम सख्त हो गई थीं. उसके शरीर के रोंगटे खड़े हो गए थे. मैंने धीरे से अपना मुँह एक चूची पर रख दिया और अपने एक हाथ को दूसरी चूची के ऊपर लगा दिया. अब मैं हल्के से किस करने लगा. मैंने चूची के चारों तरफ किस किया. फिर दूसरी चूची को किस किया. उसकी साँसें बहुत तेज हो गई थीं, लेकिन अब भी उसकी आंखें बंद थीं. मैंने उसके पेट पर, चुचियों पर धीरे धीरे दोनों हाथों को फेरा.. मतलब उसके पूरे नंगे बदन पर हाथ फेरा.
इस वक्त मैंने टी-शर्ट और लोअर पहना हुआ था. मैंने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया और उसके हाथों को अपने हाथों में पकड़ लिया. मैं उसके गालों को फिर से किस करने लगा. गालों से किस करते करते उसके होंठों को भी किस किया. धीरे धीरे मैंने अपनी जीभ उसके मुँह के अन्दर डाल दी. अब मैं कभी उसके होंठ चूसता, कभी उसकी जीभ चूसता. इस बार उसने भी मेरा साथ दिया.
करीब पन्द्रह मिनट तक उसके होंठ चूसने के बाद मैंने उसकी गर्दन कंधों को किस करते हुए, उसके बूब्स और उसके पेट को किस किया. बहुत देर तक उसकी सलवार के नाड़े के पास भी किस किया. वो जोर जोर से सिसकारियाँ ले रही थी.
मैंने धीरे से उसके कान के पास जा कर पूछा- सोनिया, क्या मज़ा आ रहा है?
तो उसने हां में गर्दन हिला दी. मैंने उससे पूछा- कितना?
तो बोली- बहुत.
फिर मैंने उसे उल्टा लेटने को बोला. वो उलट कर लेट गई. उसके बाद मैंने उसकी पूरी कमर पर धीरे धीरे किस किया और अपने दोनों हाथों से उसकी चुचियों को पकड़ कर धीरे धीरे से दबाना शुरू कर दिया. साथ ही पीछे से उसकी कमर पर भी किस कर रहा था.
वो मादक सिसकारियां ले रही थी. मैंने उसको सीधे लेटने को बोला.. वो सीधा लेट गई. उसके बाद मैंने उसको सलवार निकालने को बोला, वो कुछ नहीं बोली.
मैं बोला- क्या मैं सलवार खोल दूँ सोनिया?
अब उसने हां में सिर हिला दिया. मैं उसकी सलवार का नाड़ा खोल कर उसकी सलवार को नीचे करने लगा. उसने धीरे से अपने चूतड़ उठा कर सलवार निकालने में मेरी मदद की. उसने नीचे काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी.
मैंने एक बार फिर से उसके पूरे शरीर को ध्यान से देखा. वो बहुत ही प्यारी क्यूट सी हसीना लग रही थी. मैंने उसकी पैंटी के चारों तरफ उसकी जाँघों पर बड़ी गरमाई से किस किया.. वो एकदम से सिहर उठी. फिर धीरे धीरे उसकी जाँघों से किस करते हुए नीचे तक पूरे पैर पर किस किया, सभी उंगलियों को मुँह में ले कर चूसा. फिर उसका उल्टा लिटा कर उसकी पैंटी से लेकर बिल्कुल नीचे तक दोनों पैरों पर किस किया. वो बहुत जोर जोर से सिस्कारियां ले रही थी.
मैंने उसे सीधा किया, उसकी पैंटी नीचे से गीली हो चुकी थी. मैंने उस गीली जगह पर उपनी जीभ रख दी. जीभ रखते ही उसने अपने हाथों की मुठ्ठी बंद कर ली. मुझे वो पानी खट्टा सा नमकीन सा लगा. मैंने धीरे धीरे पैंटी को भी उतार दिया और पैंटी के उतरते ही मैंने अपना पूरा मुँह सोनिया की चूत पर रख दिया. मैं उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी चूत बिल्कुल गुलाबी थी. आज तो उसने शेव भी कर रखी थी. मुझे अपनी बहन की चुत चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था और वो भी तेज तेज सिस्कारियां ले रही थी.
मैंने कम से कम 15-20 मिनट तक चूत चाटी. उसके बाद उसकी चूत से नमकीन सा पानी निकला. मैंने सारा पानी पी लिया और वो ढीली सी हो गई.
उसके बाद मैंने उसे उलटी लिटा कर उसके कूल्हों पर किस किया. उसके कूल्हे भी बिल्कुल मस्त थे, कहीं भी कोई भी दाग या निशान नहीं था. मैंने पूरे कूल्हों पर किस किया. फिर उसको धीरे धीरे घोड़ी सा बना दिया. उसके घोड़ी बन जाने पर उसकी गांड का छेद ऊपर उठ आया. मैं उस होल को किस करने लगा. मैंने धीरे धीरे उस होल में अपनी जीभ डाल दी और बहुत देर गांड को तक चूसता रहा. उसे भी इस देसी गांड सेक्स में, चूतड़ चटवाने में बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मैं उससे अलग हो कर उसके पास लेट गया और बोला- सोनिया, कितना मज़ा आया?
वो एकदम से मेरे से चिपक गई और बोली- भैया बहुत ज्यादा.. ऐसा मज़ा कभी भी नहीं आया था.
मैं बोला- अब आगे का क्या प्लान है?
तो बोली- भैया अब तो मैं आपकी हो गई हूँ.. जो मन करे कर लो.
मैं उठा और धीरे से उसके पैर ऊपर उठा कर अपना लंड धीरे से उसकी चूत पर रखा. उसने फिर से अपनी आंखें बंद कर ली थीं.
मैंने बोला- सोनिया प्लीज अब अपनी आंखें खोलो और पूरा मजा लो.
उसने अपनी आंखें खोल दीं. मैं धीरे धीरे लंड अन्दर डालने लगा. लंड धीरे धीरे अन्दर जाने लगा, वो सिसकारियां ले रही थी और अपने निचले होंठ को अपने दांतों से दबा रही थी. मेरा लंड धीरे धीरे पूरा अन्दर चला गया. लंड को अन्दर जाने में कोई दिक्कत नहीं हुई.
पूरा लंड घुसेड़ने के बाद मैं धीरे धीरे झटके लगाने लगा. साथ ही मैं उसकी आँखों में देख रहा था और वो मेरी आँखों में देख रही थी. उसने अपने हाथ मेरी गर्दन के ऊपर से बांध लिए थे. करीब 8-10 मिनट में मेरा पानी निकल गया. मैंने अपना सारा पानी उसके पेट पर निकाला और उसके बगल में लेट गया.
लगभग 5 मिनट बाद मैं उठा और उसको भी उठाकर कपड़े से एक दूसरे को साफ किया. हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने. कपड़े पहनते ही सोनिया ने मुझे थैंक्यू बोला.
मैंने बोला- थैंक्यू क्यों?
तो बोली- इतना मज़ा देने के लिए. इतना मज़ा ज़िन्दगी में पहली बार मिला है.
वो मुझे किस करने लगी. जब हमने घड़ी की तरफ देखा तो सुबह के 4 बज चुके थे. फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
अगले दिन जब भी हम एक दूसरे को देखते तो आपस में स्माइल दे देते.
फिर अगली रात आई. उस दिन उसने पजामी सूट पहन रखा था, बहुत प्यारी लग रही थी.
मैंने पूछा- सोनिया क्या आज भी करने देगी?
तो वो मेरे से चिपक गई और बोली- भैया अब तो आपकी वाइफ की तरह रहूँगी.
उस रात भी हमने वो सब किया, जो पहली रात किया था. लेकिन उस रात उसने शुरू से ही खुल कर सेक्स किया. उस रात हमने 2 बार चुदाई की और उस रात उसने मेरा लंड भी चूसा.
उसके बाद से हम रोज रोज सेक्स करने लगे. जब कभी दिन में मौका मिलता तो दिन में भी करते.
दोस्तों कैसी लगी आपको हमारी ये बहन भाई की चुदाई की कहानी.. अपने विचार जरूर मेल करें.. ये चुदाई की स्टोरी हम दोनों भाई बहन ने एक साथ बैठ कर लिखी है.